दिव्यांगों को बीएचयू में योग की इजाज़त नहीं, भड़के संगठनों ने किया विरोध
सैकड़ों लोग
बैठे
अनशन
पर
सुरेश गांधी
वाराणसी।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में दिव्यांगजनों को
योगाभ्यास की अनुमति न
मिलने से आक्रोश फैल
गया है। एक ओर
जहाँ पूरे देश और
दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग
दिवस की तैयारियाँ ज़ोरों
पर हैं, वहीं प्रधानमंत्री
के संसदीय क्षेत्र स्थित बीएचयू में दिव्यांगों के
साथ ऐसा व्यवहार किया
जा रहा है, जिसे
लेकर व्यापारी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं
ने विरोध तेज़ कर दिया
है।
दिव्यांगजन लंबे समय से
बीएचयू परिसर में योग करते
आ रहे थे, लेकिन
हाल ही में उन्हें
योग की अनुमति से
वंचित कर दिया गया।
इस फ़ैसले से नाराज़ होकर
वाराणसी व्यापार मंडल, लंका व्यापार मंडल,
चंदौली व्यापार मंडल, अखिल भारतीय उद्योग
व्यापार मंडल सहित कई
संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता
बीएचयू के बाहर धरने
पर बैठ गए हैं।
इस दौरान वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष अजीत
सिंह बग्गा ने कहा, “दिव्यांग
किसी बोझ का नाम
नहीं हैं। उन्होंने देश
के हर क्षेत्र में
अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया
है। उन्हें योग से रोकना
न केवल संविधान के
विरुद्ध है बल्कि मानवीयता
के भी खिलाफ है।“
दिव्यांगजनों ने कहा, “हम
सिर्फ़ योग करना चाहते
हैं, किसी पर बोझ
नहीं बनना। बीएचयू में हमें रोका
जाना हमारी आत्मा को चोट पहुँचा
रहा है।“ प्रदर्शनकारियों का
कहना है कि बीएचयू
प्रशासन केवल आश्वासन दे
रहा है, लेकिन कोई
स्पष्ट निर्णय नहीं ले रहा।
सैकड़ों की संख्या में
लोग अनशन पर बैठे
हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से
अभी तक कोई ठोस
आश्वासन या लिखित आदेश
नहीं आया है।
मांग
1. दिव्यांगजनों को बीएचयू में
तत्काल योग करने की
अनुमति दी जाए।
2. भविष्य में उनके साथ
किसी भी प्रकार का
भेदभाव न हो, इसके
लिए विश्वविद्यालय स्तर पर नीति
बनाई जाए।
3. इस मामले की
निष्पक्ष जांच कर जिम्मेदार
अधिकारियों पर कार्रवाई की
जाए।
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