Friday, 12 September 2025

गांधीवादी से गालीवादी... मातृ शक्ति का अपमान

गांधीवादी से गालीवादी... मातृ शक्ति का अपमान 

महात्मा गांधी ने राजनीति को सेवा का व्रत माना, वाणी को साधना। उनके लिए स्त्री राष्ट्र की आत्मा थी, जिसका सम्मान किसी भी राजनैतिक बहस से ऊपर। पर आज, जहां सत्य और अहिंसा के दीप जलने चाहिए थे, वहां गाली-गलौज और तकनीकी फरेब का धुआं फैल रहा है। यह वही रास्ता है, जिसे लोग अब व्यंग्य सेगलिवादकहने लगे हैं, गालियों और गलियों की राजनीति। मतलब साफ है एक तरफ भारत का लोकतंत्र अपनी मजबूती का परिचय दे रहा है, तो दूसरी तरफ कुछ सियासी पार्टियां थोथी राजनीति में लगी हुई हैं। बिहार कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी मां को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया है। ये वीडियो एआई से बनाया गया है। वहीं अब इस वीडियो पर बखेड़ा खड़ा हो गया है। भला क्यों नहीं? मातृशक्ति सनातन का सिर्फ स्वरूप ही नहीं भारतीय संस्कृति में मां जैविक रिश्ते का नाम है।यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवतायानी जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता वास करते हैं। बिहार चुनाव का यह प्रकरण केवल प्रधानमंत्री की मां या एक वीडियो का विवाद नहीं, बल्कि यह स्मरण कराता है कि नारी शक्ति का सम्मान हमारी सांस्कृतिक धरोहर और लोकतांत्रिक नैतिकता का आधार है। मतलब साफ है कि कांग्रेस ये एआई दांव उल्टा पड़ सकता है. वजह ग्रामीण क्षेत्रों में, इसे केवल चुनावी चाल नहीं बल्कि पारिवारिक संस्कारों पर चोट के रूप में देख सकते हैं। जबकि बीजेपी को भावनात्मक बढ़त दे सकता है, क्योंकि पार्टी इसेमां का सम्मानबनामअपमानकी रेखा में पेश कर रही है

सुरेश गांधी

फिरहाल, बिहार का राजनैतिक आकाश इन दिनों बादलों से नहीं, छल से घिरा है। जहां कभी सत्याग्रह की गूंज थी, आज वहां कृत्रिम बुद्धि की छाया तैर रही है। बिहार की धरती पर एक ऐसा वीडियो वायरल है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा, स्वर दिखाई देता है, पर शब्द किसी और की कुटिलता से गढ़े हुए हैं। एआई के छल से रचा गया यह दृश्य मातृशक्ति का अपमान करता है और लोकतंत्र के विश्वास को घायल करता है। पिछले दिनों के नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की वोट अधिकार यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को गाली दी गई थी। यह विवाद थमा नहीं था कि बिहार कांग्रेस ने पीएम मोदी की मां पर एक एआई वीडियो बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डाल दिया. शुक्रवार की भोर में यह वीडियो सोशल मीडिया पर तैर उठा। कुछ ही क्षणों में भीड़ की उंगलियां मोबाइल स्क्रीन पर नाचने लगीं, शब्द तीर बनकर निकले, आरोपों का शोर आसमान में गूंजा. विशेषज्ञों ने जब बताया कि यह सब डीपफेक है, एआई का माया-जाल, तब तक राजनीति की आग चौगुनी हो चुकी थी। दस बजते बजते तक इस वीडियों को लेकर सियासी भूचाल गया। भाजपा ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ षड्यंत्र बताया, “यह केवल प्रधानमंत्री नहीं, भारत की मातृशक्ति का अपमान है,” नेताओं के स्वर में गुस्सा ही नहीं, अपमान की पीड़ा भी थी। कांग्रेस ने सफाई दीहैक हुआ था खाता, हमारी मंशा नहीं थी।पर जनता के मन में प्रश्न तैरता रहा, “क्या यह वही पार्टी है जिसने गांधी की छत्रछाया में राजनीति सीखी थी?”

