Saturday, 27 December 2025

नववर्ष की आहट पर बाबा की नगरी में आस्था का महासागर

नववर्ष की आहट पर बाबा की नगरी में आस्था का महासागर 

काशी विश्वनाथ धाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की ऐतिहासिक भीड़, पहले ही दिन 10 लाख से अधिक आगमन का अनुमान

मां गंगा के घाटों पर भी आस्था का ज्वार देखने को मिल रहा है

गंगा स्नान और नौका विहार के लिए लाखों श्रद्धालु दशाश्वमेध, अस्सी, नमो घाट, संकटमोचन और सारनाथ की ओर उमड़ पड़े हैं

कोहरे और ठंड के बीच जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें लगातार निगरानी में जुटी हैं

सुरेश गांधी

वाराणसी। नववर्ष के स्वागत और वर्ष 2025 की विदाई की बेला में काशी एक बार फिर आस्था के विराट उत्सव में डूब गई है। बाबा विश्वनाथ की नगरी में श्रद्धालुओं का ऐसा सैलाब उमड़ा कि हर गली, हर घाट और हर चौराहा शिवभक्ति की धड़कन से गूंज उठा। शनिवार को कपाट बंद होने तक ही पांच लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर चुके थे, जबकि दोपहर तक ही दो लाख से अधिक भक्तों ने बाबा दरबार में हाजिरी लगा दी थी।

नए साल के पहले दिन यह संख्या दस लाख के पार जाने का अनुमान है। यही कारण है कि मंदिर प्रशासन से लेकर पुलिस और यातायात विभाग तक को अभी से कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। दशाश्वमेध क्षेत्र से लेकर मंदिर परिसर तक श्रद्धालुओं की भीड़ इस कदर फैल गई कि प्रशासन को महाकुंभ और सावन जैसी व्यवस्थाएं लागू करनी पड़ीं। काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि काशी में भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। व्यवस्थाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं, ताकि दर्शन व्यवस्था बाधित हो और श्रद्धालुओं को सुरक्षित सुलभ दर्शन मिल सके। मंदिर परिसर में बैरिकेडिंग की व्यवस्था पूरी तरह सुनिश्चित कर दी गई है और सभी श्रद्धालु निर्धारित मार्ग से ही बाबा के झांकी दर्शन कर रहे हैं।

भीड़ की गंभीरता को देखते हुए नए साल से पहले मंदिर प्रशासन ने टप्च् एंट्री और स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी है। अब केवल झांकी दर्शन की ही अनुमति दी गई है। प्रशासन का स्पष्ट संदेश है, “हमारे लिए सभी श्रद्धालु वीवीआईपी हैं।हालांकि प्रोटोकॉल से आने वाले लोगों के लिए अलग गेट निर्धारित किया गया है, जिससे व्यवस्था संतुलित बनी रहे। मंदिर प्रशासन लगातार अनाउंसमेंट के माध्यम से श्रद्धालुओं को दिशा-निर्देश दे रहा है, किस गेट से प्रवेश करना है, किस मार्ग से निकलना है, इसकी स्पष्ट जानकारी दी जा रही है, ताकि किसी को असुविधा हो।

दूसरी ओर, मां गंगा के घाटों पर भी आस्था का ज्वार देखने को मिल रहा है। गंगा स्नान और नौका विहार के लिए लाखों श्रद्धालु दशाश्वमेध, अस्सी, नमो घाट, संकटमोचन और सारनाथ की ओर उमड़ पड़े हैं। कोहरे और ठंड के बीच जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें लगातार निगरानी में जुटी हैं। यातायात सुगमता बनाए रखने के लिए कई मार्गों पर वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है। गलियों से लेकर सड़कों तक श्रद्धालुओं की अटूट कतारें आधी रात तक नजर रही हैं। हर कोई नए साल की पहली सुबह बाबा विश्वनाथ के दर्शन और मां गंगा के पावन स्नान के साथ अपने जीवन का नया अध्याय शुरू करना चाहता है। नववर्ष की पूर्व संध्या पर काशी यह संदेश दे रही है कि यह केवल एक शहर नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और चेतना का जीवंत तीर्थ है, जहां हर कदम पर भक्ति है, हर सांस में शिव है और हर दृश्य में अनंत विश्वास।

 

संतोष की तूफानी फिफ्टी, पराड़कर एकादश ने 49 रन से दर्ज की शानदार जीत

संतोष की तूफानी फिफ्टी, पराड़कर एकादश ने 49 रन से दर्ज की शानदार जीत 

38वीं कनिष्कदेव गोरावाला स्मृति मीडिया क्रिकेट प्रतियोगिता

सुरेश गांधी

वाराणसी। मैन ऑफ मैच संतोष यादव की विस्फोटक अर्द्धशतकीय पारी के दम पर पराड़कर एकादश ने 38वीं कनिष्कदेव गोरावाला स्मृति मीडिया क्रिकेट प्रतियोगिता में प्रभावशाली जीत हासिल की। संतोष यादव ने मात्र 24 गेंदों पर 8 चौके और 2 छक्कों की मदद से 55 रन ठोकते हुए मुकाबले की दिशा ही बदल दी। उनके शानदार प्रदर्शन की बदौलत पराड़कर एकादश ने ईश्वरदेव मिश्र एकादश को 49 रन से पराजित किया।

