भदोही के कालीन को विश्व बाजार तक पहुँचाने का संकल्प : सीएम योगी ने दिलाया हरसंभव सहयोग का भरोसा
कालीन उद्यमियों
का
प्रतिनिधिमंडल
मुख्यमंत्री
से
मिला,
मेले
में
भाग
लेने
की
जताई
संभावना
योगी बोले
: टैरिफ
की
समस्या
का
जल्द
समाधान
होगा
सुरेश गांधी 
वाराणसी. पूर्वांचल के ‘कारपेट सिटी’ के नाम से प्रसिद्ध भदोही एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान चमकाने को तैयार है। आगामी 11 अक्टूबर से शुरू हो रहे अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले की तैयारियों को लेकर सोमवार को कालीन उद्योग से जुड़े प्रमुख उद्यमियों और प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल सांसद डॉ. विनोद बिंद के नेतृत्व में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मिला।
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने न केवल मेले की तैयारियों का हाल जाना, बल्कि उद्योग की समस्याओं पर गंभीरता से विचार करते हुए हर संभव समाधान का आश्वासन भी दिया। साथ मेले में भाग लेने की संभावना भी जताई.कालीन उद्योग की धड़कन भदोही 
में मेला, पूरी दुनिया की निगाहें 
भदोही का कालीन उद्योग
सदियों से भारतीय हस्तशिल्प
की पहचान रहा है। यहीं
से तैयार किए गए बारीक
बुने कालीन दुनिया के कई देशों
में निर्यात होते हैं। आगामी
अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला इसी गौरवशाली
परंपरा को और विस्तार
देने का प्रयास है।
मुख्यमंत्री योगी को इस
आयोजन के लिए आमंत्रित
करते हुए प्रतिनिधिमंडल ने
बताया कि इस मेले
में अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, जापान, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस और यूएई जैसे
देशों से क्रेता प्रतिनिधि
भाग लेंगे। इससे न केवल
स्थानीय कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय बाजार
से जोड़ने का अवसर मिलेगा,
बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास
की नई राह भी
खुलेगी। मुख्यमंत्री योगी ने इस
आयोजन को पूर्वांचल का
प्रमुख व्यापारिक और सांस्कृतिक अवसर
बताते हुए कहा कि
“भदोही का कालीन उद्योग
उत्तर प्रदेश की हस्तशिल्पीय आत्मा
है। यह न सिर्फ
रोजगार देता है, बल्कि
भारतीय कला, संस्कृति और
परंपरा का जीवंत प्रतीक
भी है।”
‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना का जीवंत उदाहरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि
भदोही का कालीन उद्योग
‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी)’
योजना का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण
है। इस योजना के
माध्यम से प्रदेश सरकार
स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान
दिलाने में सफल रही
है। उन्होंने कहा कि कालीन
उद्योग में लगे हजारों
कारीगरों की मेहनत और
सृजनशीलता को देश-दुनिया
में सराहना मिल रही है।
सरकार की मंशा है
कि भदोही का हर कारीगर
अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचे और
अपने हुनर से आत्मनिर्भर
भारत के निर्माण में
योगदान दे। मुख्यमंत्री ने
अधिकारियों को निर्देश दिया
कि मेले में भाग
लेने वाले उद्यमियों और
विदेशी प्रतिनिधियों को किसी प्रकार
की असुविधा न हो, इसके
लिए प्रशासनिक स्तर पर सभी
तैयारियां पूरी की जाएं।
अमेरिकी टैरिफ पर भी हुई चर्चा, निर्यातकों को राहत का भरोसा 
बैठक के दौरान
मुख्यमंत्री ने कालीन निर्यात
में आ रही प्रमुख
समस्याओं की जानकारी ली।
विशेषकर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ
शुल्क से निर्यात प्रभावित
होने की स्थिति पर
विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री योगी
ने कहा, “राज्य सरकार केंद्र के साथ समन्वय
बनाकर इस समस्या के
समाधान के लिए प्रयासरत
है। हम चाहते हैं
कि हमारे निर्यातकों को ऐसी सहूलियत
मिले जिससे वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा
में पीछे न रहें।”
उन्होंने यह भी कहा
कि राज्य सरकार निर्यातक वर्ग के हित
में ऐसी नीति तैयार
करेगी जिससे विदेशी व्यापार से जुड़े उद्योगों
को स्थिरता और प्रोत्साहन मिले।
कारीगरों की समस्याओं पर मुख्यमंत्री गंभीर
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के
सामने कारीगरों को आधुनिक तकनीक,
प्रशिक्षण, डिज़ाइन नवाचार और विपणन सहायता
की आवश्यकता पर भी चर्चा
की। मुख्यमंत्री ने कहा कि
सरकार द्वारा संचालित योजनाओं जैसे विश्वकर्मा श्रम
सम्मान योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और
ओडीओपी ट्रेनिंग स्कीम के तहत कालीन
उद्योग को प्राथमिकता दी
जा रही है।  उन्होंने कहा कि “कारीगरों
को केवल रोजगार नहीं,
सम्मान मिलना चाहिए। भदोही के हर घर
में कौशल की परंपरा
है, यह परंपरा आधुनिक
तकनीक से जुड़कर नई
ऊंचाइयों को छुएगी।” 
भदोही की वैश्विक पहचान को मिलेगा विस्तार
मुख्यमंत्री योगी ने कहा
कि अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला प्रदेश की
गौरवगाथा का प्रतीक बनेगा।
यह आयोजन न केवल व्यापार
का माध्यम है, बल्कि यह
कारीगरों के श्रम, संस्कृति
और परंपरा का उत्सव भी
है। उन्होंने कहा कि सरकार
की प्राथमिकता है कि भदोही
और आसपास के जिलों को
वैश्विक निर्यात केंद्र के रूप में
विकसित किया जाए। सांसद
डॉ. विनोद बिंद ने मुख्यमंत्री
को धन्यवाद देते हुए कहा
कि उनके नेतृत्व में
प्रदेश में उद्योगों के
लिए जो अनुकूल माहौल
बना है, वह भदोही
जैसे पारंपरिक उद्योगों को नई दिशा
दे रहा है। उन्होंने
कहा कि मुख्यमंत्री के
संरक्षण में कालीन उद्योग
को नई ऊर्जा मिली
है।  मुख्यमंत्री
से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल
में कारपेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (सीईपीसी) चेयरमैन कुलदीप राज वट्टल, सदस्य
पीयूष बरनवाल, असलम महबूब, इम्तियाज
अहमद, संजय गुप्ता और
अनिल सिंह शामिल रहे।
सभी ने कालीन उद्योग
की प्रगति के लिए सरकार
से सतत सहयोग की
अपेक्षा जताई।


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