हर ओर गूंज रहा है : “जय मां अन्नपूर्णेश्वरी! कोष भरो, मन भरो!”
धनतेरस : खुलेगा मां अन्नपूर्णा का ‘खजाना’ अन्नपूर्णेश्वरी करेगी समृद्धि की वर्षा
काशी की
गलियों
में
इन
दिनों
दीपक
ही
नहीं,
भक्ति
की
लौ
भी
झिलमिला
रही
है
भोर से
आरंभ
होगा
पूजन,
भक्तों
पर
बरसेगा
मां
का
अन्न
व
आशीष
सुरेश गांधी
वाराणसी। धनतेरस का पर्व काशी
में केवल दीपों का
उत्सव नहीं, बल्कि अन्न, धन और समृद्धि
की देवी मां अन्नपूर्णा
के कृपाकुंभ से छलकने वाला
पावन क्षण है। इस
दिन मां के स्वर्णमयी
विग्रह के दर्शन मात्र
से जीवन में सुख,
शांति और समृद्धि की
धार बहने लगती है।
हर वर्ष की भांति इस
बार भी बांसफाटक स्थित
श्री काशी अन्नपूर्णा मंदिर
में महापूजन और खजाना दर्शन
की दिव्य तैयारी पूर्ण हो चुकी है।
मां के दरबार में
धनतेरस की भोर एक
ऐसे आध्यात्मिक आलोक से उजलेगी,
जो भक्तों के कोष और
कलेजे दोनों को भर देगी।
भोर की मंगल बेला में आरंभ होगा पूजन
महंत शंकर पुरी
जी ने बताया कि
इस वर्ष धनतेरस अत्यंत
शुभ योग में पड़
रहा है। भोर 3 बजे
से पौने 5 बजे तक सविधि
पूजन किया जाएगा। जैसे
ही अभिजीत मुहूर्त का क्षण आएगा,
मां की आरती और
खजाने की पूजा होगी।
इसके बाद सुबह 5 बजे
से मंदिर के द्वार भक्तों
के लिए खुल जाएंगे।
मान्यता है कि इस
बेला में मां का
ध्यान और पूजन करने
से सात पीढ़ियों तक
अन्न और धन की
कमी नहीं रहती।
खजाने के दर्शन और लावा वितरण
मां अन्नपूर्णा के
प्रथम तल पर स्थित
स्वर्णमयी विग्रह के समक्ष इस
बार भक्तों को एक विशेष
सौभाग्य प्राप्त होगा — मां के खजाने
और लावा का वितरण।
यह वही क्षण होता
है जब श्रद्धालु अपने
जीवन में ‘अन्नपूर्णा कृपा’
का आशीर्वाद लेकर लौटते हैं।
मंदिर परिसर में मां भूमि
देवी, लक्ष्मी जी और रजत
महादेव की भी भव्य
झांकी सजेगी।
भक्तों के लिए सुगम दर्शन की व्यवस्था
मंदिर प्रशासन ने भक्तों की
सुविधा के लिए सुचारु
प्रवेश मार्ग बनाया है। भक्त बांसफाटक
– कोतवालपुरा – ढूढीराज गणेश मार्ग से
मंदिर में प्रवेश करेंगे
और अस्थायी सीढ़ियों से प्रथम तल
तक पहुंचेंगे। दर्शन के बाद निकास
मार्ग राम मंदिर परिसर
– कालिका गली से रहेगा।
वृद्ध और दिव्यांग भक्तों के लिए अलग
से सुगम दर्शन पथ
तैयार किया गया है।
मंदिर परिसर में दो दर्जन
सीसीटीवी कैमरे, मेडिकल टीम, वालंटियर दल
और सुरक्षा कर्मी तैनात रहेंगे।
दर्शन का समय और विशेष अवसर
स्वर्णमयी मां अन्नपूर्णा का
दर्शन प्रतिदिन भोर 4 बजे से रात
11 बजे तक रहेगा।
वीआईपी दर्शन समय शाम 5 से
7 बजे तक होगा।
पूरे पांच दिन
तक चलने वाले इस
उत्सव में लाखों श्रद्धालुओं
के आने की संभावना
है।
संतों की उपस्थिति और आशीर्वचन
इस अवसर पर
हरिद्वार नीलकंठ से पधारे शिवानंद
गिरी, प्रदीप श्रीवास्तव, धीरेन्द्र सिंह, राकेश तोमर, अभिषेक शर्मा सहित अनेक संत
और मंदिर परिवार के सदस्य उपस्थित
रहे।महंत शंकर पुरी ने
कहा “धनतेरस पर मां अन्नपूर्णा
की आराधना अन्न और सौभाग्य
का शाश्वत प्रतीक है। इस बार
का योग भारत भूमि
को धन, धान्य और
देवत्व से परिपूर्ण करेगा।”



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