Tuesday, 26 October 2021

मोदी ने काशी से पूरे पूर्वांचल सहित पड़ोसी राज्यों को साधा

मोदी ने काशी से पूरे पूर्वांचल सहित पड़ोसी राज्यों को साधा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकबार फिर अपने संसदीय क्षेत्र में तकरीबन 5200 करोड़ की सौगात दी है। इन योजनाओं से पूर्वांचल सहित पास-पड़ोस के राज्यों समेत नेपाल को भी इसका लाभ मिलेगा। फिरहाल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने दो टर्म के कार्यकाल में अब तक 28वीं बार काशी पहुंवे है। इन सात सालों में बाबतपुर वाराणसी रोड, रिंग रोड-1, लहरतारा-चौकाघाट फ्लाईओवर, बीएचयू की सुपर स्पेशियलिटी, एमसीएच विंग, कैंसर अस्पताल, पैरिसेबल कारगो, जलपरिवहन सहित कई सौगातें सहित कुल तकरीबन 45 हजार करोड़ से भी अधिक की विकास योजनाओं से काशी को जिस तरह संवारा है, वह काबिलेतारीफ तो है ही, दुसरे जनप्रतिनिधि के लिए नसीहत भी है। काशी विश्वनाथ कारीडोर पीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट है। आने वाले वर्षो में अयोध्या में श्री राम का मंदिर बनने के बाद काशी विश्वनाथ, गंगा आरती, सुबह बनारस धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक  पर्यटन की दिशा में मिल का पत्थर साबित होगा 

सुरेश गांधी

फिरहाल, काशी अपनी सांस्कृतिक पहचान वापस पाकर विकास की नई गाथा लिख रही है। नई सड़कें, नए अस्पताल, नई ट्रेनों बढ़ती उड़ान सेवाओं के बाद चारो तरफ रिंग रोड़ के साथ-साथ पूरे देश से जुड़ कर पौराणिक नगरी काशी विश्व पटल पर अपनी नई पहचान गढ़ रही है। यहआदिकोआधुनिकताका प्रणाम है। एक-एक कर जिस तरह मोदी अपनी काशी को योजनाओं की सौगात दे रहे, उसका इंतजार काशी वासियों को लंबे समय से था। अपने सात साल के कार्यकाल में उन्होंने काशी से मिले स्नेह को भर भरपूर रिटर्न गिफ्ट देकर नेह की डोर कभी कमजोर नहीं होने दी। उनका वाराणसी का हर दौरा किसी किसी रूप में खास रहा है। उसी कड़ी में एक बार फिर मोदी ने 25 अक्टूबर को 5189 करोड़ रुपए लागत की पूर्ण हो चुकी 28 परियोजनाओं का लोकार्पण कर सौगात दी। मतलब साफ है देश और दुनिया में सात वर्षों में पीएम नरेन्द्र मोदी ने कई कीर्तिमान बनाएं हैं। बदलते हुए एक भारत और श्रेष्ठ भारत के स्वरूप को देश और दुनिया को परिचित कराने और कोरोना का सामना करने के उनका प्रयास विश्व में काफी शानदार रहा है। यूपी में गरीबों और जरूरतमंदों में फ्री में राशन और देश में 100 करोड़ टीकाकरण यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। काशी की विकास श्रृंखला में तमाम परियोजनाएं जीवन को नया आधार... व्यवसाय को नई रफ्तार एवं स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत कवच प्रदान कर रही है। मतलब साफ है यह सब धर्म जाति, संपद्राय एवं क्षेत्रवाद से उपर उठकर किया जा रहा है। सात साल पहले बाबतपुर एयरपोर्ट से बनारस शहर तक आने में तीन घंटे लग जाते थे, आज महज 20 मिनट में लोग बनारस (कचहरी) पहुंच जाते हैं। इसके पहले जो सरकारें थी उन्हाने कभी इस दिशा में नहीं सोचा। जबकि देश का विरला ही कोई ऐसा पीएम गृहमंत्री सहित सीएम होगा, जिसके कदम यहां ना पड़ी हो। मगर सबके सब सिवाय सब्जबाग दिखाने के कुछ भी नहीं।

