Tuesday, 30 December 2025

72वीं सीनियर नेशनल वॉलीबॉल चैंपियनशिप की तैयारियों में जुटा नगर निगम

72वीं सीनियर नेशनल वॉलीबॉल चैंपियनशिप की तैयारियों में जुटा नगर निगम 

4 से 11 जनवरी तक संपूर्णानंद स्टेडियम में होगा राष्ट्रीय खेल महाकुंभ, 1500 खिलाड़ी लेंगे हिस्सा 

लगभग 150 अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी शामिल होंगे

पुरुष और महिला दोनों वर्गों की टीमें अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगी 

सुरेश गांधी

वाराणसी। काशी एक बार फिर राष्ट्रीय खेल पटल पर अपनी मजबूत पहचान दर्ज कराने जा रही है। आगामी 4 से 11 जनवरी 2026 तक सिगरा स्थित डॉ. संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित होने वाली 72वीं सीनियर राष्ट्रीय वॉलीबॉल चैंपियनशिप की तैयारियों को लेकर मंगलवार को महापौर अशोक तिवारी की अध्यक्षता में आयोजन समिति के पदाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।

बैठक में प्रतियोगिता की व्यवस्थाओं, सुरक्षा, आवागमन, आवास, चिकित्सा सुविधा, दर्शक प्रबंधन और प्रशासनिक समन्वय जैसे सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। महापौर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यह आयोजन न केवल भव्य बल्कि पूरी तरह सुरक्षित और अनुशासित हो, ताकि काशी की छवि राष्ट्रीय स्तर पर और सशक्त रूप से उभरे।

इससे पूर्व नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल ने स्टेडियम परिसर और आसपास की व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने खेल मैदान, दर्शक दीर्घा, प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, साफ-सफाई और यातायात प्रबंधन को लेकर आवश्यक निर्देश दिए। नगर आयुक्त ने कहा कि यह प्रतियोगिता वाराणसी के लिए ऐतिहासिक अवसर है, जिसे किसी भी स्तर पर कमजोर नहीं पड़ने दिया जाएगा।

बैठक में बताया गया कि वॉलीबॉल को “भारत का गांव-घर का खेल माना जाता है और इस राष्ट्रीय आयोजन से इसकी लोकप्रियता को नई ऊर्जा मिलेगी। चैंपियनशिप में किए गए प्रदर्शन के आधार पर शीर्ष 8 टीमें फेडरेशन कप के लिए क्वालीफाई करेंगी, वहीं यही प्रदर्शन राष्ट्रीय टीम चयन के लिए भी निर्णायक होगा। काशीवासियों से अपील की कि वे बड़ी संख्या में स्टेडियम पहुंचकर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े आयोजन की सफलता सिर्फ प्रशासन और आयोजन समिति से नहीं, बल्कि दर्शकों की सक्रिय भागीदारी से तय होती है।

गौरतलब है कि 1985 के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश को सीनियर नेशनल वॉलीबॉल चैंपियनशिप की मेजबानी मिली है और यह गौरव काशी को प्राप्त हुआ है। यह आयोजन केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि वाराणसी की खेल पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने वाला टर्निंग प्वाइंट माना जा रहा है। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी खेल नीति का परिणाम मानी जा रही है। बनारस को मिला अत्याधुनिक इनडोर स्टेडियम अब इस राष्ट्रीय खेल महोत्सव का केंद्र बनेगा। प्रतियोगिता खिलाड़ी संख्या की दृष्टि से देश की सबसे बड़ी वॉलीबॉल चैंपियनशिप के रूप में दर्ज होगी।

आयोजकों के अनुसार, इस महाकुंभ में देशभर से करीब 1500 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे, जिनमें लगभग 150 अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी शामिल होंगे। पुरुष और महिला दोनों वर्गों की टीमें अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगी। खिलाड़ियों और अधिकारियों के लिए स्टेडियम के पास ही आवासीय व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, जबकि महिला खिलाड़ियों के लिए विशेष हॉस्टल सुविधा स्टेडियम परिसर में उपलब्ध कराई गई है। प्रशासन और आयोजन समिति ने भरोसा जताया कि यह राष्ट्रीय चैंपियनशिप खेल, संस्कृति और संगठन के स्तर पर वाराणसी को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।


सोनू का शतक, हृदय प्रकाश की हुंकार

सोनू का शतक, हृदय प्रकाश की हुंकार 

152 रन की ऐतिहासिक जीत, पराड़कर से आज होगा फाइनल की टक्कर

सुरेश गांधी

वाराणसी। सिगरा स्टेडियम का मैदान मंगलवार को क्रिकेट के रोमांचक अध्याय का गवाह बना, जब सोनू के नाबाद शतकीय तूफान ने मुकाबले की तस्वीर ही बदल दी। 38वीं कनिष्कदेव गोरावाला स्मृति मीडिया क्रिकेट प्रतियोगिता के अंतिम लीग मुकाबले में हृदय प्रकाश एकादश ने गर्दे एकादश को 152 रनों से रौंदते हुए फाइनल में धमाकेदार प्रवेश किया। अब बुधवार, 31 दिसंबर को खिताबी जंग में हृदय प्रकाश एकादश की भिड़ंत पराड़कर एकादश से होगी।

टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए हृदय प्रकाश एकादश ने रन मशीन चालू कर दी। 20 ओवर में 5 विकेट पर 242 रनों का विशाल स्कोर खड़ा हुआ। इस रनपर्व के सूत्रधार रहे सोनू, जिन्होंने मात्र 59 गेंदों पर नाबाद 133 रन ठोक दिए। उनकी पारी में 23 चौके और 2 छक्के शामिल रहे, हर स्ट्रोक में आत्मविश्वास और आक्रामकता झलकती रही।

सलामी बल्लेबाज अमित मिश्रा ने 31 रन और इरफान ने 43 रनों की उपयोगी पारी खेलकर मजबूत आधार दिया। गर्दे एकादश की ओर से आशीष शुक्ला, पंकज चौबे और वरुण उपाध्याय को एक-एक सफलता मिली, लेकिन रनों के सैलाब को रोक पाना उनके लिए मुमकिन नहीं हुआ।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी गर्दे एकादश हृदय प्रकाश की सधी हुई गेंदबाजी के आगे टिक नहीं सकी। पूरी टीम 16.1 ओवर में महज 90 रन पर ढेर हो गई। दीपक राय ने 21 और आशीष शुक्ला ने 12 रन बनाए, जबकि 29 रन अतिरिक्त के रूप में मिले।

गेंदबाजी में पुरुषोत्तम ने 13 रन देकर 3 विकेट झटके। शंकर को दो विकेट मिले, जबकि इरफान, जमील, नीरज, सोनू और अमित ने एक-एक बल्लेबाज को पवेलियन की राह दिखाई।

मैच में हेमंत राय और मनोहर लाल ने अंपायरिंग तथा विपिन कुमार ने स्कोरिंग की भूमिका निभाई। खेल आयोजन समिति के संयोजक के.बी. रावत ने बताया कि प्रतियोगिता का समापन और पुरस्कार वितरण समारोह बुधवार को अपराह्न तीन बजे होगा, जिसमें नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल मुख्य अतिथि के रूप में खिलाड़ियों का सम्मान करेंगे। अब निगाहें फाइनल पर टिकी हैं, क्या सोनू का बल्ला फिर बोलेगा, या पराड़कर एकादश पलटवार करेगी? सिगरा स्टेडियम में एक और यादगार मुकाबले की पटकथा तैयार.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकिता ने सिस्टम को दिखाया आईना, अस्सी घाट पर मोबाइल चोर गिरोह बेनकाब

सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकिता ने सिस्टम को दिखाया आईना, अस्सी घाट पर मोबाइल चोर गिरोह बेनकाब

अस्सी घाट से छीना गया दो लाख का आई फोन, साहस, तकनीक और जिद से चोर के घर पहुंची अंकिता

रात में पुलिस ने निभाई औपचारिकता, सुबह 20 महंगे मोबाइल बरामद

सुरेश गांधी

वाराणसी। काशी की पहचान सिर्फ आध्यात्मिक नगरी की नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र की भी है। लेकिन नववर्ष और छुट्टियों के बीच अस्सी घाट पर जो हुआ, उसने पर्यटन सुरक्षा और पुलिसिंग के दावों की परतें खोल कर रख दीं। मोबाइल चोरों के एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश किसी स्पेशल पुलिस ऑपरेशन से नहीं, बल्कि एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर पर्यटक अंकिता गुप्ता नामक युवती के साहस, तकनीकी दक्षता और अडिग संकल्प से हुआ।

मुंबई के घाटकोपर निवासी उमेश गुप्ता की पुत्री अंकिता गुप्ता, जो पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, बनारस भ्रमण पर आई थीं। सोमवार की सायंकाल अस्सी घाट की भीड़ में एक उचक्का उनका करीब दो लाख रुपये कीमत का आई फोन छीनकर फरार हो गया। यह वही समय था जब घाटों पर पर्यटकों की संख्या चरम पर थी और सुरक्षा व्यवस्था कागजों तक सीमित नजर रही थी।

रपट दर्ज, कार्रवाई ठप

घटना के तुरंत बाद अंकिता ने भेलूपुर थाने को सूचना दी। पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली, लेकिन इसके बाद जांच की रफ्तार वहीं थम गई। पीड़िता ने मोबाइल का बिल, दस्तावेज, ईएमआई नंबर और अन्य जरूरी जानकारी पुलिस को सौंप दी, बावजूद इसके पुलिस ने तो लोकेशन ट्रेस की और ही संदिग्ध इलाके में तलाशी ली। यह स्थिति तब है, जब प्रदेश सरकार पुलिस को अत्याधुनिक तकनीक और संसाधन उपलब्ध कराने के दावे करती है।

