Wednesday, 22 January 2025

संगम पर सरकार, महाकुंभ में लगा आस्था का दरबार, मिलेगा हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ावा

संगम पर सरकार, महाकुंभ में लगा आस्था का दरबार, मिलेगा हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ावा 

महाकुंभ में 10वें दिन भी उमड़ा आस्था का जनसैलाब। अब तक 9.5 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके है। 29 जनवरी को मौनी आमावस्या के मौके पर 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। जबकि 26 फरवरी तक 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. तो दुसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ के त्रिवेणी संकुल पहुंचे और यहां पर कैबिनेट मंत्रियों के साथ महाकुंभ में प्रदेश के विकास सुरक्षा खातिर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। देश के विकास से जुड़े नीतिगत मुद्दों पर चर्चा हुई। मीटिंग के बाद पूरी कैबिनेट ने पतित पावनी गंगा, श्ययामल यमुना और अन्तः सलिला स्वरूप में प्रवाहित सरस्वती के संगम में डुबकी लगाई और गंगा पूजन किया. दावा है मिर्जापुर-भदोही, वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल से लेकर पश्चिमत तक में विकास की गंगा तो बहेगी ही, युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट देने के साथ ही नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण भी किए जायेंगे। इसके अलावा प्रयागराज के महाकुंभ के मद्देनजर इस पूरे क्षेत्र को एक सस्टनेबल डेवलपमेंट से जोड़ने की तैयारी है. बता दें, प्रयागराज समेत पूरे प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर मुहर लगी। बैठक में मिर्जापुर से प्रयागराज तक विंध्य एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी गई है। तीन नए जिलों में मेडिकल कॉलेज बनाने को मंजूरी। साथ ही एयरोस्पेस और डिफेंस से संबंधित पॉलिसी नए सिरे से बनेगी। इससे प्रदेश के सभी जिलों को हाईस्पीड नेटवर्क मिलेगा। प्रयागराज, आगरा और वाराणसी के नगर निगम के बॉन्ड जारी किए जाएंगे। मतलब साफ है यह कार्यक्रम विकास और हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने का प्रयास है 

सुरेश गांधी

महाकुंभ में आज का दिन योगी सरकार के नाम रहा. महाकुंभ में संगम पर योगी सरकार का मेगा सियासी हुआ. पहले योगी कैबिनेट की बैठक हुई. फिर पूरे कैबिनेट ने विधि-विधान के साथ संगम में स्नान किया, मंत्रोच्चार किया और फिर आरती भी की. संगम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक समेत सरकार के 54 मंत्रियों ने जहां स्न्नान किया. इस दौरान कई निर्णय लिए गए और पूजा-अर्चना की गई. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर आपत्ति जताई, कहा कि कुंभ आस्था और राजनीति का संगम नहीं होना चाहिए

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए उन्हें मानसिक रोग से पीड़ित बताया और कुंभ के समय ऐसे बयान देने पर आलोचना की। खास यह है कि सीएम और उनके सहयोगियों का गंगा स्नान का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी डुबकी लगाते समय बहुत प्रसन्न दिखाई दे रहे हैं, वे सब कितने प्रफुल्लित थे इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई डुबकी लगाने एक बाद सीएम और उनके मंत्री बालकों की तरह एक दूसरे पर पानी की बौछार करते और हंसी ठिठोली करते दिखाई दिए। योगी कैबिनेट की बैठक में कई अहम् प्रस्तावों पर मुहर लगी। सरकार ने कई घोषणाएं भी की जिनपर शीघ्र ही अमल करने की बात कही गई है, सीएम योगी ने महाकुंभ में आए सभी श्रद्धालुओं  का स्वागत करते हुए कहा पिछले एक सप्ताह में 9.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है वो अद्भुत है।  

