काशी
को राष्ट्रपति कोविंद
ने दी 3500 करोड़
की सौगात
कहा,
मोदी-योगी की
अगुवाई में काशी
बनेगा देश का
विकास माॅडल
सुरेश
गांधी
वाराणसी।
राष्ट्रपति बनने के
बाद पहली बार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के
संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे
रामनाथ कोविंद ने काशी
में 3473 करोड़ रुपए
की पांच परियोजनाओं
का शिलान्यास किया।
इसमें 2118 करोड़ रुपए
वाराणसी से एमपी
बार्डर के हनुमना
के 125 की तीन
प्रोजेक्ट और 1355 करोड़ के
44 किमी के रिंगरोड
फेज 2 का शिलान्यास
शामिल है। इसके
अलावा कौशल विकास
मिशन के तहत
अपने हाथों से
दस युवाओं को
प्रमाण पत्र भी
सौंपा। इसके पहले
शहर के बड़ालालपुर
स्थिति दीनदयाल हस्तकला संकुल
गए और वहां
आयोजित विभिन्न सरकारी संस्थानों
एवं निजी कंपनियों
के स्टॉलों का
निरीक्षण किया और
लोगो से अपील
भी किया कि
वे भी प्रदर्शनी
को जरुर देंखे।
क्योंकि ये बदलते
भारत की तस्वीर
है।
इस
दौरान युवाओं को
संबोधित करते हुए
कहा कि प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी एवं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
की अगुवाई में
काशी लगातार विकास
कर रहा है।
कहा की आज
जिन योजनाओ का
श्री गणेश हुआ
है इससे बनारस
और आसपास का
विकास होगा। पीएम
ने काशी को
दुनिया के नक्शे
पर पहचान दिलाई
है। पीएम ने
यहां के अस्सी
घाट पर सफाई
करके एक अच्छी
शुरूआत की। जिससे
लोगों ने प्रेरणा
ली। कहा, काशी
स्प्रिचुअल सिटी से
स्मार्ट सिटी की
ओर बढ़ रही
है। यहां एक
तरफ तो प्राचीनता
नजर आती है
वहीं दूसरी ओर
आईआईटी और बीएचयू
जैसे संस्थान भी
हैं। पहले बनारस
आने पर बिजली
के लटकते तारों
से डर लगता
था। लेकिन अब
सरकार ने इनको
भूमिगत करके बिजली
चोरी और दु्र्घटनाओं
को रोकने का
काम किया है।
वाराणसी की आर्थिक
विकास की धुरी
बनाने के लिए
विकास हो रहा
है। आर्थिक विकास
की धुरी बनाने
के लिए नेशनल
हाईवे से लेकर
जल मार्ग व
रेल को जोड़ा
जा रहा है।
वाराणसी में जो
भी बदलाव आ
रहा है, उसमें
प्राचीनता और परम्परा
के साथ आधुनिक
तरीके से विकास
हो रहा है।
मोदी
ने फ्रांस के
राष्ट्रपति की यात्रा
का जिक्र करते
हुए कहा कि
पीएम ने मैक्रों
को काशी से
जुड़ी एक किताब
भेंट की। जिससे
वह काशी की
यादों को आसानी
से सहेज कर
रख सकें। कोविंद ने कहा
कि बाबा विश्वनाथ
की नगरी में
राष्ट्रपति का पद
ग्रहण करने के
बाद मेरी पहली
यात्रा है। इस
यात्रा का एक
सुखद अनुभव है।
लोक मान्यता है
कि निरन्तर अस्तित्व
में बनी रहने
वाली वाराणसी सबसे
प्राचीन नगरी है।
बदलते युग के
साथ आधुनिक बदलाव
को अपनाने का
समन्वय बनारस में होता
है। यहां एक
तरफ वैदिक कर्मकांड
और गंगा आरती
देखते है तो
दूसरी तरफ बीएचयू
आईआईटी में आधुनिकता
देखते हैं। यही
सारनाथ में लगभग
2600 साल पहले भगवान
बुद्ध ने अपना
उपदेश दिया था।
वाराणसी में कभी
कभी 15-15 दिन रुकने
का अवसर मिला
था। उस समय
मैं यहां के
संस्कृति में ढल
गया था। इस
मौके पर सूबे
के राज्यपाल राम
नाईक, मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ समेत प्रदेश
सरकार के कई
मंत्री एवं जनप्रतिनिधि
भी मौजूद थे।
इस दौरान सुरक्षा
के दृष्टिगत पूरा
इलाका छावनी में
तब्दील रहा। इससे
पहले वाराणसी के
एयरपोर्ट पर राज्यपाल
राम नाईक के
साथ मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ व वाराणसी
की मेयर मृदुला
जायसवाल ने उनका
एयरपोर्ट पर स्वागत
किया।
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