Friday 19 March 2021

सपा के मुकाबले अपराध में भारी कमी : आशुतोष टण्डन


सपा के मुकाबले अपराध में भारी कमी : आशुतोष टण्डन
 

यूपी में नहीं हुए दंगे, शांति से मन रहे त्योहार 

प्रभारी मंत्री ने कहा, किसानों को डेढ़ गुना तक दी गई एमएसपी 

निवेशकों की पहली पसंद बन गया है उत्तर प्रदेश 

खाद्यान्न की रिकार्ड खरीद हुई 

अपराधों में भारी कमी आई है 

सुरेश गांधी 

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सराकर के चार साल पूरा होने पर जश्न का माहौल रहा। इस मौके पर सूबे के नगर विकास, शहरी समग्र विकास नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग एवं जनपद के प्रभारी मंत्री आशुतोष टण्डन ’गोपाल जी’ ने एक नहीं कई कार्यक्रमों में भाग लेकर सरकार की उपलब्धियां गिनाई। जनपद स्तरीय “विकास पुस्तिका“ का विमोचन किया। नगर निगम के सफाई वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 

एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित जनसभा एवं प्रदर्शनी में आशुतोष टंडन ने कहा कि पिछले चार साल में प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ। इस दौरान सभी त्योहार भी शांतिपूर्वक मनाए गए। पहले यूपी में कोई भी त्योहार शांतिपूर्वक नहीं मनाए जा सकते थे। उन्होंने कहा कि आज यूपी के बारे में दुनिया में सकारात्मक माहौल बना है। अब बीमारू राज्य की श्रेणी से हटकर उत्तर प्रदेश सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। आज ईज़ ऑफ डूइंग की लिस्ट में भी यूपी नंबर दो है। 

उन्होंने कहा कि यूपी में पहले केंद्र की योजनाओं को जगह नहीं दी जाती थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण था क्योंकि यदि पुरानी सरकारें केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करतीं तो तो बड़ा परिवर्तन हो सकता था। हमारी सरकार ने इन योजनाओं को मिशन मोड में लागू किया। प्रधानमंत्री आवास योजना के मोर्चे पर यूपी नंबर वन है। इसके अलावा मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत भी वनटांगियों, मुसहरों और समाज अन्य वंचित तबकों को बड़ी संख्या में आवास दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि चार साल में अपराध क्षेत्र में भारी कमी आई है। वर्ष 2016 की तुलना में अब डकैती में 68.33 फीसदी, लूट की घटनाओं में 66.34 फीसदी, हत्या के मामलों में 24.59 फीसदी, अपहरण के मामलों में 51.92 फीसदी तथा दुराचार के मामलों में 33.7 फीसदी की कमी आई है। प्रदेश में तेजी से विकास कार्य हुआ है। योगी सरकार ने पहली कैबिनेट में 86 लाख किसानों को 36 हजार करोड़ रुपए ऋण माफी योजना में लाभ दिया है। 27134 करोड़ रुपए किसान सम्मान निधि में किसानों के खाते में सीधे भेजा गया है। 66 हजार करोड़ रुपए एमएसपी के माध्यम से खरीदें गए फसलों की धनराशि किसानों को भुगतान की गई। इसके अलावा सरकार ने विभिन्न शासकीय योजनाओं के जरिए लोगों को लाभान्वित करने का काम किया है। 

उन्होंने कहा कि निवेश बढ़ने से प्रदेश में करीब 35 लाख युवाओं को इनसे सीधे नौकरी मिली है। नए उद्योगों के लिए कई सारी छूट दी गई हैं। इसकी वजह से जहां नए उद्योग लगने में आसानी हो रही वहीं कोरोना काल में प्रदेश में 56 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में केंद्र के जल जीवन मिशन को तेजी से पूरा किया जा रहा है जिससे गांव-गांव में पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है। प्रदेश में आज 1535 थानों पर स्पेशल महिला हेल्प डेस्क बनाई गई है।  प्रदेश में गायों के लिए आश्रित स्थल बनाए जा रहे हैं। 2.61 करोड़ शौचालय बनाकर हमने देश में नंबर एक स्थान हासिल किया। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों के लिए भी सरकार ने बड़े स्तर पर काम किया। उन्होंने कहा कि पुलिस सुधार को लेकर कदम उठाए गए हैं। पुलिस लाइन में बैरक बनाये गए। थानों में बुनियादी जरूरतें पूरी की गई। थानों में महिला डेस्क बनाई गई। 59 नए थाने 29 चौकियां बनाई गईं। विजिलेंस के 10 साइबर के 16 नए थाने स्थापित किए गए। 

