Saturday, 17 August 2024

मारवाड़ी अस्पताल में योगी ने किया डायलिसिस विंग का उद्घाटन

मारवाड़ी अस्पताल में योगी ने किया डायलिसिस विंग का उद्घाटन

108 वर्षों से चिकित्सा सेवा देना इस हास्पिटल की बड़ी उपलब्धि 

मरीजों की सेवा भगवान की सेवा है रू योगी आदित्यनाथ

सुरेश गांधी 

वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोदौलिया स्थित रामलक्ष्मी नारायण मारवाड़ी हिंदू अस्पताल में डायलिसिस यूनिट का उद्घाटन किया। इस यूनिट में कुल सात बेड है। मुख्यमंत्री ने कहा 1916 का वर्ष बेहद महत्वपूर्ण था जब पंडित मदन मोहन मालवीय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की और इसी वर्ष काशी की हृदय स्थली गोदौलिया में भी मारवाड़ी अस्पताल की स्थापना हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा यह अस्पताल अपने स्थापना के समय से निरंतर चिकित्सा सेवा में मानवता की मिसाल पेश कर रहा है। इसी कड़ी में डायलिसिस के खर्च से परेशान मरीजों के परिवार की हालत को देखते हुए अस्पताल ने मात्र ₹500 में उच्च कोटि की डायलिसिस यूनिट की शुरुआत की। जिसमें मशीन के साथ अत्याधुनिक आरो सिस्टम लगाया गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मरीजों का हाल भी जाना और पूरी यूनिट को देखकर उसकी प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी मात्र ₹10 के पर्चे पर इलाज करना बड़ी सेवा है, जो आप लोग कर रहे हैं वह भगवान की सेवा है। इस अस्पताल में सृष्टि के पलक श्री विष्णु हरि स्वयं विराजमान है। जिनकी वजह से अस्पताल का नाम श्री लक्ष्मी नारायण मारवाड़ी अस्पताल है। लिहाजा आपको चिकित्सा क्षेत्र में गरीबों और वंचितों की सेवा करने में कभी कोई परेशानी नहीं होगी। अगर कोई परेशानी होगी तो प्रदेश सरकार के साथ-साथ हमारे मंत्रीगण और प्रशासनिक अधिकारी हमेशा आपका सहयोग करेंगे। कार्यक्रम में अस्पताल का परिचय और उसके कार्य के बारे में विस्तार से मारवाड़ी अस्पताल के मंत्री गौरीशंकर नेवर ने बताया।

इस मौके पर मंच पर मारवाड़ी अस्पताल ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ बैजनाथ प्रसाद डायलिसिस विंग के दानदाता राम अवतार जी अग्रवाल और जाने माने नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ डी के सिन्हा मौजूद थे मारवाड़ी अस्पताल के संयुक्त सचिव संजीव शाह डायलिसिस विंग के प्रभारी आनंद अग्रवाल डायलिसिस विंग के दानदाता परिवार के निर्मल अग्रवाल, सतीश अग्रवाल और अनिल अग्रवाल के साथ प्रबंध समिति के सदस्य रवि अग्रवाल, राजेश अग्रवाल अस्पताल ट्रस्ट बोर्ड के सदस्य कृष्ण कुमार खेमका, रवि पाटोदिया और दीपक बजाज ने यशस्वी मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह और बुके देकर के स्वागत किया। बता दें, किसी निजी संस्था से सबसे कम मूल्य पर मरीजों को लाभ दिया जाएगा। स्पताल प्रबंधन ने डायलिसिस का शुल्क मात्र 500 रुपये निर्धारित किया है, जिससे मरीजों को कोई परेशानी हो। सरकारी और संस्था के अस्पतालों में किडनी मरीजों के बढ़ते मामले को देखते हुए लगातार सुविधाओं में बढ़ोतरी की जा रही है। एक सप्ताह के अंदर निजी अस्पताल में सात से 10 हजार रुपये मरीजों को खर्च करने पड़ते हैं।

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