जब पुलिस पीछे हटी, तब पीड़िता आगे बढ़ी

पुलिस की उदासीनता से निराश होकर अंकिता ने खुद मोर्चा संभाला। सॉफ्टवेयर इंजीनियर होने के नाते उन्होंने मोबाइल के ईएमआई नंबर को एक एप के जरिए ट्रेस किया। मोबाइल की लोकेशन लगातार एक ही स्थान पर दिखाई देती रही। रात करीब दो बजे अंकिता खुद उस लोकेशन पर पहुंच गईं और अकेले ही वहीं डटी रहीं। पत्रकार सुरेश गांधी के हस्तक्षेप के बाद पुलिस काफी देर से मौके पर पहुंची, लेकिन तो कमरे की तलाशी ली गई और ही संदिग्ध को दबोचने का प्रयास किया गया। औपचारिकता पूरी कर पुलिस ने वही पुराना आश्वासन दिया और लौट गई।

सुबह बदला घटनाक्रम

मोबाइल की लोकेशन रातभर जस की तस बनी रही। मंगलवार सुबह करीब पांच बजे अंकिता दोबारा उसी जगह पहुंचीं। इस बार आसपास के लोग भी जुट गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि संदिग्ध युवक चांदपुर चौराहा, जीटी रोड स्थित मकान मालिक राजेंद्र पटेल के यहां किराये पर रहता है। जब मकान मालिक ने कमरे का ताला खुलवाया तो चोर फरार हो चुका था, लेकिन कमरे के अंदर का दृश्य चौंकाने वाला था, वहां 15 से 20 महंगे मोबाइल फोन पड़े थे। अंकिता ने मौके पर ही अपने आई फोन की पहचान कर ली।

पुलिस को दोबारा बुलाना पड़ा

पत्रकार सुरेश गांधी की सूचना पर पुलिस एक बार फिर मौके पर पहुंची और सभी मोबाइल फोन को कब्जे में लिया। सवाल यह है कि यदि रात में ही गंभीरता दिखाई जाती, तो आरोपी की गिरफ्तारी के साथ पूरे नेटवर्क का खुलासा उसी समय हो सकता था।

लंबे समय से सक्रिय था गिरोह

स्थानीय लोगों के अनुसार अस्सी घाट, दशाश्वमेध और आसपास के इलाकों में मोबाइल चोरी की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। रोजाना 4 से 6 मोबाइल चोरी की चर्चा आम है, लेकिन ठोस कार्रवाई होने से चोरों के हौसले बुलंद थे। इस घटना ने साफ कर दिया कि यह कोई छुटपुट वारदात नहीं, बल्कि संगठित गिरोह का काम है।

पत्रकार संगठन ने उठाए सवाल

काशी पत्रकार संघ के महामंत्री जितेंद्र श्रीवास्तव ने पुलिस की भूमिका पर तीखा सवाल उठाते हुए कहा कि जब पीड़ित सटीक लोकेशन और तकनीकी साक्ष्य उपलब्ध कराए, तब भी कार्रवाई होना बेहद गंभीर विषय है। ऐसी पुलिसिंग से अपराधियों का मनोबल बढ़ता है और आम नागरिक का भरोसा टूटता है।

पुलिस का वर्जन

पुलिस का कहना है कि बरामद मोबाइल फोन को कब्जे में ले लिया गया है। फरार आरोपी की तलाश की जा रही है और मामले में विधिक कार्रवाई की जाएगी। बरामद मोबाइलों के आधार पर अन्य पीड़ितों की पहचान भी की जाएगी।

जब सिस्टम सुस्त हो तो कैसे रुके अपराध

यह घटना सिर्फ एक मोबाइल चोरी की कहानी नहीं है, बल्कि यह बताती है कि जब सिस्टम सुस्त हो जाता है, तब एक जागरूक, शिक्षित और साहसी नागरिक किस तरह पूरे गिरोह की परतें खोल सकता है। अस्सी घाट जैसे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल पर यदि पर्यटकों को खुद सुरक्षा की लड़ाई लड़नी पड़े, तो यह प्रशासन के लिए चेतावनी नहीं, बल्कि चुनौती है। फिरहाल, काशी की छवि तभी सुरक्षित रहेगी, जब कानून अपराधियों से तेज और पीड़ितों के साथ खड़ा नजर आएं.

72वीं सीनियर नेशनल वॉलीबॉल चैंपियनशिप की तैयारियों में जुटा नगर निगम

72वीं सीनियर नेशनल वॉलीबॉल चैंपियनशिप की तैयारियों में जुटा नगर निगम  4 से 11 जनवरी तक संपूर्णानंद स्टेडियम में होगा राष्ट्रीय खेल महाकुंभ...