मोदी-टू के 100 दिन :
‘मंदी’के बीच दुनिया में जमाई भारत की ‘धाक’
मोदी सरकार-टू के सौ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ देश में ताबड़तो़ देशहित में कई फैसले लिए, बल्कि दुनिया के 7 अहम देशों का दौरा कर भारत की धाक जमाई, साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने का भी काम किया। मोदी की शानदार कूटनीति की वजह से ही हमारा पड़ोसी पाकिस्तान अलग-थलग पड़ चुका है। यह अलग बात है कि मोदी टू सरकार की शुरुआत ही मंदी के संकेतों से हुई और इसके 100 दिन पूरे होने पर आर्थिक सुस्ती गहराती ही जा रही है। कई सेक्टर से नकारात्मक खबरें आ रही हैं। हाल में आए जून तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ का 5 फीसदी का आंकड़ा चिंता को और बढ़ाता है
सुरेश गांधी
फिरहाल, मोदी सरकार
के दूसरे कार्यकाल
के 100 दिन 7 सितम्बर को
पूरे हो जायेंगे।
इस बीच तमाम
उतार चढ़ाव के
बीच मोदी है
तो मुमकिन है,
के नारे को
पीएम मोदी और
उनकी सरकार ने
सफल बनाने की
पूरी कोशिश की
है। एक के
बाद एक ताबड़तोड़
देशहित में कई
फैसले लेकर मोदी
आजाद भारत के
सबसे मजबूत प्रधानमंत्री
के रुप में
उभरे है। खहे
वो मुस्लिम महिलाओं
को ट्रिपल तलाक
से निजात का
मामला हो या
जम्मू-कश्मीर से
अनुच्छेद 370 का खत्मा,
रोड सेफ्टी, हर
घर में नल,
हर नल में
जल, मोदी का
मिशन-फिट इंडिया,
जम्मू कश्मीर और
लद्दाख को यूनियन
टेरेटरी बनाना, पास्को एक्ट
बिल, यूएपीए बिल
पास कराना, देशभर
में 75 नए मेडिकल
कॉलेज खोलने का
निर्णय, बाल यौन
अपराध पर सख्ती,
आतंकवाद पर लगाम
और बैंकों के
विलय जैसे ऐतिहासिक-साहसिक फैसले मोदी
सरकार की सबसे
बड़ी उपलब्धि है।
यही वजह
है कि नरेंद्र
मोदी अपने चाहने
वालों के दिलों
में तो विपक्ष
के निशाने पर
हैं। हालांकि मोदी
सरकार द्वारा लिए
गए फैसलों पर
गौर करें तो
ऐसे कई एतिहासिक
निर्णय लिए गए
जिनके पूरे देश
और दुनिया पर
असर पड़ा है।
यह अलग बात
है कि अर्थव्यवस्था
के लिहाज से
उन्हें कई चुनौतियां
का सामना करना
पड़ रहा है।
या यूं कहे
आर्थिक मंदी और
बढ़ती बेरोजगारी व
कर्मचारियों की छटनी
को लेकर मौजूदा
समय में निराशा
है। जो देश
के आर्थिक विकास
के लिए बड़ी
परेशानी का सबब
बनता दिख रहा
है। देश की
आर्थिक हालात को लेकर
जनता केंद्र पर
सवाल भी उठा
रही है। देश
की जीडीपी गिरने
को लेकर सरकार
अपने तर्क दे
रही है, इसके
बावजूद लोगों में एक
भय का माहौल
भी बना हुआ
है। ऐसे में
केंद्र सरकार को आर्थिक
नीति की नए
सिरे से समीक्षा
करनी होगी कहीं
ऐसा न हो
देर हो जाए।
मतलब साफ
है मोदी सरकार
के सौ दिनों
को अगर एक
शब्द में परिभाषित
करना हो तो
वह है ’चरैवेति-चरैवेति’। मोदी
सरकार के अच्छे
दिनों का नारा
भले ही जमीन
पर न उतरा
हो, लेकिन उम्मीदें
अभी जवान हैं।
कहा जा सकता
है सरकार बनने
के बाद से
हनीमून पीरियड या आराम
की मुद्रा में
सरकार कतई नहीं
गई। विवाद सरकार
में रहे, लेकिन
विधायी और कार्यपालिका
के फैसले लेने
की गति तो
बढ़ी है। इन्हीं