बेशक, चुनावी काल में पीएम मोदी ने 47 मिनट के भाषण में जिस तरीके से पिछले सात सालों की उपलब्धियां गिनाई, वो विपक्ष की नींद हराम करने के लिए काफी है। खास यह है कि उपलब्धियों की फेहरिस्त एक बार भी विपक्ष का नाम लिए बगैर बता दिया कि घपले-घोटाले करने वाली सरकारें बाहुबलियों, गुंडे-माफियाओं के दिन लद चुके है, केन्द्र प्रदेश में अब गरीबों की सरकार है और उन्हीं के लिए काम करती है। मतलब साफ है यूपी में योगी ही भाजपा के सिर्फ चेहरे होंगे, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव में विकास के साथ-साथ हिन्दुत्व राष्ट्रवाद और पिछली सरकारों की घपले-घोटाले ही चुनावी मुद्दा होंगे। खासतौर से तब जब सारा विपक्ष सत्ता रुपी गेद अपने पाले में लाने के लिए दिन-रात एक कर दी हो। जहां तक रैली में भीड़ जुटान का सवाल है तो एक ही दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूर्वांचल में दो बड़ी रैलियों के जरिए उमड़ी भीड़ से बता दिया कि उनकी लहर अब भी कमतर नहीं है। 10 अक्टूबर को मोदी के ही संसदीय क्षेत्र रोहनिया में प्रियंका बांड्री की जनसभा में उमड़ने वाली भीड़ से कहीं ज्यादा प्रधानमंत्री की 25 अक्टूबर को मेहदीगंज में संपंन रैली में दिखी। सिर्फ भीड़ ही नहीं पीएम ने पिछले सात साल की अपनी सरकार के विकास गाथा को बताने के साथ ही लोगों को पुरानी समस्याओं के जरिए विपक्ष की नाकामियों की याद दिलाई। मोदी जनसभा स्थल से आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन की सौगात के साथ ही पिछली सरकारों के भ्रष्टाचार की याद दिलाने से नहीं चूके। भले ही पूरे भाषण में उन्होंने खुलकर किसी भी सियासी दल का नाम नहीं लिया लेकिन, स्वास्थ्य सुविधाओं के बहाने ही पहले की अव्यवस्थाओं के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया। बताया कि किस तरह गर्भवती महिलाओं के प्रसव से लेकर इलाज में घपले-घोटाले किए गए, नियुक्तियों में धांधली की गयी। पात्र लाभार्थियों को सिर्फ योजनाओं से वंचित रखा गया, बल्कि उनके नाम पर मिलने वाली करोड़ो-अरबों की राशि डकार ली गयी। लेकिन नए भारत का नया हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर लोगों के लिए वरदान साबित साबित हो रहा है। आयुष्मान कार्ड का सबसे अधिक लाभ उन गरीबों को मिल रहा है, जिनकी कमाई छोटी सी बीमारी में सिर्फ चट हो जाया करती थी, बल्कि साहूकारों के कर्जदार हो जाते थे। एक झटकेमें देश के लिए 64 हजार करोड़ की स्वास्थ्य परियोजना लांच कर मोदी ने बता दिया कि आगे ओर भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलने वाली है।

