Tuesday, 23 December 2025

घने कोहरे की गिरफ्त में काशी-पूर्वांचल

घने कोहरे की गिरफ्त में काशी-पूर्वांचल 

15 मीटर पर थमी नजर, छठा अति शीत दिवस घोषित, उड़ानें रुकीं, स्कूल बंद

सुरेश गांधी

वाराणसी. घने कोहरे और कड़ाके की ठंड ने वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल को जकड़ लिया है। मंगलवार को इस सीजन का सबसे घना कोहरा छाया रहा। हालात इतने खराब रहे कि सुबह 4 बजे से 9 बजे तक दृश्यता 15 मीटर से भी कम दर्ज की गई। कई इलाकों में 25 मीटर आगे तक सड़क दिखाई नहीं दी, जिससे सड़क, रेल और हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। ठंड का प्रकोप इतना तेज है कि लगातार छठे दिन बनारस को अति शीत दिवस घोषित करना पड़ा। रात भी इस सीजन की सबसे सर्द रात रही। खास यह है कि कोहरे के कारण सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए, कई जगहों पर जाम जैसी स्थिति बनी रही।

तापमान ने बढ़ाई कंपकंपी

न्यूनतम तापमान : 8.5 से 9.5 डिग्री सेल्सियस

24 घंटे में गिरावटः 1.3 डिग्री

सामान्य सेः 8.5 डिग्री कम

अधिकतम तापमानः 15.8 डिग्री सेल्सियस (सामान्य से 6.8 डिग्री कम)

मौसम विभाग के अनुसार, दिसंबर में बीते 10 वर्षों में यह आठवीं बार है जब इतना कम न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया।

दिनभर घटती-बढ़ती रही दृश्यता

सुबह 10 बजेः 100 मीटर

दोपहर 12 बजेः 200 मीटर

रात 10 बजेः 50 मीटर से कम

रात 10 बजे के बादः 25 मीटर से भी कम

उड़ानों पर ब्रेक, यात्रियों की बढ़ी परेशानी

घने कोहरे का असर हवाई सेवाओं पर भी पड़ा। वाराणसी एयरपोर्ट से 9 फ्लाइट्स उड़ान नहीं भर सकीं, कई उड़ानें रद्द रहीं तो कुछ को डायवर्ट करना पड़ा। रेलवे ट्रैकों पर भी ट्रेनें घंटों देरी से चलीं।

स्कूल बंद, रेड अलर्ट जारी

तीन दिनों से मौसम विभाग द्वारा कोहरा और शीतलहर का रेड अलर्ट जारी है। इसी के मद्देनज़र जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जिले के कक्षा 5 तक के सभी स्कूलों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है। छोटे बच्चों को ठंड से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

क्रिसमस तक राहत के आसार नहीं

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार : पूरे सप्ताह घना कोहरा छाए रहने की संभावना, तापमान में हल्की बढ़ोतरी संभव, लेकिन कोहरे से निजात फिलहाल मुश्किल.

क्या कहता है मौसम विज्ञान केंद्र

यूपी आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ की गतिविधियों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। पश्चिमी जेट स्ट्रीम का असर अभी उत्तर भारत पर कायम है। तापमान में कुछ बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन घने कोहरे की स्थिति बनी रहेगी।

प्रशासन और लोगों के लिए सलाह

सुबह-शाम अनावश्यक यात्रा से बचें

वाहन चलाते समय फॉग लाइट लो-बीम का प्रयोग करें

बुजुर्गों और बच्चों को ठंड से विशेष रूप से बचाएं

पड़ोसी देश में जलता मानवाधिकार, कराहते बांग्लादेशी हिंदू

हिंदू-विरोधी हिंसा के खिलाफ वाराणसी में उबाल, बांग्लादेश पर प्रतिबंध और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग

पड़ोसी देश में जलता मानवाधिकार, कराहते बांग्लादेशी हिंदू 

अजीत सिंह बग्गा के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तथा बांग्लादेश के उच्चायुक्त के नाम से ज्ञापन अपर जिलाधिकारी आलोक वर्मा को सौंपा गया