फैसलों को आधार
बनाकर पार्टी हरियाणा,
महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली
में जनता के
बीच जायेगी। बता
दें हरियाणा और
महाराष्ट्र के विधानसभा
चुनाव इसी साल
के अंत में
होने हैं। दिल्ली
और झारखण्ड के
विधानसभा चुनाव 2020 के शुरुआती
महीनों में होंगे।
चुनाव से पहले
बीजेपी ने तय
किया है कि
वो मोदी सरकार
के दूसरे कार्यकाल
के पहले 100 दिनों
की उपलब्धियों का
प्रचार करने वाली
है।
सरकार की उप्लब्धियों
में सबसे ज्यादा
जम्मू-कश्मीर से
धारा 370 हटाए जाने
को तरजीह दी
जाएगी। सबसे ज्यादा
जोर सोशल मीडिया
पर होगा। या
यूं कहे चुनाव
से पहले और
चुनाव के दौरान
बीजेपी सोशल मीडिया
को अपनी उप्लब्धियों
से भर देने
वाली है। इसमें
ट्विटर ट्रेंड्स, ग्राफिक्स और
स्टैट्स शेयर किए
जाएंगे। साथ ही
सभी मंत्रालय और
बीजेपी की इकाइयां
भी अपने सोशल
मीडिया हैंडल्स पर इसका
प्रचार करेंगे। जिससे देश
के लोग यह
जान सके कि
नरेंद्र मोदी सरकार
ने महज 100 दिनों
में देशहित में
कौन-कौन से
अहम फैसले लिए
हैं। मोदी सरकार
का शुरू से
ही ट्रैक रिकॉर्ड
रहा है कि
वो समय-समय
पर अपना रिपोर्ट
कार्ड लेकर जनता
के बीच जाती
है। यही कारण
है कि 2014 से
2019 के बीच चली
सरकार ने पहले
100 दिन और फिर
प्रत्येक 100 दिन में
अपना लेखा-जोखा
जनता के बीच
रखा था।
30 मई 2019 को जब
नरेंद्र मोदी ने
दूसरी बार प्रधानमंत्री
के रूप में
शपथ ली तो
उसी दिन से
सरकार ने ताबड़तोड़
फैसले लेने शुरू
कर दिए थे।
बात दरअसल, इससे
आगे कार्यसंस्कृति बदलने
की भी है।
कई छोटे-छोटे
फैसले ऐसे हुए
हैं, जिनके नतीजे
बहुत बड़े हैं।
चुनाव से पहले
मोदी की छवि
काम करने वाले
नेता के रूप
में थी। अभी
नतीजों में तो
थोड़ा समय लगेगा,
लेकिन काम करने
और कराने की
उनकी क्षमता से
देश वाकिफ हो
गया है। कुछ
ऐसे फैसले भी
हुए हैं, जिनके
दूरगामी असर के
शुभ संकेत दिखाई
पड़ने लगे हैं।
दफ्तरों में बाबू
न सिर्फ समय
से दिख रहे
हैं, बल्कि काम
करते भी नजर
आ रहे हैं।
मंत्रालयों में मटरगश्ती
करते कर्मचारियों के
झुंड अब पहले
की तरह तो
नहीं दिखते। संसद
सत्र भी इस
दफा न सिर्फ
चला, बल्कि उसमें
भी अरसे बाद
काम होते दिखा।
इस दौरान प्रधानमंत्री
ने खुद तो
कोई छुंट्टी ली
नहीं, उनके मंत्रियों
का भी हाल
कुछ जुदा नहीं
रहा।
विदेशों में मोदी का डंका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
अपनी दूसरी पारी
के शुरुआती सौ
दिन में 7 देशों
के दौरे किए।
इसमें जहां पड़ोसियों
से संबंधों को
और मजबूत करने
के लिए नेबरहुड
फर्स्ट पॉलिसी पर अमल
किया, वहीं पर
दुनिया के शक्तिशाली
राष्ट्रों में से
एक और पुराने
सहयोगी रहे रूस
का भी दौरा
कर भारत की
धाक जमाई। फ्रांस
में जी-7 सम्मेलन
में अमेरिका के
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के
साथ उनकी मीटिंग
चर्चा में रही।
संयुक्त अरब अमीरात
(यूएई) के सबसे
बड़े अखबारों में
से एक खलीज
टाइम्स ने पीएम
मोदी का लंबा-चौड़ा इंटरव्यू
छापा। सबसे पहले
