Wednesday, 27 August 2025

आ गए बाप्पा : काशी के पंडालों में छाई रौनक, महापूजन से गूंजे जयकारे

गए बाप्पा : काशी के पंडालों में छाई रौनक, महापूजन से गूंजे जयकारे

दुर्गाकुंड से लहुराबीर तक काशी विश्वनाथ धाम में दिखी गणपति भक्ति की धूम, बड़ा गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, बच्चों-बुजुर्गों में समान उमंग

सुरेश गांधी

वाराणसी। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी पर बुधवार को काशी में गणेशोत्सव की शुरुआत भव्यता और श्रद्धा के साथ हुई। सुबह से ही मोहल्लों और चौक-चौराहों पर स्थापित गणपति प्रतिमाओं के दर्शन-पूजन को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। गणपति बप्पा मोरया के गगनभेदी जयकारों से गलियां-मोहल्ले गूंज उठे। दस दिवसीय गणेशोत्सव का यह आगाज काशी को भक्ति, आनंद और उत्सव के रंग में रंग गया है। देर रात तकगणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरयाके जयकारों से पूरा शहर गूंजता रहा।

श्री काशी विश्वनाथ धाम में गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया गया। भगवान शिव माता पार्वती के प्रिय प्रथम पूज्य श्री गणेश जी का पूजन श्रद्धालुओं, काशीवासियों एवं मंदिर न्यास अधिकारियों की उपस्थिति में विधि-विधानपूर्वक हुआ। धाम परिसरवक्रतुंड महाकाय...’ मंत्रोच्चार से गूंज उठा। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन मंगलमूर्ति गणेश जी का अवतरण हुआ था। मान्यता है कि गणेश जी की कृपा से संकट और विध्न दूर होकर जीवन में सुख-समृद्धि आती है। कार्यक्रम में डिप्टी कलेक्टर, नायब तहसीलदार, अर्चक एवं शास्त्रीगण सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मंदिर न्यास ने समस्त श्रद्धालुओं के मनोरथ पूर्ण होने की मंगलकामनाएं दीं।

इसके अलावा श्रीकाशी विश्वनाथ समिति मच्छोदरी, सिद्ध विनायक मंदिर गढ़वासी टोला, मूंगे वाले गणेश मंदिर ब्रह्माघाट, नूतन बालक गणेशोत्सव समाज सेवा गणेश मंदिर, चिंतामणि गणेश मंदिर लोहटिया स्थित बड़ा गणेश मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में भक्तों की लंबी कतार भोर से ही लगनी शुरू हो गई। इस अवसर पर भगवान गणेश की नयनाभिराम झांकी सजाई गई। भोर में पंचामृत स्नान कराने के बाद गणपति का सिंदूर लेपन कर गुलाब, चंपा, पान और मोरपंखी की माला से विशेष श्रृंगार किया गया। इसके बाद विभिन्न प्रकार के मिष्ठान, फल और पकवान का भोग लगाकर दर्शन के लिए कपाट खोले गए। कपाट खुलते ही गणपतये नमःके जयकारों से पूरा क्षेत्र गणेशमय हो उठा।

सजावट ने खींचा ध्यान

शहर के प्रमुख गणेश मंडलों ने इस बार पंडालों को आकर्षक विद्युत सज्जा और फूलों से सजाया। कई स्थानों पर थीम आधारित झांकियां श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनीं। कहीं काशी विश्वनाथ धाम और राममंदिर की प्रतिकृतियां सजाई गईं तो कहीं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाले पंडाल बनाए गए।

प्रमुख गणेश मंडलों की छटा

दुर्गाकुंड गणेश मंडल : यहां महाराष्ट्र शैली में महाआरती और परंपरागत भव्य प्रतिमा के दर्शन के लिए सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। लहुराबीर गणेश महोत्सव समिति : इस बार यहां अयोध्या राममंदिर की झांकी तैयार की गई है, जिसने लोगों को खूब आकर्षित किया। मैदागिन गणेश उत्सव मंडल : पर्यावरण थीम पर आधारित पंडाल और मिट्टी की प्रतिमा यहां चर्चा का विषय बनी हुई है। चेतगंज और बेनियाबाग मंडल : यहां रातभर भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही।

उमंग से सराबोर भक्त

महिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए गणपति का पूजन किया तो युवाओं ने ढोल-ताशों की थाप पर नृत्य कर उत्सव का रंग और गाढ़ा कर दिया। बच्चों में भी गणेश स्थापना को लेकर खासा उत्साह रहा।

सेवा भाव भी दिखा

पंडालों के बाहर भोग-प्रसाद और शीतल पेय वितरण की व्यवस्था रही। कई स्वयंसेवी संस्थाओं और गणेश मंडलों ने श्रद्धालुओं की सेवा में प्रसाद उपलब्ध कराया। 

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