शॉर्ट-कट से नहीं हो सकता देश का भला : पीएम मोदी
काशी
के
नागरिकों
ने
पूरे
देश
को
संदेश
दे
दिया
है
कि
शॉर्टकट
से
देश
का
भला
नहीं
हो
सकता,
हां
कुछ
नेताओं
का
भला
हो
सकता
है.
बनारस
में
जिधर
नजर
डालो
उधर
सुधार
की
गुजाइंश
नजर
आती
थी.
साफ
दिखता
था
कि
बनारस
में
दशकों
से
काम
ही
नहीं
हुआ
है।
यह
बाते
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र
मोदी
ने
गुरुवार
को
अपने
संसदीय
क्षेत्र
वाराणसी
में
कहीं।
उन्होने
कहा
कि
हमारे
पास
परिणाम
के
साथ
प्रमाण
भी
होने
चाहिए,
युवाओं
पर
बड़ी
जिम्मेदारी
है।
इस
मौके
पर
मोदी
ने
1774.34 करोड़ से अधिक
की
30 विकास
परियोजनाओं
का
लोकार्पण
और
शिलान्यास
किया।
कहा,
विश्वनाथ
धाम
को
लेकर
जहां
पूरी
दुनिया
में
उत्साह
है,
वहीं
पहली
बार
हम
काशी
को
प्रदूषण
मुक्त
बनाने
के
लिए
नावों
को
सीएनजी
से
जोड़ने
का
भी
विकल्प
दे
रहे
है।
हमारे
लिए
विकास
सिर्फ
चमक-धमक
नहीं,
बल्कि
गरीब,
दलित,
वंचित,
पिछड़े,
आदिवासी,
माताएं-बहनें,
सबका
सशक्तिकरण
भी
है।
ज्ञान
की
नगरी
काशी
में
खेलकूद
की
भी
समृद्ध
परंपरा
है।
आज
हम
दुनिया
के
तीसरे
सबसे
बड़े
स्टार्टअप
इकोसिस्टम
बन
गए
है।
पीएम
मोदी
ने
अक्षय
पात्र
के
मेगा
किचन
का
किया
शुभारंभ,
बच्चों
की
प्रतिभा
देख
रह
गए
दंग
सुरेश गांधी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को
अपने संसदीय क्षेत्र में साढ़े चार घंटे प्रवास के दौरान एकबार
फिर करोड़ों की सौगात दी।
उन्होंने सबसे पहले एलटी कॉलेज में पूर्वांचल के सबसे बड़े
अक्षय पात्र मिड डे मील किचन
का उद्घाटन किया। जिसमें लगभग एक लाख छात्रों
के लिए भोजन पकाने की क्षमता मौजूद
है. इसके बाद रुद्राक्ष सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ का उद्घाटन किया.
अंत में पीएम मोदी ने डॉ. संपूर्णानंद
स्पोर्ट्स स्टेडियम, सिगरा में 1774.34 करोड़ की 30 परियोजनाओं का लोकार्पण और
शिलान्यास किया. इस दौरान मोदी
ने काशी के लोगों का
उत्तर प्रदेश चुनाव में दिए गए अपार समर्थन
पर धन्यवाद जताते हुए कहा कि शॉर्टकट से
देश का भला नहीं
होता, हां कुछ नेताओं का हो सकता
है।
मोदी ने जनसभा की
शुरुआत हर-हर महादेव
के उद्गोष के बाद भोजपुरी
में की। सात वार और नौ त्योहार
का जिक्र कर काशी की
जनता का अभिवादन किया।
उन्होंने कहा कि काशी की
आत्मा अविनाशी है, लेकिन काया में निरंतर नवीनता लाने के लिए हम
जी-जान से प्रयास कर
रहे हैं। हमारा प्रयास काशी को और ज्यादा
गतिशील, प्रगतिशील और संवेदनशील बनाने
का है। आज हम देख
रहे हैं कि जब दुरगामी
प्लानिंग होती है तो किस
तरह नतीजे भी निकलते हैं।
पिछले 8 वर्षों में काशी का इंफ्रास्ट्रक्चर कहां से
कहां पहुंच गया है। इससे किसान, मजदूर, व्यापारी सभी को लाभ हो
रहा है। व्यापार बढ़ रहा है,
कारोबार बढ़ रहा है,
पर्यटन में विस्तार हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि
2014 में आने के बाद काशी
में बाहर से आने वाले
लोग सवाल करते थे कि यहां
इतना कुछ अव्यवस्थित है, ये कैसे ठीक
होगा.
