स्वतंत्र देव सिंह बने यूपी भाजपा अध्यक्ष
सुरेश
गांधी
वाराणसी। लोकसभा चुनाव
में मिली प्रचंड
जीत के बाद
भारतीय जनता पार्टी
(बीजेपी) ने अपने
संगठन में पहली
बार बड़ा फेरबदल
किया है। लोकसभा
सीटों के लिहाज
से देश के
सबसे बड़े राज्य
उत्तर प्रदेश में
भी नए अध्यक्ष
स्वतंत्र देव सिंह
बनाएं गए है।
इसकी विधिवत घोषणा
प्रधानमंत्री मोदी के
संसदीय क्षेत्र वाराणसी के
होटल में
अभ्यास वर्ग में
हुई। वे इस
वक्त उत्तर प्रदेश
सरकार में परिवहन
मंत्री हैं। उनकी
छवि संगठन में
एक मज़बूत नेता
की रही है।
हाल के सालों
में केशव प्रसाद
मौर्य के बाद
वे पिछड़ी जाति
के दूसरे प्रदेश
अध्यक्ष हैं। स्वतंत्र
देव सिंह इससे
पहले दो बार
यूपी अध्यक्ष बनते
बनते रह गए
थे। स्वतंत्र देव
सिंह को यूपी
के कुर्मी नेताओं
में प्रमुख माना
जाता है और
उन्हें संगठन स्तर पर
काम करने का
अच्छा अनुभव भी
है।
सुरभि
उन्हें अध्यक्ष बनाए
जाने की घोषणा
के बाद कार्यकर्ताओं
में काफी उत्साह
है। वाराणसी में
चल रहे दो
दिवसीय बीजेपी प्रशिक्षण में
शामिल होने परिवहन
मंत्री पहुंचे थे। कार्यक्रम
में शामिल होने
से पूर्व कैबिनेट
मंत्री में संकट
मोचन मन्दिर व
काशी विश्वनाथ मंदिर
में विधि-विधान
से दर्शन-पूजन
किया। दर्शन करने
के बाद परिवहन
मंत्री मीडिया से रूबरू
हुए और बातचीत
में कहा कि
काशी क्षेत्र में
आयोजित कार्यकर्ता प्रशिक्षण सम्मेलन
में शामिल होने
के लिए आये
है। इस शिविर
में बीजेपी कार्यकर्ताओं
को कार्य करने
का तरीका सिखाना
है। वहीं उन्होंने
योगी सरकार के
कार्यों की सराहना
करते हुए कहा
कि बीजेपी सरकार
में पहली बार
हुआ कि कांवरियों
पर हेलीकॉप्टर से
पुष्प वर्षा की
गईं, सड़के बन
रही हैं। विकास
तेजी से रफ्तार
पकड़ रहा है।
गोशालाओं में गायों
की मौत पर
कहा कि जब
से योगी सरकार
आयी है तब
से इस समस्या
के समाधान के
लिए गांव जिले
में गोशालाओं का
निर्माण कराया जा रहा
है।
बता दें,
केंद्र सरकार में मंत्री
बनने के बाद
मौजूदा महेंद्र नाथ पांडेय
ने प्रदेश अध्यक्ष
पद से इस्तीफा
दे दिया था।
तब से यह
पद रिक्त था।
बीजेपी की ’एक
व्यक्ति-एक पद’ की नीति के
तहत केंद्रीय मंत्री
बनने के बाद
महेंद्र नाथ पांडे
एक साथ यूपी
बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय
मंत्री नहीं रह
सकते थे, इसलिए
उन्होंने इस्तीफा दे दिया
था। भाजपा के
राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह
ने वाराणसी में
आयोजित प्रशिक्षण शिविर में
स्वतंत्रदेव सिंह के
अध्यक्ष बनने कर
घोषणा की। उनकी
नियुक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित
शाह ने की
है। स्वतंत्र देव
सिंह के पास
लंबा राजनीतिक अनुभव
है। लोकसभा चुनाव
के दौरान स्वतंत्र
देव सिंह मध्य
प्रदेश के प्रभारी
थे। उनकी देखरेख
में बीजेपी ने
मध्य प्रदेश में
अच्छा प्रदर्शन किया
और बीजेपी ने
29 में से 28 सीटें जीती।
स्वतंत्र देव सिंह
उत्तर प्रदेश विधान
परिषद के सदस्य
हैं। सितंबर 2017 में
वे विधान परिषद
के निर्वाचित हुए
थे। स्वतंत्र देव
सिंह यूपी बीजेपी
के पिछड़ा वर्ग
के चेहरा हैं।
वे ओबीसी समुदाय
से आते हैं।