मालदीव के दौरे
में नेबरहुड फर्स्ट
पॉलिसी के तहत
सुरक्षा, विकास की दृष्टि
के साथ समुद्री
पड़ोसी के साथ
भारत के संबंधों
को और मजबूत
किया।
दरअसल मालदीव की
दक्षिण एशिया और हिन्द
महासागर में जो
स्ट्रेटजिक (सामरिक) लोकेशन है
वो भारत के
लिए बेहद अहम
है। मालदीव वो
देश है जहां
पिछले कुछ सालों
में चीन ने
अपना प्रभुत्व बढ़ाया
है। चीन ने
इस देश में
इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में भारी
निवेश किया है।
इसके बावजूद मोदी
ने अपनी जगह
बनाई और मालदीव
के सर्वोच्च सम्मान,
निशान इजुद्दीन से
भी उन्हें नवाजा
गया। मालदीव के
बाद वह नौ
जून को श्रीलंका
पहुंचे। जहां बम
धमाकों में मारे
गए लोगों को
श्रद्धांजलि दी। इस
हमले में 250 से
ज्यादा लोग मारे
गए थे, जिसमें
11 भारतीय थे। पीएम
मोदी ने श्रीलंका
के राष्ट्रपति मैत्रिपाला
सिरिसेना से मुलाकात
की। दोनों नेताओं
ने सहमति जताई
कि आतंकवाद एक
साझा खतरा है,
जिससे निपटने के
लिए ठोस कार्रवाई
की जरूरत है।
16 अगस्त को मोदी
भूटान पहुंचे। जहां
भूटान के राजा
के साथ उन्होने
बातचीत कर आतंकवाद
के खिलाफ उन्हें
राजी किया।
22 अगस्त को मोदी
फ्रांस पहुंचे। वहां जी-7
सम्मेलन में शामिल
हुए। इस दौरान
उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रंप सहित दुनिया
के कई दिग्गज
नेताओं से मुलाकात
हुई। फ्रांस के
राष्ट्रपति मैक्रॉ और प्रधानमंत्री
फिलिप के साथ
द्विपक्षीय संबंधों पर बातचीत
के अलावा 1950 और
1960 में फ्रांस में दो
विमान क्रैश होने
पर मारे गए
भारतीयों को श्रद्धांजलि
भी दी। 23 और
24 अगस्त के बीच
यूएई में रहे
और यूएई का
सर्वोच्च जायद सम्मान
हासिल किया। वहां
उन्होंने रूपे कार्ड
भी लांच किया।
24-25 अगस्त को बहरीन
में चार समझौतों
पर हस्ताक्षर किए।
अपने द्विपक्षीय संबंधों
को नया आयाम
दिया। यही वजह
है कि यूएई,
बहरीन आज आतंकी
पाकिस्तान के साथ
खाड़ा होने के
बजाय भारत के
साथ है।
4 सितम्बर से रूस
में है। जहां
ईस्टर्न इकोनोमिक फोरम (ईईएफ)
की बैठक में
हिस्सा लेने के
दौरान जापान
के पीएम शिंजो,
मलेशियाई प्रधानमंत्री डॉ. महातिर
मोहम्मद और मंगोलिया
के राष्ट्रपति खाल्तमागिन
बत्तुलगा से भी
भेंट की। नेताओं
संग मंच साझा
करने के दौरान
पीएम मोदी ने
कहा कि 2024 तक
भारत आर्थिक महाशक्ति
बनेगा। रूस दौरे
के दौरान प्रधानमंत्री
मोदी राष्ट्रपति ब्लादिमीर
पुतिन के साथ
भारत-रूस सालाना
शीर्ष बैठक में
भी हिस्सा लिए।
मंदी की आहट
मोदी 2.0 सरकार की
शुरुआत मंदी के
संकेतों से हुई।
जून तिमाही में
जीडीपी ग्रोथ सिर्फ 5 फीसदी
हुई हैट्रेड वॉर
की वजह से
दुनिया में आर्थिक
मंदी का खतरा
उत्पंन हो गया
है। हालांकि वित्त मंत्री ने
सुस्ती को दूर
करने के लिए
कई ऐलान किए
हैं। इसके बावजूद
ऑटो सेक्टर, रियल
एस्टेट, टेलीकॉम, वित्तीय सेवाएं,
बैंकिंग, स्टील, टेक्सटाइल, टी,
डायमंड हर सेक्टर
से नकारात्मक खबरें
आ रही हैं।
उत्पादन में कटौती
हो रही है
और नौकरियों पर
कैंची चल रही
है। सरकारी और