वैसे भी कोरोना की पहली और दूसरी लहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी ने पूरे देश में सेवा की मिसाल पेश की। इसके बाद इस महामारी पर काबू में भी वाराणसी मॉडल पूरे देश में चर्चा का विषय रहा। काशी के सेवाभाव और जिजीविषा को ध्यान में रखते हुए ही देशभर के लिए शुरू होने वाली आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का केंद्र यहां रखा गया है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे को राजनीतिक समीकरणों की नजर से भी देखा जा रहा है। विपक्ष की बढ़ती सक्रियता के बीच पूर्वांचल को साधने के लिए पीएम मोदी का यह दौरा भाजपा के लिए भी काफी अहम साबित हो रहा है। पीएम मोदी ने कहा, ’जिस पूर्वांचल की छवि पिछली सरकारों ने खराब कर दी थी, जिस पूर्वांचल को दिमागी बुखार से हुई दुखद मौतों की वजह से बदनाम कर दिया गया था, वही पूर्वांचल, वही उत्तर प्रदेश, पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है। यूपी के भाई-बहन भूल नहीं सकते कि कैसे योगी जी ने संसद में यूपी की बदहाल मेडिकल व्यवस्था की व्यथा सुनाई थी। योगी जी तब मुख्यमंत्री नहीं थे, सांसद थे। जब योगी आदित्यनाथ जी को जनता-जनार्दन ने सेवा का मौका दिया तो कैसे उन्होंने दिमागी बुखार को बढ़ने से रोक दिया, इस क्षेत्र के हजारों बच्चों का जीवन बचा लिया। सरकार जब संवेदनशील हो, गरीब का दर्द समझने के लिए मन में करुणा का भाव हो तो इसी तरह काम होता है। यह मोदी के संकल्पों की ही झलक है स्वास्थ्य के क्षेत्र में बनारस मेडिकल हब बन चुका है। टाटा कैंसर संस्थान हो या बीएचयू में नए आधुनिक मेडिकल संसाधन को विकसित करना। परिणाम यह है कि यूपी ही नहीं, एमपी, बिहार से झारखंड तक के हजारों लोगो को नया जीवनदान काशी में मिल रहा। कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से हजारों-हजार मरीज सिर्फ ठीक हो रहे है, बल्कि मुंबई, दिल्ली का चक्कर लगाने से भी बचते हुए कम बजटमें अपना इलाज करा रहे है।

जब भी आएं देकर ही गए मोदी

इसके पहले 7 नवंबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पहले दौरे पर आएं बड़ा लालपुर में 600 करोड़ की लागत से ट्रेड फैसिलिटी सेंटर टेक्सटाइल सेंटर की सौगात से बनारस के विकास को गति देने की शुरुआत की थी। इसके बाद वाराणसी के हर दौरे में वे हजारों करोड़ की सौगात के साथ ही अपनी संसदीय क्षेत्र की जनता से मिलते रहे। जयापुर ग्राम कोआदर्श ग्रामबनाने हेतु गोद लिया एवं जनसभा की। 30-50 करोड़ की लागत से 14 टेक्सटाइल्स सेंटर खोलकर वहां बुनियादी सुविधाओं का विकास करने की घोषणा की। बंद सहकारी बैंकों को 2375 करोड़ की सहायता देने की घोषणा।संसदीय जनसम्पर्क कार्यालयमें की जनसुनवाई। 25 दिसंबर 2014 को केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय की तरफ से प्रथमइंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर टीचर्स एजुकेशनका उद्घाटन। कैंपस कनेक्ट (वाई-फाई) का उद्घाटन। 500 करोड़ कीमहामना राष्ट्रीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशनका प्रारम्भ। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की तरफ से आयोजित कार्यक्रमसंस्कृतिका उद्घाटन। काशी के कलाकारों को सम्मानित किया। डीरेका में आधुनिक तकनीकी से तैयार डब्लूडीपी रेल इंजन को हरी झंडी एवं 213 करोड़ से बने डीरेका वर्कशॉप का शुभारम्भ। 18 सितम्बर 2015 को पर्सनल सेक्टर की घोषणा। 2022 तक देश भर में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की घोषणा। 60 हज़ार करोड़ कीइंटीग्रेटेड पावर डेवलमेंट स्कीमका शुभारम्भ; 572 करोड़ की बनारस की योजना में चौक एवं कजजाकपुरा सब स्टेशन का शिलान्यास। 165करोड़ की लागत से बने बीएचयूट्रामा सेंटरका लोकार्पण।

