Saturday 7 October 2023

आज से एक्स्पों मार्ट में जलवा बिखेरेंगी भारतीय बुनकरों का हुनर

आज से एक्स्पों मार्ट में जलवा बिखेरेंगी भारतीय बुनकरों का हुनर

चार दिवसीयइंडिया कारपेट एक्सपोके 45वें फेयर का आयोजन 8 से 11 अक्टूबर तक  

62 देशों के 500 से अधिक आयातक करेंगे शिरकत और 272 कालीन निर्यातक लगायेंगे आकर्षक कालीनों की प्रदर्शनी

कालीन मेले का कल उद्घाटन करेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

सुरेश गांधी

वाराणसी। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद, भारत सरकार के तत्वावधान में कारपेट एक्सपो मार्ट, भदोही  में 08 से 11 अक्टूबर तक भारतीय कालीन मेला के 45वें संस्करण का आयोजन कर रही है। यह एक्सपो भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों और अन्य फर्श कवरिंग की सांस्कृतिक विरासत और बुनाई कौशल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विदेशी कालीन खरीदारों के बीच लगाया जाता है। 9 अक्टूबर, सोमवार को 11 बजे एक्स्पों का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। जबकि प्रदर्शको और खरीददारों के बीच व्यापारिक बातचीत 8 अक्टूबर, रविवार से ही शुरू हो जाएगी।

एक्स्पों में 62 देशों के 500 से अधिक आयातक शिरकत करेंगे। जबकि भदोही, मिर्जापुर, वाराणसी के अलावा दिल्ली, पानीपत, जम्मू कश्मीर, जयपुर, मुंबई, आगरा सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों के 272 से अधिक कालीन निर्यातक अपने आकर्षक कालीनों की प्रदर्शनी लगायेंगे।इंडिया कार्पेट एक्सपो अंतर्राष्ट्रीय कालीन खरीदारों, एजेंटों, आर्किटेक्ट्स और भारतीय कालीन निर्माताओं तथा निर्यातकों के लिए दीर्घकालिक व्यापार संबंधों को पूरा करने तथा  स्थापित करने के लिए एक आदर्श मंच है। इंडिया कार्पेट एक्सपो एशिया में सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीन मेलों में से एक है, जहां विदेशी खरीदारों को एक ही छत के नीचे सबसे अच्छे हस्तनिर्मित कालीन, गलीचे और अन्य फर्श कवरिंग के लिए एक अनूठा मंच मिलता है। यह हस्तनिर्मित कालीनों के लिए दुनिया भर में एक लोकप्रिय गंतव्य बन गया है। कालीन खरीदारों की आवश्यकताओं के अनुसार किसी भी प्रकार के डिजाइन, रंग, गुणवत्ता और आकार को अपनाने की भारत की अद्वितीय क्षमता ने इसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में घरेलू नाम बना दिया है।

सीईपीसी चेयरमैन कैप्टन मुकेश कुमार गोम्बर के हवाले से महाबीर प्रसाद शर्मा उर्फ राजा शर्मा ने बताया कि हम प्रदर्शकों के लिए संभावित पूछताछ के साथ अच्छी व्यवसाय होने  की आशा करते हैं। इस इंडिया कार्पेट एक्सपो को सदस्य निर्यातकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। 272 प्रदर्शक अपने कालीन उत्पादों का प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में इंडिया कार्पेट एक्सपो ने खुद को दुनियाभर के कालीन खरीदारों के लिए एक बेहतरीन सोर्सिंग प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित किया है। इस एक्सपो में 500  से अधिक विदेशी कालीन खरीददारों ने अपना पंजीकरण कराया है, जिसमे मुख्य रूप से अफगानिस्तान, अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, अजरबैजान, बांग्लादेश, बेल्जियम, ब्राजील, बुल्गारिया, बुर्किना फासो, कनाडा, चिली, चीन, कोलंबिया, डेनमार्क, मिस्र, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, घाना, ग्रीस, ग्वाटेमाला, हंगरी, ईरान, इज़राइल, इटली, जापान, जॉर्डन, केन्या, कोरिया, कुवैत, लेबनान, लीबिया, मलेशिया, मॉरीशस, मैक्सिको, नेपाल, नीदरलैंड, नाइजीरिया, नॉर्वे, फिलिस्तीन, कतर, रोमानिया, रूस, सऊदी अरब, स्लोवाकिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, श्रीलंका, ताइवान, तंजानिया, थाईलैंड, टोगो, ट्यूनीशिया, तुर्की, यूएई, यूके, यूएसए, युगांडा, यूक्रेन, उज़्बेकिस्तान, वियतनाम, ज़िम्बाब्वे सहित 62 देशों के आयातक इस मेगा एक्सपो में भाग लेने के लिए परिषद के साथ पंजीकृत है। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद केवल थोक खरीदारों को आमंत्रित और प्रोत्साहित कर रही है, बल्कि इंडिया कारपेट एक्सपो में भाग लेने के लिए के होटल में दो रात का मानार्थ ठहरने की सुविधा भी प्रदान कर रही है। परिषद की प्रशासनिक समिति इंडिया कार्पेट एक्सपो की सफलता के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

