बाढ़ से काशी के कई घाट गंगा में समाएं
रत्नेश्वर महादेव समेत कई मंदिर भी डूबे, अस्सी घाट के आरती स्थल तक पहुंचीं गंगा, तीर्थ पुरोहितों ने हटाईं चौकियां, खोले झंडे
गंगा पार नावों के जाने पर लगा प्रतिबंध, नहीं चलेंगी छोटी नावें, बढ़ रहे जलस्तर को लेकर अलर्ट. 62.74 मीटर पहुंचा पानी
गंगा का जलस्तर बढ़ने से आसपास के लोगों में दहशत
घाट किनारे लोगों को एहतियात बरतने को कहा गया
सुरेश गांधी
वाराणसी।
गंगा के जलस्तर में
धीरे ही धीरे सही
लेकिन बढ़ाव जारी है।
इसके चलते काशी के
कई घाटों की सीढ़ियां डूब
चुकी है, तो कई
डूबने के कगार पर
है। एक तरह से
काशी के घाटों का
आमजनों के लिए संपर्क
टूटा चुका है। मणिकर्णिका
घाट पर रत्नेश्वर महादेव
मंदिर प्रयागघाट स्थित जुगल रुक्मिणी मंदिर
पर बना गंगा आरती
का प्लेटफार्म डूब गया। अस्सी
घाट के आरती स्थल
तक पहुंच चुकी हैं। अस्सी
से राजघाट के बीच घाट
किनारे के छोटे-छोटे
मंदिर भी पानी में डूब चुके
हैं। घाटों का संपर्क पहले
ही टूट चुका था.
केंद्रीय जल आयोग के
अनुसार जलस्तर 62.75 मीटर पहुंच गया
है। गंगा के बढ़ते
जलस्तर को देखते हुए
नावों के गंगा पार
जाने पर प्रतिबंध लगा
दिया गया है। छोटी
नावों का भी संचालन
नहीं होगा। बड़ी नावें चलेंगी
जरूर लेकिन उन पर क्षमता
से आधी सवारी को
बैठाने की अनुमति होगी।
नावों की सवारी करने
वाले हर किसी को
लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य होगा।
सिंचाई विभाग हुआ सतर्क
केंद्रीय जल आयोग के
मध्य गंगा खंड कार्यालय
द्वारा जारी आंकड़ों के
अनुसार शनिवार की सुबह राजघाट
पर गंगा का जलस्तर
58.87 मीटर था जो 24 घंटे
में रविवार सुबह आठ बजे
तक 1.14 मीटर बढ़कर 60.1 मीटर
पहुंच गया। सुबह आठ
बजे के बाद वृद्ध
दर में थोड़ी कमी
आई और जलस्तर 10 सेमी
के बजाय नौ सेमी
प्रति घंटा की गति
से बढ़ने लगा। इस गति से
बढ़ता पानी शाम छह
बजे तक 10 घंटे में 98 सेमी
बढ़कर 60.98 मीटर तक पहुंच
गया। उधर, मीरजापुर, चंदौली,
गाजीपुर व बलिया में
गंगा के जलस्तर में
तेजी से बढ़ोतरी हो
रही है। बढ़ रहे
पानी को देखकर सिंचाई
विभाग सतर्क हो गया है।
केंद्रीय जल आयोग
के अनुसार सुबह आठ बजे
गंगा के जलस्तर में
दो सेंमी प्रतिघंटे की रफ्तार से
बढ़ाव दर्ज किया गया।
फ्लड बुलेटिन के अनुसार सुबह
आठ बजे जलस्तर 62.64 मीटर
था। हालांकि दिन में बढ़ाव
की रफ्तार धीमी पड़ी और
यह प्रति दो घंटे एक
सेंटीमीटर तक पहुंच गई
थी।
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