काशी हमेशा से जीवंत, निरंतर
प्रवाहमान रही है. अब काशी ने
एक तस्वीर पूरे देश को दिखाई है
जिसमें विरासत भी है और
विकास भी है. अब
काशी की पहचान यहां
की गलियां और घाटों को
साफ-सुथरा और सुव्यवस्थित बनाना
हो, या फिर गंगा
जी को निर्मल बनाने
का संकल्प हो, इस पर भी
तेज गति से काम चल
रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि
काशी के जागरूक नागरिकों
ने जिस तरह देश को दिशा देने
वाला काम किया है, उसे देखकर मैं आनंदित हूं. काशी में सड़क, बिजली, स्वास्थ्य आदि हजारों करोड़ की परियोजनाएं पूरी
हो चुकी हैं. हमारा विकास काशी को ज्यादा गतिशील,
प्रगतिशील बनाने का है. काशी
सबका साथ, सबका विश्वास और सबके प्रयास
का बेहतरीन उदाहरण है. काशी के नागरिकों ने
पूरे देश को संदेश दे
दिया है कि शॉर्टकट
से देश का भला नहीं
हो सकता, हां कुछ नेताओं का भला हो
सकता है. बनारस में जिधर नजर डालो उधर सुधार की गुजाइंश नजर
आती थी. साफ दिखता था कि बनारस
में दशकों से काम ही
नहीं हुआ है.
पीएम ने कहा कि
देश और दुनिया से
बाबा, भक्त भारी संख्या में काशी आने वाले हैं. विश्वनाथ धाम परियोजना पूरी होने के बाद ये
पहला सावन उत्सव होगा. विश्वनाथ धाम को लेकर पूरी
दुनिया में कितना उत्साह है ये आपने
बीते महीनों में खुद अनुभव किया है. आज हम देख
रहे हैं कि जब दूरगामी
प्लानिंग होती है, तो किस तरह
नतीजे भी निकलते हैं.
8 वर्षों में काशी का इंफ्रास्ट्रक्चर कहां से
कहां पहुंच गया है. इससे किसान, मजदूर, व्यापारी सभी को लाभ हो
रहा है. व्यापार बढ़ रहा है,
कारोबार बढ़ रहा है,
पर्यटन में विस्तार हो रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि
एक तरफ हम देश के
शहरों को धुआं मुक्त
करने के लिए सीएनजी
से चलने वाली गाड़ियों के लिए सुविधाओं
का विस्तार कर रहे हैं.
वहीं दूसरी तरफ हम गंगा जी
का ध्यान रखने वाले हमारे नाविकों की डीजल और
पेट्रोल से चलने वाली
नावों को सीएनजी से
जोड़ने का भी विकल्प
दे रहे हैं.
