विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में 65 मेधावियों को 76 गोल्ड से नवाजा गया
शिक्षा की
सार्थकता
तभी
है
जब
उसे
लोकहित
और
जनहित
से
जोड़े
: आनंदी
बहन
पटेल
सुरेश गांधी
वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में शनिवार को स्वर्ण एवं रजत पदक पाकर मेधावियों के चेहरे दमक उठे। मौका था 44वें दीक्षांत समारोह का। समारोह में मुख्य अतिथि महामहिम कुलाधिपति आनन्दी बहन पटेल एवं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने 65 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया।
इसके अलावा विभिन्न संकायों के 67916 विद्यार्थियों को स्नातक, 9277
विद्यार्थियों
स्नातकोत्तर, 48 विद्यार्थियों को शोध तथा
01 छात्रा को डीलिट की
उपाधि प्रदान की गई। पदक
पाने के बाद मेधावियों
का महामहिम के साथ ग्रूपिंग
हुआ तो उनकी खुशियों
में चार चांद लग गया।
समारोह में छात्र-छात्राओं को संबोधन के
दौरान महामहिम राज्यपाल ने उन्हें न
सिर्फ कर्तव्यबोध का अहसास कराया,
बल्कि खुशहाल जीवन जीने का सलीका भी
बताया। कहा, जीवन की सफलता ज्ञान
के बेहतर उपयोग, लगन और निष्ठा के
साथ लक्ष्यों को पूरा करने
से प्राप्त होता है। ऐसे में आपको अपने जीवन में परिवार के साथ-साथ
राष्ट्र व समाज के
उत्थान में भी अपना योगदान
देना चाहिए। क्योंकि विद्यापीठ से प्राप्त ज्ञान
की उपयोगिता तभी है जब राष्ट्र
निर्माण को प्रभावशाली बनाने
में हरसंभव प्रयास करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि
काशी विद्यापीठ में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल छात्राओं को मिला। भाईयों,
आज महिलाओं से मुकाबला नहीं
कर पा रहे हो।
मालूम हो कि विद्यापीठ
में गोल्ड मेडल पाने वाले मेधावियों में 49 छात्राएं शामिल हैं। श्रीमती आंनदीबेन पटेल ने चुटकिले अंदाज
में बेटियों को बधाई देते
हुए कहा कि छात्रों की
कुल संख्या में छात्राओं की संख्या छात्रों
से कम है, लेकिन
मेडल पाने वाले में छात्राओं की संख्या छात्रों
से ज्यादा है। इसलिए शिक्षण के क्षेत्र में
यह अनुपात घटने ना पाएं। यह
स्थिति आगे समाज में असमानता को जन्म देगी।
आगे चलकर लड़कियों को अपने शिक्षा
स्तर के बराबर शादी
के लिए लड़के नहीं मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर
पर भारत की युवाशक्ति की
वैश्विक पहचान बन रही है।
ऐसे में छात्रों का बहुआयामी विकास
करने के लिए कार्य
करना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों को स्वरोजगार के
लिए प्रेरित करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा
समाज में परिवर्तन लाने का महत्वपूर्ण घटक
है। हमें अपने विश्वविद्यालयों में शिक्षण कार्य की गुणवत्ता को
बढ़ाना होगा, जिससे हमारे युवाओं को करियर बनाने
के अवसरों में बढ़ोत्तरी हो।
उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ भारत का इंटरनेशनल सोलर एलांसय, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, भारत निर्मित दवाओं के विश्वस्तर पर उपयोग का जिक्र करते हुए विश्वविद्यालय स्तर से विद्यार्थियों और किसानों को जैविक खेती और मोटे अनाज के उत्पादन की जानकारी देने को कहा।
उन्होंने
मोटे अनाजों की विश्वस्तर पर
बढ़ती मांग, इसके प्रयोग से स्वास्थगत फायदे
और इसके उत्पादन में कम पानी की
खपत की चर्चा करते
हुए कहा कि इसकी खेती
में यूरिया और दूसरे रसायनों
की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए ये पर्यावरण के
लिए भी बेहतर है।
इसके पूर्व उन्होंने कार्यक्रम का उद्घाटन ‘‘जल संवर्द्धन‘‘ के साथ किया। उन्होंने मटकी में जलधारा प्रवाहित कर जल संरक्षण का संदेश दिया।
उन्होंने भारत में जी-20 देशों की बैठकों की
जानकारी देते हुए बताया कि ये बैठकें
मानवता के कल्याण के
लिए ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम‘‘ की थीम पर
आधारित है। उत्तर प्रदेश के चार शहरों
आगरा, वाराणसी, लखनऊ, ग्रेटर नोयडा में भी बैठकें आयोजित
हो रही हैं।
उन्होंने विश्वविद्यालय को इस इवेंट में उत्साह के साथ प्रतिभागिता के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे मेधावी विद्यार्थियों का चयन करें, जो विदेशी भाषा के जानकार हों। ये छात्र जी-20 देशो के प्रतिनिधियों से संवाद करके जानकारियों के प्रचार-प्रसार, विश्वविद्यालय के नवाचारों, स्टार्टअप तथा अन्य गतिविधियों के डिजिटल प्रचार तथा प्रदर्शनी के अयोजन आदि से हिस्सेदारी कर सकते हैं।
समारोह में मुख्य अतिथि एवं केन्द्रिय विश्वविद्यालय, महेन्द्रगढ़, हरियाणा के कुलपति प्रो
टंकेश्वर कुमार ने अपने अनुभवों
को विद्यार्थियों से साझा करते
हुए उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं
दीं। इस अवसर पर
कुलपति प्रो एके त्यागी ने विश्वविद्यालय की
प्रगति आख्या प्रस्तुत की।
इन्हें मिले सबसे ज्यादा मेडल
पीजी में सबसे ज्यादा 3 मेडल निष्ठा द्विवेदी और सुनीता कुशवाहा को दो गोल्ड मिले। वहीं स्नातक में बीकाम की आंचल राय को सबसे ज्यादा दो गोल्ड मेडल मिले। उत्कृष्ट खिलाड़ियों में किक बॉक्सर मुस्कान बिजलानी और तीरंदाजी में सौरभ मौर्या को गोल्ड मेडल दिया गया।
सर्वाधिक स्वर्ण पदकों पर आधी आबादी
का कब्जा है। 65 मेधावियों में 49 छात्राएं रहीं। स्नातक के मेधावी आंचल
राय (दो मेडल), रूपा
मौर्या, जागृति मिश्रा, अंजली विश्वकर्मा, दृष्टि दीक्षित व सुमन कुमारी,
दिव्यांशी पांडेय, राहुल सिंह, दीक्षा शर्मा, जान्हवी खन्ना (दो मेडल), अर्पिता
कुमारी, अभिषेक आनंद, तृप्ति सिंह, श्रेया जायसवाल, मोहम्मद अफजल, रश्मि शर्मा, अर्चना कुमारी।