हंसी
दुनियाभर
में
सकारात्मक
ऊर्जा
का
संचार
कर
सकती
है।
हास्य
सकारात्मक
और
शक्तिशाली
भावना
है,
जिसमें
व्यक्ति
को
ऊर्जावान
और
संसार
को
शांतिपूर्ण
बनाने
के
सभी
तत्व
उपस्थित
रहते
हैं।
यह
व्यक्ति
के
विद्युत-चुंबकीय
क्षेत्र
को
प्रभावित
करता
है
और
व्यक्ति
में
सकारात्मक
ऊर्जा
का
संचार
करता
है।
जब
व्यक्ति
समूह
में
हंसता
है
तो
यह
सकारात्मक
ऊर्जा
पूरे
क्षेत्र
में
फैलता
है।
या
यूं
कहे
कॉमेडी
दुखी
इंसान
में
भी
ऊर्जा
भर
देती
है।
यह
बाते
टीवी
के
पॉपुलर
कॉमेडियन्स
संकेत
भोसले
ने
कहीं।
संकेत
भोसले
वो
सख्यित
है,
जो
सोशल
मीडिया
का
प्लेटफार्म
हो
या
टीवी
चैनल
का
कपिल
शर्मा
शो
हो
या
स्टेज
शो
के
जरिए
फैंस
को
लुभाने
का
कोई
मौका
हाथ
से
जाने
नहीं
देते.
खासतौर
से
बॉलीवुड
स्टार्स
की
मिमिक्री
करने
में
यूं
तो
संकेत
कई
बॉलीवुड
सेलेब्स
की
मिमिक्री
करते
हैं
लेकिन
जब
वो
संजय
दत्त
बनकर
स्टेज
पर
आते
है
तो
उनकी
मिमिक्री
का
सामने
बैठा
हर
संख्य
उनका
दीवाना
हो
जाता
है।
सीनियर
जनर्लिस्ट
सुरेश
गांधी
से
बातचीत
के
दौरान
उन्होंने
हर
इंसान
को
अपने
जीवन
में
कॉमेडी
को
अपनाना
होगा।
क्योंकि
कॉमेडी
न
सिर्फ
हंसने-हसाने
का
बड़ा
माघ्यम
बनकर
उभरा
है,
बल्कि
हंसने
से
व्यक्ति
की
क्रिएटिविटी
और
प्रोडक्टिविटी
में
वृद्धि
होती
है.
आप
जितना
हंसेंगे,
उतना
ही
आपका
दिमाग
क्रिएटिव
और
प्रोडक्टिव
बनेगा
सुरेश गांधी
हंसी दुनियाभर में
सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर
सकती है। हास्य सकारात्मक
और शक्तिशाली भावना है, जिसमें व्यक्ति
को ऊर्जावान और संसार को
शांतिपूर्ण बनाने के सभी तत्व
उपस्थित रहते हैं। यह
व्यक्ति के विद्युत-चुंबकीय
क्षेत्र को प्रभावित करता
है और व्यक्ति में
सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता
है। जब व्यक्ति समूह
में हंसता है तो यह
सकारात्मक ऊर्जा पूरे क्षेत्र में
फैलता है। या यूं
कहे कॉमेडी दुखी इंसान में
भी ऊर्जा भर देती है।
यह बाते टीवी के
पॉपुलर कॉमेडियन्स संकेत भोसले ने कहीं। संकेत
भोसले वो सख्यित है,
जो सोशल मीडिया का
प्लेटफार्म हो या टीवी
चैनल का कपिल शर्मा
शो हो या स्टेज
शो के जरिए फैंस
को लुभाने का कोई मौका
हाथ से जाने नहीं
देते. खासतौर से बॉलीवुड स्टार्स
की मिमिक्री करने में यूं
तो संकेत कई बॉलीवुड सेलेब्स
की मिमिक्री करते हैं लेकिन
जब वो संजय दत्त
बनकर स्टेज पर आते है
तो उनकी मिमिक्री का
सामने बैठा हर संख्य
उनका दीवाना हो जाता है।
सीनियर जनर्लिस्ट सुरेश गांधी से बातचीत के
दौरान उन्होंने हर इंसान को
अपने जीवन में कॉमेडी
को अपनाना होगा। क्योंकि कॉमेडी न सिर्फ हंसने-हसाने का बड़ा माघ्यम
बनकर उभरा है, बल्कि
हंसने से व्यक्ति की
क्रिएटिविटी और प्रोडक्टिविटी में
वृद्धि होती है. आप
जितना हंसेंगे, उतना ही आपका
दिमाग क्रिएटिव और प्रोडक्टिव बनेगा
हंसते-हंसते कट जाए रास्ते,
जिंदगी यूं ही चलती
रहे, खुशी मिले या
गम बदलेंगे ना हम, जिंदगी
चाहे बदलती रहे..., खून भरी मांग
फिल्म का यह गीत
दुख की घड़ी में
भी खुश रहने का
संदेश देता है। यह
कहना जितना आसान है करना
उतना ही मुश्किल। लेकिन
सच यह भी है
कि हास्य की अच्छी समझ
आम तौर पर बुद्धिमत्ता,
