निजीकरण पर बिजली कर्मियों का उबाल, अनिश्चितकालीन कार्यबहिष्कार और जेल भरो की चेतावनी
303वें दिन भी बनारस
में
गूंजा
विरोध,
नियामक
आयोग
से
वार्ता
की
मांग
सुरेश गांधी
वाराणसी. उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण निगमों के निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मियों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ.प्र. के बैनर तले शुक्रवार को बनारस के बिजलीकर्मियों ने लगातार 303वें दिन भी जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। संघर्ष समिति ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का टेंडर जारी किया गया तो प्रदेशभर में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार और सामूहिक जेल भरो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने
कहा कि पावर कॉर्पोरेशन
प्रबंधन द्वारा तैयार निजीकरण के आर.एफ.पी. (त्मुनमेज वित
च्तवचवेंस) दस्तावेज को किसी भी
हाल में मंजूरी न
दी जाए। ई0 मायाशंकर
तिवारी ने बताया कि
इस दस्तावेज़ पर निर्णय लेने
से पहले विद्युत नियामक
आयोग को संघर्ष समिति
से वार्ता करनी चाहिए। इस
संबंध में आयोग के
चेयरमैन को पत्र भेजकर
समय मांगा गया है। संघर्ष समिति
ने दोहराया कि बिजली आपूर्ति
जनता का मूल अधिकार
है, इसे निजी हाथों
में सौंपना जनहित और कर्मचारियोंकृदोनों के खिलाफ
है। जब तक वार्ता
कर उनकी बात नहीं
सुनी जाती, आंदोलन जारी रहेगा।
कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय
समिति के सदस्य कृष्णा
सिंह ने कहा कि
निजीकरण से बिजली कर्मचारियों
का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। ई0
एस0के0 सिंह ने
चेताया कि निजीकरण के
बाद करीब 50 हजार संविदा कर्मियों
की छटनी और 16,500 नियमित
कर्मचारियों की नौकरियां खतरे
में पड़ जाएंगी। कॉमन
कैडर के अभियंता और
जूनियर इंजीनियर भी पदावनति व
छंटनी की मार झेलेंगे।
निजी घरानों को फायदा पहुँचाने का आरोप
संघर्ष समिति ने आरोप लगाया
कि यह पूरी प्रक्रिया
कुछ चुनिंदा निजी घरानों को
फायदा पहुँचाने के लिए रची
गई है। ऑल इंडिया
डिस्कॉम एसोसिएशन पर खुलेआम सरकार
और निजी घरानों के
बीच बिचौलिये की भूमिका निभाने
का आरोप लगाया गया।
एलर्ट जारी, प्रदेशभर में तैयारी
: अंकुर पांडेय
अंकुर पांडेय ने बताया कि
निजीकरण की गतिविधियां तेज
होने की आहट पर
पूरे प्रदेश के बिजली कर्मियों
को एलर्ट जारी किया गया
है। समिति ने सभी संविदा
कर्मियों, अभियंताओं और जूनियर इंजीनियरों
से कहा है कि
टेंडर होते ही अनिश्चितकालीन
कार्य बहिष्कार और सामूहिक जेल
भरो आंदोलन के लिए तैयार
रहें। विरोध सभा को संबोधित
करने वालों में ई0 मायाशंकर
तिवारी, ई0 एस0के0
सिंह, कृष्णा सिंह, अंकुर पांडेय, अरुण कुमार, रमेश
सिंह, दिनेश कुमार, धर्मेन्द्र यादव, सरोज भूषण, धनपाल
सिंह, रंजीत कुमार, राजेश पटेल, विशाल कुमार, पी0एन0 चक्रधारी,
सतीश चंद्र पांडेय, अरविंद कौशनंदन, अनुराग मौर्य और ब्रिज सोनकर
समेत कई अन्य पदाधिकारी
और कार्यकर्ता शामिल रहे।




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