दीन दयाल में नहीं है चिकित्सकों के पास मास्क रक्षात्मक कीड्स
तीसरे चरण का दौर शुरु होते ही तेजी से बढ़ रहा है मरीजों की संख्या
23 मौतों के साथ संक्रमितों की संख्या बढ़कर 945 हुई
सुरेश
गांधी
वाराणसी।
कोरोना के लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र
मोदी का
संसदीय क्षेत्र
वाराणसी इस
समय सर्वाधिक
संवेदनशील है। तमाम सतर्कता के
बाद भी
शनिवार को
दुसरा पॉजिटिव
मरीज मिला
है। खास
बात यह
है कि
पं दीन
दयाल उपाध्याय
अस्पताल, पांडेयपुर
में कोरोना
वायरस का
इलाज कर
रहे चिकित्सकों
के पास
हैं मास्क
व रक्षात्मक
सूट सहित
अन्य साजो
सामान नहीं
है। ऐसे
में महामारी
का रूप
ले चुके
कोरोना वायरस
से निपटना
चिकित्सकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण
होता जा
रहा है।
कोरोना संक्रमण
के मामले
इस तेजी
से बढ़
रहे हैं
कि हर
सप्ताह चार-छह संदिग्धों
की जांच
व इलाज
के लिए
अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा
है। मरीजों
की जांच
और उनका
इलाज करने
के लिए
चिकित्साकर्मियों की संख्या
भी अपर्याप्त
हैं। दिन
रात काम
करके चिकित्सक
थके हुए
हैं।
हालात ये
हैं कि
अनेक चिकित्सक
को बिना
उचित मास्क
अथवा रक्षात्मक
बॉडी सूट
के ही
मरीजों को
देखना पड़
रहा है।
दीन दयाल
के एक
चिकित्सक ने
बताया कि
चार चिकित्सक
अपनी जान
जोखिम में
डालकर संदिग्ध
मरीजों का
इलाज कर
रहे है।
वहीं संदिग्ध
अब पॉजिटिव
में बदल
रहे है।
इससे उनके
समक्ष भी
खतरा बढ़
गया है।
चिकित्सक ने
बताया कि
अस्पताल में
भर्ती अन्य
मरीजों के
नए वायरस
के संक्रमण
जैसे ही
लक्षण हैं।
इनमें फेफडों
में संक्रमण
और खांसी
शामिल है।
उन्होंने नाम
उजागर नहीं
करने की
शर्त में
कहा, ‘‘एक
चिकित्सक के
तौर पर
हम संक्रमण
का स्रोत
बन कर
काम नहीं
करना चाहते।
लेकिन यहां
हमारी जगह
लेने वाला
कोई नहीं
है।‘‘ क्योंकि संदिग्ध
मरीजों के
पास भी
उन्हें जाना
पड़ता है।
मरीजों के
अलग वार्ड
में भी
इन्हें चार
घंटे के
बाद बदलना
होता है।
ऐसे में
चिकित्साकर्मियों के पास
कोई विकल्प
नहीं है।
उधर, पलायन
कर दूसरे
राज्यों में
पहुंचने वाले
दिहाड़ी मजदूरों
ने भी
सरकार की
परेशानी बढ़ा
दी है।
लॉकडाउन की
वजह से
उन्हें काम
नहीं मिल
रहा है
इसलिए वो
अपने गृह
राज्य लौट
रहे हैं।
कोरोना वायरस
के प्रसार
को रोकने
के लिए
देश में
21 दिनों के
लॉकडाउन की
घोषणा की
गई है।
वहीं हर
दिन कोरोना
के संक्रमितों
की संख्या
में भी
इजाफा होता
जा रहा
है। अभी
तक देश
में कोरोना
की वजह
से 23 लोगों
की मौत
हो चुकी
है। जबकि
संक्रमितों की संख्या बढ़कर 945 हो
गई है।
केंद्र सरकार
और राज्य
सरकारें कोरोना
वायरस को
फैलने से
रोकने के
लिए हर
संभव कोशिश
में जुटी
हुई हैं।
हालांकि पलायन
कर दूसरे
राज्यों में
पहुंचने वाले
दिहाड़ी मजदूरों
ने उनकी
परेशानी बढ़ा
दी है।
लॉकडाउन की
वजह से
उन्हें काम
नहीं मिल
रहा है
इसलिए वो
अपने गृह
राज्य लौट
रहे हैं।
राज्य सरकार
की मुश्किल
यह है
कि अगर
वो लौटे
और कोरोना
पॉजिटिव हुए
तो आसपास
के लोगों
को भी
संक्रमित करेंगे।
इतना ही
नहीं, इस
दौरान बीच
में जिन
राज्यों से
पैदल यात्रा
करते हुए
वो आए
हैं वहां
के लोगों
में भी
संक्रमण फैलाते
हुए आए
होंगे। ऐसे
में यह
संख्या आने
वाले दिनों
में डराने
वाले भी
हो सकते
हैं। जाहिर
है अब
तक इस
बीमारी पर
रोक लगाने
के लिए
कोई भी
देश दवाई
नहीं बना
पाया है।
लेकिन वैज्ञानिकों
की कोशिशें
जारी हैं।
इटली, स्पेन,
अमेरिका और
फ्रांस में
इस बीमारी
ने गंभीर
रूप ले
लिया है।
इटली में
तो मौत
का आंकड़ा
9 हजार को
पार कर
गया है।
शुक्रवार को
वहां 1 हजार
लोगों की
मौत हो
गई। वहीं
अमेरिका में
अब सबसे
ज्यादा कोरोना
मरीज हैं।
लेकिन इटली
की तुलना
में वहां
मृत्यु दर
कम है।
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