निजी खर्च नहीं
बढ़ रहा। हाल
में आए जून
तिमाही के लिए
जीडीपी ग्रोथ का 5 फीसदी
का आंकड़ा चिंता
को और बढ़ाता
है। हाल की
मंदी की प्रमुख
वजहें घरेलू मांग
में कमी, निवेश
में कमी, ऑटो
सेक्टर में सुस्ती,
विनिर्माण गतिविधियों (मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर)
में गिरावट को
माना जा रहा
है।
मोदी सरकार
ने अगले 5 साल
में देश की
अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन
डॉलर तक पहुंचाने
का लक्ष्य रखा
है, लेकिन जानकारों
का कहना है
कि 5 फीसदी के
आसपास की जीडीपी
पर इसे हासिल
करने असंभव जैसा
है। इसके लिए
सालाना 8 से 9 फीसदी
की जीडीपी ग्रोथ
चाहिए। अगस्त में कारों
की बिक्री में
29 फीसदी की भारी
गिरावट आई है।
ऑटो सेक्टर से
जुड़े साढ़े तीन
लाख से ज्यादा
कर्मचारियों की नौकरी
चली गई है
और करीब 10 लाख
नौकरियां खतरे में
हैं। कृषि क्षेत्र
के बाद सबसे
ज्यादा 10 करोड़ लोगों
को रोजगार देने
वाले टेक्सटाइल सेक्टर
की भी हालत
खराब है। नॉर्दर्न
इंडिया टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन
के अनुसार राज्य
और केंद्रीय जीएसटी
और अन्य करों
की वजह से
भारतीय यार्न वैश्विक बाजार
में प्रतिस्पर्धा के
लायक नहीं रह
गया है। अप्रैल
से जून की
तिमाही में कॉटन
यार्न के निर्यात
में साल-दर-साल 34.6 फीसदी की
गिरावट आई है।
जून में
तो इसमें 50 फीसदी
तक की गिरावट
आ चुकी है।
इसी तरह के
हालात रियल एस्टेट
सेक्टर में हैं,
जिसकी हालत पिछले
कई साल से
खराब है। मार्च
2019 तक भारत के
30 बड़े शहरों में 12 लाख
80 हज़ार मकान बनकर
तैयार हैं लेकिन
उनके खरीदार नहीं
मिल रहे। यानी
बिल्डर जिस गति
से मकान बना
रहे हैं लोग
उस गति से
खरीद नहीं रहे।
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा
जारी आंकड़ों के
अनुसार 2018-19 में देश
की जीडीपी विकास
दर 6.8 प्रतिशत रही जो
बीते 5 साल में
सबसे कम है।
इस वित्त वर्ष
की जून तिमाही
में तो जीडीपी
ग्रोथ लुढ़ककर 5 फीसदी
पर आ गई
है। आरबीआई ने
हालात को देखते
हुए साल 2019-20 के
लिए विकास दर
का अनुमान घटाकर
6.9 फीसदी कर दिया
है।
निवेशकों को मोदी
सरकार के दूसरे
कार्यकाल में बड़ी
उम्मीदें थी। इन
उम्मीदों पर पानी
फिर गया जब
सरकार ने अपने
बजट में विदेशी
पोर्टफोलियो निवेशकों पर सरचार्ज
लगाने का फैसला
किया। इससे विदेशी
निवेशक इतने डर
गए कि उन्होंने
इस प्रस्ताव को
लागू होने से
पहले ही अपने
पैसे निकालने शुरू
कर दिए। बैंक
और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों)
द्वारा वाणिज्यिक क्षेत्र को
दिये जाने वाले
कर्ज में भारी
गिरावट दर्ज की
गई। बैंकों द्वारा
उद्योगों को दिए
जाने वाले कर्ज
में गिरावट आई
है। पेट्रोलियम, खनन,
टेक्सटाइल, फर्टिलाइजर और टेलीकॉम
जैसे सेक्टर्स ने
कर्ज लेना कम
कर दिया है।
अप्रैल से जून
2019 की तिमाही में सोना-चांदी के आयात
में 5.3 फीसदी की कमी
आई है। जबकि
इसी दौरान पिछले
साल इसमें 6.3 फीसदी
की बढ़त देखी
गई थी।
तीन तलाक
