Tuesday, 25 October 2022

ऋषि सुनक के दिलों में बसता है भारत

ऋषि सुनक के दिलों में बसता है भारत

दिवाली भारत में है, धमाका इंग्लैंड में हुआ है, जहां पहली बार भारतवंशी ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बन गए है। ब्रिटेन में पहली बार किसी भारतवंशी ने इस पद को सुशोभित किया है। खास यह है कि उनके भीतर सात समुंदर पार भी भारतीय परंपरा संस्कृति झलकती है। गीता पर हाथ रखकर शपथ लेने वाले ऋषि सुनक ऐसे भारतीय हैं, जिनके दिल में भारत बसता है. ऋषि सुनक ने पेनी मोरडॉन्ट को मात देते हुए जीत हासिल की है. ऋषि सुनक को 180 से ज्यादा सांसदों का समर्थन मिल रहा था, जबकि पेनी मोरडॉन्ट समर्थन में काफी पीछे रह गई थीं, जिसके बाद उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया। जायसवाल क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने इस मौके पर दो टूक में कहा, जिस तत्कालीन ब्रिटिश पीएम विंस्टन चर्चिल ने आजादी से पहले कहा था, भारतीयों में वो माद्दा ही नहीं जो देश संभाल ले, आज उन्हीं के देश ब्रिटेन का प्रधानमंत्री भारतवंशी है और उम्मींदे लगाएं है कि मोदी की तर्ज पर भारतीय ही उसे आर्थिक संकटों से उबार सकता है 

सुरेश गांधी

फिरहाल, ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं. वह भारतीय हिन्दू हैं, जो ब्रिटेन में प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे. यह अलग बात है कि जिस ब्रिटेन ने हिंदुस्तान को ढ़ाई सौ बरस गुलाम बना कर रखा, आज उस देश का भारतवंशी सुपर नायक हैं. ब्रिटेन को उम्मीदें हैं कि सुनक उनके देश मेंअच्छे दिनलेकर आएंगे। वह ब्रिटेन के सबसे युवा पीएम हैं। बता दें, ब्रिटेन की सत्ता के शीर्ष पर बैठने वाले सुनक पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिनकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं, वो हिंदू हैं। उनके दादा-दादी पंजाब से थे। 1960 के दशक में वे पूर्वी अफ्रीका से पलायन कर ब्रिटेन आए थे। सुनक के पिता एक डॉक्टर थे। उनकी मां एक फार्मेसी चलाती थीं। ऑक्सफोर्ड और स्टैनफोर्ड जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में पढ़ाई से पहले सुनक एक भारतीय रेस्तरां में वेटर के तौर पर काम करते थे। अंग्रेजी के अलावा ऋषि हिंदी और पंजाबी भाषा भी जानते हैं। खास यह है कि ऋषि सुनक अपनी धार्मिक पहचान को लेकर काफी मुखर रहते हैं। इसका प्रमाण उस वक्त देखने को मिला जब वह गीता पर हाथ रखकर ब्रिटेन की संसद में प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे थे। हालांकि वह नियमित रूप से मंदिर जाते हैं। उनके बच्चे अनुष्का और कृष्णा की जड़ें भी भारतीय संस्कृति से जुड़ी हैं। एक रैली में सुनक ने कहा था कि भले ही वह एक ब्रिटिश नागरिक हैं, उन्हें अपनेहिंदू होने पर गर्वहै।

यह अलग बात है कि सुनक के पीएम बनते ही भारत में सियासी घमासान शुरू हो गया है. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सुनक के बहाने मोदी सरकार पर तंज कसा है. वहीं कई कांग्रेस नेताओं ने भी इस पर अल्पसंख्यकों को लेकर बीजेपी सरकाप पर तंज कसा है. शशि थुरुर महबूबा जैसे भारतीयों को इसमें भी सियासत दिखती है और हिदू-मुस्लिम कार्ड खेलने से बाज नहीं आते। कहते ब्रिटेन ने सबसे शक्तिशाली कार्यालय में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य को मौका दिया है। लेकिन वो भूल गए कि भारत के सबसे सर्वोच्च पद पर बैठने वाले मनमोहन सिंह अब्दुल कलाम अपसंख्यक ही थे। ’’दो कार्यकाल के लिए सिख पीएम, मुस्लिम राष्ट्रपति, महिला प्रधानमंत्री, महिला राष्ट्रपति... ऐसे कई उदाहरण हैं। यहां जिक्र करना जरुरी है कि दिवाली की शाम लोग दीये जलाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन नजरें टीवी चैनल और न्यूज वेबसाइट पर लगी थीं। भारतीयों की उत्सुकता अपने देश की किसी खबर को लेकर नहीं, बल्कि अंग्रेजों के देश के लिए थी। जैसे ही चैनलों पर खबर फ्लैश हुई, दिवाली के दिन भारतीयों को सबसे बड़ा गिफ्ट मिल गया। 200 साल तक भारत पर राज करने वाले अंग्रेजों के मुल्क को अब एक भारतवंशी चलाएगा। इसे लेकर सोशल मीडिया से लेकर घर की बैठकों तकऋषि राजकी चर्चा हो रही है। भारत में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और नेताओं ने बधाई देते हुए इसे भारत के लिए गौरवशाली क्षण बताया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि ब्रिटेन ने 200 साल तक भारत पर शासन किया, लेकिन उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगा कि भविष्य में ऐसा भी कुछ हो जाएगा।

