Saturday, 20 December 2025

कोहरा, गलन और सन्नाटा : थमी उड़ानों की रफ्तार, पटरियों पर रेंगती ट्रेनें

कोहरा, गलन और सन्नाटा : थमी उड़ानों की रफ्तार, पटरियों पर रेंगती ट्रेनें 

पहाड़ी क्षेत्रों से आई ठंडी पछुआ हवा ने बढ़ाई कंपकंपी, स्कूलों का समय बदला, गिरते तापमान ने बढ़ाई कंपकंपी

सुरेश गांधी

वाराणसी। उत्तर भारत इस समय कड़ाके की ठण्ड और घने कोहरे की दोहरी मार झेल रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों से उतर रही बर्फीली हवाओं और वातावरण में बढ़ी नमी के कारण मैदानी इलाकों में कोहरे ने ऐसा डेरा डाला है कि सुबह के समय दृश्यता कई स्थानों पर 50 मीटर से भी कम दर्ज की जा रही है। हालात यह हैं कि दिन की शुरुआत धुंध की मोटी चादर के साथ होती है और दोपहर तक भी सूरज पूरी तरह असर नहीं दिखा पा रहा। इससे जनजीवन के साथ-साथ परिवहन व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

मौसम विभाग के अनुसार पूर्वांचल सहित पूरे उत्तर प्रदेश में तापमान सामान्य से 4 से 8 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला गया है।  वाराणसी पूर्वांचल में न्यूनतम तापमान 8 से 9 डिग्री और अधिकतम 17 से 18 डिग्री के आसपास बना हुआ है। लखनऊ अवध क्षेत्र में रात का पारा 7 से 8 डिग्री तक लुढ़क चुका है, जबकि दिन का तापमान भी 16 से 17 डिग्री से ऊपर नहीं चढ़ पा रहा, जिससे शीत दिवस जैसी स्थिति बनी रही। ठण्ड के कारण सुबह-शाम सर्द हवाएं शरीर को चीरती महसूस हो रही हैं और धूप की कमी से दिन भी सर्द बने हुए हैं।

वाराणसी सहित पूरा पूर्वांचल इन दिनों शीतलहर और कोहरे की दोहरी मार झेल रहा है। भोर होते ही मैदान, सड़कें और गलियां सफेद धुंध की चादर में गुम हो जाती हैं। सूरज मानो अपनी तपिश भूल बैठा है और पछुआ हवाएं हड्डियों में उतरती ठंड का एहसास करा रही हैं। वाराणसी, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, बलिया, मउ, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, प्रयागराज, गोरखपुर, अयोध्या समेत पूरे पूर्वांचल के जिलों में शनिवार सुबह घना कोहरा छाया रहा।

पहाड़ी क्षेत्रों की ओर से रही नमी और ठंडी हवाओं (पश्चिमी विक्षोभ) ने गलन को और तीखा कर दिया है। कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश इस वक्त शीत की गिरफ्त में है। कोहरा और गलन फिलहाल विदा लेने को तैयार नहीं। ऐसे में सतर्कता, संयम और प्रशासनिक तैयारियां ही ठंड के इस कठिन दौर में सबसे बड़ा सहारा हैं। प्रशासन और मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि कोहरे में वाहन धीमी गति से चलाएं, फॉग लाइट और लो बीम हेडलाइट का उपयोग करें, सुरक्षित दूरी बनाए रखें और अत्यधिक घने कोहरे में यात्रा से बचें।

रेलवे पर कोहरे की सबसे बड़ी मार

घने कोहरे का सबसे गहरा असर रेल यातायात पर पड़ा है। उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के कई प्रमुख रूटों पर ट्रेनों की गति सीमित करनी पड़ी है। सुरक्षा कारणों से ड्राइवरों को सिग्नल स्पष्ट दिखने तक ट्रेनों को धीमी रफ्तार से चलाना पड़ रहा है। नतीजतन कई ट्रेनें 2 से 10 घंटे तक विलंब से अपने गंतव्य पर पहुंच रही हैं। प्लेटफार्मों पर यात्री ठण्ड से बचने के लिए अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा लेते नजर आए, वहीं लंबा इंतजार यात्रियों के धैर्य की परीक्षा लेता रहा।

हवाई उड़ानों पर भी ब्रेक

कोहरे ने हवाई यातायात को भी खासा प्रभावित किया है। वाराणसी, लखनऊ और दिल्ली जैसे हवाई अड्डों पर कम दृश्यता के कारण कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि अनेक विमानों को देरी से उड़ान भरनी पड़ी। यात्रियों को घंटों एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ा। एयरलाइंस की ओर से यात्रियों को उड़ान से पहले स्थिति जांचने की सलाह दी जा रही है।