सोशल मीडिया पर ज्यादातर लोग इस पर वीडियो को लेकर कड़ी आपत्ति जता रहे हैं। बीजेपी ने इसकी निंदा की है, शुरुवाती दौर में इस वीडियों संदेश को सही ठहराते हुए पीएम मोदी पर हमलावर थी, लेकिन अब यह कहकर सफाई देने की कोशिश में है कि मामला शीर्ष नेतृत्व का नहीं है, जो लोग ऐसा किए होंगे पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। मतलब साफ है इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस भले ही बैकफुट पर नजर रही हो, लेकिन भाजपा को संजीवनी दे दी है। इस वीडियो के लिए बीजेपी ने सीधे राहुल गांधी पर निशाना साधा है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी के कहने पर मोदी की मां का अपमान किया जा रहा है। राजनीति की गरम हवाओं और तकनीक की चकाचौंध में हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि मां केवल एक निजी आकृति नहीं, राष्ट्र की आत्मा है। उसकी गरिमा को सुरक्षित रखना ही हमारे लोकतंत्र की असली विजय है। मां सृजन, करुणा और अदम्य शक्ति का अनंत प्रतीक है। मां के चरणों में ही ब्रह्मांड की वह ऊर्जा प्रवाहित होती है, जिसे हमारे शास्त्रशक्तिकहते हैं। यही शक्ति कभी दुर्गा के रूप में असुरों का संहार करती है, तो कभी अन्नपूर्णा बनकर अन्न और करुणा का वरदान देती है। गंगा की लहरों से लेकर मिट्टी की सोंधी गंध तक, हर आंचल में मातृभाव की महक समाई है। ऐसे में किसी भी चुनावी दौड़ में मां की गरिमा को प्रश्नवाचक बनाने वाला हर प्रयास केवल एक नेता का नहीं, बल्कि संपूर्ण सभ्यता का अपमान है। बिहार की यह घटना मात्र एक राजनीतिक प्रकरण नहीं, यह एक चेतावनी है, अगर हम गांधी के भारत को बचाना चाहते हैं, तो हमें सत्य की मशाल और स्त्री सम्मान की लाज दोनों थामनी होंगी। वरना कल जब इतिहास लिखा जाएगा, तो उसमें यही पंक्ति दर्ज होगी, “गांधीवादी भारत गलिवाद के अंधेरे में खो गया।महात्मा गांधी ने राजनीति को सेवा और शुचिता का माध्यम माना था। उन्होंने कहा था, “स्त्री का सम्मान राष्ट्र की आत्मा है।परंतु आज वही राजनीतिगलिवाद’, गाली-गलौज और चरित्रहनन, के दलदल में फंसती दिख रही है।

