Wednesday, 2 April 2025

ज्ञानवापी : मां शृंगार गौरी पूजन के लिए उमड़े आस्थावान

ज्ञानवापी : मां शृंगार गौरी पूजन के लिए उमड़े आस्थावान 

सत्यनारायण मंदिर और गेट 4-बी से जत्थे को मिला प्रवेश, डमरूओं की थाप से गूंजा परिसर

सुरेश गांधी

वाराणसी। नवरात्र के चौथे बुधवार को बड़ी संख्या में आस्थावानों ने ज्ञानवापी स्थित मां शृंगार गौरी का दर्शन-पूजन किया। हुआ। सत्यनारायण मंदिर और विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर 4-बी से सुबह 8.30 बजे से ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के जत्थे को प्रवेश मिला। दर्शन-पूजन में महिला दर्शनार्थियों को वरीयता दी गई। सबसे आगे इनकी लाइन रही, उसके बाद बाकी सभी के दर्शन हुए। 

सीइओं विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि चैत्र नवरात्रि पर्व अवधि में एक दिन काशी की परंपरा में माँ श्रृंगार गौरी की आराधना को समर्पित है। इसी परंपरा के निर्वहन में काशी विश्वनाथ धाम में विराजमान माँ श्रृंगार गौरी की आराधना काशी वासियों एवं श्रद्धालुओं द्वारा संपन्न हुई। मंदिर न्यास द्वारा इस अवसर पर श्रद्धालुओं हेतु नारियल, फलाहारी प्रसाद की व्यवस्था एवं समारोह पूर्वक आयोजन की व्यवस्था के साथ ही साथ नवरात्रि पर्व पर निरंतर आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में श्री काशी विश्वनाथ धाम न्यास द्वारा श्रृंगार गौरी आराधना उत्सव की शुभ तिथि के दृष्टिगत प्रातः काल सुंदर काण्ड पाठ हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया। इस भव्य कार्यक्रम में काशी वासियों एवं धाम पधारे श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग किया।

आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में श्री काशी विश्वनाथ धाम न्यास ने आज सायं काल 51 मातृशक्ति स्वरूपा माताओं द्वारा ललिता सहस्रनाम का आयोजन किया। मां ललिता ही शाक्त मत एवं तंत्र साधना की सर्वोच्च शक्ति माता त्रिपुरसुंदरी के नाम से भी जानी जाती हैं। श्री काशी विश्वनाथ धाम के भैरव द्वार के पास मां ललिता तीर्थ भी स्थित है जहां काशी की नौ गौरी में से मां लालिया गौरी स्थित हैं। इस भव्य कार्यक्रम में काशी वासियों एवं धाम पधारे श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़ कर प्रतिभाग किया।मंगलवार को मंदिर सभागार में ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद की ओर से माता शृंगार गौरी के पूजन कार्यक्रम, ज्ञानवापी व्यास जी तहखाना और बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन को एक बैठक हुई थी। 

बैठक में तय किया गया कि बीते 38 वर्षों से चली रही शृंगार गौरी के दर्शन की अबाध परंपरा को कायम रखने और उसके दर्शन के मौलिक स्वरूप पर गहन विचार मंथन किया गया। मंदिर प्रशासन ने विगत वर्षों के स्वरूप को ही बनाए रखने का विचार रखा, जिस पर ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के सदस्यों ने सहमति जताई। यह भी तय हुआ कि पुलिस प्रशासन भक्तों के परंपरागत व्यवस्था में सहयोग करेगा। बैठक में कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र, मंदिर प्रशासन के डिप्टी एसडीएम शंभू शरण,  पुलिस उपायुक्त, सहित ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद से डॉ. ज्ञान प्रकाश मिश्र, अधिवक्ता अनघ शुक्ल, पतंजलि पांडेय आदि शामिल रहे।

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