बांग्लादेश में हिंदुओं के विरुद्ध हो रही हिंसा आकस्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक संरक्षण में चल रहीहिंदू-निर्मूलनकी प्रक्रिया है : अजीत सिंह

सुरेश गांधी

वाराणसी. बांग्लादेश में हिंदू समाज के विरुद्ध लगातार बढ़ती हिंसा अब केवल पड़ोसी देश की आंतरिक समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह मानवाधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता और सभ्य विश्व की सामूहिक चेतना पर सीधा आघात बन चुकी है। मयमनसिंह क्षेत्र में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को कट्टरपंथी भीड़ द्वारा पेड़ से बांधकर जिंदा जलाए जाने की अमानवीय घटना ने पूरे भारत को झकझोर दिया है। इसके साथ ही हिंदू घरों, दुकानों और मंदिरों को सुनियोजित ढंग से जलाया जाना इस बात का प्रमाण है कि बांग्लादेश में हिंदू-विरोधी हिंसा अब एक संगठित और योजनाबद्ध अभियान का रूप ले चुकी है।

इसी पृष्ठभूमि में वाराणसी के हिंदू संगठनों ने सशक्त विरोध दर्ज कराते हुए केंद्र सरकार से निर्णायक कार्रवाई की मांग की है। हिंदू जनजागृति समिति के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तथा बांग्लादेश के उच्चायुक्त के नाम से ज्ञापन अपर जिलाधिकारी आलोक वर्मा को सौंपा गया। इस दौरान वाराणसी व्यापार मंडल अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा सहित अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

ज्ञापन में पत्र में अजीत सिंह बग्गा ने स्पष्ट शब्दों में कहा है, बांग्लादेश में हिंदुओं के विरुद्ध हो रही हिंसा आकस्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक संरक्षण में चल रहीहिंदू-निर्मूलनकी प्रक्रिया है। जनगणना के आंकड़े इस भयावह सच्चाई की गवाही देते हैं, 1941 में जहां बांग्लादेश में हिंदू आबादी 28 प्रतिशत थी, वहीं आज यह सिमटकर मात्र 7 से 8 प्रतिशत रह गई है। यह केवल जनसंख्या में गिरावट नहीं, बल्कि अस्तित्व पर किया गया सुनियोजित प्रहार है। अजीत सिंह बग्गा ने बांग्लादेश के कट्टरपंथी और आतंकवादी गुटों के खिलाफ कठोर सैन्य कार्रवाई, आर्थिक और व्यापारिक प्रतिबंध लगाने, तथा राजनीतिक दबाव बनाने की मांग की। उनका कहना है कि ढाका में युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद हिंदुओं को निशाना बनाकर की जा रही हिंसा को बांग्लादेश सरकार अनदेखा कर रही है, जबकि प्रत्यक्ष वीडियो, साक्ष्य और अंतरराष्ट्रीय मीडिया इस सच्चाई को उजागर कर चुके हैं।

ज्ञापन में भारत-बांग्लादेश समझौतों के तहत अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करने, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में फैक्ट-फाइंडिंग मिशन भेजने, उत्पीड़ित हिंदुओं के लिए नागरिकता और पुनर्वास नीति बनाने, मंदिरों धार्मिक संपत्तियों का संयुक्त सर्वेक्षण कराने तथा बांग्लादेशी हिंदू समाज से सीधा संवाद तंत्र स्थापित करने जैसी ठोस मांगें रखी गईं। अजीत सिंह बग्गा ने कहा, वाराणसी से उठी यह आवाज केवल एक शहर का आक्रोश नहीं, बल्कि उस नैतिक दायित्व की याद दिलाती है, जो विश्व के सबसे बड़े हिंदू बहुल राष्ट्र होने के नाते भारत पर आता है। सवाल अब यह नहीं है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है या नहीं, सवाल यह है कि सभ्य विश्व और भारत इस अन्याय पर कब तक मौन साधे रहेंगे। अब समय गया है कि कूटनीति से आगे बढ़कर निर्णायक और प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि पड़ोसी देश में कराहती मानवता को न्याय और सुरक्षा मिल सके।

