गणेश पूजा को लेकर भक्तों में उल्लास, मठ मंदिरों से लेकर घरों में स्थापित हुए गणपति
भोले की नगरी में पुत्र गणेशोत्सव की धूम, पंडालों में विराजे बप्पा
चहुंओर गूंज
रही
’गणपति
बप्पा
मोरया...
सुरेश गांधी
वाराणसी। बाबा भोलेनाथ की
नगरी काशी में पुत्र
गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जा
रहा है। हर ओर
’गणपति बप्पा मोरया’ की गूंज सुनाई
दे रही है। मंदिरों,
घरों, और पंडालों में
गणेश जी की मूर्ति
विधि-विधान से स्थापित हो
गयी है। भक्त पूजा
आराधना में लीन हो
गए है। श्रद्धालुओं ने
भी विघ्नहर्ता की प्रतिमा का
शृंगार कर विधि विधान
से पूजा, अर्चना की। गणपति बप्पा
मोरया के जयकारों से
शहर गूंजता रहा। लगातार दस
दिनों तक भगवान गणेश
की पूजा-अर्चना पांडालों
में सुबह-शाम की
जाएगी। 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी
के दिन भगवान गणेश
की भव्य शोभा यात्रा
निकालकर प्रतिमा विसर्जित की जाएगी।
गणेश चतुर्थी के
दिन भगवान गणेश का जन्म
हुआ था और इस
दिन से आगामी 10 दिनों
तक लोग विधि विधान
पूर्वक भगवान गणेश की वंदना
करते हैं. भगवान गणेश
सर्वप्रथम पूजनीय देवता है. गणेश चतुर्थी
से लेकर आगामी 10 दिनों
तक लोग भगवान गणेश
की पूजा आराधना में
लीन रहेंगे. उसके बाद भगवान
गणेश को पवित्र नदियों
में विसर्जित करेंगे. इन 10 दिनों में हर तरफ
गणपति बप्पा मोरया का नारा लगेगा,
तो शाम के समय
भगवान गणेश को उनके
प्रिय चीजों का भोग लगाकर
उनकी आरती कर भगवान
गणेश से जीवन में
सुख और सौभाग्य की
प्राप्ति के लिए लोग
कामना भी करेंगे.
खमरिया के दास कारपेट
की गली में स्थापित
बाल श्री सिद्धिविनायक गणेश
पजनोत्सव समिति के अध्यक्ष शिवांश
जायसवाल ने बताया कि
गणेश की प्रतिमा विधि
विधान से वैदिक मंत्रोंचार
के बीच स्थापित हो
गयी है। पंडाल में
रिद्धि-सिद्धि की भी प्रतिमा
स्थापित की गई है।
इसके बाद हर रोज
भोग व आरती होगी।
आज ही के दिन
भगवान श्री गणेश का
जन्म हुआ था. ऐसे
में भगवान गणेश की पूजा
कर 10 दिन उन्हें लोग
अपने घरों में विराजते
हैं और उनसे प्रार्थना
करते हैं. आरती के
दौरान ढोल की धुन
पर नाचते हुए लोग काफी
उत्साहित नजर आ रहे
हैं. लोगों के बीच भी
गजब का उत्साह देखा
जा रहा है. मान्यता
है कि भगवान गणेश
को घर में विराजमान
करने से सभी दुख
समाप्त हो जाते हैं.
प्रत्येक वर्ष की भांति
इस वर्ष भी गणेशोत्सव
को बड़ी धूमधाम से
मनाया जा रहा है।
काशी विश्वनाथ धाम
में शनिवार की गणेश पूजन
का आयोजन किया गया। इस
दौरान हजारों भक्तों ने भगवान का
आशीर्वाद लिया। श्री काशी विश्वनाथ
धाम में गणेश उत्सव
हर्ष उल्लास के साथ मनाया
गया। शुक्रवार को श्री काशी
विश्वनाथ धाम में विधि-विधान से भारी संख्या
में श्रद्धालुओं, काशीवासियों, न्यास के सम्मानित सदस्य
प्रो. चंद्रमौली उपाध्याय, अन्य न्यास अधिकारियों
एवं कार्मिकों की उपस्थिति में
भगवान शिव व माता
देवी पार्वती के प्रिय सनातन
परंपरा में प्रथम पूज्य
भगवान श्री गणेश जी
के उत्सव गणेश चतुर्थी का
पूजन संपन्न हुआ।
शिवपुराण के अनुसार, भाद्रपद
मास के कृष्णपक्ष की
चतुर्थी को मंगलमूर्ति गणेश
की अवतरण-तिथि हुई। इसी
दिन रिद्धि सिद्धि के दाता, विध्नहर्ता
भगवान श्री गणेश का
अवतरण हुआ था। श्री
गणेश को समस्त देवताओं
में प्रथम पूज्य देव कहा गया
है। श्री गणेश सुख-समृद्धि दाता भी है।
इनकी कृपा से परिवार
पर आने वाले संकट
और विध्न दूर हो जाते
हैं। श्री काशी विश्वनाथ
मंदिर न्यास समस्त सनातन श्रद्धालुओं के मनोरथ पूर्ण
होने की मंगलकामनाएं प्रेषित
करता है। आज के
मंगल कार्यक्रम में पौरोहित्य पं.
श्रीकांत मिश्र द्वारा सहयोगी अर्चक एवं शास्त्री गण
के साथ किया गया।
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