हर बार सजाया-सवारा

काशी के उपनगर रामनगर के डाकघर मेंरेल आरक्षण केंद्रका उदघाटन। 629.24 करोड़ में बनारस से बाबतपुर मार्ग के उन्नयन का शिलान्यास। 261 करोड़ में बनारस के लिएरिंग रोडका शिलान्यास। पूर्वांचल की सड़कों हेतु 11 हज़ार करोड़ की घोषणा। 12 दिसंबर 2015 को जापान के प्रधानमंत्री के साथ वाराणसी आगमन। जापान नेबुलेट ट्रैनके लिए 12 अरब डॉलर का क़र्ज़ सस्ते दर पर देने की घोषणा। जापान के सहयोग से वाराणसी मेंकन्वेंशन सेंटरखोलने की घोषणा। सायंकाल दोनों प्रधानमंत्री द्वारा संयुक्त रूप से माँ गंगा पूजन एवं आरती का अवलोकन। 22 जनवरी 2016 को 9296 दिव्यांगों को सहायक उपकरण वितरण। दिव्यांगों हेतु विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा।महामना एक्सप्रेसको हरी झंडी। 22 फरवरी 2016 को काशी हिन्दू विश्वविद्यालयशताब्दी वर्ष दीक्षांत समारोहमें सहभागिता एवं उपाधि वितरण। 1 मई 2016 को डीरेका में प्रबुद्धजनों के साथकाशी के विकाससे सम्बंधित विषयों पर चर्चा। डीरेका मैदान में 1000 -रिक्शा वितरण, ज्ञान-प्रवाह में हस्तशिल्प एवं काष्ठशिल्प कृतियों का अवलोकन। अस्सी घाट पर नाविकों को सौर-उर्ज़ा से संचालित 11 -बोट का वितरण एवं काशीवासियों को अतुलनीय सम्बोधन। 24 अक्टूबर 2016 को पेट्रोलियम : सिटी गैस परियोजना का शिलान्यास। रेलवे : डीरेका विस्तारीकरण योजना का लोकार्पण। वाराणसी-इलाहाबाद रेल मार्ग दोहरीकरण का शिलान्यास। डुअल इंजन का लोकार्पण। डाक विभाग : सृजित वाराणसी डाक परिक्षेत्र की घोषणा। काशी पर आधारित डाक टिकट। बिजली : 765/400 केवी जीआइएस वाराणसी विद्युत उपकेंद्र का लोकार्पण। उद्यान विभाग : राजातालाब में पेरिशेबल कार्गो सेंटर का शिलान्यास, एसी सब्जी भंडार डिपो। सुकन्या खाताधारकों को प्रधानमंत्री द्वारा पासबुक वितरण। 22 दिसंबर 2016 को बीएचयू में महामना पं. मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (580 करोड़) और शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी सेंटर (200 करोड़) की आधारशिला। डीरेका से 150 बेड के ईएसआई के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल (150 करोड़) और बीआरएस हेल्थ एवं रिसर्च सेंटर (399) का शिलान्यास किया। लालपुर स्थित वस्त्र मंत्रालय के ट्रेड फैसिलिटी सेंटर में व्यापार सुविधा केंद्र और शिल्प संग्रहालय (280 करोड़) के प्रथम चरण का उद्घाटन। कबीर नगर कॉलोनी में आईपीडीएस के तहत भूमिगत तारों से बिजली आपूर्ति और हैरिटेज पोल (571 करोड़) का जायजा भी लिया। 22-23 सितम्बर 2017 : प्रधान मंत्री मोदी ने वाराणसी में हस्तशिल्प के लिए एक व्यापार सुविधा केंद्र दीनदयाल हस्तकला संकुल का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने वाराणसी-वडोदरा महामना एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई, कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। 12 मार्च 2018 को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां के साथ वाराणसी और मीरजापुर दौरा। 14 जुलाई 2018 को प्रधानमंत्री ने 449.29 करोड़ की इन योजनाओं का लोकार्पण किया। जिसमें 4.35 करोड़ की लागत से राजातालाब में बनकर तैयार हुआ पेरिशेबल कार्गो केंद्र, 27.89 करोड़ की लागत से निर्मित ह््रदय योजना अंतर्गत 24 सड़कों का निर्माण एवं सुधार कार्य, 50 करोड़ की लागत से निर्मित वाराणसी शहर गैस वितरण प्रणाली, 26.50 करोड़ की लागत से निर्मित ह््रदय योजना के अन्तरगत पोल एवं लाईट प्रोजेक्ट सहित कई योजनाएं शामिल है। 16 फरवरी 2020  को मोदी ने काशी महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी, पड़ाव में पं. दीन दयाल एक्सप्रेस की प्रतिमा का अनावरण सहित कुल 1200 करोड़ की परियोजना का लोकार्पण किया। 30 नवंबर 2020 को वाराणसी प्रयागराज सिक्सलेन रोड, सारनाथ साउंड एंड लाइट शो 15 जुलाई 2021 को केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं टेक्नीकल इंस्टीट्यूट (सिपेट) का स्किलिंग एंड टेक्निकल सपोर्ट सेंटर (सीएसटीसी) महगांव में का लोकापर्ण किया। 25 अक्टूबर को 5200 करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इसमें स्मार्ट सिटी की योजनाएं भी शामिल हैं। सबसे महत्वपूर्ण शाहंशाहपुर में बायो गैस प्लांट हैं जो जनसंख्या नियोजन का बड़ा माध्यम बनेगा। इसके अलावा जाम से मुक्ति के लिए टाउनहाल मैदान में अंडरग्राउंड पार्किंग है। 