तीन तलाक
बोलकर कोई भी
मुसलमान अब अपनी
बीबी-बच्चों की
जिम्मेदारी से बरी
नहीं हो सकता
है। लोकसभा में
सशक्त मोदी सरकार
ने अल्पमत में
होने के बावजूद
भी राज्यसभा से
इस ऐतिहासिक बिल
को पास करा
दिया। सरकार के
फ्लोर मैनेजमेंट की
वजह से बिखरे
हुए विपक्ष ने
अपने हथियार डाल
दिए। पीएम मोदी
जानते थे कि
ये रास्ता आसान
नहीं है लेकिन
उन्हें ये करना
था और जरूर
करना था। तीन
तलाक बिल का
विरोध करने वाली
कांग्रेस समान सोच
वाले दलों को
भी अपने साथ
जोड़ने में बुरी
तरह से नाकाम
साबित हुई। यहां
तक कि बिल
को सेलेक्ट कमेटी
के पास भेजने
का प्रस्ताव भी
100 के मुकाबले 84 वोटों से
गिर गया। जिसके
बाद नए कानून
की नई रौशनी
में तीन तलाक
बोलकर अब जिम्मेदारियों
से बरी हो
जाने वालों की
खैर नहीं होगी।
तीन तलाक का
गैर कानूनी हो
जाना हिन्दुस्तान की
नागरिक स्वतंत्रता के पक्ष
में एक ऐसी
मुनादी है जिसकी
कल्पना संविधान निर्माता बाबा
साहब आंबेडकर ने
की थी।
बाल यौन अपराध
बाल यौन
उत्पीड़न की बढ़ती
घटनाओं को रोकने
के लिए केंद्रीय
कैबिनेट ने पॉक्सो
कानून में संशोधनों
को मंजूरी दी
और बच्चों के
खिलाफ यौन अपराध
करने वालों को
मृत्युदंड देने का
प्रावधान शामिल किया। इसके
अलावा चाइल्ड पोर्नोग्राफी
के मामलों में
भी सख्त कार्रवाई
के साथ सजा
के प्रस्ताव को
भी मंजूरी दे
दी है। इस
विधेयक को इस
साल के शुरू
में दोनों सदनों
में पेश किया
गया था लेकिन
इन्हें पारित नहीं किया
गया था। विधेयक
में विकल्प प्रदान
करने के लिए
अधिनियम की धारा
4,5,6 और 9 में संशोधन
की मांग की
गई थी। इस
पर कैबिनेट ने
मासूमों से दुष्कर्म
और प्रयास को
कड़ी सजा और
मृत्युदंड की परिधि
में लेकर आई।
इससे बच्चों के
साथ होने वाले
यौन उत्पीड़न पर
सजा के वर्तमान
प्रावधानों को कठोर
कर दिया गया
है। अब इस
प्रस्ताव के पास
होने के बाद
18 साल से कम
उम्र के बच्चे
वह चाहे किसी
भी लिंग के
हो यदि उनके
विरुद्ध अपराध होता है
तो मृत्युदंड का
प्रावधान है। साथ
ही अन्य मामलों
में भी कड़ी
सजा की सिफारिश
की गई है।
ताकि समाज के
सामने कानून का
डर बने और
बच्चों के प्रति
अपराधों में कमी
आए।
मोटर व्हीकल एक्ट-2019
कहते हैं
सजा का डर
ही किसी शख्स
को अपराध करने
से रोकता है।
यानी जब तक
सजा सख्त ना
हो, कोई अपराध
करने से नहीं
डरता। नए ट्रैफिक
नियमों की सबसे
बड़ी खासियत यही
है कि वह
बेहद सख्त हैं।
मोटर व्हीकल एक्ट-2019
लागू हो चुका
है और अब
यातायात नियमों का उल्लंघन
करने वालों की
खैर नहीं। मोदी
सरकार ने यातायात
नियमों का उल्लंघन
करने वाले लोगों
पर इतना भारी
जुर्माना लगाने का प्रावधान
किया है कि
कोई भी शख्स
रेड लाइट जंप
करने से पहले
भी सौ बार
सोचेगा। एक स्टडी
कहती है कि
हमारे देश में
2017 में आतंकवाद के कारण
मारे गए लोगों
की संख्या 766 थी
लेकिन भारत में
हुए सड़क हादसों
में मरने वालों
की संख्या करीब
1 लाख 48 हज़ार थी।
2017 में देश में
करीब 4.64 लाख रोड
एक्सीडेंट हुए थे।
ये आंकड़े हमारी
