Thursday, 6 November 2025

इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 को बताया अस्वीकार्य, कैश काउंटर विभागीय रखने की मांग

इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 को बताया अस्वीकार्य, कैश काउंटर विभागीय रखने की मांग 

344वें दिन भी जारी बिजली कर्मियों का विरोध, आंदोलन तेज करने की तैयारी

सुरेश गांधी

वाराणसी. पूर्वांचल दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का आंदोलन लगातार 344वें दिन भी जारी रहा। भिखारीपुर स्थित हनुमान मंदिर परिसर में संघर्ष समिति के घटक संगठनों की बैठक हुई, जिसमें आंदोलन को और तेज करने की रणनीति तय की गई।

मीडिया प्रभारी अंकुर पांडेय के अनुसार, सोमवार से संघर्ष समिति की टीमें सभी कार्यालयों का दौरा कर कर्मचारियों से संवाद करेंगी। साथ ही कैश काउंटर को विभागीय कर्मचारियों के माध्यम से संचालित कराया जाए, इस मांग को लेकर प्रतिनिधिमंडल पूर्वांचल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक से मिलेगा। इसी क्रम में समिति ने इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया। वक्ताओं ने कहा कि ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन तथा राष्ट्रीय फेडरेशनों ने ड्राफ्ट बिल पर अपने आपत्तियां केंद्रीय विद्युत मंत्री को भेज दी हैं।

उन्होंने कहा कि यह बिल मूल रूप से पावर सेक्टर के निजीकरण को बढ़ावा देता है, जो उपभोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों के हित में नहीं है। समिति ने स्पष्ट किया कि सेक्शन 14, 42 और 43 के माध्यम से निजी कंपनियों को सरकारी नेटवर्क का उपयोग देने का प्रावधान बैक डोर प्राइवेटाइजेशन है। सेक्शन 86 (e) में नियामक आयोग के सदस्यों को हटाने का अधिकार केंद्र सरकार को देना राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप है। बिजली समवर्ती सूची में है, इसके बावजूद यह संशोधन राज्य सरकारों की भूमिका कमजोर करता है। क्रॉस सब्सिडी समाप्त होने पर किसानों गरीब उपभोक्ताओं पर बिजली बिल का सीधा बोझ बढ़ जाएगा।

वक्ताओं ने कहा कि यह स्थिति उपभोक्ताओं को पुनः महंगे विकल्पों पर निर्भर कर देगी। सभा को . मायाशंकर तिवारी, . एस.के. सिंह, राजेंद्र सिंह, कृष्णा सिंह, अंकुर पांडेय, रामकुमार झा, राजेश सिंह, हेमंत श्रीवास्तव, उदयभान दुबे, जयप्रकाश, रंजीत पटेल, कृष्णमोहन, पंकज यादव, अजित वर्मा, बृजेश यादव और अजय पांडेय ने संबोधित किया।

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