मासूमों से भड़काऊ नारे लगवाने वाले साजिशकर्ता अब भी पकड़ से बाहर
जब मासूम
बने
राजनीति
का
खेल,
तो
सवाल
बनता
है
क्यों
नहीं
पकड़े
गए
असली
जिम्मेदार?
साजिशकर्ताओं को
खंगालने
में
क्यों
हुई
देरी,
ख़ुफ़िया
तंत्र
की
हैरान
कर
देने
वाली
चुप्पी
प्रशासन और
ख़ुफ़िया
एजेंसियों
की
प्रतिक्रिया
सवालों
के
घेरे
में
सुरेश गांधी
वाराणसी. शहर का सिगरा
हो या लोहता क्षेत्र
का सोशल मीडिया पर
वायरल हो रहा वीडियो
चर्चा का विषय बन
गया है। वीडियो में
कुछ नाबालिग बच्चों को भड़काऊ नारे
लगाते देखा गया। नवरात्रि
और दुर्गापूजा के दौरान भारी
भीड़ और देशभर से
आने वाले श्रद्धालुओं को
देखते हुए यह मामला
और गंभीर हो गया है।
खास यह है कि
मासूमों को ढाल बनाकर
नफरत का बीज बोने
वाले साजिशकर्ताओं का असली चेहरा
अब भी अंधेरे में
है। बच्चों से भड़काऊ नारे
लगवाने की इस चौंकाने
वाली करतूत के बावजूद पुलिस
की पकड़ से मास्टरमाइंड
दूर है और खुफ़िया
तंत्र की खामोशी कई
सवाल खड़े कर रही
है, क्या कानून से
बड़ा कोई परछाईं खेल
रहा है, या फिर
सिस्टम ही गहरी नींद
में है?
आखिर क्या वजह
है मासूमों के नाम पर
भड़काऊ साजिश का मास्टरमाइंड पुलिस
की पहुंच से अब भी
बाहर है? छोटे-छोटे
बच्चों से नारे लगवाने
वाली खतरनाक योजना का सूत्रधार का
अब तक पकड़ में
ना आना, ख़ुफ़िया तंत्र
और प्रशासन की चुप्पी उठाती
है न सिर्फ कई
सवाल, बल्कि बढ़ा रही है
सवालों का घेरीला माहौल.
आखिर कहां छिपा है
मासूमों को मोहरा बनाने
वाली साजिश का रहस्यमय फरारी
मास्टरमाइंड?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को “कड़ी निगरानी और त्वरित कार्रवाई” के निर्देश दिए हैं। सीएम ने साफ कहा है कि “धार्मिक आस्था और उत्सव के माहौल को बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
बता दें, जुमे
की नमाज़ के शांतिपूर्ण
समापन के बाद भी
वाराणसी पुलिस की सतर्कता और
हाई अलर्ट का मकसद यह
सुनिश्चित करना है कि
नवरात्रि और आने वाले
त्योहार सौहार्दपूर्ण और शांति के
साथ संपन्न हों। वाराणसी पुलिस
ने वायरल वीडियो के आधार पर
जांच तेज़ कर दी
है। पुलिस आयुक्त ने बताया कि
वीडियो की सत्यता की
जांच के साथ ही
इसमें शामिल सभी व्यक्तियों की
पहचान की जा रही
है। कई बच्चों और
उनके परिजनों से पूछताछ शुरू
हो चुकी है। अधिकारियों
का कहना है कि
“यह सिर्फ सतही कार्रवाई तक
सीमित नहीं रहेगी, बल्कि
इसके पीछे की पूरी
साजिश का पता लगाया
जाएगा।” जिलाधिकारी ने भी कहा
कि नवरात्रि व दुर्गापूजा के
दौरान बड़ी भीड़ जुटेगी,
इसलिए सभी संवेदनशील क्षेत्रों
में अतिरिक्त पुलिस बल और खुफिया
निगरानी तैनात की जा रही
है।
सख्त कार्रवाई की मांग
जड़ तक जाना होगा
मासूमों को ढाल बनाना सबसे बड़ा अपराध,
साजिश जड़ से खत्म होगी : सीपी
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल का कहना है
कि इस तरह की
घटनाओं को लेकर पुलिस
अलर्ट मूड में हैं।
खासकर वायरल वीडियों पूरे शहर की
निगाहों में है। दो
दिन पहले जिस आशंका
ने हलचल मचाई थी,
अब वही परत-दर-परत खुलती दिख
रही है। “आई लव
मोहम्मद” के नाम पर
निकले छोटे समूह का
वीडियो, जिसमें नाबालिग बच्चे भड़काऊ नारे लगाते दिख
