पाकिस्तान पर कहर बनकर टूटे, दुश्मन को संभलने का नहीं मिला मौका : एयर मार्शल भारती
“भय बिनु होय न प्रीति“, भारतीय सेना ने ये चौपाई सुनाकर पाकिस्तान को क्या दिया कड़ा संदेश
कहा, आत्मरक्षा
में
अब
सक्रिय
आक्रामकता
अपनाई
जाएगी,
हम
पूरी
तरह
से
तैयार
हैं
और
जब
और
जहां
चाहेंगे,
पाकिस्तान
पर
हमला
कर
सकते
हैं
आतंकवाद को
समर्थन
देने
वाला
कोई
भी
देश
अब
परिणामों
से
बच
नहीं
सकेगा
सुरेश गांधी
नयी दिल्ली। चार दिन की भीषण गोलीबारी और युद्ध के बाद शनिवार को भारत-पाकिस्तान में सीजफायर हो गया। लेकिन यह अस्थायी समाधान है। भारत अब स्पष्ट कर चुका है कि वह किसी भी स्थिति के लिए तैयार है, और तकनीकी दृष्टि से भी पूरी तरह सक्षम है। हालांकि, इस कम समय के युद्ध में हमने अपने हथियारों की धमक से पूरी दुनिया को अवगत करा दिया है। या यूं कहे भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर स्वदेशी हाथियारों का इस्तेमाल किया और उसके देशभरा में सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया। इसकी तस्दीक सेटेलाइट इमेज से हो गई है। खुद पाकिस्तान ने भी माना है कि उसके मिलिट्री एयरबेस को भारत ने भारी नुकसान पहुंचाया है।
सोमवार को तीनों सेना प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फिर कहा कि हम पूरी तरह से तैयार हैं और जब और जहां चाहेंगे, पाकिस्तान पर हमला कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि भारत ने किन-किन स्वदेशी हथियारों का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किया।
“भय बिनु होय न प्रीति“ केवल एक दोहा नहीं, बल्कि वर्तमान भारत की नीति का प्रतिबिंब बन गया है। यह वह भारत है जो धैर्य रखता है, परंतु दबता नहीं। यह वह भारत है जो शांति चाहता है, लेकिन कायरता नहीं सहता। एयर मार्शल भारती और भारतीय सेना ने यह दिखा दिया है कि संस्कृति, सैन्य शक्ति और रणनीति जब एकसूत्र में जुड़ते हैं, तो वे केवल युद्ध नहीं जीतते, सम्मान और आत्मविश्वास भी अर्जित करते हैं। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत की आत्मरक्षा नीति में एक निर्णायक मोड़ ला दिया। इसके जवाब में लॉन्च किया गया ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं था, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश था कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं देगा, बल्कि निर्णायक रूप से निवारण करेगा।
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे उल्लेखनीय था एयर मार्शल ए.के. भारती द्वारा रामचरित मानस के दोहे “भय बिनु होय न प्रीति“ का संदर्भ देना। यह न केवल एक सांस्कृतिक प्रतीक था, बल्कि एक कूटनीतिक और मनोवैज्ञानिक संदेश भी था कि शांति बनाए रखने के लिए कभी-कभी कठोरता आवश्यक होती है।
सैन्य कार्रवाई का दायरा और प्रभाव
भारतीय सेना ने ऑपरेशन
सिंदूर के तहत पाकिस्तान
के 11 सैन्य ठिकानों को लक्ष्य बनाया,
जिनमें एयर डिफेंस रडार,
एयरबेस और ड्रोन स्टेशनों
को निशाना बनाया गया। इससे स्पष्ट
है कि यह एक
रणनीतिक रूप से सोच-समझकर किया गया हमला
था। किराना हिल्स जैसे संवेदनशील परमाणु
ठिकाने पर हमले की
अफवाहों को एयर मार्शल
भारती ने विनम्र पर
व्यंग्यात्मक लहजे में खारिज
कर दिया, कहा यह एक
ओर पाकिस्तान को राहत का
