वाराणसी में प्रतिबंधित कोडीन कफ सिरप नेक्सस का पर्दाफाश
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल
ने बनाई एसआईटी, कई और आरोपियों तक पहुंचेगी जांच
सुरेश गांधी
वाराणसी. कमिश्नरेट वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित
अग्रवाल ने कोतवाली थाना क्षेत्र में प्रतिबंधित कोडीनयुक्त कफ सिरप की अवैध आपूर्ति
और नशे के नेटवर्क के खुलासे के बाद एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। यह
कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब वाराणसी में नशे के लिए उपयोग होने वाले कफ सिरप की
बड़ी खेप के अवैध व्यापार का नेक्सस उजागर हुआ है, जिसमें झारखंड से संचालित नेटवर्क
और स्थानीय स्तर पर 26 फर्मों तक आपूर्ति का खुलासा हुआ है।
एसआईटी अब इस मामले में, स्टॉक रजिस्टर,
बिलिंग पैटर्न, परिवहन दस्तावेज, बैंक लेनदेन, फोन कॉल डिटेल्स और संबंधित फर्मों की
गतिविधियों का विश्लेषण करेगी ताकि पूरे गिरोह की परतें खोली जा सकें। पुलिस का लक्ष्य
है कि यह सिर्फ एक एफआईआर तक सीमित न रहे, बल्कि पूरी सप्लाई चेन पर कार्रवाई की जाए।
वाराणसी में प्रतिबंधित कोडीनयुक्त कफ सिरप के अवैध व्यापार को जड़ से नचतववज करने के
लिए एसआईटी का गठन पुलिस की गंभीरता दर्शाता है। आने वाले दिनों में इस मामले में कई
और बड़े नाम जुड़ने की संभावना है। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल की सख्त कार्रवाई से नशे
के खिलाफ अभियान को नई ताकत मिली है।
कैसे सामने आया पूरा मामला
औषधि निरीक्षक जुनाब अली की शिकायत पर
थाना कोतवाली में मुकदमा संख्या 0235/2025, धारा 26(क), स्वापक औषधि एवं मनःप्रभावी
पदार्थ अधिनियम 1985 के तहत दर्ज किया गया। शिकायत में बताया गया कि मेसर्स शैली ट्रेडर्स,
प्लॉट नं. 187/188, तुपुदाना इंडस्ट्रियल एरिया, हटिया, रांची (झारखंड) इसके प्रोपराइटर
भोला प्रसाद पुत्र रामदयाल प्रसाद, निवासी सिल्वर स्प्रिंग्स फ्लैट, तुपुदाना, रांची
तथा फर्म के कम्पीटेंट पर्सन शुभम जायसवाल, निवासी ए-9/24 जे, कायस्थ टोला, प्रहलाद
घाट, वाराणसी, इनके द्वारा कोडीनयुक्त प्रतिबंधित कफ सिरप की भारी मात्रा वाराणसी की
26 मेडिकल फर्मों को गैर-चिकित्सीय, अवैध और नशे के रूप में उपयोग के लिए आपूर्ति की
गई। जांच में यह भी सामने आया कि यह नेटवर्क एक संगठित तरीके से लंबे समय से सक्रिय
था और सामान्य चिकित्सीय जरूरतों से कहीं अधिक मात्रा में कफ सिरप की अवैध ढंग से बिक्री
करता था।
एसआईटी का गठन : पुलिस आयुक्त की सख्ती
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने पूरे प्रकरण
का संज्ञान लेते हुए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जिसका उद्देश्य, पूरे
नेक्सस का पर्दाफाश, अवैध आपूर्ति श्रृंखला को चिह्नित करना, इसमें शामिल मुख्य, मध्यस्थ
और लाभार्थी सभी आरोपियों की पहचान, वाराणसी सहित अन्य जिलों में जुड़े नेटवर्क को उजागर
करना
एसआईटी की संरचना इस प्रकार है
1. अपर पुलिस उपायुक्त, काशी जोन : अध्यक्ष
2. सहायक पुलिस आयुक्त, कोतवाली : सदस्य
3. प्रभारी निरीक्षक, कोतवाली : विवेचक
जांच के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश
पुलिस आयुक्त ने डीसीपी काशी जोन को निर्देश
दिया है कि जांच उनके प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में की जाए, एसआईटी द्वारा गहनता से जांच
कर नेटवर्क के सभी तारों को जोड़ा जाए, हर सप्ताह प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा हो, महत्वपूर्ण
तथ्यों और कड़ियों की रिपोर्ट समय-समय पर पुलिस आयुक्त को भेजी जाए.
नशे के कारोबार पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई
प्रतिबंधित कफ सिरप का उपयोग नशे के रूप में बढ़ते चलन के कारण पुलिस और स्वास्थ्य विभाग लगातार ऐसे नेटवर्क्स पर नकेल कसने में जुटे हैं। यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि, सप्लाई राज्य सीमा पार झारखंड से नियंत्रित हो रही थी. वाराणसी में एक साथ 26 फर्में इस अवैध कारोबार से जुड़ी पाई गईं. नेटवर्क में शामिल लोगों का व्यापारिक कवर लेकर कार्य करने का अंदेशा है. नशे के खिलाफ यूपी सरकार की नीति के तहत यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है.

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