प्रतिभाओं को ‘तरासने’ व ‘आगे लाने’ का
बेहतर मंच बना ‘भदोही महोत्सव’
धीरे
धीरे
ही
सही
भदोही
महोत्सव
प्रतिभाओं
एवं
हुनर
को
आगे
लाने
का
बेहतर
मंच
बनने
की
ओर
लगातार
अग्रसर
है।
खास
यह
है
कि
इसमें
हर
प्रतिभा
को
अपना
हुनर
दिखाने
का
मौका
मिलता
है।
उसे
पहचान
कर
आगे
बढ़ाने
में
अपनी
महती
भूमिका
निभाता
है।
उनके
हूनर
को
असल
मुकाम
तक
पहुंचाने
में
मदद
करता
है…
यह सच है
कि प्रतिभा को उजागर कर
तराशकर एक कला में
सजाना गुरुजनों के हाथ में
होता है और उनकी
की मेहनत उसे सोने पे
सुहागा बना देती है।
लेकिन उस प्रतिभा को
सही मुकाम तक पहुंचाना एक
बडी जिम्मेदारी होती है, जिसे
भदोही महोत्सव बखूबी अंजाम दे रहा है।
मतलब साफ है एक
संकल्प लाखों संकल्पों का उजाला बांट
सकता है यदि दृढ़-संकल्प लेने का साहसिक
प्रयत्न कोई शुरु करे।
अंधेरों, अवरोधों एवं अक्षमताओं से
संघर्ष करने की एक
सार्थक मुहिम भदोही महोत्सव के रूप में
कृष्णा मिश्रा एवं डा. एके
गुप्ता ने जिस पौधे
को मार्च 2018 में सींचा, वो
पांच साल बाद अब
वट वृक्ष का रुप लेता
दिखने लगा है।
उसी कड़ी में
एक बार 11 से 13 मार्च तक तीन दिवसीय
भदोही महोत्सव अपने रंग बिखरने
को तैयार है। इस महोत्सव
में बॉलीवुड के दिग्गज सितारों,
गायकों, खेल जगत के
प्रतिभावन खिलाड़ियों एवं भदोही समेत
पूर्वांचल के अपने फन
में माहिर गौरवमयी ख्यातिलब्ध सांस्कृतिक कलाकारों की मौजूदगी में
होगा। विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए भदोही
की गौरवमयी विरासत का बखान किया
जाएगा। यह उत्सव लोगों
को मंत्रमुग्ध करने वाला होगा।
वैसे भी जब देश
के पारंपरिक नृत्यों का मजा लेना
हो तो इससे बेहतर
जगह और कोई हो
नहीं सकता। खुले मंच में
होने वाला यह महोत्सव
भारत के शास्त्रीय और
पारंपरिक नृत्य-संगीत की जादुई छवि
पेश करता है। भारत
के प्रसिद्ध कलाकार यहां खुले आसमान
के नीचे अपनी कला
को प्रस्तुत देते हैं। साथ
साथ हस्तकला का प्रदर्शन इस
माहौल में चार चांद
लगा देता है। नृत्य
और गीत गोविंद जैसे
काव्य का आनंद यहां
होने वाले कोणार्क महोत्सव
के दौरान लिया जा सकता
है।
कृष्णा मिश्रा व डा. एके
गुप्ता ने बताया कि
इस बार महोत्सव का
स्वरूप पहले से और
बेहतर होगा। पहले दिन सुबह
पांच बजे योग से
महोत्सव का शुभारंभ होगा।
उसी दिन हाफ मैराथन
समेत विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं होंगी।
खेलों का आयोजन जिला
स्टेडियम और राजकीय इंटर
कॉलेज ज्ञानपुर में होगा। अगले
दिन 12 अप्रैल को कवि सम्मेलन
और 13 अप्रैल को रंगारंग बॉलीवुड
नाइट से इसका समापन
होगा। भदोही महोत्सव का मूल मकसद
शांति और एकता की
भावना को बढ़ाना है।
भदोही की संस्कृति, सभ्यता
और ऐतिहासिक धरोहर को विश्व पटल
पर पहुंचाने की है।
भदोही महोत्सव ही एक ऐसा
एकमात्र महोत्सव है जहां सभी
के लिए अवसर मुहैया
कराना है। महोत्सव में
लोक गीत और नृत्य,
स्थानीय व्यंजन और हस्तशिल्प, खेलकूद
आदि का आयोजन किया
जता है। खासकर बॉलीवूड
से लेकर देश भर
से आए कलाकारों द्वारा
विभिन्न कला विधाओं के
माध्यम से अपनी प्रतिभा
का प्रदर्शन किया जता है
तो भारत को समृद्ध
करने और राष्ट्र का
उदार चरित्र प्रकट करने वाली विविधता
साफ़ झलकती है। भदोही महोत्सव
का प्रत्येक प्रदर्शनएक- दूसरे के महत्व को
बढ़ाना हमारे सांस्कृतिक सम्मिलन का द्योतक है।
गौरतलब है कि भदोही
भारत ही नहीं पूरी
दुनिया में बुनकरों की
हाड़तोड़ मेहनत व लगन से
बनी कालीनों के लिए जाना
जाता है। महोत्सव के
जरिए ये प्रयास है
कि यहां की गौरवशाली
इतिहास को जन-जन
तक पहुंचाया जाएं। यहां की एकमात्र
