Wednesday, 4 June 2025

तेंदुलकर, विराट, रोनाल्डो, मैसी और ललित उपाध्याय के नाम पर लगाए गए पौधे

वाराणसी में खिला पर्यावरण और खेल का संगम

तेंदुलकर, विराट, रोनाल्डो, मैसी और ललित उपाध्याय के नाम पर लगाए गए पौधे 

प्रशिक्षण ले रहीं 100 से अधिक बालिकाओं ने लिया भाग

सुरेश गांधी

वाराणसी. विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को परमानंदपुर मिनी स्टेडियम में खेल और पर्यावरण का अद्वितीय संगम देखने को मिला। इस विशेष अवसर पर क्रिकेट और फुटबॉल के दिग्गज सितारे सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, लियोनेल मैसी, क्रिस्टियानो रोनाल्डो और वाराणसी के गौरव, ओलंपियन ललित उपाध्यायकृनामों और तस्वीरों के रूप में एक साथ नजर आए। 

मौका था बालिका खिलाड़ियों द्वारा आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम का, जिसमें इन महान खिलाड़ियों के नाम पर आम, अमरूद, अंजीर, अनार और मौसमी जैसे फलदार पौधे लगाए गए। यह पहल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ-साथ बालिकाओं को महान खिलाड़ियों की संघर्षगाथा से प्रेरित करने के उद्देश्य से की गई। स्टेडियम में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हॉकी, टेबल टेनिस, हैंडबॉल और रग्बी फुटबॉल की 100 से अधिक बालिकाओं ने इस अभियान में उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में प्रत्येक पौधे पर संबंधित खिलाड़ी की तस्वीर लगाई गई थी, जिससे पौधरोपण का यह आयोजन एक प्रेरणादायक दृश्य में बदल गया।

संघर्षों से शिखर तकः खिलाड़ियों की कहानियों से मिला हौसला

कार्यक्रम के संयोजक और हॉकी वाराणसी के अध्यक्ष डॉ. .के. सिंह ने उपस्थित खिलाड़ियों को इन अंतरराष्ट्रीय सितारों की जीवन यात्रा से परिचित कराया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार इन खिलाड़ियों ने कठिन परिस्थितियों और अभावों के बावजूद मेहनत और लगन से विश्व मंच पर अपनी पहचान बनाई। डॉ. सिंह ने कहा, “आज खेल केवल शौक नहीं, बल्कि करियर का एक सशक्त विकल्प है। इसमें केवल सम्मान और पहचान है, बल्कि आर्थिक स्थायित्व और भविष्य की गारंटी भी है।

खेलोगे तो खिलोगेनारे को समर्पित रहा आयोजन

यह पूरा आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारेखेलोगे तो खिलोगेको समर्पित रहा। बालिकाओं को प्रेरित करते हुए बताया गया कि खेल के माध्यम से आत्मनिर्भरता, आत्मविश्वास और अनुशासन विकसित होता है, जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिला सकता है।

अब तक 53 राष्ट्रीय खिलाड़ी दे चुका है यह मैदान

परमानंदपुर मिनी स्टेडियम का यह प्रयास कोई नया नहीं है। यहां से अब तक 53 बालिकाएं राष्ट्रीय स्तर पर वाराणसी का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। यह मैदान केवल खेल प्रतिभाओं की नर्सरी बन चुका है, बल्कि सामाजिक जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी अग्रसर है। इस अभिनव पहल ने साबित कर दिया कि जब खेल और समाजसेवा एक मंच पर आते हैं, तो केवल खिलाड़ी नहीं, पूरी पीढ़ी आगे बढ़ती है। यह आयोजन आने वाली पीढ़ी को केवल हरा-भरा भविष्य देगा, बल्कि उनके अंदर महानता की ओर बढ़ने का बीज भी बोएगा।

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