यूपी 2030 तक बनेगा वैश्विक फूड बैसकेट : योगी आदित्यनाथ
राज्य में अन्न, दालें,
तेलहन और सब्जियों का उत्पादन पिछले एक दशक में पांच गुना बढ़ा है
सुरेश गांधी
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) में आयोजित डायरेक्ट सीडेड
राइस (DSR) कॉन्क्लेव में कहा कि देश के खाद्यान्न उत्पादन में अकेले उत्तर प्रदेश
का 21 प्रतिशत योगदान है। उन्होंने राज्य को 2030 तक वैश्विक फूड आपूर्तिकर्ता बनाने
के लिए कृषि विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों
में राज्य की कृषि प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं। प्रधानमंत्री द्वारा संचालित
सॉयल हेल्थ कार्ड, बीमा, MSP और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं से दस करोड़ किसानों
को प्रतिवर्ष लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि IRRI और इरी जैसे CGIAR केंद्रों ने
जलवायु-संवेदनशील धान किस्मों और आधुनिक कृषि तकनीकों में अहम योगदान दिया है। मुख्यमंत्री
ने स्थानीय और पारंपरिक किस्मों के संरक्षण पर भी जोर दिया। उन्होंने कलानमक धान का
उदाहरण देते हुए कहा कि इसे ऐतिहासिक रूप से भगवान बुद्ध को महाप्रसाद के रूप में अर्पित
किया जाता था। उन्होंने बताया कि राज्य में अन्न, दालें, तेलहन और सब्जियों का उत्पादन
पिछले एक दशक में पांच गुना बढ़ा है.
कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप
शाही, राज्य मंत्री रविन्द्र जायसवाल, डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’,
बलदेव सिंह औलख और अंतरराष्ट्रीय कृषि विशेषज्ञ उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने किसानों
को मिनी किट और आधुनिक मशीनरी जैसे ई-सीडर और प्रिसीजन हिल सीडर वितरित की, जिससे आधुनिक
और संसाधन-संवेदनशील खेती को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम का समापन बलदेव सिंह औलख द्वारा
धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस पहल से उत्तर प्रदेश तकनीक-संचालित, जलवायु-स्मार्ट
और सतत कृषि अपनाकर 2030 तक विश्व में अग्रणी खाद्य उत्पादक बनने की दिशा में अग्रसर
है।

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