हाथों में भगवा झंडे और जुबां पर जय श्रीराम के नारे...
राममय हुई
बाबा
विश्वनाथ
की
नगरी
काशी,
शोभायात्रा
में
उमड़ा
सनातनियों
का
सैलाब
लोगों ने
श्रद्धा
और
उल्लास
से
मनाया
मर्यादा
पुरुषोत्तम
भगवान
राम
का
जन्मोत्सव
हवन कुंडो
से
उठ
रहे
धुंए
से
माहौल
हुआ
भक्तिमय,
देवी
मंदिरों
में
उमड़ी
भक्तों
की
भीड़
जगह-जगह
से
निकली
जुलूसों
में
हुई
फूलों
की
बारिश,
जय
श्री
राम
के
नारे
गूंज
उठा
पूरा
शहर
जीवंत झांकियों
को
देख
श्रद्धालु
भाव
विभोर
हो
गए
आस्थावान
कैमरों में
इन
पलों
को
कैद
करने
की
रही
होड़
शोभायात्रा में
महिलाओं
ने
भी
बढ़
चढ़कर
हिस्सा
लिया
इस दौरान
कन्या
भोज
के
साथ
सभी
ने
मंदिरों
में
काफी
भंडारे
का
आयोजन
किया
सुरेश गांधी
वाराणसी। रामनवमी पर सुबह से
लोगों में उत्साह का
माहौल रहा। विभिन्न मंदिरों
में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी
रही। जुलूस के दौरान उस
वक्त अद्भुत नजारा देखने को मिला जब
भगवा रंग से सराबोर
रामभक्तों द्वारा फूल की वर्षा
की गई। इस दौरान
शहर के लोगों ने
आकाशीय नज़ारे का जमकर लुत्फ़
उठाया। समूचा शहर जय श्रीराम
के नारों के साथ गूंजता
रहा। या यूं कहे
भगवान भोले की नगरी
काशी का कोना-कोना
रामनवमी के अवसर पर
राममय हो उठा।
शहर की सभी
प्रमुख सड़कें भगवा रंग से
रंगी नजर आयीं। डीजे
व ढोल नंगाडो के
बीच रामभक्तों का उत्साह चरम
पर रहा। जुलूस के
दौरान भारी संख्या में
पुलिस बल तैनात किया
गया, साथ ही जुलूस
मार्ग को पहले से
ही बैरिकेड कर यातायात रोक
दिया गया था। लोगों
ने पूरे आस्था और
उल्लास के साथ मर्यादा
पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्मदिन
मनाया। घरों से लेकर
मंदिरों तक विविध आयोजन
किये गये। गंगा में
बजड़ों पर भगवान श्रीराम
के जन्म से राज्याभिषेक
तक की झांकी देखकर
श्रद्धालु निहाल हो उठे। भक्तगण
पूरी रात जागते हुए
राम नाम के महामंत्र
भजते रहे। शहर के
हर मंदिर, मठ में राम
जनम की धूम दिखायी
दी।

नवमी के साथ
ही नौ दिन तक
चले शक्ति आराधना के पर्व नवरात्रि
का समापन हुआ। श्रद्धालओं ने
हवन यज्ञ कर नवरात्रि
के संकल्प को पूरा किया।
शहर का कोना कोना
हवन कुंडों से निकल रहे
धुंए से भक्तिमय हो
उठा। कुछ भक्तों ने
अष्टमी को ही कुंवारी
कन्या पूजन की पंरपरा
का निर्वाह किया तो कुछ
ने नवमी के दिन
परंपरा निभायी। कुंवारी कन्याओं को वस्त्र, द्रव्य
समर्पित कर भोजन कराया
गया। बहुत से श्रद्धालुओं
ने नौ दिनों तक
उपवास रखा था। बता
दें, गुरुवार को सुबह ही
भगवाधारण कर बाइक सवार
निकले। लोगों को जुलूस में
आने की याद दिलायी।
दोपहर होते-होते गाजे-बाजे व झांकियों
के साथ मुहल्लों व
गावों के जुलूस शहरभर
में निकला।

जुलूस में शामिल लोग
भगवा ध्वज लेकर निकले।
वेश-भूषा राजाओं की
सेना की तरह। सिर
पर गेरूआ पगड़ी। कमर में गेरूआ
कमरबंद। एक हाथ में
तलवार व एक हाथ
में घोड़े की लगाम।
घुड़सवार आगे निकले। मानों
भगवान श्रीराम की सेना का
रास्ता बना रहे हो।
जुलूस की उद्घोषणा होते
ही जयश्रीराम का सिंहनाद हुआ।
आगे-आगे विशाल भगवा
पताका लेकर जुलूस के
अगुआ चले। फिर पीछे
भगवान श्रीराम की सेना झांकियों
के साथ शहर भ्रमण
के लिए निकल पड़े।
सड़क पर सिर्फ भगवा
ही भगवा व वातावरण
में जय श्रीराम व
भारत माया की जय
की गूंज रही।
रामनवमी
पर निकली भव्य शोभायात्रा के
