महाकुंभ में लेजर वॉटर स्क्रीन शो बना आकर्षण का केंद्र
महाकुंभ में रोजाना नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. ये रिकॉर्ड किसी और वजह से नहीं बल्कि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की वजह से बन रहे हैं. तीन दिनों में लगभग 6 करोड़ लोगों ने प्रयागराज के संगम में डुबकी लगाई है. ये आंकड़ा हर रोज बढ़ता जा रहा है. कुंभ के चौथे दिन भी जबरदस्त भीड़ उमड़ने की उम्मीद है. खास यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हो रहे प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भव्य लेज़र वॉटर स्क्रीन शो विशेष आकर्षण का केन्द्र बना है। यमुना नदी के तट पर स्थित काली घाट पर आयोजित इस शो में हर दिन बड़ी संख्या में लोग इसे देखने पहुंच रहे हैं। इसे टेमफ्लो सिस्टम्स, गाज़ियाबाद द्वारा विकसित किया गया है। शो में आधुनिक तकनीक के माध्यम से महाकुंभ की प्राचीन गाथाओं को प्रभावशाली और सजीव रूप में प्रस्तुत किया गया है
सुरेश गांधी
जी हां, महाकुंभ में लेजर वॉटर स्क्रीन शो में पानी की स्क्रीन पर उभरती अद्भुत छवियों और ध्वनि प्रभावों ने महाकुंभ और प्रयागराज की ऐतिहासिक और धार्मिक गाथाओं को जीवंत कर दिया है। इसमें दिखाए गए दृश्य महाकुंभ के गौरवशाली अतीत और सनातन परंपराओं की झलक प्रस्तुत करते हैं। शो में प्रयागराज के धार्मिक स्थलों, पौराणिक कथाओं और ऐतिहासिक महत्व को इस तरह प्रदर्शित किया गया है कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। यह लेज़र वॉटर स्क्रीन शो सभी के लिए निशुल्क है। श्रद्धालु और पर्यटक शाम 7 बजे से 9 बजे के बीच दो शो का आनंद ले सकते हैं, जिनकी अवधि 45 मिनट है। इस अभिनव पहल ने महाकुंभ में आने वाले लोगों को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान किया है। प्रत्येक शाम शो के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि यह आयोजन महाकुंभ के मुख्य आकर्षणों में से एक बन गया है। उपस्थित दर्शकों ने इस शो की सराहना करते हुए इसे संस्कृति और परंपरा के संरक्षण का बेहतरीन उदाहरण बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के
नेतृत्व में, पर्यटन विभाग
ने इस अनोखे और
तकनीकी रूप से उन्नत
शो को प्रस्तुत करने
की जिम्मेदारी सौंपी है। यह लेज़र
वॉटर स्क्रीन शो न केवल
दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेगा
बल्कि उन्हें प्रयागराज और महाकुंभ के
सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक महत्व
से भी अवगत करा
रहा है। इसका उद्देश्य
आधुनिक तकनीक के माध्यम से
भारतीय संस्कृति और परंपरा के
संरक्षण और प्रचार में
योगदान देना है।
वैश्विक पर्व बन गया है महाकुंभ
देखा जाएं तो महाकुंभ अब सिर्फ भारतीय आयोजन नहीं रहा, यह एक वैश्विक पर्व बन गया है। ब्राजील, जर्मनी, जापान, इंग्लैंड, अमरीका और स्पेन जैसे देशों के श्रद्धालु भी प्रयागराज पहुंचने लगे हैं। यह आयोजन अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सनातन संस्कृति के बढ़ते प्रभाव को दिखा रहा है। खास बात यह है कि पाकिस्तान और अरब समेत इस्लामिक देश भी महाकुंभ में रुचि दिखा रहे हैं। इस्लामिक देशों में महाकुंभ को लेकर बहुत ज्यादा चर्चा हो रही है. इसमें भी पाकिस्तान सबसे टॉप पर चल रहा है. या यूं कहे भारत के परस्पर विरोधी देश में लोग महाकुंभ के आयोजन और यहां जुट रही व्यापक भीड़ को खूब सर्च कर रहे हैं. पाकिस्तान के बाद इस लिस्ट में कतर, यूएई और बहरीन जैसे देश शामिल हैं. इसके अलावा, नेपाल, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आयरलैंड, ब्रिटेन, थाईलैंड और अमेरिका जैसे देशों के लोग भी महाकुंभ के बारे में पढ़ और खोज रहे हैं.