एक्सपो एशिया के सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीन शो में से एक है : वासिफ अंसारी

सीइपीसी के सीनियर प्रशासनिक सदस्य वासिफ अंसारी, रोहित कुमार गुप्ता, इम्तियाज अंसारी, असलम महबूब अंसारी ने बताया कि इंडिया कार्पेट एक्सपो ने खुद को एशिया के सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीन शो में से एक के रूप में स्थापित किया है, जिसे दुनिया भर के खरीदारों से लगातार बढ़ता संरक्षण मिल रहा है। द्विवार्षिक शो में साल दर साल उच्च गुणवत्ता वाले आगंतुकों और प्रदर्शकों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। इस शो में भागीदारी हमारे सदस्य निर्यातकों के लिए जबरदस्त व्यावसायिक अवसर प्रदान करती है और यह नेटवर्किंग और व्यावसायिक संबंध बनाने के लिए एक बेहतरीन मंच है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कालीन निर्यातकों के लिए विश्व बाजार के 50 प्रतिशत पर हिस्सेदारी पर कब्जा बनाने के लिए जो लक्ष्य दिया है हम लोग उधर बढ़ रहे हैं। कहा कि वह लक्ष्य शीघ्र पा लेंगे। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में 17 हजार करोड़ का कालीन निर्यात भारत कर रहा है।

Thursday 5 October 2023

सूचना न देने पर अधिकारियों पर लगा 2 करोड़ 18 लाख 75 हजार का अर्थदंड

सूचना देने पर अधिकारियों पर लगा 2 करोड़ 18 लाख 75 हजार का अर्थदंड 

वाराणसी मंडल में सूचना के 6838 में से 6016 आवेदन निस्तारित : राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती

जौनपुर के कई ग्राम सचिवों ग्राम विकास अधिकारियों पर दर्ज होगी एफआईआर

जून-22 से सरकारी दस्तावेज दबाए बैठे हैं ये सभी अधिकारी

केवल वाराणसी में 2010 आरटीआई आवेदनों में से 2004 का निस्तारण किया गया है। जबकि 244 जन सूचना अधिकारियों पर 61 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया है

सुरेश गांधी

वाराणसी। प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने बताया कि जनवरी 2022 से सितम्बर 23 तक वाराणसी मंडल स्तर पर सूचना के 6838 मामलों में से 6016 का निस्तारण कर दिया गया है। इस दौरान मंडल में कई जनसूचना अधिकारियों पर नियमों की अनदेखी कर समय से सूचना उपलब्ध कराने, भ्रामक सूचनाएं उपलब्ध कराने, विभिन्न प्रकार से गुमराह करने, सूचना देने में आनाकानी करने पर 875 जन सूचना अधिकारियों पर दो करोड़ 18 लाख 75 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। तीन दिवसीय भ्रमण एवं जनसुनवाई के बाद गुरुवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उप्रेती ने कहा कि केवल वाराणसी में 2010 आरटीआई आवेदनों में से 2004 का निस्तारण किया गया है। जबकि 244 जन सूचना अधिकारियों पर 61 लाख रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। जुर्माने की रिकवरी अतिशीघ्र की जाएगी।

