महिलाओं के स्वास्थ्य पर केंद्रित जनपद की बड़ी पहल
मिशन शक्ति 5.0 : वृहद स्वास्थ्य शिविर में 1.12 लाख महिलाओं की जांच, 829 संदिग्ध ब्रेस्ट कैंसर मरीज चिन्हित
मिशन शक्ति
5.0 के
वृहद
स्वास्थ्य
शिविर
ने
दिखाई
दिशा
सुरेश गांधी
वाराणसी। नारी सम्मान, सुरक्षा और स्वावलंबन को आधार बनाकर चलाए जा रहे मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत वाराणसी में सोमवार को आयोजित वृहद स्वास्थ्य शिविर ने महिला स्वास्थ्य को नई प्राथमिकता दी है। जिले के सभी राजकीय चिकित्सालयों, शहरी–ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों और स्वास्थ्य उपकेंद्रों में एक साथ लगाए गए इस शिविर में 1,12,622 महिलाओं की जांच हुई। इनमें से 829 महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की दृष्टि से संदिग्ध पाई गईं और उन्हें आगे की विशेष जांच के लिए उच्च चिकित्सा संस्थानों में संदर्भित किया गया।
यह पहल केवल
आंकड़ों का नहीं, बल्कि
समय पर स्वास्थ्य जांच
की संस्कृति को समाज में
स्थापित करने का संदेश
है। ग्रामीण से शहरी तक
फैले इस अभियान ने
दिखाया कि जब प्रशासन,
जनप्रतिनिधि और स्वास्थ्यकर्मी मिलकर
काम करें तो महिलाओं
की सबसे बड़ी चिंताओं—कैंसर और हृदय रोग—पर समय रहते
अंकुश लगाया जा सकता है।
आज जब जीवनशैली संबंधी बीमारियां तेजी से फैल
रही हैं, वाराणसी का
यह प्रयास अन्य जिलों के
लिए भी मॉडल बन
सकता है। नियमित जांच,
जागरूकता और सामूहिक सहयोग
ही वह सूत्र है,
जिससे नारी—जो परिवार
की आधारशिला है—स्वस्थ रहकर
समाज को सशक्त बना
सकेगी।
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के मार्गदर्शन और
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल के निर्देश पर
हुए इस अभियान का
उद्घाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिसिरपुर में रोहनिया विधायक
डॉ. सुनील पटेल ने किया।
उन्होंने कहा— “महिलाएं हमारे परिवार और समाज की
धुरी हैं। 30 वर्ष से अधिक
आयु की हर महिला
को नियमित जांच करानी चाहिए।
समय रहते रोग की
पहचान ही उपचार की
पहली सीढ़ी है।”
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी
ने बताया कि यह शिविर
केवल जांच तक सीमित
नहीं रहा। महिलाओं में
ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग के साथ गैर-संचारी रोगों, टीबी और अन्य
निवारक सेवाओं की भी व्यवस्था
की गई। “आईसीडीएस, शिक्षा
विभाग, एनआरएलएम, पंचायत राज और ग्राम्य
विकास विभाग सहित कई इकाइयों
के सहयोग से यह प्रयास
संभव हुआ,” उन्होंने कहा। इस अवसर पर विश्व
हृदय दिवस के संदर्भ
में हृदय रोगों से
बचाव और संतुलित जीवनशैली
पर भी जागरूकता कार्यक्रम
चले। जगह-जगह स्वास्थ्य
विशेषज्ञों ने बताया कि
शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज न
करना ही बड़ा बचाव
है।


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