रहे हैं, उसे संज्ञाप
में लिया गया है।
नवरात्रि और दुर्गापूजा के
दौरान उमड़ने वाली लाखों की
श्रद्धालु भीड़ को देखते
हुए प्रशासन इसे हल्के में
लेने के मूड में
नहीं है। मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने स्वयं सख्त
चेतावनी दी है कि
“कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़
करने की किसी भी
साजिश को कड़ी सजा
मिलेगी। किसी को धार्मिक
उत्सव के माहौल को
बिगाड़ने नहीं दिया जाएगा।”
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने स्पष्ट कहा,
“हमारी पहली प्राथमिकता शहर
की शांति और हर नागरिक
की सुरक्षा है। वायरल वीडियो
की तकनीकी जांच कराई जा
रही है। इसमें दिख
रहे सभी बच्चों और
उन्हें सड़क पर उतारने
वालों की पहचान हो
चुकी है। नाबालिगों से
पूछताछ बेहद संवेदनशीलता से
की जा रही है,
लेकिन जो लोग इन
बच्चों को बहकाकर या
लालच देकर आगे लाए,
उन पर कठोर दंडात्मक
कार्रवाई तय है।” आयुक्त
ने बताया कि खुफिया विभाग,
एंटी-रायट स्क्वॉड और
सायबर सेल की संयुक्त
टीम बनाई गई है।
“यह सिर्फ सतही गिरफ्तारी का
मामला नहीं है। हमें
इस पूरी साजिश की
जड़ तक पहुंचना है।
यह पता लगाना ज़रूरी
है कि आखिर किसने
और किस मकसद से
मासूमों को मोहरा बनाया।”
नवरात्रि, दुर्गापूजा पर विशेष अलर्ट
पुलिस आयुक्त ने बताया कि
नवरात्रि और दुर्गापूजा के
दौरान वाराणसी में देशभर से
लाखों श्रद्धालु आते हैं। “हर
मंदिर, पंडाल और भीड़भाड़ वाले
क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस
बल तैनात किया गया है।
खुफिया निगरानी बढ़ाई गई है।
सोशल मीडिया पर नजर रखने
के लिए अलग कंट्रोल
रूम 24×7 सक्रिय है। किसी भी
संदिग्ध संदेश या अफवाह पर
त्वरित कार्रवाई की जाएगी।”
समाज की जिम्मेदारी भी उतनी ही अहम
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने शहरवासियों से
अपील की कि वे
अफवाहों पर ध्यान न
दें और बच्चों को
हर तरह के राजनीतिक
या सांप्रदायिक बहकावे से बचाएं। “मासूमों
को ढाल बनाना सबसे
बड़ा अपराध है। यह उनके
भविष्य और पूरे समाज
के लिए खतरा है।
किसी भी संदिग्ध गतिविधि
की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। आपकी
एक सूचना बड़े हादसे को
रोक सकती है।” पुलिस
और प्रशासन ने लोगों से
अपील की है कि
वे अफवाहों पर ध्यान न
दें और किसी भी
संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत
साझा करें। स्थानीय नागरिकों का भी मानना
है कि समाज को
मिलकर यह सुनिश्चित करना
होगा कि मासूम बच्चों
को किसी भी राजनीतिक
या सांप्रदायिक खेल का हिस्सा
न बनाया जाए। समाज को
यह समझना होगा कि मासूमों
का भविष्य सबसे बड़ा धर्म
और सबसे बड़ा कानून
है। सियासत और धार्मिक उन्माद
के लिए उनके कंधों
पर बंदूक नहीं रखी जा
सकती। यह हम सबकी
सामूहिक जिम्मेदारी है कि अगली
पीढ़ी को नफरत नहीं,
मोहब्बत और भाईचारे की
तालीम मिले।
संवेदनशील इलाकों में पैनी नज़र
बजरडीहा, खोजवां, रेवड़ी तालाब जैसे मुस्लिम बाहुल्य
क्षेत्रों में पुलिस फोर्स
लगातार गश्त कर रही
है। डीसीपी काशी गौरव बसंवाल
ने बताया कि पांच किलोमीटर
लंबा पैदल मार्च कर
इलाके की शांति-व्यवस्था
का जायज़ा लिया गया। उन्होंने