महाकुंभ की लोकप्रियता का
अंदाजा इसी से लगाया
जा सकता है कि
दुनिया के बड़े विश्वविद्यालयों
और मैनेजमेंट संस्थानों के लोग सिर्फ
ये जानने समझने के लिए प्रयागराज
पहुंचे हैं कि इतनी
बड़ी संख्या के लिए इंतजाम
कैसे किए जाते हैं,
भीड़ को संभालने का
प्रबंध कैसे किया जाता
है। कुंभ पैंतालीस दिनों
तक चलने वाला है।
अगले डेढ़ महीने तक
लोग इसी तरह प्रयागराज
पहुंचते रहेंगे। तीन दिनों में
छह करोड़ से अधिक
श्रद्धालु स्नान कर चुके है।
29 जनवरी को मौनी अमावस्या
के दिन संगम में
डुबकी लगाने वालों की संख्या छह
करोड़ तक पहुंच सकती
है।
महाकुंभ की अद्भूद छटा देख हर कोई निहाल
मकर संक्रांति के अमृत स्नान के साथ प्रयागराज में महाकुंभ की जो अद्भूद छटा दिखाई दी, उसकी तस्वीरें देख हर कोई हैरान हैं। इतनी बड़ी तादाद में लोग कुंभ क्षेत्र में पहुंचे, संगम में डुबकी लगाई लेकिन कहीं भी, किसी को, किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई, कोई शिकायत करने वाला नहीं मिला। ये दुनिया वालों के लिए अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय है। कहा जा सकता है साढ़े तीन करोड़ लोग एक जगह इक्कठे हों, बिना किसी भगदड़ या धक्कामुक्की के स्नान करें, कहीं कोई गड़बड़ी न हो, किसी तरह की असुविधा न हो और सब खुशी खुशी वापस चले जाएं, ये दुनियाभर के लिए हैरानी की बात तो है ही। इसकी व्यवस्था करना कोई आसान नहीं होता। इतनी बड़ी संख्या को नियंत्रित करना, उनके लिए सारी व्यवस्थाएं करना बहुत बड़ी चुनौती होती है। लेकिन योगी आदित्यनाथ ने इस चुनौती को बड़ी सरलता से पूरा किया। महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर महाकुंभ अमृत स्नान हैशटैग जबरदस्त ट्रेंड हुआ। हजारों यूजरों ने महाकुंभ के दौरान ली गई तस्वीरें, वीडियो और सूचनाएं साझा की।
सोशल मीडिया पर
लोगों ने महाकुंभ में
हुई व्यवस्थाओं, श्रद्धालुओं की भारी संख्या,
संगम स्नान और अपनी फोटो
को खूब शेयर किया।
टाटा ग्रुप की एयरलाइन एयर
इंडिया ने मंगलवार को
ऐलान किया है कि
वह दिल्ली और प्रयागराज के
बीच दैनिक उडा़न का संचालन करेगी।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया
के 52 देशों की आबादी साढ़े
तीन करोड़ से कम
है। यानि इतने देशों
की जनसंख्या से ज्यादा लोगों
ने प्रयागराज में बारह घंटे
के दौरान पवित्र डुबकी लगाई। करीब चालीस देशों
के लोग भी छोटे
छोटे जत्थों में प्रयागराज पहुंचे
हैं। विदेशी भक्तों ने भी महाकुंभ
में आस्था की डुबकी लगाई।
ये लोग सनातनी नहीं
है, हमारी भाषा नहीं समझते,
हमारी संस्कृति को नहीं जानते।
लेकिन महाकुंभ में आकर विदेशी
भी सनातन के रंग में
पूरी तरह डूबे दिखाई
दिए।
काबिल-ए-तारीफ है योगी का मैनेजमेंट
साढ़े तीन करोड़
की भीड़ को मैनेज
करना हंसी खेल नहीं
हैं। इसके लिए सटीक
प्लानिंग, मानव संसाधनों का
बेहतर इस्तेमाल, भक्तों की संख्या का
सही अनुमान, उनकी जरूरतों के
हिसाब से इंतजाम, आपात
स्थितियों का सही आकलन
और सबसे महत्वपूर्ण दृढ़
इच्छाशक्ति जरूरी है। योगी आदित्यनाथ
ने अपनी संकल्पशक्ति के
साथ यही किया। दो
साल पहले से महाकुंभ
की तैयारी शुरू की, बार
बार प्रयागराज के दौरे किए,
एक-एक चीज पर
खुद नजर रखी, सबसे
काबिल अफसरों को प्रयागराज में
तैनात किया, सारी छोटी-बड़ी
व्यवस्थाओं को खुद देखा,
प्रॉपर प्लानिंग की, इसलिए पहला
अमृत स्नान बिना किसी बाधा
के सकुशल संपूर्ण हुआ। इसका श्रेय
योगी आदित्यनाथ की सरकार के
साथ-साथ उनके अफसर,
सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी,
वालंटियर्स और सफाई कर्मचारियों