बता दें, एआई-जनित वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां से जुड़े दृश्य और संवाद हैं. कहा जा रहा है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता से तैयार इस वीडियो में आवाज़, भाव-भंगिमा और दृश्य इतने वास्तविक हैं कि आम दर्शक असली और नकली का फर्क नहीं कर पाएं। यही वह बिंदु है, जिसने तकनीक और राजनीति दोनों को कटघरे में खड़ा कर दिया। हद तो तब हो गयी जब कांग्रेस प्रवक्ताओं ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह वीडियोरचनात्मक तकनीकका प्रयोग मात्र है, इसमें कोई अपमान नहीं। उनका तर्क है कि बीजेपी असली मुद्दों, महंगाई, बेरोज़गारी, किसान संकट, से जनता का ध्यान हटाने के लिए इसे अनावश्यक विवाद बना रही है। पार्टी का कहना है किकिसी मां की छवि को ठेस पहुंचाने की मंशा हमारी रही है, रहेगी।जबकि बीजेपी ने इसेभारतीय संस्कारों पर सीधा प्रहारकरार दिया। पार्टी नेताओं का कहना है कि भारतीय समाज में मां को देवता से ऊपर माना गया है, “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसीऐसे में प्रधानमंत्री की मां को चुनावी हथियार बनाना नारी गरिमा का खुला अपमान है। पार्टी ने चुनाव आयोग और साइबर सेल से शिकायत करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वैसे भी यह विवाद केवल राजनीति तक सीमित नहीं। यह हमें याद दिलाता है कि नारी का सम्मान भारतीय मानस की आत्मा है। महाकाव्यों से लेकर लोकगीतों तक, नारी शक्ति ही वह अदृश्य आधार है, जिस पर समाज खड़ा है। जब राजनीति में मातृभाव को तुच्छ बहस का हिस्सा बनाया जाता है, तब यह केवल चुनावी नैतिकता नहीं, सामूहिक सांस्कृतिक चेतना की भी परीक्षा है। एआई और डीपफेक तकनीक आज ऐसी छल-छाया बन चुकी है, जो सच और झूठ की सीमाओं को धुंधला कर देती है। चुनाव आयोग पहले ही चेतावनी दे चुका है कि डीपफेक लोकतांत्रिक विमर्श को जहर दे सकता है। तकनीक विशेषज्ञों का कहना है कि बिना सख्त कानून और निगरानी के, यह जनता की राय को भटका सकता है। यह मामला बताता है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता मानव विवेक से बड़ी नहीं हो सकती, इसे संयम और नैतिकता की डोर में बांधना ही होगा। यह प्रसंग हमें बताता है कि लोकतंत्र में तकनीक की भूमिका जितनी बड़ी होती जा रही है, उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी भी चाहिए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को डीपफेक पर तत्काल रोकथाम के तंत्र विकसित करने होंगे। राजनीतिक दलों को यह संकल्प लेना होगा कि वे किसी भी रचनात्मक प्रयोग में मातृभाव या पारिवारिक गरिमा को आहत नहीं करेंगे। नागरिकों को भी डिजिटल साक्षरता अपनानी होगी, ताकि सच और झूठ में फर्क कर सकें।

बिहार की मिट्टी में मातृभाव का सम्मान गहराई से बसा है। मां का सम्मान सिर्फ गहरी भावनात्मक धारा है, बल्कि परिवार और रिश्तों को लेकर वोटर बेहद संवेदनशील भी हैं। या यूं कहे गांव-गांव में मां को धरती का रूप मानकर पूजा जाता है। मां पर की गयी टिप्पणी को पारिवारिक मर्यादा और व्यक्तिगत आक्षेप को नकारात्मक नजर से देखा जाता है। विवाह से लेकर फसल कटाई तक हर अनुष्ठान में मां के आशीर्वाद की आकांक्षा झलकती है। ऐसे समाज में यह विवाद भावनात्मक तूफान बन सकता है। मतदान में खासकर महिलाओं और बुज़ुर्ग मतदाताओं को भावनात्मक रूप से बीजेपी की ओर मोड़ सकता है, क्योंकि पार्टी इसेमां का अपमानबनामसंस्कारके मुद्दे में बदलने की कोशिश कर रही है। मतलब साफ है यही भावनात्मक लहर चुनावी समीकरण तय करने में बड़ी भूमिका निभा सकती है। बिहार चुनाव से पहले इसकी झलक अभी से दिखने भी लगी है। इस एआई वीडियो ने राजनीति का तापमान बढ़ा दिया है। कुछ लोग इसे एआई को जिम्मेदार ठहरा रहे है, लेकिन वे भूल गए हैं कि एआई अब प्रचार अभियानों का आम औज़ार है, जिसे कांग्रेस, बीजेपी, क्षेत्रीय दल सभी अपने-अपने तरीक़े से इसका उपयोग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पोस्ट से लेकर डिजिटल विज्ञापनों तक, एआई से तैयार वीडियो और ऑडियो चुनावी प्रचार का साधन बन गए हैं। इसलिए इस विवाद का केंद्र एआई का इस्तेमाल नहीं, बल्किमांको लेकर पैदा हुई भावनात्मक लहर है। बिहार कांग्रेस द्वारा उनकी मांग पर जारी किए गए इस एआई वीडियो पर राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। भाजपा नेताओं ने इसेलोकतंत्र के खिलाफ षड्यंत्रबताते हुए चुनाव आयोग और साइबर सेल से शिकायत की। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डीपफेक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। भाजपा ने इसेमातृशक्ति का अपमानकरार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को महिलाओं से जोड़कर झूठ फैलाना कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है।