कालीन उद्योग को बढ़ावा देने
के साथ ही भदोही
की योग्य प्रतिभाओं को बॉलीवुड और
फैशन जगत में सही
मंच मुहैया करवाना है। स्थानीय कलाकारों
को बढ़ावा देने व उनकी
प्रतिभा दिखाने के लिए यह
एक अच्छा अवसर प्रदान करता
है। भदोही में काफी प्रतिभाएं
है। जिंदगी में बगैर जोखिम
और चुनौतियों के मुकाम हासिल
करना मुश्किल है। इसके लिए
भदोही के युवक युवतियों
को भी सफलता के
लिए अपना हूनर का
जलवा बिखेरना होगा। क्योंकि कला एवं संस्कृति
समाज की प्रेरक शक्ति
है।
आज के समय
में यह महत्वपूर्ण है
कि नागरिक संस्कृति के महत्व को
समझें। लेखकों व कलाकार कल्पनाओं
के संसार में रहते हैं।
समाज के कुछ खास
समूह हो सकता है
कि लेखकों की हर एक
किताब से सहमत न
हों, फिल्मकारों की हर फिल्म
से सहमत न हों
और किसी कलाकार की
हर कलाकृति से सहमत न
हों लेकिन वे इन बेशकीमती
कार्यो में जान डालने
के लिए अपनी जान
तक दे देते हैं।
पिछले दस वर्षों में
स्वच्छता के प्रति बहुत
बदलाव आया है। लोग
स्वच्छता के प्रति जागरूक
हुए हैं। लोगों में
स्वच्छता का संदेश देने
के लिए भी यह
महोत्सव एक अच्छा माध्यम
है।
आयजको के मुताबिक यहां
की ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक धरोहरों
सहित स्थानीय कलाकारों से भी लोगों
को रूबरू कराया जाएगा। यहां की वैभवशाली
अतीत व यहां की
संस्कृति ने देश दुनिया
के लोगों का ध्यान अपनी
ओर आकर्षित किया है। कालांतर
में संसाधनों का अभाव होने
से यहां के लोग
आधुनिकता के साथ ताल
से ताल मिला कर
नहीं चल सके और
पीछे छूट गए। इस
आयोजन में एक बार
फिर लोगों को यहां के
स्वर्णिम इतिहास से परचित कराएगा।
सोशल मीडिया पर
महोत्सव की लाइव स्ट्रीमिंग
इस बात का संकेत
है कि जो नहीं
पहुंच पा रहे है
उन्हें भी इससे अवगत
कराया जाय। महोत्सव के
आयोजकों का कहना है
कि यह तो दुसरी
बार का आयोजन है,
आने वाले सालों में
बहुत कुछ नया जुड़ेगा।
इसमें विभिन्न शैक्षणिक, खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम
और विभिन्न विद्यालयों के छात्रों के
बीच प्रतियोगिताएं शामिल हैं। महिलाओं के
लिए भी विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित
की जाती हैं जिसमें
विश्वविद्यालय व अन्य कालेज
की छात्राएं व महिलाएं हिस्सा
ले सकती हैं।
उत्सव का मुख्य आकर्षण
सांस्कृतिक शाम, भोजपुरी नाइट
और बॉलीवुड नाइट के दौरान
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा
के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा उत्साहजनक प्रदर्शन का अवसर प्रदान
करता है। महोत्सव का
उद्देश्य प्राकृतिक-नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण ऐतिहासिक
एवं पुरातत्विक महत्व का स्थल है,
जिसको संरक्षित कर विकसित करने
का नेतृत्व व सहयोग प्रदान
करना, जिससे भदोही के धरोहर की
रक्षा हो, यहा की
कला जीवित रहे,साथ ही
आम लोगो को प्रचुर
रोजगार मिले।
विभिन्न प्रकार के सामाजिक, शैक्षिक,
सांस्कृतिक एवं चरित्र निर्माण
सम्बंधी कार्यक्रमों के माध् यम
से जनपद के ग्रामीण
एवं शहरी क्षेत्र की
जनता एवं अन्य क्षेत्र
की विभिन्न विधाओं लोककलाओं सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व
की जानकारियों से परिचित कराना
है। कला शिक्षा की
भी अपनी विशेषता है।
‘कैम्पस में सुरुचिपूर्ण कला’
हमारे छात्र-छात्राओं के लिए सौंदर्यात्मक
आस्वादन उन्नत बनाने का अच्छा अवसर
देता है। साथ ही,
कलात्मक कृतियों का सौंदर्यात्मक आस्वादन
करने की छात्र-छात्राओं
की क्षमता बढ़ाने का मौका देता
है।
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