Wednesday, 14 December 2022

भारत 2030 तक 100 बिलियन डॉलर का निर्यात लक्ष्य पूरा कर लेगा : पीयूष गोयल

भारत 2030 तक 100 बिलियन डॉलर का निर्यात लक्ष्य पूरा कर लेगा : पीयूष गोयल

इसमें काशी और तमिलनाडु सहित देश के अन्य उद्यमियों का विशेष योगदान होगा

काशी और तमिलनाडु का जो जुड़ाव है उसे देश और दुनिया के सामने पहुंचाना है

इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच कपड़ा उद्योग की संभावना को बढ़ाना है

बाबा विश्वनाथ धाम में किया दर्शन-पूजन क्रूज से देखा गंगा आरती का भव्य नजारा

सुरेश गांधी

वाराणसी। केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश 2030 तक वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात का सौ बिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य प्राप्त कर लेगा। इसके लिए निर्यातकों को निर्यात गति बनाएं रखना होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि भारतीय निर्यात वैश्विक बाधाओं को दूर करने में सक्षम होगा और इसी तरह निर्यात दर बढ़ता रहा तो 2047 तक भारत निर्यात में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा।

काशी तमिल संगमम् में भाग लेने दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर आएं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल बुधवार को क्रूज पर गंगा घाट भ्रमण के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। बातचीत के दौरान ही उन्होंने विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती भी देखा और तमिलनाडु सहित वाराणसी भदोही से आए टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े उद्यमियों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम की भव्यता, विस्तारित स्वरूप को भी देखा। कॉरिडोर को देख केन्द्रीय मंत्री ने साथ मौजूद तमिलनाडु के उद्यमियों और निर्यातकों के साथ दिल्ली, तमिलनाडु और वाराणसी के पत्रकारों से धाम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जमकर प्रशंसा की। इसके पहले बाबा काशी विश्वनाथ धाम मंदिर में सपत्निक विधि-विधान से दर्शन पूजन भी किया। इस मौके पर कारपेट इक्स्पोर्ट प्रामेशन कौंसिल, यूपीया सहित देश अन्य औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारियों को आश्वासन दिया कि सरकार उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

पीयूष गोयल ने कहा कि तमिलनाडु टेक्सटाइल का एक बहुत बड़ा क्षेत्र है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि प्राचीन काल से काशी और तमिलनाडु का जो जुड़ाव है, उसे हम देश और दुनिया के सामने पहुंचाएं। टेक्सटाइल सेक्टर के देश भर के प्रतिनिधि काशी में आए हैं। यह अपने आप में सिर्फ अद्भूत ऐतिहासिक है, बल्कि टेक्सटाइल के उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यहां पर मंथन हो रहा है। इस दो दिवसीय मंथन के सकारात्मक प्रभाव हमें आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि कभी गलियों में मंदिर छोटे से रूप में बन के रह गया था। लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी के अथक प्रयासों से और दृढ़ इच्छा शक्ति का प्रदर्शन करते हुए आज जो सुंदर अनुभव विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का किया। इससे यहां उपस्थित लोगों का सीना भी 56 इंच का हो गया। केन्द्रीय मंत्री ने भारतीय संस्कृति और विरासत को नई पहचान देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस दौरान काशी तमिल संगमम के माध्यम से काशी और तमिलनाडु के हो रहे समागम की चर्चा की। उन्होंने कहा कि दोनों का इतिहास काफी पुराना है। काशी में शिवकाशी के पटाखे फूटते हैं। दोनों जगह की साड़ी पूरे देश को जोड़ने का काम करती है। गोयल ने कहा के काशी तमिल संगमम के माध्यम से काशी और तमिलनाडु के बीच जो गहरा संबंध है उसे विश्व और देश के सामने उजागर किया गया है।

      इस दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरूगन ने कहा कि काशी तमिल संगमम के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने अभूतपूर्व काम किया है। इस संगमम की चर्चा चारों और है और इस माध्यम से काशी और तमिलनाडु का जुड़ाव और मजबूत हुआ है। दर्शन-पूजन के बाद वह क्रूज से ही रविदास घाट पहुंचे। रविदास घाट से वह सड़क मार्ग से बीएचयू के एंफीथियेटर मैदान में आयोजित काशी-तमिल संगमम् के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल हुए। काशी प्रवास के दूसरे दिन गुरुवार की सुबह केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल दीनदयाल हस्तकला संकुल में आयोजित दो दिवसीय टेक्सटाइल कॉन्क्लेव में शामिल होंगे। कॉन्क्लेव में वह तमिलनाडु और काशी के कपड़ा उद्यमियों से टेक्सटाइल पर संवाद करेंगे। दूसरे सत्र में विजन-2047 विषय पर आयोजित सेमिनार में उद्यमियों से चर्चा करेंगे। इसके बाद कपड़ा उद्योग से जुड़े उद्यमियों के साथ बैठक भी करेंगे। टेक्सटाइल कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच कपड़ा उद्योग की संभावना को बढ़ाना है।  