बीजेपी ने कांग्रेस पर पीएम मोदी की मां का अपमान करने का आरोप लगाया है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि यह महिला और मातृशक्ति का अपमान, अब कांग्रेस की पहचान बन गई है। कांग्रेस अब गांधीवादी की जगह गालीवादी बन गई है। कांग्रेस को पीएम की मां को गाली देने का कोई पछतावा नहीं है। कांग्रेस ने सिर्फ झूठ बोलकर आरोपी का बचाव किया, यह पार्टी गांधीवादी की बजाए गालीवादी हो गई है। महिला और मातृ शक्ति का अपमान करना कांग्रेस की पहचान बन गई है। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, कांग्रेस पार्टी बेशर्मी पर उतर आई है। पहले कांग्रेस के मंच से पीएम मोदी की मां को गाली दी गई और अब एआई वीडियो बनाकर मोदी जी की मां का अपमान कर रही है। जिस तरह कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की मां का वीडियो बनाया है, जो अब इस दुनिया में भी नहीं हैं उनके बारे में इस तरह का वीडियो बनाया ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस पार्टी इससे बाज आए। पूरे देश और बिहार की जनता उस मां के अपमान का बदला जरूर लेगी, जो अब इस दुनिया में भी नहीं हैं। बिहार की जनता उन्हें सबक सिखाएगी क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी की मां हमारी मां हैं। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, प्रधानमंत्री की मां के साथ दुर्व्यवहार करने पर पछतावा करने की बजाय, कांग्रेस ने झूठ के सहारे आरोपी को सही ठहराया और उसका बचाव किया। यह पार्टी गांधीवादी की बजायगालीवादीहो गई है।

जबकि राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा, ’बिहार में जिस तरह से अत्याचार की घटना हो रही हैं, हत्याओं का दौर जारी है, माताओं की आंखों में आंसू है। उन आंसुओं को भी भारतीय जनता पार्टी के नेता महसूस करें। उन माताओं के प्रति भी भारतीय जनता पार्टी के नेता विचार व्यक्त करें, जिनके बच्चे बेरोजगारी के कारण दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। उनको लोकतंत्र में लाठी तंत्र के सहारे कहीं ना कहीं हांकने का प्रयास किया जा रहा है।सरकार और सरकार की स्थिति दयनीय हो गई है। उससे ध्यान भटकाने के लिए भारतीय जनता पार्टी इमोशनल कार्ड खेलना चाहती है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और राजद पर तीखा हमला बोला था। बिहार में महिला उद्यमियों के लिए एक योजना के शुभारंभ के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि मेरी मां अब इस दुनिया में नहीं रहीं। कुछ समय पहले, 100 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद, उन्होंने हम सबको छोड़ दिया। मेरी मां को राजद-कांग्रेस के मंच से भद्दी गालियां दी गईं। यह बेहद दुखद, पीड़ादायक और व्यथित करने वाला है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार की जनता के सामने मेरी मां को गाली देने वालों से मैं कहना चाहता हूं कि मोदी आपको एक बार माफ कर दें, लेकिन बिहार और भारत की धरती ने कभी किसी मां का अपमान बर्दाश्त नहीं किया है। 

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