फूलों से दमका महामना की बगिया, मालवीय
के लेखों और मेडल की लगी प्रदर्शनी
विश्वविद्यालय मुख्य
द्वार
का
प्रारूप,
पुष्पों
से
सुसज्जित
शिवलिंग
तथा
रंगोली,
सुकर्तन
कला
(टॉपियरी)
बोनसाई
और
हरी
पत्तियों
के
संग्रह
रहे
आकर्षण
के
केंद्र
मालवीय भवन
में
प्रज्ज्वलित
किये
दीप
सुरेश गांधी
वाराणसी। काशी हिन्दू विश्व
विद्यालय के संस्थापक महामना
पंडित मदन मोहन मालवीय
की जयंती बुधवार को धूमधाम से
मनया गया। इस मौके
पर तीन दिवसीय मालवीय
स्मृति पुष्प प्रदर्शनी में गुलदावदी के
कटे फूल, गुलाब के
कटे फूल लीलीयम, जरबेरा,
कारनेशन, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, बर्ड ऑफ़ पैराडाइज,
गेंदा, गुलाब आदि पुष्पों के
गमले, रिफ़्लेक्सड, इनकर्वड, इनकर्विंग, स्पाइडर, पोममैन, स्पून, एनीमोन आदि प्रारूपों में
प्रदर्शित किये गये थें।
साथ हीं विभिन्न प्रकार
के फल एवं सब्जियां,
कलात्मक पुष्प सज्जा, मंडप, विश्वविद्यालय मुख्या द्वार का प्रारूप, पुष्पों
से सुसज्जित शिवलिंग तथा रंगोली, सुकर्तन
कला (टॉपियरी) बोनसाई और हरी पत्तियों
के संग्रह, मालवीय जी पर आधारित
वास्तुकला के नमूने, मानव,
पक्षी एवं जल प्रपात
आदि मुख्य रूप से आकर्षण
के केंद्र रहें। खास यह है
कि उनके लेखों और
उन्हें प्राप्त मेडल को रखा
गया है।
सेंट्रल लाइब्रेरी में महामना द्वारा
संपादित पत्रिका सनातन धर्म को भी
रखा गया है। इसके
साथ ही महामना के
जीवन, विचार और उनके कार्यों
से जुड़ी किताबें, भाषण,
लेख, स्मारिका, वांग्मय, स्मृति ग्रंथ, शोध ग्रंथ, उनके
व्यक्तिगत संग्रह और उन पर
आधारित चित्रों को स्टॉल में
लगाया गया है। यहां
लोगों को विश्वविद्यालय के
निर्माण का इतिहास भी
जानने को मिल रहा
है। प्रदर्शनी सुबह 10 बजे से शाम
5 बजे तक पांच दिन
तक के लिए लगायी
गयी है। प्रदर्शनी का
उद्घाटन संस्कृत विद्या धर्म-विज्ञान संकाय
के डीन प्रो. राजाराम
शुक्ल ने की। जबकि
इस अवसर पर प्रो.
संजय कुमार, कुलगुरू, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. रवि कुमार
सिंह (आई.एफ.एस.),
वन संरक्षक, वाराणसी के कर-कमलों
द्वारा प्रो. अरुण कुमार सिंह,
कुलसचिव एवं अध्यक्ष मालवीय
स्मृति पुष्प प्रदर्शनी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय,
प्रो. सरफ़राज़ आलम, सदस्य सचिव,
मालवीय स्मृति पुष्प प्रदर्शनी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
तथा डॉ कल्याण बर्मन
सह समन्वयक, उद्यान विशेषज्ञ इकाई की उपस्थिति
में संपन्न हुआ।
उद्घाटन के समय प्रो.
ए. के. नेमा, छात्र
अधिष्ठाता, प्रो. एस वी एस
राजू, निदेशक, कृषि विज्ञान संस्थान,
प्रो. एस एन संखवार,
निदेशक, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, श्री अश्विनी कुमार
देशवाल, वरिष्ठ अधिकारी (उद्यान), काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
एवं अन्य गणमान्य अधिकारी
उपस्थित रहें। प्रो. सरफराज आलम, सचिव, पुष्प
प्रदर्शनी ने प्रदर्शों के
बारे में विस्तार से
बताया कि प्रदर्शनी में
मुख्य रूप से गुलदावदी
के गमलें एवं फूलों के
संग्रह, कोलियस, विभिन्न प्रकार के शोभाकारी पौधे
एवं रंगीन पत्तियों के समूह लगाये
गये थें। प्रदर्शनी में
विश्वविद्यालय के अन्य विभाग,
छात्रावास, उद्यानों के साथ-साथ
वाराणसी जनपद के विभिन्न
संस्थाएं, 39 जी. टी. सी.