सात साल में बदली बनारस की सूरत 

मोदी ने काशी के लोगो से किया वादा निभाया। विकास के एजेंडे पर नजर डाले तो बनारस में गंगा निर्मलीकरण के लिए कई स्थानों पर एसटीपी बन गए। किसानों के लिए पेरिसेबल कार्गो समेत गंगा में मालवाहक जहाज का संचालन भी हुआ। कभी किसी ने सोचा भी नही था गंगा में माल ढुलाई भी होगी। या यूं कहे गंगा की निर्मलता एवं अविरलता को बनाए रखने के साथ ही व्यवसाय से जोडने की अनूठी पहल की। बनारस समेत आसपास के जिले फोरलेन से जुड चुके हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस फर्राटा भरने को तैयार है। गंगा एक्सप्रेस वे की  येजना को अमली जामा पहनाने को सरकार कमर कस चुकी है। बनारस का रिंग रोड एक तरह से नईआर्थिक जीवन रेखाके रूप में स्थापित होगा। इस रिंग रोड के आसपास इंडस्ट्रीज लगेगी। नए बाजार बसेंगे। बनारस शहर का विस्तार भी तेज होगा। नई कालोनियां विकसित होंगी। मल्टीस्टोरी बिल्डिंगे बनेगी।  तय है इससे हजारों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रोजगार आने वाले दिनों में मिलेंगे। अंडर ग्राउंड, मल्टीस्टोरी पार्किंग के साथ ही चैराहों को तकनीकी आधुनिकीकरण से जाम से निजात मिलने की पूरी संभावना है। इसलिए भी अगले साल तक फुलवरिया फोर लेन बनकर तैयार हो जाएगा। पूर्वांचल के किसान अब दुबई से लगायत यूरोप देशों में सब्जी और फल निर्यात कर रहे। यह सब बीते सात सालों में ही हुआ। यह एक नई ऊर्जा, नई शक्ति एवं नया विश्वास जनता के बीच मोदी के प्रति पैदा करता है।

निजीकरण के विरोध में वाराणसी के हजारों कर्मी लखनऊ बिजली पंचायत में होंगे शामिल

निजीकरण के विरोध में वाराणसी के हजारों कर्मी लखनऊ बिजली पंचायत में होंगे शामिल  आज होगा संघर्ष के कार्यक्रमों का ऐलान ...