आकर्षक व्यक्तित्व और कार्य नीति
से जुड़ी होती है।
हंसने से खुशी की
भावना में वृद्धि होती
है और ये हमारे
रिश्तों को बेहतर बनाती
है. क्योंकि इंसान खुश रहेगा, तभी
जीवन का आनंद उठा
पाएगा. हंसी एक प्राकृतिक
तनाव निवारक के रूप में
कार्य करती है और
ये चिंता व तनाव को
कम करने में मदद
करती है. यह हमारा
ध्यान नकारात्मक विचारों और चिंताओं से
हटाती है. हंसने से
स्ट्रेस और एंग्जाइटी कम
होने के साथ मन
को शांति मिलती है. एक सवाल
के जवाब में संकेत
भोसले ने कहा कि
यह जरूरी तो नहीं कि
हर आदमी दूसरे को
अच्छा ही लगे और
ऐसा नहीं होने पर
उसका मजाक बनाया जाएं।
आपकी डेली लाइफ की
भागदौड़ के बीच जो
एक चीज आपको हमेशा
मुस्कराने और रिलैक्स करने
में मदद करती है
वह है कामेडी. यह
दोस्तों या कलीग्स के
कमेंट्स से भी आ
सकती है और बास
के तेज गुस्से के
बीच भी पैदा हो
सकती है. सुख और
दुख की घडिय़ां तो
जिंदगी में आनी जानी
है, हंसी के बिना
जिंदगी जीना, जिंदगी से बेईमानी है.
हंसने हंसाने की अहमियत और
आनेस्ट हंसी की चर्चा
करते हुए संकेत भोसले
ने कहते है, पब्लिशिटी
की आड़ में वल्गर
जोक्स को बढ़ावा दिया
जा रहा है, लेकिन
आज भी ऐसे आर्टिस्ट्स
का ग्रुप है जो हंसी
में मिलावट के खिलाफ है.
कामेडी को कभी भी
‘टू मच’ नहीं कहा
जा सकता. आजकल कामेडी को
इसलिए ही ज्यादा परोस
रहे हैं क्योंकि उसे
ज्यादा पसंद किया जा
रहा है. अंसली कामेडी
वही है जो घर
में बेटी और बाप
मिलकर एक साथ देख
सकें और हंस सकें.
अगर किसी भी कामेंडी
को देखकर शर्म आने लगे
तो वह कामेडी कहलाने
के लायक नहीं है.
उनका मानना है कि कॉमेडी
सिनेमा पिछले सालों में बदलाव से
गुजर रहा है जिसमें
सभी तरह के दर्शकों
को खुश करने के
लिए उनके हिसाब से
इसे परोसा जा रहा है.
हसना, हंसाना और मस्ती परिवार
के साथ अच्छी लगती
है। जब अपने साथ
होते हैं तो कॉमेडी
का मजा दोगुना हो
जाता है। लेकिन वर्तमान
में कॉमेडी के बीच अश्लीलता,
फूहड़ता ने इसका स्तर
गिरा दिया है। खासकर
स्टैण्डअप कॉमेडी में इसका चलन
सबसे ज्यादा बढ़ा है। जिससे
पारिवारिक मनोरंजन के बजाय ये
प्राइवेट व एक आयुवर्ग
विशेष के शो बनकर
रह गए हैं। लेकिन
समय की मांग है
कि इससे हर कॉमेडियंस
को बचना होगा। कामेडी
ऐसी हो जिससे किसी
को तकलीफ न हो. किसी
को हंसाने के लिए दूसरे
को दुख देना भी
तो ठीक नहीं है.
संकेत भोसले का कहना है
कि शहरों की भागती-दौड़ती
जिंदगी ने लोगों के
चेहरों से हंसी लगभग
गायब सी कर दी
है. सुबह उठकर घर
से दफ्तर औऱ फिर शाम
को दफ्तर से घर की
दूरी तय करने में
ही जिंदगी खत्म होती जा
रही है. लोगों के
पास मुस्कुराना तो छोड़िए, ढंग
से सांस तक लेने
की फुरसत नहीं बची है.
’बच्चा हमेशा अपने आस-पास
के माहौल को देखकर बड़ा
होता है. ये दौर
कॉम्पिटिशन का है, ऐसे
में किसी भी इंसान
को स्ट्रेस या डिप्रेशन होना
आम बात है. जब
हम कुछ अचीव करते
हैं या अगर किसी
काम का रिजल्ट हमें
अपनी उम्मीद के मुताबिक मिलता
है तो शरीर में
डोपामाइन नाम का केमिकल
रिलीज होता है. ये
डोपामाइन ही हमें अंदर
से अच्छा महसूस कराता है.’ विज्ञान कहता
है कि डोपामाइन ही
वो केमिकल है जो खुशी
के लिए जिम्मेदार है.
