ज्ञानवापी : नमाज होती रहेगी, मरम्मत की इजाजत नहीं
व्यास तहख़ाने की छत पर नमाज़ पढ़ने के साथ ही नीचे तहख़ाने में पूजा भी होती रहेगीव्यासजी तहखाने
में
प्रवेश
को
लेकर
वाराणसी
कोर्ट
में
हुई
बहस
सुरेश गांधी
वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर
से सटे ज्ञानवापी को
न्यायालय में बहस तो
जारी है, लेकिन हिंदू
पक्ष की नमाज पर
रोक लगाने की मांग खारिज
हो गयी है। कोर्ट
ने शुक्रवार को मामले की
सुनवाई करते हुए व्यास
तहखाने की छत पर
नमाज पढ़ने वालों की
रोक लगाने संबंधी याचिका को खारिज कर
दिया है। मतलब साफ
है नमाज होती रहेगी।
साथ ही कोर्ट ने
तहखाने में मरम्मत कराने
की इजाजत देने से भी
मना कर दिया है।
हालांकि, व्यास तहखाने में चल रही
पूजा जारी रहेगी।
बता दें, ज्ञानवापी
को लेकर दोनों पक्ष
अपनी-अपनी धार्मिक भावनाओं
के आधार पर परिसर
पर अपना दावा कर
रहा हैं। लेकिन न्यायालय
में अभी दोनों पक्षों
की दलीले जारी है। सिविल
जज सीनियर डिवीजन हितेश अग्रवाल की कोर्ट ने
ज्ञानवापी मामले में तहखाने में
चल रही पूजा को
यथावत रखते हुए तहखाने
के कस्टोडियन डीएम वाराणसी को
किसी भी प्रकार की
मरम्मत का आदेश देने
से इनकार कर दिया। इसके
साथ ही हिंदू पक्ष
की याचिका को अस्वीकार कर
दिया। इस मामले की
सुनवाई के दौरान कोर्ट
ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति
और मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने
की वजह से याचिका
अस्वीकार कर दी। और
यथास्थिति को बरकरार रखा
है। यहां जिक्र करना
जरुरी है कि जनवरी
में व्यास जी तहखाने में
पूजा-पाठ का अधिकार
मिलने के बाद एक
संस्था की तरफ से
एक याचिका डाली थी। इस
याचिका में व्यासजी के
तलगृह की छत पर
मुस्लिमों के इकट्ठा होने
से रोकने की मांग की
गई थी। हिंदू पक्ष
ने बजरिए याचिका आग्रह किया था कि
व्यासजी तहखाने में नमाजियों का
प्रवेश न हो लेकिन
सिविल जज सीनियर डिवीजन
हितेश अग्रवाल ने इस याचिका
को खारिज कर दिया।
कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें
16 दिसम्बर, 2023 को कानपुर की
आकांक्षा तिवारी, लखनऊ के दीपक
प्रकाश शुक्ला, अमित कुमार और
सुविद प्रवीण ने ये याचिका
दाख़लि की थी. याचिका
के मुताबिक़, व्यास तहखाना बहुत पुराना है
और इसकी छत कमज़ोर
है. पानी टपकता है.
तहख़ाने के पिलर भी
कमज़ोर हैं. फिर नमाज़ियों
के आने-जाने से
छत पर भार बढ़ता
है. ऐसे में नमाज़ियों
को छत पर नमाज़
करने से रोका जाए
और तहख़ाने की मरम्मत कराई
जाए. वरना यहां कोई
भी हादसा हो सकता है.
मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट
में हिंदू पक्ष की याचिका
का विरोध किया था. दलील
दी कि वो सालों
से छत पर नमाज़
पढ़ रहे हैं, छत
इतनी भी कमज़ोर नहीं
कि आवाजाही से ढह जाए.
मुस्लिम पक्ष ने कहा,
“सालों से मुसलमान यहां
पांच वक़्त की नमाज़ बिना
रोक-टोक के पढ़ते
चले आ रहे हैं.
ज्ञानवापी में क्षमता के
अनुसार जितने नमाज़ी आ सकते हैं,
उतने ही लोग नमाज
पढ़ते हैं. बिना वजह
वहां कोई नहीं घूमता.”
आर्डर
सिविल जज सीनियर डिवीजन
हितेश अग्रवाल ने दोनों पक्षों
को सुना. उन्होंने तहख़ाने में चल रही
पूजा को यथावत रखा,
मगर तहख़ाने के कस्टोडियन ज़िलाधिकारी
को आदेश दिया कि
किसी भी प्रकार की
मरम्मत की अनुमति न
दें.
हिन्दू पक्ष नाराज
फ़ैसले के बाद हिंदू
पक्ष नाख़ुश है. वो पूछ
रहे हैं कि अगर
कोई हादसा होता है, तो
कौन ज़िम्मेदार होगा. साथ ही उन्होंने
ये भी कहा है
कि वो उच्च अदालत
में अपील करेंगे. हिन्दू
पक्ष की ओर से
पेश हुए अधिवक्ता मदन
मोहन यादव ने बताया
कि व्यास जी के तहखाने
की मरम्मत करने के विषय
पर हिंदू पक्ष की याचिका
पर सुनवाई करते हुए मुस्लिम
पक्ष की आपत्ति के
मद्देनजर न्यायाधीश ने यह निर्णय
दिया। उन्होंने बताया कि दीवानी न्यायाधीश
(सीनियर डिवीजन) हितेश अग्रवाल की अदालत ने
तहखाने में जारी पूजा
गतिविधियों को बरकरार रखा
है। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष
द्वारा उठाई गई आपत्तियों
और शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित
याचिकाओं को ध्यान में
रखते हुए गुरूवार को
यह आदेश दिया।
अब डिस्ट्रिक्ट जज की कोर्ट में करेंगे अपील
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता
मदन मोहन यादव ने
बताया कि अब हिंदू
पक्ष तहखाना की मरम्मत के
संदर्भ में जिला न्यायाधीश
की अदालत में अपील करेगा।
उन्होंने बताया कि कोर्ट के
आदेश के बाद 31 जनवरी
को व्यास जी के तहखाने
में पूजा-अर्चना फिर
से शुरू हो गई,
जिससे श्रद्धालुओं को स्थापित मूर्तियों
के दर्शन करने की अनुमति
मिल गई। हालांकि, हिंदू
पक्ष ने तहखाने की
पुरानी और कमजोर छत
के कारण इसकी सुरक्षा
को लेकर चिंता जताई
और मरम्मत कार्य के लिए कोर्ट
से हस्तक्षेप की मांग की।
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