‘अ’ अंकित श्वेत ध्वजारोहण से कुण्डीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का आगाज
स्वर्वेद महामंदिर
धाम
का
प्रांगण
स्वर्वेद
के
संगीतमय
पाठ
से
गुंजायमान
सन्त प्रवर
श्री
विज्ञान
देव
जी
महाराजयज्ञ
के
प्रवचन
सुनने
के
लिए
श्रद्धालुओं
का
दिखा
हुजूम
25 हजार कुंडीय स्वर्वेद
ज्ञान
महायज्ञ
में
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
मुख्य
अतिथि
के
रूप
में
शामिल
होंगे
सेवा से
आत्म
कल्याण
ही
नही,
सेवा
से
जगत
का
कल्याण
होता
है
: संत प्रवर विज्ञान देव
जी
महाराज
सुरेश गांधी
वाराणसी। स्वर्वेद महामंदिर, उमरहा-डुबकिया में शुक्रवार को दो दिवसीय विहंगम योग के शताब्दी समारोह का शुभारंभ ’अ’ अंकित श्वेत ध्वजारोहण से किया गया। इसी के साथ स्वर्वेद महामंदिर धाम का प्रांगण स्वर्वेद के संगीतमय पाठ से गुंजायमान हो उठा। मंदिर के आसपास के गांव में उत्सव सरीखा माहौल है। पहले दिन स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सन्त प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराजयज्ञ के प्रवचन सुनने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम दिखाई दिया। दुसरे दिन शनिवार को सुबह 10 बजे से 25 हजार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ होगा। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज की दिव्यवाणी स्वर्वेद कथामृत के रूप में लगभग ढाई घंटे तक प्रवाहित होती रही। स्वर्वेद के दोहों की संगीतमय प्रस्तुति से सभी मंत्रमुग्ध हो उठे। संतश्री ने ओजस्वी वाणी में ब्रह्मविद्या विहंगम योग के सैद्धांतिक पक्ष को प्रकाशित करते हुए स्वर्वेद की अजस्र ज्ञानगंगा को प्रवाहित किया।
इस मौके पर
विहंगम योग के प्रणेता
सद्गुरु सदाफल देव महाराज द्वारा
समाधिजन्य अवस्था में रचित स्वर्वेद
का संगीतमय पाठ पारायण भी
किया गया। एकसाथ स्वर्वेद
का पाठ कर रहे
हजारों विहंगम योग के भक्तों
व शिष्यों को स्वर्वेद के
बारे में बताते हुए
संत प्रवर विज्ञान देव महाराज ने
कहा कि विहंगम योग
का मूल है अनंत
सदगुरु सदाफलदेव महाराज द्वारा रचित स्वर्वेद महाग्रंथ।
अनुयायियों को संबोधित करते
हए संत प्रवर श्री
विज्ञान देव जी महराज
ने कहा कि सत्य
पर पूर्ण विश्वास ही श्रद्धा है,
जो श्रद्धावान है वही ज्ञान
की प्राप्ति कर शांति का
अनुभव करता है। अध्यात्म
ही वह समाधान है
जिससे सभी समस्याएं सुलझ
जाती हैं। जीवन का
सर्वागींण विकास अध्यात्म से ही सम्भव
है। सेवा से आत्म
कल्याण ही नही, सेवा
से जगत का कल्याण
होता है। दुःखियों का
दुख कैसे कम हो
यही श्रेष्ठ चिंतन है। उन्होंने कहा
कि योगी ही उपयोगी
होता है, जो सबके
हित का चिंतन करता
है, दुःखियों के दुख को
कम करता है।
महाराज जी ने कहा
कि ’ईश्वर का महान प्रसाद
है मानव जीवन।’ ईश्वर का रहस्य मानव
में निहित है। हम जीवन
कहें या सत्य कहें
बात एक है। जीवन
को ठीक-ठीक जान
लिया, इसका अर्थ है
हमने परमसत्य का साक्षात कर
लिया, क्योंकि जीवन का आधार
परमात्मा है, जो आनन्द
स्वरूप है। उन्होंने कहा
कि ’जहां प्रेम है
वहीं परमात्मा का वास है।’
जहां सत्य, श्रद्धा समर्पण, सेवा भाव है
वहीं आत्मा का कल्याण और
परमात्मा का प्रकाश है।
इस ग्रंथ के पठन मात्र
से संस्कार शुद्ध होने लगते हैं।
चेतना ऊर्ध्वमुख हो जाती है।
इसके पूर्व शारीरिक आरोग्यता के निमित्त आश्रम