पीयूष गोयल ने कहा कि देश में मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या वर्ष 2016 की 452 से बढ़कर 2022 में 84,012 हो गई है। इससे भारतीय स्टार्टअप का भविष्य उज्जवल है। उन्होंने बताया कि इसे प्रोत्साहन देने की कार्य योजना में 19 मदों को शामिल किया गया है जो सरलीकरण और सहायता, निधि संबंधी सहायता एवं प्रोत्साहन तथा उद्योग शिक्षा जगत की भागीदारी जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप के लिए निधियों, स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना और स्टार्टअप के लिये ऋण गारंटी योजना के माध्यम से विभिन्न चरणों में सहायता प्रदान की जाती है। गोयल ने कहा कि ऐसी धारणा है कि स्टार्टअप दिल्ली, मुम्बई, बेंगलूर और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में ही शुरू किये जा सकते हैं लेकिन इसके विपरीत छोटे स्थानों से भी अच्छे स्टार्टअप सामने आए हैं। गंगा नदी में क्रूज कार्यक्रम के दौरान क्रूज बाबा विश्वनाथ मंदिर के सामने से गुजरा। इस दौरान लोगों ने भव्य मंदिर का आनंद लिया। 

केंद्रीय सूचना एवम् प्रसारण राज्य मंत्री डा. एल मुरूगन ने कहा कि काशी तमिल संगमम के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अभूतपूर्व काम किया है। इस संगमम की चर्चा चारों और है और इस माध्यम से काशी और तमिलनाडु का जुड़ाव और मजबूत हुआ है। पीयूष गोयल ने कहा कि इस दौरान टेक्सटाइल उद्योग के विकास के लिए आगे की योजना का रोड मैप चर्चा होगी। इस दौरान केंद्रीय सूचना एवम् प्रसारण राज्य मंत्री एल.मुरुगन के अलावा सीइपीसी चेयरमैन उमर हामिद, भाजपा के नवीन कपूर, यूपीया के मो जुनैद सहित सीइपीसी कोआ मेम्बर अनिल सिंह, इम्तियाज अंसारी, पीयूष बरनवाल, श्रीराम मौर्या आदि मौजूद रहे।

काशी-तमिल संगमम प्रदर्शनी से अभिभूत हुए पीयूष गोयल

कहा, दिल्ली में होगामाई साड़ी माई प्राइडउत्सव का आयोजन

कांची और काशी में सिल्क की साड़ियों जैसी समानताएं

सुरेश गांधी

वाराणसी। केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय की प्रदर्शनी में केंद्रीय वाणिज्य उद्योग एवं कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल एवं केंद्रीय सूचना प्रसारण राज्य मंत्री डा. एल.मुरूगन, केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने अवलोकन किया। इस दौरान प्रदर्शनी में लगे उत्पादों चित्रकारी की उन्होंने खूब प्रशंसा की। उन्होंने कहा मिलनाडु से आए कपड़ा से जुड़े कारीगर यहां से काफी अनुभव लेकर जा रहे हैं। इस संगमम की चर्चा चारों और है। इसके जरिए काशी और तमिलनाडु का जुड़ाव और मजबूत हुआ है। 

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु से आए कपड़ा उद्योग से जुड़े कारीगर, उद्यमी और निर्यातक यहां आयोजित टेक्सटाइल कॉन्क्लेव में भी हिस्सा ले रहे हैं, यह काशी के लिए गर्व की बात है। यहां से प्राप्त किया गया अनुभव तमिलनाडु में कपड़ा उद्योग के उन्नति में सहायक साबित होगा। केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन ने कहा कि भरतियार के भारतीय दृष्टिकोण के अनुरूप, प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में काशी तमिल संगमम् का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि कांची और काशी में सिल्क की साड़ियों जैसी समानताएं हैं। डॉ. एल. मुरुगन ने काशी और तमिलनाडु के बीच एक नई रेल सेवा की घोषणा के लिए रेल मंत्री की सराहना की। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में भरतियार के सम्मान में पीठ स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की।

केंद्रीय कपड़ा, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत की हाथ से बुनी 75 तरह की साड़ियों का प्रदर्शनी का आयोजन नई दिल्ली में किया जा रहा है। यह आयोजन अपने आप में अनूठा होगा। इस प्रदर्शनी का नाममाई साड़ी माई प्राइडरखा गया है, जहां हाथ से बुनी पटोला, बनारसी, पैठानी, कांजीवरम और अन्य साड़ियों का प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के जनपथ हाट में 16 दिसंबर से शुरू होने वाले इस महोत्सव में देश भर के बुनकर हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि काशी का संबंध तमिलनाडु से है। काशी पर तमिलनाडु का प्रभाव है। उन्होंने कहा कि करीब 2000 साल पहले चेतिनाद समूह के लोग काशी आए थे और तभी से यूपी राज्य का हिस्सा बन गए।

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