गौरतलब है कि
स्वतंत्र देव सिंह
ने कार्यकर्ता से
लेकर संगठनकर्ता तक
का सफर तय
किया है। मौजूदा
समय में योगी
सरकार में परिवाहन
मंत्री हैं। हालांकि
एक दौर में
स्वतंत्र देव सिंह
पत्रकारिता करते थे।
दिलचस्प बात यह
है कि स्वतंत्र
देव सिंह का
नाम पहले कांग्रेस
सिंह था लेकिन
बाद में संघ
के संपर्क में
आने पर उनका
नाम स्वतंत्र देव
सिंह रख दिया
गया। यह नाम
स्वतंत्र भारत अखबार
से ही प्रेरित
था, जिसमें ’कांग्रेस
सिंह’ काम करते
थे। इस तरह
लोग आज के
दौर में उन्हें
स्वतंत्र देव सिंह
के नाम से
जानने लगे हैं।
स्वतंत्र देव सिंह
का जन्म 13 फरवरी
1964 को मिर्जापुर सीखड़ ब्लॉक
के जमालपुर गांव
के कुर्मी परिवार
में हुआ है।
इनकी मां का
नाम रामा देवी
और पिता का
नाम अल्लर सिंह
था। स्वतंत्र देव
की शादी झांसी
में हुई। उनकी
कोई राजनैतिक पृष्ठभूमि
नहीं रही। वे
ग़रीब परिवार से
थे। उनके बड़े
भाई की पुलिस
में नौकरी लग
गई। जिनकी तैनाती
जालौन में हुई
तो स्वतंत्र देव
सिंह का परिवार
मिर्ज़ापुर से जालौन
पहुंच गया। स्वतंत्र
देव ने जालौन
को कर्मभूमि बनाई
और उनकी शादी
झांसी में हुई।
जब पुलिस में
तैनात उनके भाई
का तबादला हुआ
तो उन्हीं के
साथ 1984 में वे
जालौन आ गए।
1985 में ग्रेजुएशन में दाखिला
लिया। स्वतंत्र देव
सिंह बेहद गरीबी
में पले-बढ़े
हैं।
स्वतंत्र देव सिंह
कभी पत्रकारिता किया
करते थे। छात्र
राजनीति के बीच
वह 1989-90 में ’स्वतंत्र
भारत’ अखबार से जुड़े।
उरई में वह
इसके रिपोर्टर रह
चुके हैं। छात्र
जीवन में ही
राजनीति से जुड़े
लेकिन कभी भी
करिश्माई सफलता नहीं मिली।
उन्होंने 1986 में उरई
के डीएवी डिग्री
कॉलेज में छात्र
संघ चुनाव लड़ा,
लेकिन जीत नहीं
सके। इसके बाद
2012 में विधानसभा चुनाव में
किस्मत आजमाई और वहां
भी करारी हार
का सामना करना
पड़ा। स्वतंत्र देव
सिंह पीएम नरेंद्र
मोदी के करीबी
हैं। संघ में
रहे स्वतंत्र देव
सिंह की छवि
काफी ईमानदार है।
इतने सालों से
राजनीति में रहे
स्वतंत्र देव के
पास संपत्ति के
नाम पर कुछ
खास नहीं है।
2014 के लोकसभा चुनाव से
लेकर यूपी के
2017 विधानसभा चुनाव तक यूपी
में मोदी की
सभी रैलियों को
सफल बनाने का
जिम्मा स्वतंत्र देव सिंह
के पास था।
उन्होंने अपनी संगठन
क्षमता को साबित
भी कर दिया।
यही वजह है
कि उत्तर प्रदेश
में बीजेपी सरकार
के आने पर
उन्हें मंत्री के पद
से नवाजा गया
और अब उन्हें
उत्तर प्रदेश बीजेपी
प्रदेश अध्यक्ष की कमान
सौंपी गई है।
स्वतंत्र
देव सिंह का
सियासी सफर
1986- आरएसएस प्रचारक
बने।
1988-89-अखिल भारतीय
विद्यार्थी परिषद में संगठन
मंत्री।
1991- भाजपा कानपुर
के युवा शाखा
के मोर्चा प्रभारी।
1994- बुन्देलखण्ड के
युवा मोर्चा के
प्रभारी।
1996- युवा मोर्चा
के महामंत्री।
1998- फिर से
भाजपा युवा मोर्चा
के महामंत्री।
2001- भाजपा युवा
मोर्चा के प्रदेश
अध्यक्ष।
2004- विधान परिषद
के सदस्य।
2004- प्रदेश महामंत्री
बने।
2004 से 2014- तक
दो बार प्रदेश
महामंत्री।
2010- प्रदेश उपाध्यक्ष
बने।
2012- से अभी
तक महामंत्री बने
थे।
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