बढ़ी गलन तो खादी प्रदर्शनी में उमड़े
खरीदार, देशी उत्पादों की भरमार
खादी व
गर्म
कपड़ों
पर
मिल
रही
30 प्रतिशत
तक
की
छूट
चार दिन
में
अब
तक
लगभग
63 लाख
खादी
के
कपड़ों
ग्रामोद्योग
उत्पादों
की
बिक्री
हो
चुकी
है
इस खास
खादी
मेले
में
मिलेगा
सब
कुछ,
कानपुर
के
जूते,
बनारसी
साड़ी
और
भदोही
की
कालीन
बनी
आकर्षण
का
केंद्र
अचार-मुरब्बा,
बीकानेरी
नमकीन
व
पापड़,
फर्नीचर,
धूपबत्ती
एवं
अगरबत्ती,
जूते-चप्पल,
लखनऊ
चिकनकारी,
भदोही
के
कालीन,
कश्मीरी
शाल,
सूखे
मेवे,
घरेलू
उपयोगी
उपकरण
और
विभिन्न
प्रकार
के
औषधीय
उत्पाद
लोगों
को
खूब
पसंद
आ
रहे
हैं
सुरेश गांधी
वाराणसी। सर्दी के सीजन में
उप्र खादी तथा ग्रामोद्योग
बोर्ड द्वारा “मंडलीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी“
में खादी एवं गर्म
कपड़ों की जमकर खरीदारी
हो रही हैं. अर्बन
हॉट प्रांगण, चौकाघाट में 10 जनवरी तक आयोजित 15 दिवसीय
इस प्रदर्शनी में खादी के
कपड़ों और हाथों से
बने हुए सभी आइटमों
पर लोगों को 30 से 50 प्रतिशत की छूट के
साथ सामान मिल रहा है.
यहां खादी से जुड़े
हुए हर प्रकार के
सामानों की ब्रिकी चल
रही हैं। प्रदर्शनी के
चौथे दिन सोमवार तक
कुल 63 लाख से अधिक
की बिक्री हो चुकी है।
उपभोक्ता खादी पर 30 प्रतिशत
छूट का लाभ उठा
रहे है।
प्रदर्शनी में प्रतापगढ़ के
अचार-मुरब्बा, राजस्थान की बीकानेरी नमकीन
व पापड़, सहारनपुर के फर्नीचर, कन्नौज
की धूपबत्ती एवं अगरबत्ती, आगरा
एवं कानपुर के जूते-चप्पल,
लखनऊ की चिकनकारी, भदोही
व सीतापुर के कालीन, कश्मीरी
शाल, सूखे मेवे, घरेलू
उपयोगी उपकरण और विभिन्न प्रकार
के औषधीय उत्पाद लोगों को खूब पसंद
आ रहे हैं। परिक्षेत्रीय
ग्रामोद्योग अधिकारी यूपी सिंह ने
बताया कि प्रदर्शनी का
मुख्य उद्देश्य प्रदेश दूरस्थ स्थानों के कामगारों द्वारा
उत्पादित खादी ग्रामोद्योग सामानों
की अधिक से अधिक
बिक्री हो, ताकि उनकी
आजीविका में सुधार हो
सकें और महात्मा गांधी
जी का सपना साकार
हो। प्रदर्शनी में कुल 113 स्टाल
लगाये गये है, जिसमें
25 स्टाल खादी उद्योग एवं
88 स्टाल ग्रामोद्योगी उत्पाद के लगे है।
खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी 10 जनवरी, 2025 तक चलेगी।
यूपी सिंह ने बताया कि प्रदर्शनी में खादी के आधुनिक वस्त्र, खादी के बने कटिया, मूंगा और सूती वस्त्र, कुर्ता, पैजामा, शर्ट, गमछा, धोती, रूमाल, लूंगी, रजाई गददे, डिजाईनर साड़ियाँ, बनारसी साड़ियां, काटन की साड़ियां और काश्मीरी शाल, सूट स्टाल, स्वेटर जैकेट एवं उत्तराखण्ड की ऊनी जैकेट एवं सहारनपुर के बने कम्बल, नक्काशीदार सोफा, बेड, दिवान झूला एवं लकडी के बने आधुनिक सामान, प्रतापगढ एवं वाराणसी के ऑवला से निर्मितं खाद्य सामग्री जैसे लडडू, बर्फी, कैंडी, सिरका एवं अचार जैसे आम का अचार, नीबू का अचार, लहसून का आचार एवं अदरक आचार, कानपुर के बने चमडे के सामान जैसे जूता, चप्पल, बेल्ट, पर्स एवं आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बनी दवायें एवं चन्दन, चन्दन फेस पैक एवं रूदाक्ष, अंगूठी और दर्द नाशक तेल प्रदर्शनी में भारी छूट के साथ उपलब्ध है।
प्रदर्शनी में आये हुए
सभी लोगो से अनुरोध
है कि स्वदेशी सामान
खरीद कर इस देश
को मजबूत बनाइये। प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य
ग्रामीण क्षेत्र के उद्यमियों को
बाजार उपलब्ध कराना एवं विपणन में
सहायता व बिक्री के
लिये प्रोत्साहित किया जाना है।
परिक्षेत्रीय ग्रामोद्योग अधिकारी ने लोगों की
जनता से अनुरोध किया
है कि वे एक
बार प्रदर्शनी में अवश्य पधारे।
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