ट्रंप मोदी मिलन से झल्लाएं इमरान, दी परमाणु हमले की गीदड़भभकी
सुरेश गांधी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री
इमरान खान ने
राष्ट्र के नाम
किए गए संबोधन
में गीदड़भभकी देते
हुए कहा कि
हम दोनों के
पास परमाणु हथियार
हैं, अगर यह
मामला युद्ध तक
जाता है, तो
विश्व भी प्रभावित
होगा। अगर हमारे
बीच लड़ाई होती
है, तो इसके
लिए विश्व भी
जिम्मेदार है। मैंने
भारत से कहा
था कि कश्मीर
मामले का हल
बातचीत से निकले।
लेकिन हमें मुद्दे
मिलते रहे। जब
भी हम कश्मीर
पर बात करना
चाहते थे, वे
आतंकवाद पर बोलते
रहे। पाकिस्तान के
प्रधानमंत्री इमरान खान ने
सोमवार को अपने
राष्ट्र को संबोधित
किया। उधर, प्रधानमंत्री
मोदी ने राष्ट्रपति
ट्रंप के सामने
दो टूक शब्दों
में कहा कि
कश्मीर समेत भारत
और पाकिस्तान के
बीच सभी मुद्दे
द्विपक्षीय हैं और
इन मसलों में
किसी तीसरे पक्ष
की मध्यस्थता की
जरूरत नहीं है।
अपने संबोधन
में इमरान खान
ने एक बार
फिर कश्मीर का
राग अलापा। संबोधन
की शुरुआत में
इमरान खान ने
कहा कि आज
हम कश्मीर को
लेकर आपसे बात
करेंगे। उन्होंने कहा कि
हम एक ऐसे
मंच पर आ
गए हैं जहां
निर्णय लेने की
जरूरत है कि
कश्मीर पर क्या
किया जाना चाहिए।
इमरान खान ने
भारत को कश्मीर
मुद्दे पर न्यूक्लियर
हमले की गीदड़भभकी
देते हुए कहा
हम कश्मीर के
लिए हर हद
तक जाएंगे। हमने
कश्मीर मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण
किया है। हमने
विश्व के सभी
प्रमुख देशों से इस
संबंध में बातचीत
की है। यूनाइटेड
नेशन में 1965 के
बाद पहली बार
कश्मीर मामले पर चर्चा
हुई। विदेशी मीडिया
ने इस पर
चर्चा की। इमरान
खान ने कहा
कि मैं
यूएन के जनरल
असेंबली में 27 सितंबर को
कश्मीर मुद्दे पर चर्चा
करूंगा। वैश्विक मंच पर
कश्मीर मामले को उठाऊंगा।
इमरान खान ने
कहा कि जब
मेरी सरकार आई
तो मैंने दोनों
देशों के बीच
शांति बनाए रखने
की पहल की।
हम ऐसा देश
बनाना चाहते थे
जहां जॉब हो।
यही चुनौती भारत
में भी थी।
जलवायु परिवर्तन भारत और
पाकिस्तान दोनों को प्रभावित
करते हैं। हम
चाहते हैं कि
हमारा संबंध हर
पड़ोसी देश के
साथ अच्छा हो।
इमरान खान ने
कहा कि हमने
भारत से कहा
था कि आप
एक कदम चलो,
हम दूसरा कदम
उठाने के लिए
तैयार हैं। कश्मीर
विवाद द्विपक्षीय है,
जिस पर बातचीत
से ही मुद्दा
सुलझाया जा सकता
है। 5 अगस्त को
कश्मीर पर लिया
गया फैसला जवाहर
लाल नेहरू के
कश्मीरियों के साथ
किए गए वादे
से मुकर जाना
है। इमरान खान
ने कहा कि
कश्मीर पर नरेंद्र
मोदी ने बड़ी
गलती कर दी
है। यह कश्मीरियों
के लिए आजादी
लेने का ऐतिहासिक
अवसर है।
फ्रांस के बिआरित्ज
में जारी जी-7
शिखर सम्मेलन के
इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी और अमेरिकी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के
बीच द्विपक्षीय वार्ता
हुई। इस बातचीत
के दौरान दोनों
नेता गर्मजोशी के
साथ एक-दूसरे
से मिले जहां
उनकी बेहतर केमिस्ट्री
भी नजर आई।
प्रधानमंत्री मोदी ने
राष्ट्रपति ट्रंप के सामने
दो टूक शब्दों
में कहा कि
कश्मीर समेत भारत
और पाकिस्तान के
बीच सभी मुद्दे
द्विपक्षीय हैं और
इन मसलों में
किसी तीसरे पक्ष