आंखें खोलने के
लिए जरूरी हैं।
साथ ही ये
ये भी बता
रहे हैं कि
इस नए कानून
की कितनी जरूरत
थी।
पालीथीन पर प्रतिबंध
हम अपनी
रोज़ाना की ज़िन्दगी
में कुछ चीज़ों
का हर काम
में इस्तेमाल में
करते हैं। जैसे
कि पॉलीथीन या
पॉलीबैग्स, यह जानते
हुए भी कि
यह प्लास्टिक बैग्स
होते है और
इनके इस्तेमाल से
प्रकृति को काफी
नुकसान पहुंचता है। मगर
इस सब से
बेखबर हम अपनी
आदत से बाज
नहीं आते। लेकिन
अब केंद्र सरकार
इस समस्या पर
अंकुश लगाने के
लिए इसे बंद
करवाने का अभियान
चलाने का मन
बना चुकी है।
इसी चीज़ के
मद्देनज़र महात्मा गांधी की
150वीं जयंती को भारत
को प्लास्टिक मुक्त
बनाने के दिवस
के तौर पर
मनाया जाएगा। भारत
के 73वें स्वतंत्रता
दिवस के अवसर
पर प्रधानमंत्री मोदी
ने भारत को
प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त
करने की बड़ी
घोषणा की थी।
उन्होंने देश की
जनता और खासतौर
पर दुकानदारों-व्यापारियों
से इस दिशा
में योगदान देने
की अपील की
थी। जिसके बाद
केंद्रीय गृह मंत्री
अमित शाह ने
महिलाओं से अपील
की कि वे
खरीदारी के लिए
प्लास्टिक के थैलों
का इस्तेमाल करना
बंद करें और
इसके बजाए लंबे
समय तक चलने
वाले कपड़े के
थैले प्रयोग करें
क्योंकि यह थैला
10 साल चलेगा।
जल मंत्रालय का गठन
जल संबंधी
मुद्दों से निपटने
के लिए एकीकृत
मंत्रालय का गठन
किया गया है।
सरकार ने जल
संसाधन और पेयजल
एवं स्वच्छता मंत्रालयों
को मिलाकर ’जल
शक्ति मंत्रालय’ बनाया है। सरकार
की मंशा है
कि हर भारतीय
को साफ पेयजल
उपलब्ध हो। यह
योजना हर घर
नल- हर घर
जल का लक्ष्य
पूरा करने में
मददगार होगा। जलशक्ति अभियान
के लिए 256 जिलों
के 1592 खंडों की पहचान
की गई है।
जहां जल स्तर
नीचे है, उन
जगहों की पहचान
की जाएगी। सरकार
ने देश में
ऐसे एक हजार
से ज्यादा स्थानों
की पहचान की
है, जहां जलस्तर
नीचे चला गया
है।
करप्शन
अपने पहले
कार्यकाल में मोदी
ने भ्रष्टाचार को
लेकर अपने रुख
को कुछ इस
तरह जाहिर कर
संकेत दे दिया
था कि केंद्र
में काबिज मोदी
सरकार इसे लेकर
जीरो टालरेंस की
नीति पर है।
मोदी सरकार 2 के
गठन के बाद
से ही सरकारी
विभागों में सफाई
का सिलसिला लगातार
जारी है। दूसरे
कार्यकाल के शुरूआती
दौर में ही
भ्रष्टाचार के खिलाफ
सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए
पहले जून महीने
में नियम 56 के
तहत आयकर विभाग
के 12 वरिष्ठ अफसरों
को जबरन रिटायर
कर दिया गया।
जिसके बाद केंद्रीय
अप्रत्यक्ष कर और
सीमा शुल्क बोर्ड
के 22 वरिष्ठ अधिकारियों
की छुट्टी कर
दी है।
59 मिनट में होम, ऑटो लोन
एक अदद
से बिजनेस शुरू
करने के लिए
बैंकों से लोन
पाने के लिए
हम कितना भटकते
हैं? इसे देखते
हुए मोदी सरकार
ने 59 मिनट में
लोन मंजूर कराने
की योजना लांच
की है। जिसके
तहत महज 59 मिनट
के अंदर 1 करोड़
रुपये तक का
लोन दिए जाएंगे।
बैंकों के मुताबिक
59 मिनट लोन योजना
से लोन प्रोसेसिंग
और समय में
कमी आई है।
ग्राहक अपने हिसाब
से बैंक का
चुनाव कर सकेंगे।
कर्म योगी मानधन योजना