वाराणसी, प्रयागराज समेत सात जिलों को मिलकर धार्मिक क्षेत्र बनेगा। खास यह है कि मुख्यमंत्री द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में आशीष पटेल, राजभर और संजय निषाद को खास तौर पर पुकारा, जो सरकार में एकता का संकेत देता है. कैबिनेट ने प्रयागराज और काशी को धार्मिक क्षेत्र बनाने, गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण, युवाओं के लिए टैबलेट और लैपटॉप वितरण, और निवेश नीति में संशोधन जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए. मतलब साफ है था. प्रयागराज कुंभ में योगी आदित्यनाथ कैबिनेट की बैठक हुई. कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. बलरामपुर में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर मेडिकल कॉलेज बनेगा. बागपत, हाथरस और कासगंज में नए मेडिकल कॉलेज बनेंगे. टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ 62 आईटीआई में सेंटर ऑफ इनोवेशन स्थापित होंगे

इस दौरान प्रयागराज में योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने अगले कुंभ के लिए पुल, एक्सप्रेसवे और लिंक एक्सप्रेसवे बनाने के फैसले लिए. कैबिनेट मंत्री अरुण ने कहा कि सरकार आगे की योजना बनाकर तेजी से काम कर रही है. अखिलेश यादव के आरोपों को उन्होंने खारिज किया और कहा कि यह सियासत नहीं, बल्कि विकास के लिए मंथन है. मंत्रियों ने माँ गंगा की गोद में बच्चों की तरह जल क्रीड़ा की. प्रयागराज तपोभूमि है और यहां कैबिनेट बैठक का विशेष महत्व है। वैसे भी एकता, समता और समरसता के महा समागम तथा भारतीयता और

मानवता के महोत्सव महाकुम्भ प्रयागराज की धरती पर 144 साल बाद लगे महाकुंभ में श्रद्धालुओं का जनसमुद्र थमने का नाम नहीं ले रहा है. महाकुंभ के प्रति लोगों की बढ़ती आस्था को देखते हए मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर्व पर 150 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनें चलाने की तैयारी है, जो अपने आप में भारतीय रेलवे के लिए एक कीर्तिमान होगा। 
बता दें, महाकुम्भ की शुरुआत 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ हो गई है। मकर संक्रांति के दिन महाकुम्भ के पहले अमृत स्नान पर्व पर उम्मीद से अधिक लगभग 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया था। अब तक 9.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकुम्भ में स्नान कर चुके हैं। इंडो-जापानी एनीमेटेड फिल्मरामायणः लीजेंड ऑफ प्रिंस रामकी स्पेशल स्क्रीनिंग महाकुंभ मेले में की गयी। इस खास स्क्रीनिंग में 200 से ज्यादा स्कूली बच्चों ने भाग लिया, जिन्हें पहली बार वाल्मीकि की रामायण पर आधारित इस एनीमे से रूबरू कराया गया। यह ऐतिहासिक आयोजन अयोध्या में राम मंदिर कीप्राण प्रतिष्ठासमारोह की पहली वर्षगांठ पर हुआ। यह पहली बार है जब किसी फिल्म ने महाकुंभ मेले में अपनी प्री-रिलीज़ डेब्यू की है। 
पौराणिक
सरस्वती नदियों के संगम पर हर 12 वर्षों में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले में इस ऐतिहासिक फिल्म को पेश करना अत्यंत शुभ अवसर है। तो दुसरी तरफ संगम किनारे योगी कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्ताव पास किए गए। जिसमें प्रयागराज हेतापट्टी से सलोरी तक गंगा पर पुल, संगम के पास अरैल में भी एक सामानंतर पुल को मंजूरी दी गई है। इससे रोड कनेक्टिविटी और बेहतर होने वाली है।