हमारी सरकार ने हमेशा गरीब
की समस्याओं का समाधान करने
का प्रयास किया है, उसके सुख-दुख में साथ देने का प्रयास किया
है. हमारे लिए विकास का अर्थ सिर्फ
चमक-धमक नहीं है. हमारे लिए विकास का अर्थ है
गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी, माताएं-बहनें, सबका सशक्तिकरण. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि
काशी ज्ञान, आस्था और अध्यात्म की
नगरी तो रही ही
है। यहां खेल-कूद की भी एक
समृद्ध परंपरा है। आज मैं यहां
के खिलाड़ियो का उत्साह देख
रहा हूं। मुझे लगता है कि यहां
काशी में जो नया स्टेडियम
बन रहा है, वो काशी को
नई ऊंचाई पर ले जाने
वाला है। काशी के अनवरत विकास
की ये धारा गंगा
जी की तरह ऐसे
ही अविरल बहती रहे, इसके लिए हम सभी को
प्रयास करना है। काशी की और गंगा
जी की स्वच्छता का
जो संकल्प हमनें लिया है, उसे कभी भूलना नहीं है।
हम केवल डिग्री धारक युवा तैयार न करें
शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संयुक्त तत्वावधान
में रुद्राक्ष सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद देशभर के शिक्षाविदों को
संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मुख्य आधार
शिक्षा को संकुचित सोच
के दायरे से बाहर निकालना
और उसे 21वीं सदी के विचारों से
जोड़ना है। हमारे देश में मेधा की कभी कमी
नहीं रही। लेकिन दुर्भाग्य से हमें ऐसी
व्यवस्था बनाकर दी गई थी,
जिसमें पढ़ाई का मतलब नौकरी
ही माना गया। आजादी के बाद शिक्षा
नीति में थोड़ा बहुत बदलाव हुआ, लेकिन बहुत बड़ा बदलाव रह गया था।
अंग्रेजों की बनाई व्यवस्था
कभी भी भारत के
मूल स्वभाव का हिस्सा नहीं
थी और न हो
सकती है। पीएम ने कहा कि
अखिल भारतीय शिक्षा समागम का ये आयोजन
उस पवित्र धरती पर हो रहा
है जहां आजादी से पहले देश
की इतनी महत्वपूर्ण यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई
थी. ये समागम आज
ऐसे समय हो रहा है,
जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव
मना रहा है. अमृत काल में देश के अमृत संकल्पों
को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी
हमारी शिक्षा व्यवस्था और युवा पीढ़ी
पर है. काशी को भी मोक्ष
की नगरी इसलिए कहते हैं, क्योंकि हमारे यहां मुक्ति का एकमात्र मार्ग
ज्ञान को ही माना
गया है. इसलिए शिक्षा और शोध का,
विद्या और बोध का
मंथन, जब सर्व विद्या
के प्रमुख केंद्र काशी में होगा, तो इससे निकलने
वाला अमृत अवश्य देश को नई दिशा
देगा. विकास के लिए शिक्षा
जरूरी है. पीएम ने कहा कि
नई नीति में पूरा फोकस बच्चों की प्रतिभा और
चॉइस के हिसाब से
उन्हें स्किल्ड बनाने पर है. हम
केवल डिग्री धारक युवा तैयार न करें, बल्कि
हमारे युवा स्किल्ड हों, कान्फिडेंट हों, प्रैक्टिकल और कैलकुलेटिव हों,
शिक्षा नीति इसके लिए जमीन तैयार कर रही है.
पीएम मोदी ने कहा कि
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पीछे मूलभूत
उद्देश्य शिक्षा को संकीर्ण विचार-प्रक्रिया की सीमा से
बाहर लाना और इसे 21वीं
सदी के आधुनिक विचारों
के साथ एकीकृत करना है. ये जरूरी है
कि देश को आगे ले
जाने के लिए जरूरी
मानव संसाधन तैयार करने के साथ-साथ
हमारी शिक्षा नीति भी राष्ट्र के
लिए योगदान देती है.
सरकार ने आपकी सेवा का कोई मौका नहीं छोड़ा
पीएम मोदी ने कहा कि
मैं वाराणसी की जनता को
धन्यवाद देता हूं कि आपने न
सिर्फ मुझे सांसद बनाया बल्कि सेवा करने का भी मौका
दिया। हमारी सरकार ने हमेशा गरीब
की समस्याओं का समाधान करने
का प्रयास किया है, उसके सुख-दुख में साथ देने का प्रयास किया
है। कोरोना की मुफ्त वैक्सीन
से लेकर गरीबों को मुफ्त राशन