कहा कि किसी भी
धार्मिक आयोजन के लिए पूर्व
अनुमति अनिवार्य है, नियम तोड़ने
पर कार्रवाई तय है।
ड्रोन और सीसीटीवी से शहर की चौकसी
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर, काशी विश्वनाथ मंदिर
क्षेत्र, दालमंडी सहित पूरे शहर
पर पुलिस कंट्रोल रूम से सीसीटीवी
कैमरों और ड्रोन के
जरिये 24 घंटे नज़र रखी
जा रही है। भीड़भाड़
वाले बाजारों और पूजा पंडालों
के पास अतिरिक्त पुलिस
बल तैनात किया गया है।
अधिकारियों का लगातार निरीक्षण
डीआईजी शिवहरी मीना ने एडीसीपी
सरवन टी, एसीपी दशाश्वमेध,
चौक थाना प्रभारी सहित
पुलिस बल के साथ
काशी विश्वनाथ मंदिर, सनातन धर्म इंटर कॉलेज
स्थित पूजा पंडाल और
दालमंडी क्षेत्र का निरीक्षण किया।
लंगड़ा हाफिज मस्जिद से नई सड़क
होते हुए दालमंडी तक
पैदल मार्च निकाल कर लोगों को
सुरक्षा का भरोसा दिलाया
गया।
आयोजकों को मिले निर्देश
पूजा पंडाल आयोजकों
को डीआईजी ने स्पष्ट निर्देश
दिए हैं कि सीसीटीवी
कैमरे, सुरक्षा उपकरण और प्रवेश-निर्गम
द्वार सुव्यवस्थित रहें। साथ ही अतिक्रमण
करने वालों को चेतावनी दी
गई कि किसी भी
प्रकार की लापरवाही पर
तत्काल कार्रवाई होगी।
आगामी त्योहारों पर सतर्कता
आगामी नवरात्र, दुर्गा पूजा और अन्य
पर्वों के साथ शुक्रवार
की नमाज़ को लेकर शहर
में कानून-व्यवस्था मजबूत रखने के लिए
पुलिस प्रशासन ने कमर कस
ली है। पुलिस आयुक्त
कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल ने शुक्रवार को
संवेदनशील क्षेत्रों का भ्रमण कर
सुरक्षा इंतज़ामों की समीक्षा की
और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जामा मस्जिद में निरीक्षण और संवाद
पुलिस आयुक्त ने नदेसर स्थित
जामा मस्जिद पहुँचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायज़ा लिया।
उन्होंने मस्जिद प्रबंधक असलम से बातचीत
कर साफ़ कहा कि
बिना अनुमति कोई धार्मिक जुलूस
नहीं निकाला जाएगा और किसी नई
परंपरा की शुरुआत न
हो। पुलिस आयुक्त ने कहा कि
त्योहारों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने और
शहरवासियों को सुरक्षित वातावरण
उपलब्ध कराने के लिए पुलिस
पूरी तरह से मुस्तैद
है।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर निर्देश
संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त पुलिस
बल की तैनाती सुनिश्चित
करने के आदेश दिए
गए।
पैदल गश्त बढ़ाने
और किसी भी सूचना
पर त्वरित प्रभावी कार्रवाई करने पर ज़ोर
दिया गया।
भीड़-भाड़ वाले
बाजारों और धार्मिक स्थलों
पर लगातार निगरानी रखने को कहा
गया।
महिला सुरक्षा : मिशन शक्ति 5.0 पर फोकस
श्री अग्रवाल ने
महिला सुरक्षा अभियान मिशन शक्ति 5.0 पर
विशेष बल देते हुए
पुलिस कर्मियों को लगातार क्षेत्र
भ्रमण करने, स्कूल-कॉलेज, मॉल और सार्वजनिक
स्थानों पर चेकिंग बढ़ाने
और मनचलों पर सख़्त कार्रवाई
करने के निर्देश दिए।
मिशन शक्ति केंद्रों
के माध्यम से पीड़िताओं को
त्वरित सहायता देने,
स्थानीय नागरिकों व संगठनों के
साथ समन्वय कर जागरूकता फैलाने,
और शिकायत निवारण तंत्र को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया।





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