Saturday 29 January 2022

रंगनाथ मिश्रा की ‘घर वापसी’, भाजपाईयों में जश्न

रंगनाथ मिश्रा कीघर वापसी’, भाजपाईयों में जश्न

पार्टी के निर्देश पर लड़ सकते है लोकसभा चुनाव 2024

भदोही मिर्जापुर से विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें

17 साल बाद बसपा छोड़ भाजपा में आए पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्रा

सुरेश गांधी

वाराणसी। उत्तर प्रदेश की सियासत में एक और भूचाल गया, जब पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्रा की घर वापसी की खबरें मीडिया की सुर्खिया बनी। शनिवार को 17 साल के बाद रंगनाथ मिश्रा दोबारा भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। रंगनाथ मिश्रा के भाजपा ज्वाइन करने के बाद भदोही में सियासी समीकरण भाजपा के पक्ष में जाता दिखाई देने लगा है। चुनाव के पहले भाजपा ज्वाइन करने के बाद अब लोगों में यह चर्चा खास हो गई है कि भदोही के ज्ञानपुर, भदोही या पड़ोसी जनपद मिर्जापुर विधानसभा सीट से भाजपा उनको चुनावी मैदान में उतार सकती है। हालांकि वे लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भदोही से ही चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

फिरहाल, रंगनाथ मिश्रा की घरवापसी के बाद भदोही के भाजपा कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। औराई विधायक दीनानाथ भास्कर, एकमाध्यक्ष ओंकारनाथ मिश्रा, सीईपीसी के पूर्व प्रशासनिक सदस्य घनश्याम शुक्ला, उमेश कुमार गुप्ता मुन्ना, संजय गुप्ता, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं हज समिति के सदस्य सरवर सिद्दीकी, जिलाध्यक्ष विनय श्रीवास्तव, राकेश दुबे, चेयरमैन अशोक जायसवाल, सभासद गिरधारीलाल जायसवाल, पूर्व चेयरमैन दिलीप जायसवाल, रुपेश बरनवाल आदि ने रंगनाथ मिश्र का पार्टी में स्वागत करते हुए बधाई दी है। बता दें, रंगनाथ मिश्रा राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह के काफी करीबी रहे। रंगनाथ मिश्रा पूर्वांचल में बड़े ब्राह्मण नेता के रुप में जाने जाते है। पूर्वांचल में ब्राह्मण वोट बैंक पर रंगनाथ मिश्रा की अच्छी पकड़ है। भाजपा की रामप्रकाश गुप्ता सरकार में राज्य मंत्री और मायावती की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे रंगनाथ मिश्रा भदोही की औराई से विधायक हुआ करते थे। बीते दिनों वह भाजपा के नेताओं के साथ काफी सक्रिय थे।

सियासी सफर

80 के दशक में रंगनाथ मिश्रा ने भाजपा से सियासी सफर शुरू किया था। भदोही जनपद में भाजपा के वह जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। औराई विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतकर वह 1993 में पहली बार विधायक बने थे। उसके बाद 1996 में भाजपा से ही उन्होंने जीत दर्ज की थी और उनको सरकार में ऊर्जा राज्यमंत्री, मातृ शिशु एवं परिवार कल्याण सहित वन मंत्री बनाया गया। इसके बाद किन्हीं कारणों से उन्होंने बसपा का दामन थामा और 2007 में विधानसभा चुनाव जीतकर मायावती सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री बने। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में रंगनाथ मिश्रा भदोही विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव भी लड़े लेकिन उनको वहां से हार का सामना करना पड़ा। वे कुल चार बार विधायक रहे। 2012 विधानसभा चुनाव में मिर्जापुर से बसपा ने उन्हें टिकट दिया लेकिन हार मिली।

बसपा में रहते हुए योगी की तारीफ की थी

बसपा सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री रहे रंगनाथ मिश्रा ने सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा था कि, सपा की सरकार में भदोही के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा के इशारे पर उन पर कई मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिनमें कोर्ट ने उनको लगभग सभी मामलों में बरी किया है। विजय मिश्रा सहित तमाम अपराधियों पर हो रही कार्रवाई को लेकर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ महाराज को खूब बधाई दी थी और कहा था कि सूबे में हो रही कार्रवाई किसी जाति और ब्राह्मण के खिलाफ नहीं, यह तो एक अपराधी के खिलाफ है, जो आगे भी होनी चाहिए।

अपराधी की कोई जाति नहीं होती : रंगनाथ

रंगनाथ मिश्रा ने कहा था कि विजय मिश्रा पर हो रही कार्रवाई को ब्राह्मण पर हो रही कार्रवाई के हिसाब से नहीं देखना चाहिए। अगर किसी अपराधी को जाति से देखेंगे तो किसी अपराधी पर कार्रवाई नहीं होगी। अपराधी अपराधी होता है और अपराधी पर कार्रवाई होनी चाहिए, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराज कर रहे हैं।