वित्त मंत्री निर्मला
सीतारमण ने प्रधानमंत्री
श्रम-योगी मानधन
पेंशन योजना के
तहत देश के
3 करोड़ खुदरा कारोबारियों और
व्यापारियों को शामिल
करने का ऐलान
किया है। इसके
तहत छोटे कारोबारियों
को पेंशन दी
जाएगी। यह योजना
असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों
के रिटायरमेंट की
सेफ्टी और सामाजिक
सुरक्षा के लिए
है। इसमें ज्यादातर
रिक्शा चालक, स्ट्रीट वेंडर,
मिड-डे मील
वर्कर, हेड लोडर,
ईंट भट्ठा वर्कर,
कॉबलर, रैग पिकर,
घरेलू कामगार, वॉशर
मैन, घर-घर
काम करने वाले,
खुद के अकाउंट
वर्कर, एग्रीकल्चर वर्कर, कंस्ट्रक्शन
वर्कर शामिल हैं।
यदि आपकी उम्र
18 साल है और
आप इस योजना
के लिए आवेदन
करते हैं तो
आपके हर महीने
55 रुपए जमा करने
होंगे। 40 साल की
उम्र से यदि
इस योजना को
शुरु किया जाता
है तो हर
माह 200 रूपये जमा करना
होंगे। जैसे ही
आपकी उम्र 60 साल
की हो जाएगी
आपको पेंशन मिलनी
शुरू हो जाएगी।
फिट इंडिया मूवमेंट
देश की
जनता को फिट
रखने का बीड़ा
अब सरकार ने
उठाया है। मोदी
ने खेल दिवस
के अवसर पर
फिट इंडिया मूवमेंट
की शुरुआत की।
इसके तहत स्कूल,
कॉलेज, जिला, ब्लॉक हर
स्तर पर इस
मूवमेंट को मिशन
की तरह चलाया
जाएगा। मोदी ने
कई मंत्र भी
दिए है, जैसे
लिफ्ट की बजाय
सीढ़ियों का इस्तेमाल
या बॉडी फिट-माइंड हिट हो।
फिट इंडिया अभियान
को सफल बनाने
के लिए केंद्र
सरकार के आधा
दर्जन से अधिक
मंत्रालय आपसी तालमेल
से काम करेंगे।
इनमें खेल मंत्रालय,
मानव संसाधन विकास
मंत्रालय, पंचायती राज और
ग्रामीण विकास जैसे मंत्रालय
शामिल हैं। ये
मंत्रालय अपने-अपने
स्तर पर कार्यक्रमों
की रूपरेखा तैयार
कर रहे हैं।
बैंकों के विलय का फैसला
मोदी सरकार
ने देश में
आर्थिक सुधार की दिशा
में कई अहम
कदम उठाए हैं।
सरकार ने दस
सरकारी बैंकों के विलय
करके चार बड़े
बैंक बनाने का
ऐलान किया हैं।
ओरियंटल बैंक ऑफ
कॉमर्स और यूनाइटेड
बैंक का पंजाब
नेशनल बैंक में
विलय किया गया।
सिंडिकेट बैंक को
केनरा बैंक और
इलाहाबाद बैंक को
इंडियन बैंक में
मिलाया गया। आंध्रा
बैंक और कॉरपोरेशन
बैंक को यूनियन
बैंक ऑफ इंडिया
से जोड़ने का
एलान किया। इस
विलय से बैंकों
को बढ़ते एनपीए
से राहत मिलेगा,
साथ ही उपभोक्ताओं
को बेहतर बैंकिंग
सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
बदलेगा कश्मीर का भविष्य
देश बंटवारे
के बाद भारतीय
हिस्से वाले कश्मीर
को मिले कुछ
विशेषाधिकारों को हटाकर
कश्मीर को पूरी
तरह से अपने
में समाहित कर
लिया गया। अनुच्छेद
370 अस्थाई था, लेकिन
यह अस्थाई व्यवस्था
70 साल तक टिक
गई। इस बीच
यहां पाकिस्तान से
आतंकियों का आना
जारी रहा। वे
अलगाववादी युवाओं के दिमाग
में भारत विरोध
का विचार भरते
रहे और और
उन्हें आतंकी बनाते रहे।
अब तो कश्मीर
में ही आतंकी
पैदा हो रहे
हैं। पुलवामा में
हुए आतंकी हमले
में कश्मीरी युवक
का ही हाथ
था। अनुच्छेद 370 हटने
के बाद मोदी
सरकार की लोकप्रियता
फिलहाल शिखर पर
है। क्योंकि कश्मीर
का एक-एक