छावनी परिषद, उप-निदेशक उद्यान
वाराणसी, जिला उद्यान अधिकारी
वाराणसी, आजमगढ़, गाज़ीपुर, जौनपुर, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र, संत रविदास नगर
(भदोही), चंदौली एवं मऊ, बनारस
रेल इंजन कारखाना, वाराणसी,
केंद्रीय कारगार, वाराणसी, पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी, जिला कारागार, वाराणसी,
धीरेन्द्र कन्या महाविद्यालय, विन्ध्य गुरुकुल कॉलेज, मिर्ज़ापुर, स्थानीय नर्सरी, होटल तथा नागरिकों
द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस
वर्ष भी भाग लिया
गया।
प्रदर्शनी में गुलाब के निम्नलिखित चर्चित फूल रहे
किंग ऑफ
द
शो
- सोलेयर
क्वीन ऑफ
द
शो
- नारंगा
प्रिंस ऑफ
द
शो
- पीच
व्हाइट
प्रिंसेस ऑफ
द
शो
- टोपाज
इस प्रदर्शनी की
मुख्य विशेषता आर्गेनिक रूप से गमलों
मे उगायी सब्जियां, औषधीय पौधें व मसाले इत्यादि
रहें। इसके अलावा महाकुम्भ
2025 को देखते हुए विद्या की
राजधानी में ज्ञान, ध्यान,
अध्यात्म द्वारा जनमानस को प्रभावित करने
का सरल प्रयास उद्यान
विशेषज्ञ इकाई द्वारा किया
गया। जिसमें फूलों द्वारा सुसज्जित बाबा विश्वनाथ शिवलिंग,
प्राकृतिक मालवीय उद्यान, बोतल गार्डेन आकर्षण
के मुख्य केन्द्र बिन्दु रहें । भारी
उत्साह को देखते हुए
जन साधारण की गणना के
लिए इत्र से सुगन्धित
स्वागत कार्ड सभी आगन्तुकों का
वितरित किया गया जिसमें
केवल दो घण्टे के
दौरान दस हजार नौ
सौ लोगों के द्वारा प्रदर्शनी
का अवलोकन किया गया तथा
विभिन्न रंगो के फूलों
की कृति को उत्साहपूर्वक
सराहना की। दर्शकों द्वारा
प्रदर्शनी के क्रमबद्ध अवलोकन
हेतु मुख्य आरक्षाधिकारी के सुरक्षा सहायकों
ने भरपूर कोशिश की जिसमें सफलता
भी प्राप्त कियें । विश्वविद्यालय परिसर
के सफाई एवं सहायक
सेवा इकाई द्वारा मालवीय
भवन परिसर में साफ-सफाई
की पूर्ण व्यवस्था की गयी थी।
पुष्प प्रदर्शनी में कुल 786 प्रतिभागियों ने भाग लिया
पुष्प प्रदर्शनी में कुल 786 प्रतिभागियों
ने भाग लिया जो
कि विभिन्न समूहों में लगभग 7452 प्रदर्शों
को प्रदर्शित किया गया जोकि
गत वर्ष से अधिक
है। प्रदर्शनी 27 को सायंकाल 6ः00
बजे तक खुली रहेगी।
मुख्य अतिथि, आचार्य प्रभारी एवं अतिथिगण द्वारा
दीप प्रज्वलन कर सांयकाल में
मालवीय दीपावली का शुभारंभ किया
गया तदोपरांत छात्रों, शिक्षकों, अधिकारियों सहित परिसर वासियों
द्वारा दीपक जलाया गया।
7000 दीपक जलाएं गए
इस वर्ष परिसर
में सात हजार (7000) दीपक
जलाये गए औऱ आकाश
प्रदीप भी उड़ाए गए।
इस वर्ष छात्र कल्याण
पहल समिति (राजीव गांधी दक्षिणी परिसर) की ओर से
एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी
किया गया। जिसमें छात्रों
के द्वारा मनमोहक प्रस्तुति दी गई। इनमे
मुख्यतः नृत्य, गायन, कविता पाठ आदि कार्यक्रम
शामिल थे। उसके पश्चात
अतिथियों द्वारा प्रतियोगिताओं के विजेताओं को
मेडल तथा सर्टिफिकेट से
सम्मानित किया गया। इस
अवसर पर परिसर के
सभी शिक्षकगण, अधिकारीगण, कर्मचारी गण, विद्यार्थीयो और
सभी अन्तःवासियों ने बढ चढ
कर भाग
लिया और उपस्थित रहे।
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