की मध्यस्थता की
जरूरत नहीं है।
पीएम मोदी और
राष्ट्रपति ट्रंप ने मीडिया
को संबोधित करते
हुए दोनों देशों
के रिश्तों से
लेकर तमाम पहलुओं
पर चर्चा की।
इस दौरान पीएम
मोदी ने कहा
कि भारत दुनिया
का सबसे बड़ा
लोकतंत्र है और
भारत-अमेरिका दोनों
देश लोकतंत्र को
लेकर आगे बढ़
रहे हैं। उन्होंने
कहा कि दोनों
देश मिलकर दुनिया
की भलाई और
प्रगति के लिए
कैसे काम आ
सकते हैं, ऐसे
विषयों पर हम
दोनों की लगातार
बातचीत होती रहती
है। पीएम मोदी
ने कहा कि
आर्थिक और व्यापारिक
क्षेत्र में दोनों
मुल्क लगातार बातचीत
कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप से
मुलाकात के दौरान
पीएम मोदी ने
कहा कि कई
विषयों पर हम
अमेरिका के सुझावों
का स्वागत करते
हैं। उन्होंने कहा
कि अमेरिका ने
भारतीय समुदाय को अपने
यहां जो सम्मान
दिया है उसके
लिए राष्ट्रपति ट्रंप
का आभारी हूं।
मोदी ने कहा
कि जब भी
मौका मिला हम
दोनों नेता मिलते
रहते हैं। पाकिस्तान
मसले पर ट्रंप
के सामने पीएम
मोदी ने कहा
कि पाकिस्तान में
चुनाव के बाद
मैंने प्रधानमंत्री इमरान
खान को फोन
किया था। पीएम
मोदी ने कहा
कि मैंने उनसे
कहा था कि
भारत और पाकिस्तान
को गरीबी, असुविधाओं,
अशिक्षा और बीमारी
के खिलाफ साथ
मिलकर लड़ने की
जरूरत है। राष्ट्रपति
ट्रंप से जब
पूछा गया कि
जी-7 समिट में
क्या हासिल हुआ
तो इसके जवाब
में ट्रंप ने
कहा कि भारत
के प्रधानमंत्री से
मुलाकात इस समिट
में हासिल हुआ।
उन्होंने कहा कि
दोनों देशों के
बीच कारोबारी रिश्ते
काफी मजबूत हैं
और यह बड़ी
बात हैं। सम्मेलन
के सभी सदस्य
देशों के साथ
अमेरिका के मजबूत
रिश्ते हैं। साथ
ही कई नए
देश भी इसमें
आए हैं जैसे
भारत और ऑस्ट्रेलिया
भी समिट में
शामिल होने आए
हैं।
मोदी को 4 मुस्लिम देशों से मिले अवॉर्ड, इंदिरा से आगे निकले
पिछले 5 सालों में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय
नेता बनकर उभरे
हैं। वह दुनिया
के सबसे लोकप्रिय
नेताओं में से
एक हैं। मोदी
को दक्षिण कोरिया,
सऊदी अरब, अफगानिस्तान,
और संयुक्त अरब
अमीरात (यूएई) जैसे देश
खास अवॉर्ड से
सम्मानित कर चुके
हैं। पीएम मोदी
को चार अवॉर्ड
मुस्लिम देशों से मिले
हैं। कहा जाता
है कि सम्मान
पाने के मामले
में पीएम मोदी
ने पूर्व प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह और
इंदिरा गांधी को भी
पीछे छोड़ दिया
है। मोदी को
यूएई (संयुक्त अरब
अमीरात) के सर्वोच्च
नागरिक पुरस्कार ऑर्डर ऑफ
जायद से 24 अगस्त
को सम्मानित
किया गया है।
इससे पहले भी
पीएम मोदी को
कई इंटरनेशनल अवॉर्ड
से सम्मानित किया
जा चुका है।
साल 2016 में पीएम
मोदी को संयुक्त
अरब अमीरात का
सबसे बड़ा नागरिक
सम्मान दिया गया
था। यूएई के
इस सबसे खास
सम्मान से पूर्व
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा,
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री
डेविड कैमरुन, रूस
के राष्ट्रपति व्लादिमीर
पुतिन, जापान के प्रधानमंत्री
शिंजो आबे और
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति
जोको विडोडो को
सम्मानित किया जा
चुका है।
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