सड़क यातायात : खतरे के साए में सफर

सुबह और देर शाम के समय हाईवे और शहर की सड़कों पर दृश्यता बेहद कम रही। कोहरे के कारण वाहन चालकों को फॉग लाइट, धीमी गति और अतिरिक्त सतर्कता का सहारा लेना पड़ा। इसके बावजूद कई स्थानों पर सड़क दुर्घटनाओं की खबरें सामने आईं। प्रशासन ने अनावश्यक यात्रा से बचने और सुरक्षित ड्राइविंग की अपील की है।

प्रशासनिक तैयारी और अलर्ट

मौसम विभाग ने अगले 24 से 48 घंटे तक घना कोहरा और शीतलहर बने रहने की चेतावनी जारी की है। कई जिलों में अलर्ट घोषित किया गया है। ठण्ड को देखते हुए प्रशासन ने रैन बसेरों, अलाव और स्वास्थ्य सेवाओं को सक्रिय किया है। स्कूलों के समय में बदलाव और बुजुर्गों-बच्चों के लिए विशेष सावधानी बरतने की सलाह भी दी गई है। मतलब साफ है हर साल की तरह इस बार भी ठण्ड और कोहरा यह सवाल खड़ा कर रहे हैं कि क्या हमारी तैयारियां पर्याप्त हैं। मौसम की यह चुनौती अब नई नहीं रही, फिर भी हर सर्दी में परिवहन और जनजीवन ठहर सा जाता है। जरूरत है कि मौसम पूर्वानुमान के आधार पर पहले से ठोस रणनीति बनाई जाए, ताकि कोहरा केवल प्राकृतिक घटना बनकर रहे, जनजीवन के लिए संकट बने।शीत की चादर में लिपटा काशी सहित पूरा पूर्वांचल

रिकॉर्ड तोड़ ठंड, दिन में भी अलाव

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ठंड ने बीते आठ वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यहां अधिकतम तापमान सामान्य से छह से 8 डिग्री नीचे 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जबकि न्यूनतम तापमान 8 डिग्री पर गया। प्रदेश के कई हिस्सों में दिन का पारा 5 से 8 डिग्री तक लुढ़क गया, जिससे लोगों को दोपहर में भी अलाव और हीटर का सहारा लेना पड़ा। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट संभव है।

रेल और आसमान पर कोहरे की मार

घने कोहरे का असर यातायात पर साफ दिखा। प्रदेश में करीब 50 ट्रेनें देरी से चलीं। वाराणसी एयरपोर्ट पर दृश्यता घटने के कारण सात उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। लखनऊ, कानपुर, बरेली, गोरखपुर और कुशीनगर में दृश्यता शून्य रही, जबकि बहराइच, हरदोई और शाहजहांपुर में यह 30 मीटर तक सिमट गई।

काशी में रेड अलर्ट, स्कूलों का समय बदला

वाराणसी में कोहरे ने गलन और बढ़ा दी। मौसम विभाग ने कोल्ड वेव का रेड अलर्ट जारी किया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर बीएसए ने नर्सरी से इंटर तक सभी बोर्ड के स्कूलों का समय बदल दिया है। अब स्कूल सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक ही संचालित होंगे। साथ ही बढ़ती शीतलहर को देखते हुए कक्षा 1 से 12 तक के स्कूलों की कक्षाएं सुबह 9 बजे के बाद शुरू होंगी। पढ़ाई का समय 930 से 230 कर दिया गया है। कड़ाके की सर्दी और कोहरे के चलते कक्षा 1 से 8 तक के सभी स्कूलों में 20 दिसंबर तक अवकाश घोषित कर दिया गया है।

सीएम योगी के सख्त निर्देश

मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को पूरी तरह सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। हाईवे और एक्सप्रेसवे पर पेट्रोलिंग बढ़ाने, ब्लैक स्पॉट पर अतिरिक्त निगरानी, क्रेन एंबुलेंस 24 घंटे उपलब्ध रखने और टोल प्लाजा पर लाउडस्पीकर से कोहरे की चेतावनी देने को कहा गया है। साथ ही निराश्रितों को रैन बसेरों में पहुंचाकर अलाव, हीटर और कंबल की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा गोशालाओं में भी ठंड से बचाव के इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं।

कोहरा, गलन और सन्नाटा : थमी उड़ानों की रफ्तार, पटरियों पर रेंगती ट्रेनें

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