को भी मिलना चाहिए।
हालांकि अभी उनकी जिम्मेदारी
खत्म नहीं हुई है।
अभी महाकुंभ डेढ़ महीने तक
चलना है। इसलिए प्रार्थना
करनी चाहिए कि सब कुछ
अच्छा रहे और महाकुंभ
में आने वाले सभी
श्रद्धालु गंगा स्नान करके
सनातन का जयकारा लगाते
हुए सकुशल अपने घर वापस
जाएं।
महाकुंभ में होगा 2.5 लाख करोड़ का कारोबार
महाकुंभ में 45 दिनों में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इससे सरकार को 2.5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार मिलने की उम्मीद है। यानी 69,990 करोड़ के बजट से 2.5 लाख करोड़ की कमाई होगी। मतलब साफ है महाकुंभ एक बड़ा बाजार बन गया है. इस महाकुंभ का बजट 6,9990 करोड़ है. ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मेला में 2.5 लाख करोड़ का कारोबार हो सकता है. खास यह है कि इसमें से 25 हजार करोड़ केवल सरकारी सुविधाओं से मिलेगा। कहा जा सकता है इस भव्य आयोजन के तले व्यापार भी तगड़ा हो रहा है. क्योंकि इस बार सरकार ने इस आयोजन के लिए बहुत बड़ी तैयारी की
है.पिछले कुंभ मेला (2019) के मुकाबले यह बजट काफी ज्यादा है. इसमें 3,700 करोड़ रुपये की लागत वाली 700 प्रोजेक्ट थीं. एक अनुमान के मुताबिक 5,000 करोड़ रुपये का व्यापार पूजा सामग्री, 4,000 करोड़ रुपये का डेयरी प्रोजेक्ट और 800 करोड़ रुपये का फूलों से कारोबार होने की संभावना है. लग्जरी होटलों से 6,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है. इस साल मेले में कई प्रकार के टेंट बनाए गए हैं. इनमें 1.6 लाख टेंट, 2,200 लग्जरी टेंट और छोटे टेंट शामिल हैं. लक्जरी टेंट का किराया 18,000 से 20,000 रुपये प्रति रात है. प्रीमियम टेंट की कीमत 1 लाख रुपये तक जा सकती है. यूपी सरकार ने इन टेंट्स को प्राइवेट प्लेयर को किराए पर देने के लिए बोली प्रक्रिया शुरू की. इससे भी सरकार को बड़ी इनकम हो रही है. फूड कोर्ट और स्टॉल्स में भी भारी निवेश हुआ है. कई बड़े ब्रांड जैसे स्टारबक्स, कोका कोला और डोमिनोज इस मेला में अपने आउटलेट्स लगा रहे हैं.
कारोबारियों का लक्ष्य है कि वे 100-200 करोड़ रुपये का कारोबार करना है. कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल का कहना है, एक अनुमान के तहत इस महाकुंभ में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की उम्मीद है। यह आयोजन भारत और विश्व में धार्मिक अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। खंडेलवाल के मुताबिक, इस आयोजन से प्रयागराज और आसपास के शहरों में व्यापार को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
रेलवे, वायु सेवाओं और
सड़क परिवहन को भी बड़ी
आय होने की संभावना
है। एक अनुमान के
अनुसार, अगर धार्मिक यात्रा
के दौरान प्रति व्यक्ति 5,000 रुपये खर्च होते हैं,
तो कुल आंकड़ा 2 लाख
करोड़ रुपये से अधिक हो
जाएगा। इसमें होटलों, धर्मशालाओं, अस्थायी ठहराव, भोजन, पूजा सामग्री, स्वास्थ्य
सेवाओं और अन्य वस्तुओं
तथा सेवाओं पर खर्च भी
शामिल है।
महाकुंभ 2025 के प्रमुख व्यापारिक आंकड़ें ...
आवास और पर्यटन
: 40,000 करोड़
भोजन और पेय
पदार्थ : 20,000 करोड़
पूजा सामग्री और
प्रसाद : 20,000 करोड़
परिवहन और लॉजिस्टिक्स : 10,000 करोड़
पर्यटन सेवाएं : 10,000 करोड़ रुपये
हस्तशिल्प और स्मृति चिन्ह
: 5,000 करोड़
स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाएं
: 3,000 करोड़ रुपये
आईटी और डिजिटल
सेवाएं : 1,000 करोड़ रुपये
मनोरंजन और मीडिया : 10,000 करोड़
रुपये
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