डॉ. सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, सिगरा में पहले बल्लेबाजी करते हुए पराड़कर एकादश ने निर्धारित 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 182 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया। टीम की ओर से संतोष यादव के अलावा सुरेंद्र तिवारी ने 22, सागर यादव ने 24, प्रशांत मोहन ने 18 और अभिषेक कश्यप ने 16 रन का योगदान दिया। ईश्वरदेव मिश्र एकादश की तरफ से पंकज मिश्रा ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट चटकाए, जबकि अभिषेक सिंह, सुशांत मुखर्जी और विजेंद्र को एक-एक सफलता मिली।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी ईश्वरदेव मिश्र एकादश की शुरुआत ठीक रही, लेकिन नियमित अंतराल पर विकेट गिरने से टीम दबाव में गई। विजेंद्र ने 42 रन बनाए, जबकि अभिषेक सिंह ने 48 गेंदों पर पांच चौके और दो छक्कों की मदद से 60 रन की जुझारू पारी खेली। इनके अलावा अन्य बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके और पूरी टीम 20 ओवर में 7 विकेट पर 133 रन ही बना सकी।

पराड़कर एकादश की ओर से प्रगांत मोहन ने घातक गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट झटके, जबकि दोनबंधु राय और धवल चौरसिया ने 2-2 विकेट लेकर जीत की नींव रखी। मैच से पूर्व विकास एजुकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. .के. सिंह ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर प्रतियोगिता का उत्साहवर्धन किया। मुकाबले में अंपायर की भूमिका हेमंत राय और कृष्णा तिवारी ने निभाई, जबकि एस.के. यादव स्कोरर रहे। खेल संयोजक कृष्ण बहादुर रावत ने बताया कि रविवार को प्रतियोगिता का अवकाश रहेगा सोमवार, 29 दिसंबर 2025 को सुबह 1030 बजे से विद्या भास्कर एकादश और ईश्वरदेव मिश्र एकादश के बीच मुकाबला होगा.

खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बढ़ती मांग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती

खरीदारी का उत्साह चरम पर, 8 दिन में 1.63 करोड़ की रिकॉर्ड बिक्री

खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बढ़ती मांग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती 

सोमवार 29 दिसंबर को खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी का होगा समापन

सुरेश गांधी

वाराणसी। स्वदेशी की खुशबू और आत्मनिर्भर भारत की सोच को साकार कर रही खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में खरीददारों की जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। उप्र खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा अर्बन हाट प्रांगण, चौकाघाट में आयोजित दस दिवसीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी का समापन अब सोमवार 29 दिसंबर को होगा। समापन से पहले ही प्रदर्शनी ने बिक्री के नए कीर्तिमान स्थापित कर दिए हैं।

परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी यू.पी. सिंह ने बताया कि प्रदर्शनी के आठ दिनों में 125 स्टालों से कुल बिक्री 1.63 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच चुकी है, जो खादी एवं ग्रामोद्योग परिवार के लिए उत्साहवर्धक संकेत है। उन्होंने कहा कि खादी के साथ हमारी आज़ादी जुड़ी है। खादी असली स्वदेशी कपड़ा है और यह बेरोजगारी हटाने का सशक्त माध्यम भी है।

यू.पी. सिंह ने बताया कि कपास, रेशम और ऊन के हाथ कते सूत से भारत के हथकरघों पर बुना गया वस्त्र ही खादी है। खादी की विशेषता यह है कि यह गर्मी में ठंडक और सर्दी में गर्माहट देती है, जिससे मौसम के प्रभाव से काफी राहत मिलती है। उन्होंने कहा कि एक समय खादी को साधारण वस्त्र माना जाता था, लेकिन आज फैशन के दौर में खादी की मांग लगातार बढ़ रही है और हर उम्र के लोग इसे पसंद कर रहे हैं।

प्रदर्शनी का उद्देश्य केवल बिक्री नहीं, बल्कि आम लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना और स्वदेशी उत्पादों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देना है। इसी सोच के तहत प्रदर्शनी में वाराणसी के साथ-साथ उत्तराखंड और प्रदेश के प्रतापगढ़, मीरजापुर, कुशीनगर, प्रयागराज सहित अन्य जनपदों की पंजीकृत इकाइयों ने भागीदारी की है।

प्रदर्शनी में कुल 125 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें 22 खादी एवं 103 ग्रामोद्योग के स्टॉल शामिल हैं। यहां खादी वस्त्रों के साथ-साथ हस्तशिल्प, मधु उत्पाद, अगरबत्ती, मसाले, सजावटी वस्तुएं और घरेलू उपयोग के स्वदेशी उत्पाद लोगों को खासा आकर्षित कर रहे हैं।

नववर्ष की आहट पर बाबा की नगरी में आस्था का महासागर

नववर्ष की आहट पर बाबा की नगरी में आस्था का महासागर  काशी विश्वनाथ धाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की ऐतिहासिक भीड़ , पहले ही द...