वाराणसी, प्रयागराज समेत सात जिलों को धार्मिक क्षेत्र की मंजूरी मिली है। प्रयागराज, वाराणसी और आगरा में मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और मुरादाबाद में 10 हजार करोड़ का निवेश का प्रस्ताव पास हुआ है। प्रयागराज विंध्य क्षेत्र और वाराणसी विध्य क्षेत्र का गठन, गंगा एक्सप्रेस का विस्तार, मध्य प्रदेश की सीमा रीवा तक, बुंदेलखंड एक्सप्रेस का भी विस्तार रीवा तक करने की सहमति बनी है। निर्णय लिया गया कि गंगा एक्सप्रेसवे को चित्रकूट से जोड़ने के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। गंगा नदी पर छह लेन का पुल बनाया जा रहा है। प्रयागराज को झूसी से जोड़ने के लिए एक और चार लेन का पुल बनाया जाएगा। 
यमुना नदी पर एक और सिग्नेचर ब्रिज बनाया जाएगा। प्रयागराज-चित्रकूट विकास क्षेत्र के साथ-साथ वाराणसी में भी नीति आयोग के सहयोग से विकास क्षेत्र विकसित किया जाएगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक सतत विकास बनाने के लिए, हम एक विकास क्षेत्र विकसित करेंगे। इसके बुनियादी ढांचे के लिए, गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार दिया जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज से मिर्जापुर, भदोही से काशी, चंदौली और गाजीपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। वाराणसी और चंदौली से यह (गंगा) एक्सप्रेसवे सोनभद्र को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ेगा। प्रयागराज, वाराणसी और आगरा में मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और मुरादाबाद में 10 हजार करोड़ का निवेश का प्रस्ताव पास हुआ है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज, वाराणसी और आगरा नगर निगम हैं। इन तीनों के लिए बॉन्ड जारी किए जाएंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केजीएमयू केंद्र को मेडिकल कॉलेज के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। तीन जिलों हाथरस, कासगंज और बागपत में तीन नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। 62 आईटीआई, 5 नवाचार, आविष्कार और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मेरठ से प्रयागराज तक बन रहा गंगा एक्सप्रेसवे अब मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी और चंदौली से होते हुए गाजीपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा। 
इसके बनने से पश्चिमी यूपी और एनसीआर से बिहार के लिए नया रूट भी मिल जाएगा। गाजीपुर का बड़ा इलाका बिहार से जुड़ा है। प्रस्ताव के तहत गंगा एक्सप्रेसवे एक्सटेंशन प्रयागराज से मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली होते हुए गाजीपुर तक बनेगा। गाजीपुर में ही लखनऊ से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे भी आया है। ऐसे में गंगा एक्सप्रेसवे गाजीपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा। इसके साथ ही वाराणसी से चंदौली और चंदौली से सोनभद्र को जोड़ा जाएगा। यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज-विंध्य-काशी एक्सप्रेसवे के रूप में जाना जाएगा। गंगा एक्सप्रेस-वे का पहले चरण में निर्माण मेरठ से प्रयागराज के बीच किया जा रहा है, जो करीब 594 किलोमीटर लंबा है। 
एक्सप्रेसवे
के निर्माण के बाद मेरठ से प्रयागराज तक 6 घंटें में सफर को पूरा कर सकेंगे। गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ के बाद प्रयागराज में पूरा होगा। यहां के कुल 518 गांवों से यह गुजरेगा। दूसरे चरण में यह 5 और जिलों से जुड़ेगा जिसमें मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी और गाजीपुर, बलिया शामिल हैं। गंगा एक्सप्रेसवे का दूसरा चरण 350 किलोमीटर का होगा। दूसरे चरण में निर्माण के बाद यह सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे बन जाएगा। 
बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे के पहले चरण का काम आखिरी चरण में है। रूट के कई जिलों में इंटरचेंजिंग और ओवरब्रिज का काम चल रहा है जो आखिरी चरण में है। पहले गंगा एक्सप्रेसवे को महाकुंभ से पहले शुरू करने की तैयारी थी। 