लेकिन इस डोपामाइन को
रिलीज करें कैसे? क्योंकि
असल समस्या तो यही है
कि अपने स्ट्रेस को
दूर कैसे करना है,
ये हमें नहीं पता
होता.
लाफ्टर थेरेपी का एक सबसे
बड़ा फायदा ये है कि
आप मानसिक स्ट्रेस, एंग्जायटी को कम कर
सकते हैं. डिप्रेशन के
शिकार नहीं होते हैं.
लाफ्टर थेरेपी से तनाव दूर
होता है. हंसने से
तनाव हार्मोन जैसे एपिनेफ्राइन (एड्रेनलाइन),
कोर्टिसोल, ग्रोथ हार्मोन आदि को कम
करने में भी मदद
मिलती है. यह शरीर
में एंटीबॉडी-उत्पादक कोशिकाओं को बढ़ाने और
टी-कोशिकाओं की प्रभावशीलता को
बढ़ाने में भी मदद
करता है. ऐसे में
यदि आप एंग्जायटी, तनाव
ग्रस्त रहते हैं, तो
खुश रहने की कोशिश
करें. इसके लिए आप
कॉमेडी से भरपूर फिल्में
देखें, चुटकुले पढ़ें-सुनें, लाफिंग
योग क्लास ज्वाइन करें. इनसे काफी हद
तक आपको स्ट्रेस से
छुटकारा पाने में मदद
मिलेगी. हंसी चिकित्सा के
जरिए आप फ्रेश ऑक्सीजन
को अपने अंदर ले
पाते हैं. इससे मांसपेशियां,
फेफड़े और हृदय उत्तेजित
होते हैं. एंडॉर्फिन रिलीज
होता है, साथ ही
हंसने से शरीर में
ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बना रहता है,
जिससे आप हार्ट डिजीज
से बचे रह सकते
हैं.
हंसी चिकित्सा के
जरिए मूड फ्रेश हो
सकता है. यदि आप
उदास हैं, तो आपको
हंसी-खुशी वाले महौल
में थोड़ी देर बैठकर
देखें, आपका मूड फ्रेश
होगा, साथ ही उदासी
भी दूर हो जाएगी.
लाफ्टर थेरेपी के जरिए डिप्रेशन,
स्ट्रेस और चिंता को
कम करने के साथ-साथ आत्म-सम्मान
में सुधार लाया जा सकता
है, जिससे नकारात्मक भावनाएं भी दूर हो
सकती हैं. शरीर में
एंडोर्फिन का स्राव होने
से हंसी दर्द को
कम करने के साथ
ही मांसपेशियों के तनाव को
भी कम करती है.
यदि आपको रात में
नींद नहीं आती है,
तो इसका इलाज भी
लाफ्टर थेरेपी में छिपा है.
एक अध्ययन के अनुसार, सेरेब्रल
कॉर्टेक्स खूब हंसने के
कुछ ही सेकेंड बाद
एलेक्ट्रिकल इम्पल्सेज या वैद्युत संवेग
रिलीज करती है. ऐसे
में जब भी आपको
रात में नींद न
आए, तो सोने से
पहले कोई कॉमेडी फिल्म
या किताब पढ़ें, इससे आपको अच्छी
नींद आने में मदद
मिल सकती है. इतना
ही नहीं, कई स्टडीज में
ये बात भी सामने
आई है कि हंसने
से शरीर की रोग
प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता
है. हंसने से एंटीबॉडी प्रोड्यूस
करने वाले टी सेल्स
के नंबर में इजाफा
होता है, जिससे बार-बार सर्दी-जुकाम,
बीमार होने की संभावना
कम हो सकती है.हास्य क्रिया ही नहीं, कई
रोगों में भी लाभप्रद
होता है।
हंसी विभिन्न समुदायों
को जोड़कर नए विश्व का
निर्माण कर सकते हैं।
हंसी ही दुनिया को
एकजुट कर सकती है।
मानव शरीर में पेट
और छाती के बीच
में एक झिल्ली होती
है, जो हंसते समय
धौंकनी का कार्य करती
है। पेट, फेफड़े और
यकृत की मालिश हो
जाती है। हंसने से
प्राणवायु का संचार अधिक
होता है व दूषित
वायु बाहर निकलती है।
नियमित रूप से खुलकर
हंसना शरीर के सभी
अवयवों को ताकतवर और
पुष्ट करता है व
शरीर में रक्त संचार
की गति बढ़ जाती
है तथा पाचन तंत्र
अधिक कुशलता से कार्य करता
है। हंसने से इंसान को
प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरने प्रेरणा
मिलती है. वहीं हंसी
अधिक आशावादी और हल्के-फुल्के
दृष्टिकोण को बढ़ावा देकर
हमें लचीलापन विकसित करने में मदद
करती है.
No comments:
Post a Comment