Saturday, 25 October 2025

सरदार पटेल की जयंती पर गूंजेगा ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का स्वर

रन फॉर यूनिटी से गूंजेगी एकता की पुकार

सरदार पटेल की जयंती पर गूंजेगाएक भारत श्रेष्ठ भारतका स्वर 

उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक भारत को एक सूत्र में पिरोने वाले लौहपुरुष को नमन : ऊर्जा मंत्री .के. शर्मा

सुरेश गांधी

वाराणसी. अखंड भारत के शिल्पी, लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती को लेकर भारतीय जनता पार्टी और उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री .के. शर्मा ने कहा किउत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक जो भारत आज एकजुट दिखता है, वह सरदार पटेल की देन है।उन्होंने कहा कि अंग्रेज भारत को टुकड़ों में बांटना चाहते थे, लेकिन पटेल ने अपनी दूरदृष्टि, अदम्य साहस और दृढ़ इच्छाशक्ति से 563 रियासतों का विलय कर भारत को एक सूत्र में पिरो दिया। 

सर्किट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता में मंत्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों से 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल केएक भारत श्रेष्ठ भारतके सपने को जन-आंदोलन बना दिया है। आज भाजपा की जिम्मेदारी है कि एकता और अखंडता का यह संदेश हर गांव, हर विधानसभा और हर बूथ तक पहुँचे. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 31 अक्तूबर को राज्यभर मेंरन फॉर यूनिटीका आयोजन किया जाएगा। प्रत्येक जिले में सरदार पटेल की प्रतिमा से यह दौड़ प्रारम्भ होगी, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जनप्रतिनिधि, खिलाड़ी, शिक्षक, व्यापारी, अधिवक्ता, किसान, मजदूर, महिलाएं और युवा शामिल होंगे। यह सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि जनता की भागीदारी का महोत्सव होगा. शर्मा ने बताया कि सभी बूथों पर सरदार पटेल के चित्र लगाए जाएंगे और श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जाएंगी, ताकि हर नागरिक एकता का यह संदेश आत्मसात कर सके।  

1 से 26 नवंबर तक चलेगीएकता पदयात्रा

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 1 नवंबर से 26 नवंबर तक हर विधानसभा क्षेत्र में 8 से 10 किमी लंबीएकता पदयात्रानिकाली जाएगी। इन यात्राओं में रिटायर्ड सैनिक, अन्नदाता, श्रमिक, एनएसएस, एनसीसी और भारत स्काउट गाइड जैसे संगठन भाग लेंगे। यात्रा के दौरानभारत माता की जय”, “वंदे मातरम्औरजय सरदार पटेलके जयघोष से वातावरण गुंजायमान रहेगा। हर दो किमी पर ठहराव होगा, जहां स्थानीय समाज के लोगों के साथ संवाद स्थापित किया जाएगा। यात्रा का उद्देश्य केवल आयोजन नहीं, बल्कि समाज को एक सूत्र में जोड़ना है.

राष्ट्रीय स्तर पर भी विशेष कार्यक्रम

प्रदेश के मंत्री .के. शर्मा ने बताया कि प्रत्येक जिले से पांच प्रतिनिधि गुजरात के करमसद जाएंगे, सरदार पटेल के जन्मस्थान से प्रारंभ होने वाली यात्रा में भाग लेने के लिए। इसमें युवा मोर्चा के दो पदाधिकारी और तीन यूथ आइकॉन शामिल होंगे। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर एक 150 किमी लंबी पदयात्रा करमसद सेस्टैच्यू ऑफ यूनिटीतक निकलेगी, जिसमें देशभर से युवा भाग लेंगे। यह यात्रा भारत की एकता और शक्ति का प्रतीक बनेगी, जो नई पीढ़ी को सरदार साहब के विचारों से जोड़ेगी.

विद्यालयों में होंगे प्रतियोगिता कार्यक्रम

मंत्री ने कहा कि 31 अक्तूबर को विद्यालयों, कॉलेजों और पार्कों में विविध आयोजन होंगे। विद्यार्थियों के बीच निबंध, भाषण, रंगोली और चित्रकला प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। बच्चों को यह बताना जरूरी है कि भारत की सीमाएं केवल नक्शे की रेखाएं नहीं, बल्कि लाखों दिलों की एकता का प्रतीक हैं.

भाजपा का संकल्प : जनता की भागीदारी से बनेएक भारत श्रेष्ठ भारत 

मंत्री शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार सरदार पटेल के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, जब विपक्ष समाज को जाति और धर्म में बांटने की राजनीति कर रहा है, तब भाजपा की जिम्मेदारी है कि एकता और अखंडता के इस राष्ट्रधर्म को जनधर्म बनाया जाए। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे बूथ स्तर से लेकर जिला पदाधिकारियों तक हर स्तर पर जनता की भागीदारी सुनिश्चित करें। पत्रकार वार्ता के दौरान एमएलसी अरुण पाठक, भाजपा जिलाध्यक्ष एवं एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि, विधायक टी. राम, सह मीडिया प्रभारी संतोष सोलापुरकर, अभियान के जिला संयोजक सुरेंद्र पटेल, महानगर संयोजक मधुकर चित्रांश, जगदीश त्रिपाठी सहित भाजपा के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे। पत्रकार वार्ता का संचालन क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी ने किया।

सरदार पटेल आज भी प्रासंगिक

सरदार पटेल का जीवन हमें बताता है कि राष्ट्र की नींव केवल राजनीति से नहीं, बल्कि एकता और संगठन से मजबूत होती है। उन्होंने जो भारत जोड़ा, वही आज भारत की शक्ति है। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके इसी विचार कोएक भारत श्रेष्ठ भारतके रूप में जीवंत किया है। आज जब राजनीति जातियों और वर्गों की दीवारों में उलझी है, तब पटेल का लौह-संदेश और भी सार्थक हो उठता है, भारत की पहचान विविधता नहीं, एकता में है; और यह एकता तभी स्थायी होगी जब हर नागरिक स्वयं को भारत के रूप में देखे।  

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