Friday, 30 April 2021

कुछ बेहतर करने के लिए खुद पर अत्याचार करना पडता है...

कुछ बेहतर करने के लिए खुद पर अत्याचार करना पडता है...

जी हां, टीवी चैनलों के युवा पत्रकार रोहित सरदाना के असामयिक निधन कुछ ऐसा ही संदेश दे रहा है। वो चाहे जी न्यूज का टॉप शो ताल ठोक के हो या आज तक दंगल, जहां भी रहे अपनी बेबाक बोलने की शैली उनकी राष्ट्रवादी सोच कुछ इस कदर आवाम को दीवाना बना दिया था कि उन्होंने कोरोना जैसी जानलेवा को भी नजरअंदाज कर अपने काम पर ही जुटे रहे। यह अलग बात है कि जब कोरोना ने जकड़ा तो उन्हें इलाज का भी मौका नहीं दिया

सुरेश गांधी


फिरहाल, रोहित सरदाना के असामयिक निधन से कुछ वामपंथी विचारधारा से जुड़े लोगों को छोड़ पूरा देश हतप्रभ, स्तब्ध शोकाकुल है। उनकी बेबाक बोल, निर्भिकता, टिप्पणी सहित कामों को लोग हमेशा याद रखेंगे। सच कहा जाय तो आज के युग की पत्रकारिता में उन्हें एक आदर्श के रूप में जाना जायेगा। उनकी गिनती एंकरिंग की दुनिया में दिग्गज पत्रकारों में होती है। प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले रोहित ने जो यादें छोड़ी है वह आने वाले पत्रकारों के लिए सबक होगी। उनकी खासियत थी कि वे जहां-जहां रहे, वहां उन्होंने केवल चैनल की साख बढ़ाई, बल्कि पत्रकार के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए समाज में विद्रोह फैलाने वालों को लगातार आड़े हाथ लिया। वे अग्निधर्मा पत्रकार थे। उनके बोल एंकरिंग के नये क्षितिज छुए और जनमानस को उद्वेलित किया। उनके एक एक शब्द राष्ट्रवाद से ओतप्रोत थे।

बता दें, मशहूर न्यूज एंकर रोहित सरदाना की शुक्रवार को मौत हो गई है। रोजाना शाम को अपने न्यूज़ शो दंगल के जरिए देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर डिबेट करने वाले तेजतर्रार पत्रकार रोहित सरदाना देश के एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय पत्रकार थे। न्यूज़ की दुनिया में रोहित सरदाना एक जाना-पहचाना नाम है। पत्रकारिता की जगत में काम करने की चाहत रखने वाले लाखों लोगों के लिए रोहित सरदाना एक आदर्श है। लंबे समय तक जी न्यूज में एंकर रहे रोहित सरदाना इन दिनों आज तक न्यूज चैनल में एंकर के तौर पर काम कर रहे थे। उन्हें सुबह हार्ट अटैक आया, जिसमें उनकी मौत हो गई। वह कोरोना वायरस से भी संक्रमित थे। कुछ दिन पहले उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी, लेकिन सीटी स्कैन में पॉजिटीव पाएं गए थे। इसके बाद से उनका इलाज चल रहा था। गुरुवार को तबियत बिगड़ने पर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां हार्ट अटैक के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन बचाया नहीं जा सका।

2018 में ही रोहित सरदाना को गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार से नवाजा गया था। खास यह है कि भले ही कोरोना और दिल का दौरा पड़ने से वह दुनिया छोड़कर चले गए, लेकिन एक दिन पहले तक वह लोगों की मदद के लिए सक्रिय थे। कोरोना का शिकार हुए लोगों के इलाज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन, बेड आदि तक की व्यवस्था के लिए वह लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव थे और लोगों से सहयोग की अपील कर रहे थे। यहां तक कि अपनी मौत से ठीक एक दिन पहले 29 अप्रैल को भी रात 8.45 पर उन्होंने एक ट्वीट किया था। जिसमें कानपुर में भर्ती करुणा श्रीवास्तव नाम के मरीज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शनों की व्यवस्था करने की अपील की थी। इससे पहले 28 अप्रैल को उन्होंने लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की भी अपील की थी।

उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से बात से लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर रोहित सरदाना के निधन पर शोक जताया है- कहारोहित सरदाना ने हमें बहुत जल्द छोड़ दिया। ऊर्जा से भरपूर... उनके असामयिक निधन ने मीडिया जगत में एक बहुत बड़ा शून्य छोड़ दिया है। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। शांति।केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश ने कहा, एक बहादुर पत्रकार खो दिया है, जो हमेशा निष्पक्ष और निष्पक्ष रिपोर्टिंग करता था। भगवान उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति दे। उनके परिवार और चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।सीएम अरविंद केजरीवाल भी ट्वीट किया है- कहा, ’वरिष्ठ टीवी पत्रकार रोहित सरदाना जी के निधन की दुखद ख़बर स्तब्ध कर देने वाली है। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और परिवार को ये दुख सहने का साहस दें।इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शोक जताया है। सीएम योगी ने अपने शोक संदेश में लिखा है- ’वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना जी का निधन अत्यंत दुःखद है। वह जनपक्षीय पत्रकारिता के अप्रतिम हस्ताक्षर थे। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि वह दिवंगत आत्मा को शान्ति शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।

रोहित का जन्म 22 सितंबर को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हुआ था। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वो हिसार चले गए और गुरु जम्बेश्वर विश्वविद्यालय विज्ञान प्रौद्योगिकी में एडमिशन लिया। पहले उन्होंने मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की, उसके बाद उसी यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स किया। रोहित सरदाना की पत्नी का नाम प्रमिला दीक्षित है। रोहित और प्रमिला की दो बेटियां भी है। रोहित सरदाना ने अपने करियर की शुरुआत रेडियो स्टेशन में नौकरी करके की। इसके बाद रोहित सरदाना के सिटी केबल में काम करने लगे। रोहित सरदाना ने करीब डेढ़ साल तक सिटी केबल में काम किया, लेकिन वह कुछ बड़ा करना चाहते थे। ऐसे में वह हरियाणा छोड़कर दिल्ली गए। दिल्ली में रोहित सरदाना को सबसे पहले -ज्ट नेटवर्क के साथ इंटर्न के रूप में काम करने का मौका मिला। फिर वह -ज्ट नेटवर्क में ही बतौर पत्रकार काम करने लगे। इस दौरान रोहित सरदाना का ट्रांसफर हैदराबाद में कर दिया गया। हैदराबाद में रोहित सरदाना ने इतना अच्छा काम किया कि उन्हें ज्ट पर एंकरिंग करने का मौका मिला। बस यही से रोहित सरदाना का करियर ज्ट एंकर के रूप में शुरू हुआ। रोहित सरदाना अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी बेटियों के साथ तस्वीरें साझा करते हैं। मौजूदा वक्त में रोहित नोएडा में स्थित न्यूज चैनल आज तक में काम कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने सहारा, जी न्यूज जैसे संस्थानों में सेवाएं दी थी। 2018 में ही रोहित सरदाना को गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार से नवाजा गया था।

 

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