Thursday 30 March 2023

डॉ. धीरज का श्रीरामचरितमानस के हिंदी काव्यरुप में घर-घर पहुंचाने का संकल्प

डॉ. धीरज का श्रीरामचरितमानस के हिंदी काव्यरुप में घर-घर पहुंचाने का संकल्प

विमोचन से पहले लेखक डॉ. धीरज भटनागर ने बाबा विश्वनाथ धाम में भेंट की श्रीरामचरित मानस की हिन्दी काव्यानुवाद रायायण

4 अप्रैल को दिल्ली में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती द्वारा होगा हिन्दी रामायण का विमोचन

सुरेश गांधी

वाराणसी। आयकर आयुक्त सहित कई सरकारी सेवाओं के उच्च पदों को संभाल चुके अर्थशास्त्री डॉ. धीरज भटनागर ने श्रीरामचरितमानस का हिंदी भाषा मे काव्यानुवाद किया है। इस हिन्दी काव्य अनुवाद रामायण को उन्होंने हिन्दुस्तान के घर-घर में पहुंचाने का बीडा उठाया है। उनकी यह सोच कोरोनाकाल में विकसित हुई और दो वर्षों में गोस्वामी तुलसीदासकृत श्रीरामचरितमानस को खड़ी बोली हिंदी में काव्य अनुवाद कर डाला। इस हिंदी काव्य अनुवाद का उद्देश्य अवधि में रचित श्रीरामचरितमानस को बोधगम्य बनाना है। खास यह है कि इस काव्य अनुवाद के सुंदरकांड को सोशल मीडिया तथा यूट्यूब पर ऑडियो रूप में भी लांच किया जा रहा है। 


इस काव्य अनुवाद का विमोचन 4 अप्रैल को सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में पूज्नीय जगतगुरु शंकराचार्य ज्योतिष पीठाधीश्वर स्वामी श्री वासुदेवानंद सरस्वती द्वारा किया जायेगा। इसके पहले गुरुवार को रामनवमी के मौके पर डॉ भटनागर ने इस काव्य अनुवाद रामायण को बाबा विश्वनाथ धाम में समर्पित किया। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कॉमेडी के बेताज बादशाह कपिल शर्मा ने अपनी आवाज में गाएं हुए ऑडियो क्लिप साझा करते हुए ट्वीटर पर लिखा, “रामनवमी के शुभ दिन पर, डॉ. धीरज भटनागर द्वारा श्री रामचरितमानस के पहले हिंदी अनुवाद पर आधारित सुंदरकांड का गायन करके धन्य महसूस कर रहा हूं.“ अर्चना पूरन सिंह नेओमके साथ जवाब दिया. कई फैंस और फॉलोअर्स ने कपिल की तारीफ की और बधाई भी दी

गुरुवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ. धीरज भटनागर ने बताया कि श्रीरामचरितमानस का हिंदी भाषा मे काव्यानुवाद मानस की मूल भावना के अनुकूल ही है। महाकाव्य को घर-घर तक पहुंचाने का उनका प्रयास है। उनका मानना है कि रामकृपा से ही मनुज को तन मिलता है, जो साधन का धाम और मोक्ष का द्वार है। उनके अनुसार राम कृपा से ही राम कथा कहने सुनने की सुमति आती है। डॉ भटनागर ने कहा कि श्रीरामचरितमानस और महाभारत ऐसे दो महाकाव्य हैं, जिनके आधार पर भारतीय संस्कृति का विकास हुआ है। गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा अवधी भाषा में रचित श्रीरामचरितमानस भारतीय भाषाओं में लिखा गया सबसे प्रमुख महाकाव्य है। रामचरितमनस का अर्थ है भगवान राम की लीलाओं का सरोवर। प्रभु श्रीराम का जीवन चरित्र भारतीय अवचेतना सर का मूल आधार है। राम के चरित्र चित्रण में गोस्वामी जी ने एक आदर्श पुत्र, एक आदर्श भाई, एक आदर्श पति और एक आदर्श शासक के गुण तथा उपरोक्त सभी भूमिकाओं में संतुलन निर्वाह का बखूबी वर्णन किया है। राम का चरित्र एक ऐसा सशक्त चरित्र है, जो असत्य पर सत्य की विजय की उपादेयता को प्रतिपादित करता है और भारतीय मूल्य प्रणाली और समाज में आचरण के मानदंड को परिभाषित करता है। राम चरित्र के धागों से भारतीय सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों का ताना-बाना बुना है, वही लोक प्रशासन में रामराज्य की उपमा स्वर्ण मानक मानी जाती है।

