वाराणसी में “बालिका पंचायत” की स्थापना – किशोरियों की सशक्त भागीदारी से बदलाव की ओर कदम
मिशन शक्ति 5.0 : सुरेश खन्ना ने वाराणसी में
बालिका पंचायत का किया शुभारंभ
नारी सुरक्षा,
सम्मान
और
स्वावलम्बन
को
लेकर
बालिकाओं
को
जागरूक
किया
गया,
हेल्पलाइन
सेवाओं
की
दी
विस्तृत
जानकारी
मंत्री ने
बालिकाओं
को
कीट
और
बालिका
पंचायत
साइन
बोर्ड
वितरित
कर
जागरूकता
का
संदेश
दिया
मिशन शक्ति
के
तहत
694 ग्राम
पंचायतों
में
तीन-तीन
बालिकाओं
का
चयन,
महिला
सुरक्षा
और
जागरूकता
की
बनेगी
नई
मिसाल
सुरेश गांधी
वाराणसी। महिला सशक्तिकरण को नई दिशा
देने और किशोरियों की
सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए
वाराणसी जिले में मिशन
शक्ति 5.0 के अंतर्गत “बालिका
पंचायत” की अनूठी पहल
शुरू की गई है।
इस योजना के तहत जिले
की 694 ग्राम पंचायतों में प्रत्येक ग्राम
से तीन बालिकाओं का
चयन कर उन्हें पंचायत
सदस्य बनाया गया है।
कार्यक्रम में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, हरिश्चंद्र इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज समेत विभिन्न विद्यालयों की छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मंत्री खन्ना ने नारी सुरक्षा, नारी सम्मान और नारी स्वावलम्बन पर विस्तार से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076, वीमेन पावर लाइन 1090, वीमेन हेल्पलाइन 181, पुलिस आपात सेवा 112, गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं के लिए एम्बुलेंस 102, एम्बुलेंस 108, चाइल्ड लाइन 1098, अग्निशमन 101 और साइबर हेल्पलाइन 1930 जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं की जानकारी साझा की।
मंत्री ने बालिकाओं को कीट और बालिका पंचायत साइन बोर्ड वितरित कर जागरूकता का संदेश दिया।
उन्होंने कहा कि बालिका पंचायत समाज में लड़कियों की आवाज को सशक्त करने का मजबूत मंच है, जिससे वे अपने अधिकारों और सुरक्षा को लेकर सजग रहें।
इन बालिका पंचायतों की सदस्याएँ गांव-गांव जाकर महिलाओं के विरुद्ध अपराध, पॉक्सो एक्ट, महिला सुरक्षा कानूनों और महिला हेल्पलाइन (1090, 181, 112, 108, 1098) की जानकारी आमजन तक पहुँचाएँगी।
साथ ही जननी सुरक्षा
योजना, मातृ वंदना योजना,
सुकन्या समृद्धि योजना, कन्या शुभमंगला जैसी सरकारी योजनाओं
का प्रचार-प्रसार भी करेंगी।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं और बालिकाओं को डिजिटल साक्षरता की ओर प्रेरित करने के लिए घर-घर जागरूकता अभियान, मिशन शक्ति ग्राम सभा, नुक्कड़ नाटक और संवाद कार्यक्रम आयोजित होंगे।
सभी चयनित बालिकाओं को टी-शर्ट, प्रमाणपत्र और पहचान पत्र देकर उनकी अलग पहचान बनाई जाएगी, जिससे उनमें नेतृत्व की भावना विकसित हो और वे भविष्य में निर्णय प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी कर सकें।इस पहल से
18–25 आयु वर्ग की हजारों
किशोरियाँ सशक्त होंगी और गांव की
महिलाओं को कानूनी अधिकारों,
योजनाओं और सुरक्षा उपायों
की सीधी जानकारी प्राप्त
होगी। वाराणसी प्रशासन को उम्मीद है
कि यह प्रयास गांवों
में महिला जागरूकता और सुरक्षा की
एक मजबूत मिसाल पेश करेगा।




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