उन्होंने कहा कि कृषि की 11 सिंचाई परियोजना जो दशकों से लंबित थी वो हमारी सरकार ने पूरी कीं जिससे किसानों को सिंचाई का फायदा हुआ। उत्तर प्रदेश में रिकार्ड मात्रा में खाद्यान्न की ख़रीद हुई है। डीबीटी के जरिये 66 करोड़ की राशि किसानों के खाते में गई। उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादन में नंबर एक था लेकिन चीनी मिलों को बेचकर बीती सरकारों ने छल किया। हमारी सरकार ने 1 लाख 27 हज़ार करोड़ का भुगतान गन्ना किसानों को कराया। उन्होंने कहा कि नौ और सिंचाई परियोजनाएं पूरी की जा रही हैं। किसानों के हितों के लिए लाइसेंस फ्री व्यवस्था की गई है। 230 नए मंडी स्थल बनाये गए। प्रदेश में निराश्रित गोवंश की समस्या थी, जिसे योगी सरकार ने 5.5 लाख निराश्रित गोवंश सरकार के आश्रय स्थलों में भेजे गए। अब जिला मुख्यालयों पर 22 से 24 घंटे, तहसीलो पर 20 से 22 घंटा तथा गांवों में 16 से 18 घंटा विद्युत आपूर्ति हो रही है। 1.38 करोड़ निशुल्क बिजली कनेक्शन दिए गए। 

उन्होंने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बेहतर कोरोना प्रबंधन पूरे विश्व में सराहा गया। कोरोना कॉल में प्रदेश में 674 कोरोना डेडिकेटेड हॉस्पिटल बने, 242 टेस्टिंग लैब बनी, 3 करोड़ से अधिक कोरोना जाँच करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला प्रदेश बना। उन्होंने कहा कि काशी में विकास के रिकॉर्ड कार्य हुए, जो धरातल पर दिखाई देते हैं। आज काशी घूमने आने वाले आश्चर्यचकित होते हैं। काशी अपनी प्राचीन स्वरूप व आध्यात्मिकता को अक्षुण्ण रखते हुए आधुनिक सुविधाओं से युक्त शहर दिख रहा है। आगे और भी तीव्र गति से विकास होगा। 


सूचना विभाग की प्रदर्शनी बना रहा आकर्षण का केंद्र

उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यकाल की 4 वर्ष पूर्ण होने पर शुक्रवार को सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज परिसर मैदान में जनपद स्तरीय भव्य एवं विशाल जनसभा एवं विकास, स्वास्थ्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस मौके पर प्रदेश के मंत्री आशुतोष टण्डन गोपाल जी ने दीप प्रज्वलित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इससे पूर्व कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक डॉ अवधेश सिंह, विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह तथा महापौर मृदुला जायसवाल ने जनपद एवं विधानसभाओं में हुए रिकॉर्ड विकास कार्यों को लोगों से अवगत कराया। तत्पश्चात प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन ने अन्य जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रदेश सरकार के 4 वर्ष के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों से संबंधित सूचना विभाग द्वारा तैयार किए गए विकास पुस्तिका का विमोचन किया और परिसर में प्रदेश शासन के 4 वर्ष की उपलब्धियों पर आधारित सूचना विभाग द्वारा लगाए गए वृहद विकास प्रदर्शनी सहित अन्य विभागों के लगे लगभग 28 विभागों के स्टालों का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर भाजपा काशी प्रांत के अध्यक्ष महेश श्रीवास्तव, जिला अध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, प्रदेश भाजपा कोषाध्यक्ष मनीष कपूर, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, नगर आयुक्त गौरांग राठी, मुख्य विकास अधिकारी मधुसूदन हुलगी, महासचिव जगदीश त्रिपाठी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। 

लाभार्थियों में बांटा चेक 

इस अवसर पर आशुतोष टंडन ने स्वास्थ्य विभाग के आयुष्मान कार्ड योजना, श्रम विभाग, कन्या विवाह सहायता योजना, शिशु हित लाभ योजना, दिव्यांगजन सशक्तिकरण, दिव्यांग पेंशन, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग, प्रधानमंत्री हथकरघा बुनकर मुद्रा योजना, वस्त्र एवं गारमेंटिंग नीति 2017 के अंतर्गत सहायक कर्मियों को मानदेय, निराश्रित महिला पेंशन, प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना सहित कई अन्य योजनाओं के लाभार्थियों को चेक, ट्राईसायकिल, लैपटॉप, प्रिंटर, टूल किट, राशन कार्ड, व्हीलचेयर, स्मार्ट केन, ब्रेल कीट, कान की मशीन, बैसाखी, एमआर किट वाकिंग स्टिक सहित कुल 79 लोगों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराया।  

