पढ़ाई, नौकरी,
कोरोबार
व
अन्य
कारणों
से
दूर
रहने
वाले
भाईयों
को
बहनों
ने
डिजिटल
राखी
बांधी
भाइयों का
मुंह
मीठा
कर
बहनों
ने
तोड़ा
उपवास,
छोटे
बच्चों
में
भी
गजब
का
था
उत्साह
रक्षाबंधन को
लेकर
मिठाई
की
दुकानों
पर
रही
भीड़
सुरेश गांधी
वाराणसी। बहनों ने भाई के
कलाई पर राखी बांधकर
उनकी सुरक्षा, सुख-समृद्धि, लंबी
आयु व स्वस्थ जीवन
के लिए कामना की.
इस दौरान भाइयों ने बहनों को
पसंदीदा गिफ्ट देकर उनका दिल
जीत लिया. इससे पहले आरती
उतार तक उनका तिलक
किया. हालांकि दोपहर 1 बजकर 25 मिनट तक भद्रा
होने के कारण भाइयों
को राखी बांधने के
लिए बहनों को इंतजार करना
पड़ा. इस दौरान कुछ
बहनें भाई के पास
पहुंची तो कुछ भाई
बहनों के पास खुद
राखी बंधवाने के लिए पहुंचे.
जो बहनें किन्हीं कारणों से भाई के
पास नहीं पहुंच पाईं
थीं. उन लोगों ने
डाक, कुरियर से पहले ही
भाई को राखी भेज
दिया था. आज के
दिन सोशल मीडिया के
माध्यम से लाइव वीडियो
कॉलिंग के माध्यम से
एक दूसरे से बात कर
प्यार लुटाया.
सुबह से ही
विभिन्न मंदिरों में बहनें पूजा
अर्चना कर अपने भाइयों
की कलाई पर रक्षा
सूत्र बांध दीर्घायु की
कामना की। इसके साथ
ही भाइयों द्वारा अपनी बहन की
रक्षा का संकल्प लेकर
उपहार भेंट किया। परंपरा
के अनुसार बहनों ने अपने भाइयों
की आरती उतार माथे
पर टीका लगाया और
मुंह मीठा कराते हुए
रक्षासूत्र के रूप में
हाथों की कलाई में
राखी बांधा। फेसबूक, इंस्टाग्राम, एक्स सहित अन्य
सोशल मीडिया प्लेटफार्म रक्षा बंधन के संदेशों
से पटा रहा. हैप्पी
रक्षा बंधन, रक्षाबंधन की शुभकामनाएं, रक्षा
बंधन 2024 की बधाई सहित
अन्य रक्षा बंधन कोट्स लोगों
ने जमकर पोस्ट व
शेयर किया. वहीं देर शाम
तक मिठाई व गिफ्ट के
दूकानों पर भीड़ देखी
गई. कई जगहों पर
भाइयों के साथ चलकर
मार्केट से अपना पसंदीदा
गिफ्ट खरीदवाया. दूसरी ओर ऑन लाइन
मार्केटिंग प्लेटफार्म से भी दिन
भर डिलीवरी पार्टनर गिफ्ट डिलीवर करते दिखे. रक्षाबंधन
के त्यौहार पर भाई की
कलाई बिन राखी सुनी
न रह जाए इसलिए
बहनें अपने भाई से
मिलने के लिए जिला
व सेंट्रल जेल पहुंची और
बहने अपने-अपने भाईयों
की कलाई में राखी
बांधी। अपनी बहन को
सामने देख भाईयो के
चेहरे पर रौनक आ
गई।
ग्रामीण अंचलों में भी भाइयों की कलाई
पर बहनों का प्यार सजा तो वहीं बहनों के चेहरे पर भाइयों के उपहार की रौनक दिखी। रक्षाबंधन
पर घर-घर में राखी बांधी गई। इस दौरान हर भाई अपनी बहन को हर विकट परिस्थिति में रक्षा
करने का संकल्प लिए। रक्षाबंधन को लेकर मिठाई की दुकानों पर भी काफी भीड़ रही। छोटे
बच्चों में रक्षाबंधन को लेकर गजब का उत्साह देखा गया छोटे-छोटे बच्चों ने भी एक दूसरे
को रक्षा सूत्र बांधकर उपहार का आदान प्रदान किया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कलाई
पर रक्षासूत्र या कलावा बांधने से भाग्य में वृद्धि होती है। रक्षाबंधन के दिन बांधी
गई राखी को कम से कम जन्माष्टमी तक जरूर बांधे रखना चाहिए। जन्माष्टमी के बाद भी आप
राखी बांध सकते हैं लेकिन अगर आपको राखी उतारनी है तो इसको उतारने के बाद कभी भी यहां
वहां नहीं फेकनी चाहिए। बल्कि उतारी गई राखी को किसी पवित्र पौधे या पेड़ के पास रख
देने चाहिए या फिर इस नदी में भी प्रवाहित करना चाहिए।
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