नेता कश्मीर को
बेचकर खा रहा
था, सभी आलीशान
जिंदगी जीते थे।
वे कभी नहीं
चाहते थे कि
कश्मीर को मिला
यह अस्थाई विशेषाधिकार
हटे। जो लोग
आज अशांति की
दुहाई दे रहे
है क्या वे
बतायेंगे कि क्या
अनुच्छेद 370 हटने से
पहले कश्मीर स्वर्ग
था, जहां खूब
सुख-शांति थी
और अब वह
लुप्त हो गई
है? सच तो
यह है कि
कुछ अलगाववादी नेताओं
को छोउ़ दे
तो कश्मीरी भारत
में ही रहना
चाहते हैं। कुछ
पाकिस्तान के साथ
जाना चाहते हैं
जबकि कुछ स्वतंत्र
कश्मीर का सपना
देख रहे हैं।
घाटी में 22 योजनाओं की लाचिंग
जम्मू-कश्मीर से
अनुच्छेद 370 हटने के
बाद पिछले 30 दिनों
में मोदी सरकार
ने राज्य की
तस्वीर बदलने वाले 50 बड़े
फैसले लिए हैं।
इसमें केंद्र सरकार
की ओर से
ग्राम पंचायतों के
विकास के लिए
4483 पंचायतों को 366 करोड़ रुपये
की राशि दी
गई। सरपंचों को
प्रतिमाह 2500 रुपये और पंचों
को 1000 रुपये की प्रोत्साहन
राशि दी गई।
ग्राम पंचायतों के
बही खाते की
देखरेख के लिए
2000 अकाउंटेंट की भर्ती
की प्रक्रिया शुरू
हो गई है।
सरकार ने 634 ग्राम
पंचायतों को इंटरनेट
से जोड़ने का
फैसला लिया है।
हर जिले में
2 डिजिटल गांव बनाए
जाएंगे। सरकार आधार के
माध्यम से सभी
सरकारी योजनाओं को जनता
तक पहुंचाएगी। आधार
से सभी सरकारी
योजनाओं को जोड़ा
जाएगा। 80 हजार करोड़
के प्रधानमंत्री विकास
पैकेज को रफ्तार
दी गई। विकास
योजनाओं के लिए
8 हजार करोड़ रुपये
दिए गए। जम्मू
रिंग रोड का
पहला चरण 1 दिसंबर
2019 तक पूरा किया
जाएगा। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
के तहत जम्मू
और कश्मीर में
1632 किमी सड़क बनाई
गई। कठुआ और
हंदवाड़ा में इंडस्ट्रियल
बायो टेक्नोलॉजी पार्क
का काम शुरू।
15 लाख घरों में
पाइप के माध्यम
से 24 घंटे पीने
का पानी पहुंचाने
का काम शुरू।
बारामुला से कुपवाड़ा
के बीच रेल
लिंक का के
सर्वे को मंजूरी।
जम्मू और कश्मीर
में 5-5 लाख वर्ग
फीट के दो
बड़े आईटी पार्क
बनाने की तैयारी।
जम्मू-कश्मीर में
2500 मेगावाट के बिजली
उत्पादन के लक्ष्य
पर काम शुरू।
गुलमर्ग, पहलगाम, पटनीटॉप और
सोनमर्ग में भूमिगत
बिजली के तार
बिछाने का काम
शुरू। श्रीनगर समेत
कई शहरों में
पाइप के माध्यम
से रसोई गैस
पहुंचाने का काम
शुरू। अवंतीपोरा और
विजयपुर में एम्स
का निर्माण कार्य
तेजी से चल
रहा है। फरवरी
2019 में पीएम मोदी
ने इनका शिलान्यास
किया था। जम्मू-कश्मीर में एमबीबीएस
की 400 सीटें बढ़ाई गईं.
अब राज्य में
इनकी संख्या 900 हो
गई है।
Bshoot Khoob
ReplyDeletehttps://prakharchetna.blogspot.com/2019/09/5.html
ReplyDeleteहैप्पी मैरिड लाइफ की कल्पना के साथ मन में कई सपने संजोए आप अपनी शादीशुदा जिंदगी में प्रवेश करते हैं लेकिन आपके साथ ही का गुस्सैल स्वभाव आपके सारे अरमानों पर पानी फेर देता है। जीवन साथी के साथ बात-बात में गुस्सा करने के पीछे कोई वजह हो सकती है। इस तरह की समस्या की पहचान और फिर समाधान करके आप अपने वैवाहिक जीवन को फिर से खुशनुमा बना सकते हैं।