Thursday 18 March 2021

सपा की 5 साल की गुंडागर्दी पर योगी के 4 साल का विकास भारी

उत्तर प्रदेश के माफियाराज, गुंडाराज और जंगलराज के चर्चे देश ही नहीं, विदेशों में भी होते थे। व्यापारी हो या पत्रकार हो या आम आदमी या ठेला-खुमचा वाले लोग, अपनी बेडरुम में भी सुरक्षित नहीं थे। पुलिसिया गुंडागर्दी चरम पर थी। सपाई गुंडो के दबाव में कब किसे कहां फर्जी मुकदमें लगाकर गुंडाएक्ट में जिलाबदर कर दिया जाय, व्यापारियों की लूट, अपहरण कर फिरौती मांगना तो जैसे उद्योग बन गया था। राह चलती महिलाओं, युवतियों-किशोरियों की अपहरण, बलातकार की घटनाएं रुटीन में शामिल हो गयी थी। हाल यह था कि रोजी-रोजगार के लिए सुबह निकला व्यक्ति शाम को घर पहुंचने पर हनुमान चालिसा पढ़ता था। लेकिन अब आलम ये है कि प्रदेश का सबसे खतरनाक माफिया बाहुबलि विधायक विजय मिश्रा, मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद जैसे सैकड़ों जेल में है, और जो बाहर रहकर गुंडागर्दी की उन्हें ढेर कर दिया गया

सुरेश गांधी

फिरहाल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती का प्रतिफल है कि कल तक जो पुलिस सपाई गुंडो के एक इसारे पर किसी को भी ठोक देते थे, फर्जी मुकदमें दर्ज कर उत्पीड़न वसूली करते थे। आमलनमानस को हमेशा ही बाहुबलियों और अपराधियों की सत्ता ही झेलनी पड़ती थी, क्योंकि प्रदेश की सरकार का मुखिया हीं उनका आका हुआ करता था। अपराधिक घटनाओं का आलम ये था कि प्रदेश को जंगल राज्य से संबोधित किया जाता था। न्याय के लिए सड़क पर उतरे लोगों को लाठियां बरसती थी। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों की सपाई गुंडो द्वारा जवाहरबाग की तर्ज पर सरेराह कत्लेआम किया जाता रहा। पेड़ों पर फलों की जगह लटकती बहन-बेटियों की लाशे लटकती थी। हाईवे पर दरिंदगी का तांडव हो रहा था। मुजफ्फरनगर समेत 200 से अधिक दंगों में कत्लेआम, आगजनी खून-खराबा तथा आरोपियों को छोड़ निर्दोषों पर फर्जी मुकदमें दर्ज कर प्रताड़ना किया जाता रहा। कार्य पूरा हुए बगैर उद्घाटन की संस्कृति, दिन-रात बिजली की अघोषित कटौती, साफ पानी को तरसते शहर, अपनी किस्मत पर रोता बुंदेलखंड, बालीवुड के ठुमको पर झूमता सैफई, कश्मीर बनता कैराना अखबारों की सुर्खिया बनती थी।

आज वही पुलिस उनके गुंडों को ढूढ़-ढूढ कर उनके असल ठेकानों पर पुहंचा रही है। योगी और उनकी पुलिस अपराधियों के लिए काल बन गई है। अब यहां पर कोई भी अपराधी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता है। आए दिन सरकार इन अपराधियों को उनके सही ठिकाने पर पहुंचा रही है। अब तक 135 अपराधी ढेर हो चुके है। लगभग 2800 अपराधी घायल हुए। इस दौरान अपराधियों की काली कमाई पर शिकंजा कसने के साथ 933 करोड़ 41 लाख रुपए से अधिक की अवैध सम्पत्तियां भी जब्त की गई। इस सरकार में 25 हजार के ईनामी 9157 अपराधी, 25 से 50 हजार के ईनामी 773 अपराधी और 50 हजार से अधिक के 91 ईनामी अपराधी यानि कुल 10,021 जेल भेजे गए हैं। गैंगेस्टर एक्ट में ही अब तक कुल 11,930 मुकदमे दर्ज हुए है। खास बात यह है कि योगी सरकार के इन चार सालों में एक भी दंगे नहीं होना बड़ी उपलब्धि है। खासकर जिस तरह अयोध्या विवाद पर फैसले के बाद प्रदेश में शांति रही, वह सरकार की चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था का ही परिणाम रहा।