अजय कुमार उप्रेती ने बताया कि कमिश्नर कार्यालय से लगायत ग्राम विकास अधिकारियों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की गयी है। आरटीआई का जवाब देने में गाजीपुर का जिलाधिकारी कार्यालय सर्वाधिक लापरवाह है। चंदौली का नगर पंचायत कार्यालय भी किसी से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि वाराणसी के सभी थानों पर एक पखवारे के अंदर जन सूचना अधिकारियों का बोर्ड लगाने के निर्देश दिये गये हैं। अजय कुमार उप्रेती ने बताया कि जौनपुर के कई ग्राम सचिवों एवं ग्राम विकास अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश वहां के डीपीआरओ को दिया गया है। इसके लिए डीपीआरओ को दो दिन की मोहलत दी गयी है और कहा गया है कि एफआईआर दर्ज कराकर आयोग को सूचित किया जाएं।

उन्होंने बताया कि जन सूचना अधिकार अधिनियम के बारे में उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा वादकारियों की सहूलियत के लिए मंडलीय भ्रमण कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। इससे वादकारियों को लंबे समय से अटकी हुई विभिन्न प्रकार की जानकारियां प्राप्त हो सकेंगी। इससे उनकी ऊर्जा, धन एवं समय की भी बचत होगी। उन्होंने बताया कि जन सूचना अधिकार अधिनियम सभी लोक प्राधिकारियों पर लागू होता है। अधिकारी किसी भी स्तर का क्यों हो, यदि जन सूचना अधिकार अधिनियम का पालन नहीं करता है तो आयोग द्वारा कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि अधिनियम के अनुसार वांछित सूचना उपलब्ध कराने पर आयोग द्वारा 250 रुपये प्रतिदिन और अधिकतम 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। जिसे दोषी व्यक्ति के वेतन से वसूला जाता है। यदि सहजता के साथ धनराशि प्राप्त नहीं होती है तो भू-राजस्व की भांति वसूली किए जाने का प्राविधान है।

कुछ घटननाओं का जिक्र

राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने बताया कि जौनपुर के खुटहन ब्लॉक की निष्ठा त्रिपाठी ने 26 जून 2022 को ग्राम सचिव एवं ग्राम विकास अधिकारी से खडंजा के बाबत जानकारी मांगी थी, लेकिन उनको अभी तक जवाब नहीं मिला। इस पर उन्होंने सूचना आयोग में अपील की। मामला संज्ञान आया तो जांच करायी गयी तो पता चला कि सूचना मांगें जाने की तिथि से अब तक कई ग्राम सचिव ग्राम विकास अधिकारी बदले गये, लेकिन किसी ने एक-दूसरे को सरकारी दस्तावेज नहीं सौंपा और हीं जवाब दिया। इस पर जौनपुर के डीपीआरओ को दो दिन में सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। ऐसा होने पर अरेस्ट वारंट जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वाराणसी के आराजीलाइन ब्लॉक के ज्ञानशंकर त्रिपाठी के मामले में बीडीओ को दो माह से तलब किया जा रहा था, लेकिन नहीं रहे थे। जब समन जारी करते हुए अरेस्ट वारंट जारी करने की चेतावनी दी गयी तो गुरुवार को भागे-भागे आए। उनको फटकार लगाते हुए आवेदन का जवाब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। नगरीय विद्युत वितरण खंड-द्वितीय चौकाघाट ने जियाकुंड-पितरकुंडा निवासी सोना बाबू खां के खिलाफ बिजली चोरी की रपट दर्ज कराते हुए 2018 में 75 हजार का बिल थमा दिया था। बिल जमा होने पर आरसी काट दी गयी। जबकि उनके कनेक्शन का लोड एक किलोवॉट है। सोना बाबू ने उनके यहां अपील की तो गुरुवार को सुनवाई के दौरान जब संबंधित अभियंता से इस बाबत पूछा गया तो वे माकूल जवाब नहीं दे पाए। इस पर अभियंता को 15 दिन की मोहलत देते हुए बिल सही करने का निर्देश दिया गया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत जवाब देने में कमोवेश हर विभाग लापरवाही बरत रहा है।

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