कैसा होगा 2169 का महाकुंभ

इस बार का महाकुम्भ पिछले महाकुम्भ से कितना अलग है, इसकी चर्चा हर जुबान पर है। हर कोई योगी आदित्यनाथ की व्यवस्था का सराहना करता नजर रहा है। लोग अभी से 144 वर्षों के बाद जब वर्ष 2169 में अगला महाकुम्भ होगा, तब उसका स्वरूप कैसा होगा, की तुलना योगी सरकार की इस वरूवरूथा से करते नजर रहे है। बता दें, 144 साल पहले वर्ष 1881 में जब 12 पूर्ण कुम्भ के बाद महाकुम्भ का आयोजन हुआ, तब उस वक्त का दौर बिल्कुल अलग था. 144 वर्षों के बाद आज वर्ष 2025 के महाकुंभ का स्वरूप कितना बदला है, इससे महाकुंभ में डूबकी लगाने पहुंचे साधु-श्रद्धालु भी करते फिर रहे है। साधु-संतों का कहना है कि कल्पवास महाकुंभ की आत्मा है। इस बार 15 लाख से अधिक सनातन प्रेमी महाकुंभ में कल्पवास कर रहे है. कल्पवास के कठोर नियम के बावजूद आध्यात्मिक लाभ के लिए आस्थावानों का इस तरह जुटान इस बात का संकेत है, सनातन वो जो मुगलों की तलवार हिला पाई और ना ही ब्रतानियां हुकूमत की क्रूरता।  

वैज्ञानिक अध्ययन से कल्पवास के फायदे है, इसकी पुष्टि खुद कल्पवासी दे रहे है. मतलब साफ है सनातन धर्म की उदारता का प्रतीक कल्पवास है. यह अलग बात है कि इस महाकुंभ में कुछ लोग वायरल होने की मनोकामना से यहां पहुंचे हैं

ऐसे लोग ये चाहते हैं कि उन्हें सिद्ध महात्मा मिले या मिले दर्शन हो हो लेकिन उन्हें पब्लिसिटी मिल जाएं और उनके लाइक शेयर बढ़ जाएं। लेकिन एक बात तो सच हो ही गयी है कि भविष्य में जब 144 साल बाद 2169 में महाकुंभ का आयोजन होगा तब कुंभ टैक्स से लेकर आज के इंफ्लुएंसर मार्केटिंग तक को भुनायेगा ही, महाकुंभ की यात्रा पूरी तरह वर्चुअल रियलिटी, एयर टैक्सी, और रोबोट्स से युक्त होगा।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा होगी और मजबूत

महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कोशिश में महाकुंभ की ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों को सुरक्षा अलार्म से लैस सायरन टॉर्च भी दिए जा रहे हैं। यह टॉर्च देश की अग्रणी टॉर्च और बैटरी निर्माता कंपनी एवरेडी इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड की ओर से मुहैया कराए जा रहे हैं। 

सुरक्षा अलार्म से लैस करीब 5 हजार टॉर्च से पुलिसकर्मियों को मेला क्षेत्र की निगरानी और व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, मेला परिसर के 56 पुलिस स्टेशनों में सुरक्षा को लेकर प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। बता दें कि इस बार महाकुंभ में करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के प्रयागराज आने की उम्मीद है। 

श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए महाकुंभ में सुरक्षा इंतजाम पुलिस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। ऐसे में एवरेडी की ओर से यह खास पहल करते हुए महाकुंभ के आयोजन में पुलिस की मदद के लिए सायरन टॉर्च क्स्102 भेंट करने का फैसला लिया गया। यह टॉर्च पुलिसकर्मियों को महाकुंभ की व्यवस्था बनाए रखने और निगरानी में काफी मददगार साबित होगी। 

दावा है कि एवरेडी सायरन टॉर्च ऑन-ग्राउंड अधिकारियों को भीड़ को प्रभावी ढंग से मैनेज करने में मदद करेगा। एवरेडी सायरन टॉर्च, एक पारंपरिक टॉर्च के रूप में काम करते हुए, 100 डेसिबल (डीबीए) ध्वनि अलार्म के साथ एक शक्तिशाली सुरक्षा उपकरण में बदल जाता है। इस केवल एक कीचेन खींचकर एक्टिव किया जा सकता है।

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