चार साल में सख्त कार्रवाई का असर ये रहा कि अपराधों की घटना में गिरावट दर्ज की गई। हाल यह है कि अब यूपी में अपराधी गुजरने से भी कांपते हैं। पिछले कई सालों से प्रदेश की जनता को दहलाने वाले बड़े से बड़े अपराधी और बाहुबली अब यूपी की सीमा से गुजरने तक से परहेज करते हैं। यह अलग बात है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इन उपलब्धियों के बावजूद अगले एक साल विपक्ष उनके लिए चुनौती खड़ी करता रहेगा। पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार, साल 2017 के सापेक्ष साल 2020 में डकैती के मामलों में 65.72 फीसदी, लूट के मामलों में 66.15 फीसदी, हत्या के मामलों में 19.80 फीसदी, बलवा के मामलों में 40.20 फीसदी और बलात्कार के मामलों में 45.43 फीसदी की कमी दर्ज की गई। योगी सरकार के चार साल में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों के हुए नुकसान को लेकर लाया गया अध्यादेश भी चर्चा में रहा है। सरकार ने मार्च 2020 में रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य है कि विरोध प्रदर्शनों, आंदोलनों, जुलूसों और धरने के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को क्षति पहुंचाने वाले लोगों से नुकसान की भरपाई की जाएगी। लखनऊ में हुई हिंसा के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर 57 लोगों के पोस्टर भी चर्चा रहे। इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी तल्ख टिप्पणी की थी।

गृह विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार विरोध प्रदर्शन और संपत्तियों के नुकसान को लेकर कुल 510 मुकदमे 7,304 व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किए गए। इनमें 4,578 अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 312 लोगों को आरोप पत्र भेजा जा चुका है। लगभग 1.73 करोड़ रुपये की क्षतिग्रस्त राज्य की संपत्ति के बदले में दोषी व्यक्तियों से 23.36 लाख रुपये की वसूली की जा चुकी है। इसके लिए सरकारी सम्पत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले असामाजिक तत्वों की स्थानीय स्तर पर पहचान कराई गई। माफियाओं के खिलाफ शुरू हुई कार्यवाही में अवैध बूचड़खानों और स्लाटर हाउस के ध्वस्तीकरण, पार्किंग ठेके की आड़ में अवैध वसूली पर लगाम,  अवैध मछली कारोबार, सरकारी जमीनों को अवैध कब्जे से अवमुक्त कराने के सघन प्रयास, अपराधी शूटरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही, ठेकेदार माफिया के खिलाफ कार्यवाही, कोयला कारोबार से अवैध रूप से अर्जित की गई सम्पत्ति के जब्तीकरण आदि की कार्यवाहियां प्रमुख हैं। पुलिस ने सिर्फ मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद ही नहीं, बल्कि प्रदेश के ऐसे 25 बड़े माफिया को चिह्नित किया, जिनके नाम से लोगों में दहशत थी। पुलिस ने उनके गैंग के अन्य अपराधियों और सहयोगियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की। योगी सरकार के चार साल में अपराधियों की काली कमाई पर बुल्डोजर चला। विकास दुबे जैसे कुख्यात अपराधी का खात्मा हुआ।

पुलिस ने उनके गैंग के अन्य अपराधियों और सहयोगियों के खिलाफ भी कार्यवाही शुरू की। अवैध संपत्तियों को ढहाने और कब्जा मुक्त कराने में जो खर्च रहा है, वह भी अपराधियों और माफिया से वसूला जा रहा है। इनमें चिह्नित माफिया और उनके सहयोगियों की आपराधिक कार्य से जुटाई गई सम्पत्तियों में से गैंगेस्टर अधिनियम के तहत करीब 446 करोड़ रुपए से अधिक है। इतना ही नहीं, माफिया, उनके परिजनों और सहयोगियों के लगभग 150 शस्त्र लाईसेंसों के निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई है। गैंगेस्टर एक्ट में ही अब तक कुल 11,930 मुकदमे दर्ज कर 3699 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इसके अलावा 523 अभियुक्तों के खिलाफ रासुका लगाई गई है। योगी सरकार की सख्ती का ही नतीजा है कि 4 साल में यूपी पुलिस ने 7,500 से ज्यादा एनकाउंटर किए, जिसमें 135 अपराधी मारे गए। योगी सरकार के कार्यकाल में मार्च 2017 से 15 फरवरी 2021 के बीच प्रदेश भर में पुलिसवालों और अपराधियों के बीच 7,500 से ज्यादा मुठभेड़ हो चुकी हैं, जिसमें 135 अपराधी मारे जा चुके हैं। 2,900 से ज्यादा अपराधी गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। अब तो आलम ये है कि अपराधी या माफिया यूपी से भाग रहे हैं। नौबत ये गई है कि अब कोई भी अपराधी उत्तर प्रदेश की सीमा से गुज़रना तक नहीं चाहता कि कहीं उसका भी एनकाउंटर कर दिया जाए। अपराधियों एवं माफियाओं को भी ये अहसास हो चुका है कि अब उनके लिए यूपी में कोई जगह नहीं है, नतीजन अब वो दूसरे राज्यों में शरण ले रहे हैं।

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