वाराणसी का ‘समावेशन मॉडल’ चमका, सम्मान पाकर हिमांशु के खिले चेहरे
विश्व दिव्यांग
दिवस
पर
मिले
तीन
राज्य
स्तरीय
सम्मान,
299 सहायक
उपकरण
वितरित
योगी सरकार
ने
सराहा
वाराणसी
का
प्रयास,
कहा,
सशक्तिकरण
और
सेवा
की
मिसाल
सर्वश्रेष्ठ वेबसाइट,
प्लेसमेंट
और
नियोक्ता,
तीन
श्रेणियों
में
मिला
राज्य
सम्मान
सुरेश गांधी
वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय
क्षेत्र वाराणसी ने एक बार
फिर सामाजिक उत्तरदायित्व और समावेशी विकास
की दिशा में अपनी
प्रतिबद्धता का मजबूत संदेश
दिया है। विश्व दिव्यांग
दिवस के अवसर पर
जहां जिले के 299 दिव्यांगजन
आधुनिक सहायक उपकरणों से सशक्त हुए,
वहीं पूरे प्रदेश में
वाराणसी ने तीन महत्वपूर्ण
राज्य स्तरीय पुरस्कार हासिल कर मिसाल पेश
की। यह उपलब्धि बताती
है कि काशी सिर्फ
आध्यात्म, संस्कृति की धरोहर नहीं,
बल्कि संवेदनशील प्रशासन और मानवीय सरोकारों
की भी राजधानी बन
चुकी है। बता
दें, लखनऊ के इंदिरा
गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित राज्य
स्तरीय सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने वाराणसी को
तीन-तीन महत्वपूर्ण सम्मान
देकर जिले की मेहनत
को सराहा। पुरस्कार पाने वालों में,
1. हिमांशु नागपाल (तत्कालीन सीडीओं, वर्तमान नगर आयुक्त), दिव्यांगजनों
के लिए सर्वोत्तम अनुकूल
वेबसाइट 2. केशव जालान, सर्वश्रेष्ठ
प्लेसमेंट एजेंसी, 3. किन्न्री विरल देसाई (ब्लाइंड
पीपुल्स एसोसिएशन इंडिया), सर्वश्रेष्ठ नियोक्ता, ये तीनों सम्मान
वाराणसी मॉडल की कहानी
कहते हैं, जहाँ तकनीक,
संवेदनशीलता, रोज़गार और अवसर एक
साथ मिलकर समावेशी समाज का रास्ता
बनाते हैं।
वाराणसी साबित कर रही है कि जब नीतियों में संवेदना और क्रियान्वयन में ईमानदारी हो, तो विकास के वास्तविक मायने हर चेहरे की मुस्कान में दिखते हैं.
उधर, खुशीपुर स्थित अमरावती पुरुषोत्तम राजकीय बहुउद्देशीय दिव्यांग संस्थान एवं बचपन डे केयर सेंटर के प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कैन्ट विधायक सौरभ श्रीवास्तव उपस्थित रहे।
दीप प्रज्वलन के साथ आरंभ हुए इस गरिमामय आयोजन में कुल 299 सहायक उपकरणों का वितरण दिव्यांगजन सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण बना। जिनमें, 24 कान की मशीन, 80 ट्राई साइकिल, 70 बैसाखी, 57 आई.डी. किट, 32 ब्रेल किट, 29 स्मार्ट केन, 04 व्हीलचेयर, 03 मोटराइज्ड ट्राई साइकिल शामिल रहीं। विधायक श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य है, “हर दिव्यांगजन तक सम्मान, अवसर और आत्मनिर्भरता का उजाला पहुँचाना।” उनका वक्तव्य न केवल सरकारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, बल्कि जमीनी क्रियान्वयन की कार्यशैली को भी स्पष्ट करता है।



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