उन्होंने कहा कि रामकथा को जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से मध्यकाल में संस्कृत के प्रकांड पंडित गोस्वामी तुलसीदास जी ने राम कथा को रामचरितमानस के रूप में उत्तर भारत में प्रचलित जन भाषा अवधि में लिखना चुना। इस महाकाव्य का गेय स्वरूप होने के कारण भक्ति भाव से अखंड रामायण अथवा इसके सुंदरकांड का घर घर में गायन किया जाता है। अति कर्णप्रिय और अर्थवान होने पर भी चूकि यह अनुपम महाकाव्य मध्यकाल की जन भाषा अवधी भाषा में लिखा गया है इसका सही सही अर्थ अधिकांश हिंदी भाषियों को भी समझ में नहीं पाता है। जिस उद्देश्य से गोस्वामी जी ने रामकथा को जन भाषा अवधि में लिखने का निश्चय किया था वह आज पुनः प्रासंगिक है। यह समसामयिक आवश्यकता है कि अवधि में लिखे इस अद्भुत महाकाव्य को हिंदी काव्य रूप में घर-घर तक पहुंचाया जाएं। ऐसे ही शुभ संकल्प के साथ धीरज भटनागर ने पिछले दो साल में कृत श्रीराम चरित मानस का खड़ी बोली हिन्दी में काव्य अनुवाद संपूर्ण किया है। इसका लोकार्पण मंगलवार 4 अप्रैल अपराह्न 3 बजे से सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। इस मौके पर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामराजेश्वर आचार्य, श्री महंत रवींद्र पुरी जी, स्वामी श्री जितेंद्रानंद जी, दंडी स्वामी जितेंद्रनाथ सरस्वती जी, अनुराग ठाकुर सूचना प्रसारण मंत्री, मंत्री भूपेंद्र यादव श्रम और रोजगार मंत्री सुधांशु त्रिवेदी राज्यसभा सदस्य उपस्थित रहेंगे।

Friday 24 March 2023

टीबी को 2025 तक खत्म करने का संकल्प : पीएम मोदी

टीबी को 2025 तक खत्म करने का संकल्प : पीएम मोदी

वसुधैव कुटुंबकमकी भावना से दुनिया को मिल रहा नया नजरिया

कहा, टीबी हारेगा, भारत जीतेगा...

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़ा एक किस्सा सुनाते हुए बताया कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने उनका सपना पूरा किया

विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर समिट अंतरराष्ट्रीय संगठन संगठनस्टाप टीबी पार्टनरशिपऔर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेन्शन सेंटर में आयोजित किया गया

इसमें ब्राज़ील, नाइजीरिया समेत विभिन्न देशों के प्रतिनिधि, विशेषज्ञ, सहयोगी संस्थाएं नीति नियंत्रक ने भाग लिया

प्रतिभागी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और गांवों में भी जाएंगे

सुरेश गांधी

वाराणसी। विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी से देश को टीबी मुक्त करने के अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गति दी। वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में समिट अंतरराष्ट्रीय संगठन संगठनस्टाप टीबी पार्टनरशिपऔर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से वन वर्ल्ड टीबी समिट में पीएम मोदी ने टीबी मुक्त पंचायत अभियान का शुभारंभ करते हुएभारत अब वर्ष 2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है. जबकि विश्व में इसका लक्ष्य 2030 तक है। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़ा एक किस्सा सुनाते हुए बताया कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने उनका सपना पूरा किया। इसमें ब्राज़ील, नाइजीरिया समेत विभिन्न देशों के प्रतिनिधि, विशेषज्ञ, सहयोगी संस्थाएं नीति नियंत्रक भाग ले रहे है। तीन दिवसीय समिट में क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के संबंध में विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी। प्रतिभागी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और गांवों में भी जाएंगे। 

अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि टीबी हारेगा, भारत जीतेगा... आपने कहा कि टीबी हारेगा, दुनिया जीतेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधी जी को कुष्ठ रोग अस्पताल के उद्घाटन के लिए बुलाया गया, लेकिन उन्होंने जाने से इन्कार कर दिया। गांधी ने कहा कि जब अस्पताल में ताला लगाने के लिए बुलाया जाएगा तो जरूर आऊंगा। दरअसल, गांधी जी ने कुष्ठ रोग से निजात के लिए अभियान छेड़ रखा था। उन्हें लगता था कि देश कुष्ठ रोग से मुक्त होना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2001 में गुजरात की जनता ने भाजपा मुझे सेवा का अवसर दिया। तब कुष्ठ रोग का आंकड़ा 23 फीसदी था। कुछ समय में ही इसे घटाकर एक फीसदी पर ले आए। कुछ समय बाद गुजरातवासियों को कुष्ठ रोग से निजात मिल गई। कुष्ठ रोग अस्पताल पर भी ताला लग गया। गांधी जी चाहते थे कि कुष्ठ रोग से निजात मिले और अस्पताल बंद हो जाए। ठीक उसी तरह हमने देश को टीबी मुक्त करने का बीड़ा उठाया है।

पीएम मोदी ने कहा किवन वर्ल्ड टीबी समिट के जरिये भारत एक नया संकल्प पूरा कर रहा है। भारत का यह प्रयास टीबी के खिलाफ वैश्विक है। पिछले 9 वर्ष में भारत टीबी के लिए जनभागीदारी, इलाज के लिए नई रणनीति, नई तकनीक जैसे खेलो इंडिया, योग। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है जनभागीदारी। भारत में टीबी को स्थानीय भाषा में क्षय कहा जाता है। उन्होंने कहा कि विदेश से आए अतिथियों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में टीबी मरीजों को लोग गोद ले रहे हैं। इसे भारत में निक्षय मित्र कहा जाता है। मैं आपका आभारी हूं कि आज आपने काशी के पांच लोगों को गोद लिया।

टीबी की 80 प्रतिशत दवाएं भारत में बनती है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का भारत अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने वाले के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि वन वर्ल्ड टीबी समिट के जरिये भारत एक नए संकल्प पूरा कर रहा है। भारत का यह प्रयास टीबी के खिलाफ वैश्विक है। भारत में टीबी को स्थानीय भाषा में क्षय कहा जाता है। उन्होंने कहा कि विदेश से आए अतिथियों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में टीबी मरीजों को लोग गोद ले रहे हैं। इसे भारत में निक्षय मित्र कहा जाता है। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों के पोषण के लिए वर्ष 2018 से डीबीटी के लिए 2000 करोड़ उनके बैंक खाते में भेजे गए। इससे करीब 75 लाख मरीजों को लाभ पहुंचा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोई भी इलाज से छूटे नहीं इसके लिए हमने नई रणनीति पर काम शुरू किया है। उन्होंने बताया कि आज टीबी के लिए 80 प्रतिशत दवाएं भारत में बनती हैं। नई व्यवस्था के तहत अब तीन महीने ही मरीजों को दवा लेनी होगी। इससे मरीजों को सुविधा मिलेगी। मरीजों को ट्रैक करने के लिए आईसीएमआर के साथ मिलकर निक्षय पोर्टल बनाया गया है। कर्नाटक और जम्मू कश्मीर राज्य को टीबी से मुक्त करने के लिए पुरस्कार दिया गया है। कोविड काल से ही हम स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने में जुटे हैं। आज टीबी के लिए 80 प्रतिशत दवाएं भारत में बनती है।