बर्फीली ठंड ने बढ़ाई खादी की गर्माहट, प्रदर्शनी में उमड़ा भरोसा

बर्फीली ठंड ने बढ़ाई खादी की गर्माहट, प्रदर्शनी में उमड़ा भरोसा  

कश्मीर की शॉल से लेकर स्वदेशी स्वेटर तक की जमकर हो रही खरीदारी

10 दिवसीय इस प्रदर्शनी के तीसरे दिन तक कुल बिक्री 71 लाख के पार 

सुरेश गांधी

वाराणसी. बर्फीली हवाओं और पहाड़ी बारिश के बाद अचानक बढ़ी कंपकंपाती ठंड ने शहर की रफ्तार भले ही कुछ देर के लिए थाम दी हो, लेकिन खादी और ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में गर्म कपड़ों की मांग को नई रफ्तार जरूर दे दी। मंगलवार को ठंड के तीखे तेवरों के बीच सिर्फ बाजारों में रौनक लौटी, बल्कि उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित मंडलीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में खरीदारी का उत्साह चरम पर दिखाई दिया।

प्रदर्शनी में खासतौर पर कश्मीरी शॉल, सूट, जैकेट और ऊनी स्वेटरों की जबरदस्त मांग देखी गई। लोग केवल ठंड से बचाव के लिए, बल्कि स्वदेशी और टिकाऊ उत्पादों की ओर बढ़ते भरोसे के साथ इन वस्त्रों की खरीद करते नजर आए। 10 दिवसीय इस प्रदर्शनी के तीसरे दिन तक कुल बिक्री 71 लाख रुपये के आंकड़े को पार कर जाना, इसी भरोसे और बदलते उपभोक्ता रुझान का प्रमाण है।

जिला उद्योग अधिकारी यूपी सिंह ने बताया कि मंगलवार को अकेले 71 लाख रुपये की बिक्री दर्ज की गई, जो यह दर्शाती है कि उपभोक्ता अब स्वदेशी उत्पादों को केवल विकल्प नहीं, बल्कि प्राथमिकता के रूप में अपना रहे हैं। खादी और ग्रामोद्योग के उत्पाद सिर्फ गुणवत्ता और उपयोगिता में बेहतर हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।

प्रदर्शनी में आज जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य ने लगभग सभी स्टॉलों का निरीक्षण किया और प्रदर्शकों से संवाद कर उनके अनुभव जाने। उन्होंने ग्रामीण कारीगरों और उद्यमियों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी प्रदर्शनियां ग्रामीण भारत के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत नींव रखती हैं।

इस प्रदर्शनी में कुल 125 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें 22 खादी स्टॉल और 103 ग्रामोद्योग स्टॉल शामिल हैं। शहद, मसाले, मिट्टी और लकड़ी से बने हस्तशिल्प उत्पाद खास तौर पर लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। इन उत्पादों में जहां परंपरा और शुद्धता की झलक है, वहीं आत्मनिर्भर भारत की सोच भी साफ दिखाई देती है।

खास बात यह है कि उपभोक्ताओं को खादी वस्त्रों पर 30 प्रतिशत तक की छूट का लाभ मिल रहा है, जिससे मध्यम वर्ग और युवा खरीदारों की भागीदारी और बढ़ी है। ठंड के मौसम में सस्ती, टिकाऊ और गुणवत्तापूर्ण गर्म वस्त्रों की यह उपलब्धता लोगों को खादी की ओर स्वाभाविक रूप से खींच रही है।

कुल मिलाकर, यह प्रदर्शनी सिर्फ बिक्री का मंच नहीं, बल्कि ग्रामीण कारीगरों की मेहनत, स्वदेशी सोच और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प का जीवंत उदाहरण बनकर उभरी है। ठंड की तपिश में खादी की गर्माहट, आज सिर्फ शरीर ही नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बना रही है।

घने कोहरे की गिरफ्त में काशी-पूर्वांचल

घने कोहरे की गिरफ्त में काशी - पूर्वांचल  15 मीटर पर थमी नजर , छठा अति शीत दिवस घोषित , उड़ानें रुकीं , स्कूल बंद सुरेश ग...