दौरान शहर का वातावरण
राममयी हो गया। हर
तरफ जयश्रीराम के जयघोष के
बीच आगे बढ़ती शोभायात्रा
को देखने के लिए पूरा
शहर उमड़ पड़ा। भगवा
रंग में रंगी श्रीराम
की सेना झांकियों के
साथ शौर्य प्रदर्शन करते हुए शहर
के प्रमुख मार्गों से होकर निकली।
झांकी को कैमरों में
कैद करने के लिए
लोगों के बीच होड़
मची रही। महिलाएं व
युवतियां भी इस अविस्मरणीय
पल को क्लिक करने
में पीछे नहीं रही।
झांकी में शामिल युवाओं
ने भी खूब सेल्फी
ली व फेसबुक व
व्हाट्सएप पर पोस्ट की।
कुछ ने तो शहर
से बाहर रह रहे
सगे-संबंधियों व दोस्त-प्रेमियों
को वीडियो कॉलिंग के माध्यम से
अविस्मरणीय झांकी का सीधा प्रसारण
कराया।
रात में जुलूस
में शामिल भक्तों के कैमरों की
फ्लैश जुगनू की तरह टिमटिमाते
रहे। खास यह रहा
कि भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव पर
निकली झांकी में श्रीराम-भक्ति
व देश-भक्ति दोनों
एक साथ। जुलूस में
शामिल भक्त जय श्रीराम
व भारत माता के
जयघोष लगाते रहे। डीजे पर
बजे रहे गानों में
भी भजनों के साथ देशभक्ति
गीतों के मिश्रण ने
माहौल को खुशनुमा बना
दिया। फिल्मी गीतों के धुन पर
युवाओं के पांव खूब
थिरके। गाजे-बाजे के
साथ रथ पर सवार
राम, सीता व हनुमान
की झांकी देखते ही बनती थी।
जुलूस में शामिल लोगों
के लिए जगह-जगह
पर शरबत पानी की
व्यवस्था की गयी थी।
जुलूस के दौरान रथ
पर आगे श्रीरामचंद्र जी
को बैठाया गया था, पीछे
से शंकर भगवान हनुमान
सहित कई देवी देवताओं
का विशाल मनमोहक दृश्य बना कर लगाया
गया था। आकर्षक झांकियों
को निहारने के लिए सड़कों
पर भक्तों की भीड़ उमड़ी
थी। इस दौरान ताशा
प्रतियोगिता भी हुई, विजयी
प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया
गया। शोभायात्राओं में श्री राम
भक्तों ने गजब का
जोश दिखाया। तेज धूप गर्मी
के बीच आस्था और
उल्लास उत्साह से लबरेज श्रीराम
के भक्त महाबीरी पताके
व अस्त्र-शस्त्र लेकर जय श्री
राम का उद्घोष करते
हुए सड़कों पर उतरे। वाहनों
पर सजी झांकियां लोगों
को लुभा रही थी।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में अखंड रामायण पाठ
श्री काशी विश्वनाथ
धाम में राम नवमी
के मौके पर अखंड
रामायण पाठ का आयोजन
किया गया। इस समारोह
में न्यास के अधिकारियों के
अतिरिक्त प्रमुख रूप से प्रख्यात
वैदिक घनपाठी वेंकट रमण एवं काशी
विद्वत परिषद के महामंत्री रामनारायण
द्विवेदी उपस्थित रहे। इस दौरान
मंदिर चौक में प्रथम
नवरात्रि को स्थापित कलश
पूजा का समापन हवन
यज्ञ के साथ किया
गया। इस अवसर पर
विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिनिधि 9 मातृ
शक्ति मौजूद रही। श्रीराम के
सूर्यतिलक कार्यक्रम का सजीव प्रसारण
भी किया गया।
मुस्लिम महिलाओं ने उर्दू में पढ़ी राम आरती
वक्फ कानून
का
किया
समर्थन,
बोलीं-
हमारे
आराध्य
हैं
प्रभु
श्रीराम
वक्फ कानून को
लेकर एक तरफ पूरे
देश में कट्टरपंथी मौलानाओं
ने नफरत की आग
जला रखी है। वहीं
दूसरी तरफ, रामनवमी के
अवसर पर मुस्लिम महिलाओं
ने श्रीराम की महाआरती कर
नफरत की आग पर
प्रेम का पानी डालकर
बुझाने का संदेश दिया।
मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत
संस्थान के संयुक्त तत्वावधान
में मुस्लिम महिलाओं की श्रीराम महाआरती
का आयोजन लमही के सुभाष
भवन में किया गया।
इस अवसर पर डॉ.