24 घंटे बिजली के लिए कर दी थी बगावत

बात 1999 की है जब कल्याण सिंह की सरकार थी। रंगनाथ ऊर्जा मंत्री (राज्य) थे और नरेश अग्रवाल इस विभाग के कैबिनेट मंत्री थे। उस समय नरेश अग्रवाल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष थे और उनके समर्थन में सरकार चल रही थी। उस वक्त नरेश अपने जिला हरदोई को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करा रहे हैं। इसके बाद रंगनाथ ने अधिकारियों की बैठक बुलाई और कहा कि हमारे जिले भदोही में भी 24 घंटे बिजली आनी चाहिए। नरेश ने रंगनाथ के फैसले को रद्द कर दिया और कहा कि 24 घंटे बिजली बस उनके विधानसभा क्षेत्र को दी जा सकती है। लेकिन रंगनाथ ने कल्याण सिंह पर अपना दबाव बनाते हुए आदेश पारित करा लिया और 2002 तक भदोही को 24 घंटे बिजली मिलती रही।

Monday 17 January 2022

अखिलेश के परिवार को 50 लाख का मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी की मांग

अखिलेश के परिवार को 50 लाख का मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी की मांग

मुख्य अभियुक्त बृजेश सिंह सहित अन्य हत्यारों की गिरफ्तारी एवं परिवारजनों की सुरक्षा दिए जाने पर जायसवाल क्लब करेगा आंदोलन : मनोज जायसवाल

सुरेश गांधी

वाराणसी। जौनपुर के सिकरारा थाना क्षेत्र के खपरहा बाजार निवासी किराना व्यवसायी अखिलेश जायसवाल की अपहरण के बाद हत्या के मामले में एक पखवारे बाद भी मुख्य आरोपी समेत तीन बदमाशों की गिरफ्तारी होने पर जायसवाल क्लब के सदस्यों में जबरदस्त आक्रोश है। क्लब के  राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जासवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अखिलेश के घर जाकर परिवारीजनों से मिला। इस दौरान मनोज जायसवाल ने कहा वारदात के कुछ दिन बाद मुठभेड़ में तीन लोगों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपाने वाली पुलिस की कार्रवाई पर अब सवालिया निशान लगने लगा है। इसे लेकर जायसवाल क्लब सहित व्यापार मंडल के लोग भी जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन, अभी तक मामले में फरार आरोपियों का सुराग तक पुलिस नहीं लगा पाई है।

मनोज जायसवाल ने कहा कि इस निर्मम हत्या के मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने आर्थिक सहायता की मांग को लेकर उन्होंने प्रमुख सचिव एवं डीजीपी को भी पत्र लिखा है। उहोंने कहा कि पत्र में हत्यारों ने अखिलेश के अगुवा कर निर्ममता से उसे जिंदा जला दिया था। इससे एक परिवार का चिराग बुझ गया। अखिलेश बहुत शरीफ और अपने काम के प्रति ईमानदार तथा अपने परिवार का पालन पोषण करने वाला युवक था। उसके परिवार में अब कोई भी कमाने वाला नहीं है। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि मृतक के परिवार की माली हालत को देखते हुए 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद की जाए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। इसके साथ ही दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए।

मनोज जायसवल ने कहा कि 30 दिसंबर की रात लगभग साढ़े आठ बजे अखिलेश जायसवाल (45) को घर से कुछ दूरी से उस समय अगवा कर लिया गया था। पत्नी अनामिका की तहरीर पर पुलिस ने पहले गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया। हालांकि व्यापारियों जन प्रतिनिधियों के दबाव पड़ने पर पुलिस ने मामले में पहली जनवरी को गांव के ही बृजेश सिंह पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। पांच जनवरी को मामले में पुलिस ने खुलासा किया कि बृजेश दीपक सिंह ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर व्यवसायी का अपहरण किया और पिटाई से उसकी मौत हो गई। साक्ष्य मिटाने के लिए बदमाशों ने सई नदी के खुनसापुर घाट के पास पेट्रोल छिड़क कर शव को जला दिया। यह खुलासा मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के साथी अमन सिंह से पुलिस को हुआ। जिसकी निशानदेही पर पुलिस ने घाट पर जाकर व्यापारी की जली हड्डियां अधजली लकड़ियां, मृतक का जला हुआ स्वेटर बाल चिपका था, बरामद कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया। साथ ही इसी रात रीठी गडरहा पल के पास पुलिस मुठभेड़ में दीपक को पैर में गोली लगी और दूसरे बदमाश राजकुमार को दौड़ा कर पकड़ लिया गया। वादी अनामिका की तहरीर में संशोधन कर मुख्य आरोपी बृजेश के अलावा दीपक सिंह, राज कुमार सिंह, अमन सिंह, मनोज सिंह (रीशू) एक अज्ञात सहित 6 पर अगवा कर हत्या साक्ष्य मिटाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर फरार बृजेश, मनोज एक अज्ञात की तलाश में पुलिस जुट गई। लेकिन आज तक फरार आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं कर सकी। अखिलेश हत्या काण्ड की पीडिता पत्नी से मुलाकात कर हरसम्भव मदद का आश्वासन देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल साथ में रमेश हाईडील , जमुना दयाल व अजय जायसवाल उपस्थित रहे।

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