रंगनाथ मिश्रा की ‘घर वापसी’, भाजपाईयों में जश्न
पार्टी के निर्देश पर लड़ सकते है लोकसभा चुनाव 2024भदोही व
मिर्जापुर
से
विधानसभा
चुनाव
लड़ने
की
अटकलें
17 साल बाद बसपा
छोड़
भाजपा
में
आए
पूर्व
मंत्री
रंगनाथ
मिश्रा
सुरेश गांधी
वाराणसी। उत्तर प्रदेश की सियासत में
एक और भूचाल आ
गया, जब पूर्व मंत्री
रंगनाथ मिश्रा की घर वापसी
की खबरें मीडिया की सुर्खिया बनी।
शनिवार को 17 साल के बाद रंगनाथ
मिश्रा दोबारा भाजपा की सदस्यता ग्रहण
की। रंगनाथ मिश्रा के भाजपा ज्वाइन
करने के बाद भदोही
में सियासी समीकरण भाजपा के पक्ष में
जाता दिखाई देने लगा है। चुनाव के पहले भाजपा
ज्वाइन करने के बाद अब
लोगों में यह चर्चा खास
हो गई है कि
भदोही के ज्ञानपुर, भदोही
या पड़ोसी जनपद मिर्जापुर विधानसभा सीट से भाजपा उनको
चुनावी मैदान में उतार सकती है। हालांकि वे लोकसभा चुनाव
2024 के लिए भदोही से ही चुनाव
लड़ने की तैयारी में
है।
फिरहाल, रंगनाथ मिश्रा की घरवापसी के
बाद भदोही के भाजपा कार्यकर्ताओं
में जश्न का माहौल है।
औराई विधायक दीनानाथ भास्कर, एकमाध्यक्ष ओंकारनाथ मिश्रा, सीईपीसी के पूर्व प्रशासनिक
सदस्य घनश्याम शुक्ला, उमेश कुमार गुप्ता मुन्ना, संजय गुप्ता, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी
एवं हज समिति के
सदस्य सरवर सिद्दीकी, जिलाध्यक्ष विनय श्रीवास्तव, राकेश दुबे, चेयरमैन अशोक जायसवाल, सभासद गिरधारीलाल जायसवाल, पूर्व चेयरमैन दिलीप जायसवाल, रुपेश बरनवाल आदि ने रंगनाथ मिश्र
का पार्टी में स्वागत करते हुए बधाई दी है। बता
दें, रंगनाथ मिश्रा राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह
के काफी करीबी रहे। रंगनाथ मिश्रा पूर्वांचल में बड़े ब्राह्मण नेता के रुप में
जाने जाते है। पूर्वांचल में ब्राह्मण वोट बैंक पर रंगनाथ मिश्रा
की अच्छी पकड़ है। भाजपा की रामप्रकाश गुप्ता
सरकार में राज्य मंत्री और मायावती की
सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे रंगनाथ मिश्रा भदोही की औराई से
विधायक हुआ करते थे। बीते दिनों वह भाजपा के
नेताओं के साथ काफी
सक्रिय थे।
सियासी सफर
80 के दशक में
रंगनाथ मिश्रा ने भाजपा से
सियासी सफर शुरू किया था। भदोही जनपद में भाजपा के वह जिलाध्यक्ष
रह चुके हैं। औराई विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतकर
वह 1993 में पहली बार विधायक बने थे। उसके बाद 1996 में भाजपा से ही उन्होंने
जीत दर्ज की थी और
उनको सरकार में ऊर्जा राज्यमंत्री, मातृ शिशु एवं परिवार कल्याण सहित वन मंत्री बनाया
गया। इसके बाद किन्हीं कारणों से उन्होंने बसपा
का दामन थामा और 2007 में विधानसभा चुनाव जीतकर मायावती सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री बने। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में रंगनाथ मिश्रा भदोही विधानसभा सीट से बसपा के
टिकट पर चुनाव भी
लड़े लेकिन उनको वहां से हार का
सामना करना पड़ा। वे कुल चार
बार विधायक रहे। 2012 विधानसभा चुनाव में मिर्जापुर से बसपा ने
उन्हें टिकट दिया लेकिन हार मिली।
बसपा में रहते हुए योगी की तारीफ की थी
बसपा सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री रहे रंगनाथ मिश्रा ने सीएम योगी
आदित्यनाथ की तारीफ करते
हुए कहा था कि, सपा
की सरकार में भदोही के बाहुबली विधायक
विजय मिश्रा के इशारे पर
उन पर कई मुकदमे
दर्ज किए गए थे, जिनमें
कोर्ट ने उनको लगभग
सभी मामलों में बरी किया है। विजय मिश्रा सहित तमाम अपराधियों पर हो रही
कार्रवाई को लेकर सूबे
के मुखिया योगी आदित्यनाथ महाराज को खूब बधाई
दी थी और कहा
था कि सूबे में
हो रही कार्रवाई किसी जाति और ब्राह्मण के
खिलाफ नहीं, यह तो एक
अपराधी के खिलाफ है,
जो आगे भी होनी चाहिए।
अपराधी की कोई जाति नहीं होती : रंगनाथ
रंगनाथ मिश्रा ने कहा था
कि विजय मिश्रा पर हो रही
कार्रवाई को ब्राह्मण पर
हो रही कार्रवाई के हिसाब से
नहीं देखना चाहिए। अगर किसी अपराधी को जाति से
देखेंगे तो किसी अपराधी
पर कार्रवाई नहीं होगी। अपराधी अपराधी होता है और अपराधी
पर कार्रवाई होनी चाहिए, जो मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ महाराज कर रहे हैं।
24 घंटे बिजली के लिए कर दी थी बगावत
बात 1999 की है जब
कल्याण सिंह की सरकार थी।
रंगनाथ ऊर्जा मंत्री (राज्य) थे और नरेश
अग्रवाल इस विभाग के
कैबिनेट मंत्री थे। उस समय नरेश
अग्रवाल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष थे
और उनके समर्थन में सरकार चल रही थी।
उस वक्त नरेश अपने जिला हरदोई को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करा रहे हैं। इसके बाद रंगनाथ ने अधिकारियों की
बैठक बुलाई और कहा कि
हमारे जिले भदोही में भी 24 घंटे बिजली आनी चाहिए। नरेश ने रंगनाथ के
फैसले को रद्द कर
दिया और कहा कि
24 घंटे बिजली बस उनके विधानसभा
क्षेत्र को दी जा
सकती है। लेकिन रंगनाथ ने कल्याण सिंह
पर अपना दबाव बनाते हुए आदेश पारित करा लिया और 2002 तक भदोही को
24 घंटे बिजली मिलती रही।