के कुशल योग प्रशिक्षकों
द्वारा आसन-प्राणायाम एवं
ध्यान का सत्र संचालित
हुआ। जिसमे हजारों योग साधक अनेक
असाध्य रोगों से निज़ात पाने
का गुर सीखे।
इस दौरान मानव मन की शांति व आध्यात्मिक उत्थान के निमित्त ब्रह्मविद्या विहंगम योग के क्रियात्मक ज्ञान की दीक्षा आगत नए जिज्ञासुओं को दी जा रही है। हजारों नए श्रद्धालुओं ने विहंगम योग की ज्ञानधारा से जुड़कर मानव जीवन को आध्यात्मिक पथ पर अग्रसर किया। इस महायज्ञ आयोजन में प्रतिदिन निःशुल्क योग, आयुर्वेद, पंचगव्य, होम्योपैथ आदि चिकित्सा पद्धतियों द्वारा कुशल चिकित्सकों के निर्देशन में रोगियों को चिकित्सा परामर्श भी दिया जा रहा है। सायंकालीन सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति बहुत ही आनन्ददायी रहा। इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आये अनुयायी कलाकारों द्वारा अलग-अलग राज्य के अनुसार सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रदर्शन ने उपस्थित श्रद्धालुओं का मन मोह लिए। इसी के साथ महायज्ञ परिसर में भारतीय सांस्कृतिक
व्यंजनशाला तैयार किया गया है। जिसमे उत्तर भारतीय व्यंजन से लेकर दक्षिण तक के अलग अलग राज्यों के प्रसिद्ध व्यंजनो का स्टाल भी लगाया गया है, जिसका स्वाद आगत श्रद्धालुगण उठा रहे हैं।आज होगा महायज्ञ
शनिवार को प्रातः 10 बजे से 25000 कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ का शुभारंभ होगा। इस महायज्ञ के मुख्य अतिथियोगी आदित्यनाथ होंगे। तीन घंटों तक चलने वाला यह महायज्ञ उत्तर भारतीय एवं दक्षिण भारतीय दोनों पद्धतियों से होगा। महायज्ञ का शुभारंभ सद्गुरु आचार्य श्री स्वतंत्र देव जी महाराज एवं संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज के पावन सान्निध्य में होगा। इस महायज्ञ में आहुति देने और स्वर्वेद महामंदिर धाम का दर्शन करने प्रधानमंत्री के भाई पंकज मोदी भी पंहुचे। इसके साथ ही भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री लता उसेंडी तथा प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री अनिल राजभर आदि ने महाराज श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। उमरहां बाजार से लेकर मंदिर प्रांगण तक श्रद्धालुओं की भीड़ है। मंदिर क्षेत्र में बनाए गए देशी-विदेशी नगर के तंबुओं में श्रद्धालुओं का जमघट है। संपूर्ण महामंदिर परिसर में आकर्षक विद्युत सजावट की गई है।
कई राज्यों के पहुंचे है श्रद्धालु
आयोजन में उत्तर प्रदेश
सहित बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बंगाल, असम, महाराष्ट्र समेत
कई प्रांतों और कई देशों
से भी विहंगम योग
के अनुयायियों के आने का
सिलसिला देर रात तक
लगा रहा।
प्रदूषण मुक्त वाहनों का प्रयोग
महायज्ञ के लिए 5 किमी
क्षेत्र में फैले 350 एकड़
के परिसर में भक्तों, अनुयायियों
को स्वागत केंद्र से आवास तक
जाने में किसी प्रकार
की असुविधा न हो, के
लिए आश्रम द्वारा प्रदूषण मुक्त 50 ईरिक्सा चलाया गया है।
सीसी कैमरे की नज़र में पूरा कार्यक्रम क्षेत्र
सुरक्षा की दृष्टि से
पूरे महायज्ञ क्षेत्र पर नजर रखने
के लिए सी.सी.
कैमरे लगा दिए गए
हैं। साथ ही 800 विहंगम
सुरक्षा बल, प्रशासन की
ओर से पुलिस बल,
महिला पुलिस, अग्निशमन ब्रिगेड की भी सुरक्षा
लगाई गई है।
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