बता दें, साल 2015 में यॉर्कशायर की रिचमंड सीट जीतकर टोरी नेता ऋषि सुनक का राजनीतिक सफर शुरू हुआ। फरवरी 2020 में साजिद जाविद के इस्तीफे के बाद सुनक चांसलर ऑफ एक्सचेकर के पद पर पहुंच गए। सुनक के कम अनुभव को लेकर कुछ लोगों को उन पर संदेह था लेकिन कोविड महामारी के दौरान आर्थिक मोर्चे को सफलतापूर्वक संभालकर उन्होंने अपने आलोचकों को गलत साबित कर दिया। कुछ महीनों पहले तक सुनक बोरिस जॉनसन कैबिनेट में वित्तमंत्री थे लेकिन उनके इस्तीफे ने ब्रिटेन में एक राजनीतिक परिवर्तन की नींव रखी। आज टैक्स-कटौती के लुभावने वादों के बजाय महंगाई को कम करने और अर्थव्यवस्था को बेहतर स्थिति में लाने की अपनी रणनीतिक की बदौलत ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गए हैं। कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एमबीए की पढ़ाई के दौरान सुनक की मुलाकात उनकी फैशन डिजाइनर अक्षता मूर्ति से हुई थी। अगस्त 2009 में अक्षता और ऋषि शादी के बंधन में बंध गए। अक्षता मूर्ति इफोसिस के को-फाउंडर और भारत के सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल नारायण मूर्ति की बेटी हैं। सुनक कई बार इसका जिक्र कर चुके हैं कि उन्हें अपनेसास और ससुर पर बेहद गर्वहै। ऋषि सुनक को हाउस ऑफ कॉमन्स में सबसे अमीर शख्स कहा जाता है जिनकी कुल संपत्ति 730 मिलियन पाउंड है। दावा तो यहां तक हैं उनकी पत्नी ब्रिटेन के सम्राट से भी ज्यादा अमीर हैं। माना जाता है कि दंपति की कुल संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा इनफोसिस की हिस्सेदारी से आता है। हालांकि 2015 में राजनीति में कदम रखने से पहले फाइनेंस के क्षेत्र में सुनका का एक सफल करियर रहा है। दंपति के पास लंदन, कैलिफोर्निया, सैंटा मोनिका और यॉर्कशायर में कई घर हैं। अक्सर सुनक और अक्षता मूर्ति अपनी संपत्ति को लेकर सुर्खियां बटोर चुके हैं।

ऋषि सुनक साल 2015 में पहली बार यूके की संसद में पहुंचे थे। उन्हें यूके के सबसे अमीर सांसदों में से एक माना जाता है। वह ब्रेग्जिट का समर्थन करते थे, इस वजह से राजनीति में वह तेजी से आगे बढ़ने लगे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री टेरिजा मे की कैबिनेट में जूनियर मिनिस्टर का पद भी संभाला है। वह साल 2019 में बोरिस सरकार में ब्रिटेन के वित्त मंत्री भी रह चुके हैं। ऋषि सुनक कृष्ण भक्त हैं। सांसद बनने के दौरान उन्होंने ब्रिटिश संसद यानी ऑफ कामंस में भगवत गीता से ही शपथ ली थी। ऋषि पहले ये बात कह चुके हैं कि भगवत गीता उन्हें स्ट्रेस से बचाती है और अपने काम पर डटे रहने के लिए प्रेरित करती है। ऋषि जब बोरिस जॉनसन की लीडरशिप में काम कर रहे थे, तब उन्होंने डाउनिंग स्ट्रीट स्थित अपने घर पर दीपावली के मौके पर दीये भी जलाए थे। इस वक्त ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का ताज कांटों से भरा है. पीएम बनने के बाद सुनक के सामने आर्थिक मोर्चे पर कई समस्याओं से निपटने की चुनौती होगी. क्योंकि आर्थिक नीतियों को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री लिज र्ट्स के उठाए कदम ने बाजार में उथल-पुथल बढ़ा दी है. ऋषि सुनक ने देश के सामने खड़े संकट को गंभीर बताया है और उन्होंने कहा है कि ब्रिटेन की इकोनॉमी को वापस पटरी पर लाने के लिए वो दिन-रात काम करेंगे. सुनक को फिट रहना पसंद है, इसलिए वे अपने खाली समय में  क्रिकेट-फ़ुटबॉल खेलाना और उन्हें फिल्में देखना भी पसंद है.“

जायसवाल क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने इस मौके पर दो टूक में कहा, जिस विंस्टन चर्चिल ने आजादी से पहले कहा था, भारतीयों में वो माद्दा ही नहीं जो देश संभाल ले, आज उन्हीं के देश ब्रिटेन का प्रधानमंत्री भारतवंशी है और उम्मींदे लगाएं है कि मोदी की तर्ज पर भारतीय ही उसे आर्थिक संकटों से उबार सकता है। गौरतलब है कि तत्कालीन ब्रिटिश पीएम विंस्टन चर्चिल का मानना था कि भारतीयों में शासन करने की योग्यता नहीं है. अगर भारत को स्वतंत्र भी कर दिया जाए तो वो भारत पर शासन नहीं कर पाएंगे। उनका मानना था कि भारतीयों की भाषा मीठी तो होगी लेकिन दिल बेवकूफियों से भरा होगा. वे सत्ता के लिए एक दूसरे से लड़ेंगे और इन राजनीतिक लड़ाइयों में भारत पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. चर्चिल का कहना था कि आजादी के बाद से ही भारत की सत्ता दुष्टों, बदमाशों और लुटेरों के हाथों में चली जाएगी. लेकिन भारत की आजादी के 75 साल बाद इस देश ने सिर्फ चर्चिल के पूर्वाग्रहों को ध्वस्त कर दिया बल्कि इसी भारतवंशी का एक संतान आज ब्रिटेन के सर्वोच्च ऑफिस पर आसीन होने जा रहा है. विंस्टन चर्चिल की अनर्गल भविष्यवाणियों के 75-80 सालों के बाद ऋषि सुनक ग्रेट ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गए हैं

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