संकेत था, तो दूसरी
ओर यह इशारा भी
कि भारत की क्षमताएं
ऐसी जगहों तक भी पहुंचने
में सक्षम हैं।
कविता, संस्कृति और युद्ध का समन्वय
भारत
ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल ऑपरेशन
सिंदूर के दौरान किया
है। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने ब्रह्मोस का
इस्तेमाल कर पाकिस्तानी मिलट्री
एयरबेस को भारी नुकसान
पहुंचाया है।
आकाश मिसाइल प्रणाली
स्वदेशी रूप से विकसित सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल रक्षा प्रणाली ने भारत को इस युद्ध में पाकिस्तानी ड्रोन हमलों का नकाम कर अपनी शक्ति को प्रदर्शित किया है। 8 और 9 मई की रात के दौरान, भारतीय सेना ने पश्चिमी सीमा और जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा कई ड्रोन घुसपैठों को आकाश मिसाइल प्रणाली ने नकाम किया और सेना को कोई नुकसान नहीं
होने दिया।एंटी-ड्रोन डी-4 सिस्टम
ऑपरेशन सिंदूर में एंटी-ड्रोन
सिस्टम डी-4 का बहुत
सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया। रक्षा
अनुसंधान एवं विकास संगठन
द्वारा विकसित और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स
लिमिटेड (ठम्स्) द्वारा निर्मित, यह एक ड्रोन
डिटेक्ट, डिटर, डिस्ट्रॉय सिस्टम है। यह उड़ते
हुए ड्रोन (सूक्ष्म/छोटे यूएवी) की
वास्तविक समय की खोज,
पता लगाने, ट्रैकिंग और न्यूट्रलाइजेशन (सॉफ्ट/हार्ड किल) करने में
सक्षम है। इसके जैमिंग
फ़ंक्शन में ड्रोन को
गुमराह करने के लिए
स्पूफिंग और रेडियो फ़्रीक्वेंसी
को जाम करना शामिल
है।
नागास्त्र-1
भारत में बना
पहला स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र-1 ने पाकिस्तानी हमले
को नकाम करने में
सेना का जबरदस्त साथ
दिया। नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज द्वारा
विकसित, नागास्त्र-1 एक मानव-पोर्टेबल
हथियारबंद ड्रोन सिस्टम है। यह दुश्मन
के खतरों को बेअसर करने
के लिए बना है।
यह आत्मघाती ड्रोन एकल-उपयोग वाले
हथियार हैं जो अपने
लक्ष्यों पर उड़ते हैं
और टारगेट को देख कर
विस्फोट करते हैं।
स्काईस्ट्राइकर
स्काईस्ट्राइकर एक और आत्मघाती
ड्रोन है जिसे भारत
ने इजरायल के साथ मिलकर
बनाया है। स्काईस्ट्राइकर लंबी
दूरी के सटीक हमला
करने में सक्षम है।
यह दुश्मन को चुपचाप, सटीक
और तेज़ी से खत्म
करने की क्षमता रखता
है। 5 से 10 किलोग्राम विस्फोटक लेकर 2 घंटे तक उड़
सकता है।
ब्रह्मोस मिसाइल
भारत ने ब्रह्मोस
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल ऑपरेशन
सिंदूर के दौरान किया
है। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने ब्रह्मोस का
इस्तेमाल कर पाकिस्तानी मिलट्री
एयरबेस को भारी नुकसान
पहुंचाया है। आपको बता
दें कि ब्रह्मोस मिसाइल
भारत की सबसे घातक
और प्रतिष्ठित “डंकम पद प्दकपं“
मिसाइलों में से एक
है, जिसे भारतीय सेना,
नौसेना और वायुसेना तीनों
इस्तेमाल करती हैं। इस
मिसाइल की मारक क्षमता
290 से 500$ किलोमीटर (नई रेंज 800 किमी
तक विकसित हो रही है)
है। गति की बात
करें तो 2.8-3.0 डंबी (ध्वनि से लगभग 3 गुना
तेज) है। यह दुश्मन
की रडार से बच
कर मिनटों में लक्ष्य को
टारगेट करता है। एक
बार निशाना साधा तो टालना
नामुमकिन होता है।
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