अर्चना भारतवंशी, डॉ. मृदुला जायसवाल,
नगीना बेगम, चांदनी, रुखसाना, सितारा बानो, खुशबू जरीना, शमा, इकरा, नाजमा,
शमसुननिशा, सुनीता, सुमन प्रीति, आशा,
आभा भारतवंशी, मो. शहाबुद्दीन, नौशाद
अहमद दुबे, अब्दुल्ला दुबे, कलीमुद्दीन, इली, खुशी, उजाला,
दक्षिता आदि लोग मौजूद
रहे।
व्यापारियों ने निकाली शोभायात्रा
वाराणसी व्यापार मंडल एवं हिन्दू
जनजागृति समिति की ओर से
हिन्दू एकता शोभायात्रा निकाली
गयी। शोभायात्रा में प्रभु श्रीरामजी
के चरणों में सामूहिक प्रार्थना
कर रामराज्य के लिए कार्य
करने का संकल्प लिया
गया। शोभायात्रा का आरंभ धर्मध्वज
पूजन कर शंखनाद से
हुआ। यात्रा में सहभागी सभी
निरंतर ‘श्रीराम जय राम जय
जय राम’ का नामजप
कर रहे थे। यात्रा
के समय ‘एक ही
नारा एक ही नाम,
जय श्रीराम जय श्रीराम’, ‘पवनसुत
हनुमान की जय’ ऐसी
घोषणाओं से वातावरण गूंज
उठा। शोभायात्रा मैदागिन चौराहे से नीचीबाग, चौक,
बासफाटक, दशाश्वमेध चौराहे से होते हुए
चितरंजन पार्क में जाकर संपन्न
हुई। शोभायात्रा में वाराणसी व्यापार
मंडल के अध्यक्ष अजीत
सिंह बग्गा, कविन्द्र जायसवाल, मनीष गुप्ता, अरविंद
लाल, सुजीत शर्मा, श्रीमती प्रिया अग्रवाल, महंत अभिषेक पांडे,
विशालाक्षी मंदिर के महंत राजनाथ
तिवारी, ज्ञानवापी के संघर्षकर्ता सोहनलाल
आर्य, अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी, मनीष
पांडे, निधि जालान, रंजीता
सिंह, संजय गुप्ता, रमेश
गुप्ता, गुड़िया केशरी, सत्यदीप, हृदय सुनील चौरसिया,
प्रदीप जोशी, राधेश्याम लोहिया, शरद गुप्ता, आनंद
पटेल, सुनील निगम, मनीष गुप्ता, अंबे
सिंह, सच्चे लाल अग्रहरि, विश्वनाथ
दुबे, आरती शर्मा, जितेंद्,
अश्वनी गुप्ता, डॉ अजय जायसवाल,
सत्यनारायण सोनी, सुबोधचंद्र राय, जय प्रकाश
सिंह, निलेश सिंगबाल, श्रीमती प्राची जुवेकर आदि उपस्थित थे।
घर-घर प्रकट भए रामलला, रोशन हुए दीए
लोगों ने घरों में
भव्य तरीके से मर्यादा पुरुषोत्तम
श्रीराम का जन्म मनाया।
घर के मंदिर को
दुल्हन की तरह सजाया
गया था। आकर्षक विद्युत
रोशनी की गई थी।
मंदिरों की ही तरह
घंट घडियाल, शंख और ढोल
की धुन पर ‘दशरथ
के घर जन्मे राम,
पतित पावन सीताराम जैसे
भजनों से मुहल्ले गुंजयमान
थे। भए प्रगट कृपाला,
दीनदयाला.. के स्वर गूंजा
और भक्तों में खुशी की
लहर दौड़ गई। रविवार
को दोपहर 12 बजते ही श्रीराम
का जन्म हुआ, महाआरती
की गई। शहर से
लेकर गांवों तक में स्थापित
बजरंगबली मंदिरों में सादगी के
बीच ध्वजारोहण किया गया। ध्वजारोहण
स्थल पर प्रसाद बांटे
गए। राम जन्म के
बाद बाजो बधैया, अवध
में बाजो. भजन गाना शुरू
हो गया।