की व्यवस्था तक, सरकार ने आपकी सेवा
का कोई अवसर छोड़ा नहीं है।
नयी शिक्षा नीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि
नए भारत के निर्माण के
लिए नई व्यवस्थाओं का
निर्माण, आधुनिक व्यवस्थाओं का समावेश उतना
ही जरूरी है। जो पहले कभी
भी नहीं हुआ। जिनकी देश पहले कभी कल्पना भी नहीं करता
था, वो आज के
भारत में हकीकत बन रहे हैं।
आज हम दुनिया के
तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं। स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में जहां पहले केवल सरकार ही सब करती
थी वहां अब प्राइवेट प्लेयर्स
के जरिए युवाओं के लिए नई
दुनिया बन रही है।
नई शिक्षा नीति में पूरा फोकस बच्चों की प्रतिभा और
चॉइस के हिसाब से
उन्हें स्किल्ड बनाने पर है। हमारे
युवा स्किल्ड हों, कांफिंडेंट हों, प्रैक्टिकल और कलकुलेटिव हो,
शिक्षा नीति इसके लिए जमीन तैयार कर रही है।
पीएम मोदी ने शिक्षाविदों से
कहा कि आप सबको
वर्तमान को संभालना है।
आपके पहले जो करके गए
हैं उसको आगे बढ़ाना है। लेकिन आज जो काम
कर रहे हैं, उनको भविष्य के लिए ही
सोचना होगा। व्यवस्थाएं भी भविष्य के
लिए ही विकसित करनी
होंगी।
बच्चों संग साझा की खुशियां
कैंट स्टेशन के पास होगा नाइट मार्केट
बालिका गृह की सौगात
निराश्रित, भूली- भटकी और बिछड़ी बालिकाओं व किशोरियों को सुरक्षित आशियाना दिलाने के लिए पीएम बृहस्पतिवार को जिले के पहले बालिका गृह की सौगात देंगे। जहां बेटियों को सुरक्षित स्थान के साथ ही उन्हें अपने सपनों को उड़ाने देने का मौका भी मिलेगा। रामनगर में 6.30 करोड़ की लागत से तैयार इस बालिका गृह में दो बिल्डिंग में 50-50 बालिकाएं रह सकती हैं। इस भवन में दो छात्रावास के साथ डायनिंग हॉल, मनोरंजक कक्ष, पुस्तकालय, डॉरमेट्री, किचन के साथ किशोर न्याय बोर्ड का कार्यालय भी है। यहां रहने वाले बच्चियों को परामर्श के लिए परामर्श कक्ष भी तैयार किया गया है।
नगवा उपकेंद्र से 35 हजार आबादी को मिलेगा फायदा
20.65 करोड़ रुपये की लागत से
बन रहे नगवा में 33 केवीए का उपकेंद्र से
बिजली व्यवस्था बेहतर होगी। छह फीडरों के
निर्माण होने से ओवरलोडिंग की
समस्या का समाधान होगा।
35 हजार आबादी को राहत मिलेगी।
पांच वार्डों में होगा पर्यटन विकास
27.31 करोड़ से पुरानी काशी
के पांच वार्डों का पर्यटन विकास
किया जा रहा है।
इसमें साइनेज, मीनाकारी, बोर्ड आदि का निर्माण कराया
जाएगा। कुछ प्रमुख उत्पाद बनाने वाले हस्तशिल्प की जानकारी दी
जाएगी। इसका पर्यटकों को काफी लाभ
मिलेगा।
इनर रिंग रोड के साथ कनेक्टिविटी होगी और मजबूत
लहरतारा से बीएचयू होते
हुए विजया सिनेमा तक सिक्सलेन सड़क
का निर्माण, पांडेयपुर फ्लाईओवर से रिंग रोड
तक फोरलेन सड़क का निर्माण, कचहरी
से संदहा तक की सड़क
का फोरलेन तक चौड़ीकरण, वाराणसी
ग्रामीण में पांच नई सड़क और
चार सीसी रोड, वाराणसी भदोही मार्ग का ग्रामीण क्षेत्र
में चौड़ीकरण कार्य के शिलान्यास से
शहर के अंदर सड़कों
की कनेक्टिविटी मजबूत होगी। पावन पथ के अष्ट
विनायक, विनायक, द्वादश ज्योर्तिलिंग, अष्ट भैरव व नवगौरी यात्रा,
पंचक्रोशी परिक्रमा मार्ग पांच पड़ाव पर विकास कार्य,
विश्व बैंक की मदद से
प्रो पुअर योजना के तहत सारनाथ
में बुद्धिस्ट सर्किट का काम के
शिलान्यास से धार्मिक पर्यटन
को बढ़ावा मिलेगा। सर्किट हाउस के भूतल पर
नए ब्लाक का निर्माण के
शिलान्यास से आम जनता
को सुविधाएं मिलेंगी। बाबतपुर चौबेपुर मार्ग पर रेलवे ओवरब्रिज
के निर्माण से जाम की
समस्या हल होगी। जल
जीवन मिशन के तहत 68 गांवों
में पेयजल योजना से पेयजल की
समस्या का समाधान होगा।
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