यस वी कैन-यस वी विलका नारा

प्रधानमंत्री ने भारत की विचारधारा वसुधैव कुटुम्बकम की बात करते हुए एक विश्व की बात कही। उन्होंने जी-20 की थीमएक पृथ्वी-एक कुटुंब-एक भविष्यको भी दोहराया। अंत में उन्होंनेयस वी कैन-यस वी विलका नारा भी दोहराया। प्रधानमंत्री ने तीन दिवसीय वन वर्ल्ड टीबी समिट कार्यक्रम में टीबी के क्षेत्र में एक प्रमुख पहल लॉन्च की। जिसमें इंडिया टीबी रिपोर्ट- 2023, फॅमिली हेल्पलाइन नंबर, टीबी मुक्त पंचायत अभियान, क्रमबद्ध निवारक उपचार जिसमें की केवल 12 खुराक दी जाती शामिल हैं। पीएम ने कहा- हमने टीबी से लड़ने किए लोगों से नि-क्षय मंत्र बनने को कहा। काशी नगरी, वो शाश्वत धारा है, जो हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी रही है। कुछ समय पहले ही भारत नेएक पृथ्वी-एक कुटुंब-एक भविष्यके विजन को भी आगे बढ़ाने की पहल की है और अब, वह पूरा होता दिख रहा है। टीबी के खिलाफ लड़ाई में, भारत ने जो काम किया है, वो जनभागीदारी है। एक देश के तौर पर भारत की विचारधारा का प्रतिबिंब वसुधैव कुटुंबकम् यानीपूरी दुनिया एक परिवार हैकी भावना में झलकता है। ये प्राचीन विचार आज आधुनिक विश्व को एकीकृत दृष्टि और एकीकृत समाधान दे रहा है। इसलिए भारत ने जी-20 की भी थीम रखी है, एक दुनिया एक परिवार एक भविष्य। 2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच और अप्रोच के साथ टीबी के खिलाफ काम करना शुरू किया, वो वाकई अभूतपूर्व है। भारत के ये प्रयास पूरे विश्व को इसलिए भी जानने चाहिए क्योंकि ये टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है। बीते 9 वर्षों में भारत ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में अनेक मोर्चो पर एक साथ काम किया है। 

यूपी में मृत्युदर में कमी आई है : सीएम योगी

सीएम ने कहा- प्रदेश में सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। यूपी में मृत्युदर में कमी आई है। पीएम मोदी के नेतृत्व में 2025 तक टीबी हारेगा और भारत जीतेगा। उन्होंने कहा कि इसमें जनभागीदारी बहुत आवश्यक है। टीबी के मरीजों में जागरूकता की कमी है। हमने उनको जागरूक करना होगा। काशी में बीते कुछ वर्षों से स्वास्थ्य सेवाओं में बहुत विकास हुआ है। अब लोगों को इलाज के लिए दिल्ली और मुंबई नहीं जाना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत हुई हैं। जनऔषधि केंद्र से लोगों को सस्ती दवाएं मिल रही है। भारत हर देश के साथ टीबी के लिए कंधे से कांधा मिलाकर खड़ा है। मैं आपका आभारी हूं कि इस कार्यक्रम में आने के लिए आपने मुझे आमंत्रित किया। आज स्टॉप टीबी कैंपेन का जो थीम दिया गया है ये वास्तव में उनके संकल्पों को मजबूती प्रदान करने और उसे आगे बढ़ाने का है। 

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के देश 21 फीसदी टीबी के मरीज पाए जाते हैं। पिछले 5 साल में उत्तर प्रदेश ने जो लक्ष्य प्राप्त किए हैं उनमें 16 लाख 90 हजार रोगियों को पोषण सहायता के माध्यम से अबतक 422 करोड़ का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार देश में ऐसा हुआ है कि जब किसी महामारी के आने पर स्वदेशी वैक्सीन बनाया गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की 40 करोड़ जनता को मुफ्त में वैक्सीन लगाया गया है। सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश टीबी बीमारी की रोकथाम के लिए विभिन्न केंद्रों पर डॉट्स का वितरण किया जा रहा है। इन्सेफलाइटिस और एक्यूट इन्सेफलाइटिसके लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में संचारी रोग के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जो माडल बनेगा।

 

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