महाकुंभ में 1.75 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई
44 घाटों पर स्नान, हेलिकॉप्टर
से
बरसाए
गए
फूल,
एनएसजी
कमांडो
रख
रहे
नजर
आज मकर
संक्रांति
पर
3 करोड़
से
ज्यादा
श्रद्धालु
करेंगे
संगम
स्नान
संगम में
डुबकी
लगाने
वालों
में
विदेश
से
आए
तीर्थयात्री
भी
शामिल
श्रद्धालु बस
और
रेलवे
स्टेशन
से
10-12 किमी
पैदल
चलकर
संगम
पहुंच
रहे
हैं
सुरेश गांधी
प्रयागराज। प्रयागराज में संगम तट पर लगने वाला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक जमावड़ा यानी महाकुंभ सोमवार को पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर पहले प्रमुख स्नान अनुष्ठान के साथ शुरू हो गया है, जो 144 सालों में पहली बार पूर्ण कुंभ का अद्भुत संयोग प्रस्तुत कर रहा है. संगम नगरी में देश-विदेश से साधु-संत पहुंचे हैं और अखाड़ों का भव्य शिविर सजाया गया है. संत हाथियों, ऊंटों और अन्य वाहनों के साथ वहां की रौनक बढ़ा रहे हैं। संगम किनारे चारों तरफ सनातन धर्म की छठा बिखरी हुई है. हर किसी की जुबां पर राम का नाम और हर-हर महादेव का उदघोष हो रहा है.
पौष पूर्णिमा पर
आज महाकुंभ के पहले दिन
अनुमान से भी अधिक
श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था
की डुबकी। दावा है कि
44 घाटों पर शाम 7 बजे
तक 1 करोड़ 75 लाख श्रद्धालु डुबकी
लगा चुके हैं। भक्तों
पर हेलिकॉटर से फूलों की
वर्षा की गई। महाकुंभ
144 साल में दुर्लभ खगोलीय
संयोग में हो रहा
है। यह वही संयोग
है, जो समुद्र मंथन
के दौरान बना था। इस
अद्भूत संयोग का ही परिणाम
है कि आज प्रयागराज
के संगम को आस्था,
संस्कृति और मानवता के
जीवंत केंद्र में बदल दिया
है. पवित्र जल में डुबकी
लगाने वाले लाखों तीर्थयात्रियों
में विदेश से आए श्रद्धालु
भी शामिल थे, जिन्होंने इस
दिव्य आयोजन के चमत्कार का
अनुभव किया.
योगी सरकार के
मुख्य सचिव मनोज कुमार
सिंह ने कहा कि
मकर संक्रांति का स्नान आज
के स्नान से भी बड़ा
होगा. उनका दावा है
कि मकर संक्रांति के
दिन तीन करोड़ से
अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी
लगायेंगे। देश के कोने-कोने से भक्त
प्रयागराज आए हैं। भीड़
इतनी है कि 3700 लोग
अपनों से बिछड़ गए।
बाद में खोया-पाया
केंद्र से अनाउंसमेंट कर
ज्यादातर लोगों को उनके परिवार
वालों से मिलवाया गया।
हेलिकॉप्टर और एनएसजी कमांडो
महाकुंभ में आए लोगों
पर नजर रख रहे
हैं। विदेशी श्रद्धालु भी बड़ी तादाद
में कुंभ में स्नान
करने पहुंचे।
प्रशासन के मुताबिक, जर्मनी,
ब्राजील, रूस समेत 20 देशों
से भक्त पहुंचे हैं।
आज से ही श्रद्धालु
45 दिन का कल्पवास शुरू
करेंगे। बता दें, संगम
पर एंट्री के सभी रास्तों
पर भक्तों की भीड़ है।
वाहनों की एंट्री बंद
है। श्रद्धालु बस और रेलवे
स्टेशन से 10-12 किमी पैदल चलकर
संगम पहुंच रहे हैं। 60 हजार
जवान सुरक्षा और व्यवस्था संभालने
में लगे हैं। पुलिसकर्मी
स्पीकर से लाखों की
संख्या में आई भीड़
को मैनेज कर रहे हैं।
जगह-जगह कमांडो और
पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी
तैनात हैं।
सीएम योगी ने दी शुभकामनाएं
सीएम योगी ने अपने ट्वीट में लिखा, ’मानवता के मंगलपर्व ’महाकुंभ 2025’ में ’पौष पूर्णिमा’ के शुभ अवसर पर संगम स्नान का सौभाग्य प्राप्त करने वाले सभी संतगणों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन. प्रथम स्नान पर्व पर आज 1.65 करोड़ सनातन आस्थावानों ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया. आज पौष पूर्णिमा का अमृत स्नान है. सुबह से ही श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के संगम में डुबकी लगा रहे हैं. प्रथम स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराने में सहभागी महाकुम्भ मेला प्रशासन, प्रयागराज प्रशासन, यूपी पुलिस, नगर निगम प्रयागराज, स्वच्छाग्रहियों, गंगा सेवा दूतों, कुम्भ सहायकों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों तथा मीडिया जगत के बंधुओं सहित महाकुम्भ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद! पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें.
महाकुंभ में हुई पुष्पवर्षा
महाकुंभ में आए हुए
श्रद्धालुओं पर यूपी की
योगी सरकार ने हेलीकॉप्टर से
पुष्प वर्षा कराई है. शाम
4ः05 पर हेलीकॉप्टर संगम
क्षेत्र पहुंचा और घाट से
लेकर अखाड़ा मार्ग पर हेलीकॉप्टर से
पुष्प वर्षा की.इससे महाकुंभ
क्षेत्र में मौजूद श्रद्धालु
खासे आह्लादित नजर आए. 10 मिनट
के बाद एक बार
फिर से पुष्प वर्षा
की गई.
पहला शाही स्नान आज
महाकुंभ का पहला अमृत
स्नान मंगलवार को होगा. मकर
संक्रांति के अमृत स्नान
का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 6.15 से शुरू होगा.
सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े
के नागा संन्यासी स्नान
करेंगे. महानिर्वाणी अखाड़े के साथ श्री
शंभू पंचायती अटल अखाड़ा भी
स्नान करेगा. सुबह 7ः05 पर निरंजनी
अखाड़ा और आनंद अखाड़ा
स्नान करेगा. सुबह 8ः00 बजे जूना
अखाड़ा, आवाहन अखाड़ा और पंच अग्नि
अखाड़ा स्नान करेगा. सुबह 10ः40 पर बैरागी
अखाड़े स्नान करेंगे. सबसे पहले 10ः40
पर निर्मोही अनि अखाड़ा स्नान
करेगा. 11ः20 पर दिगंबर
अनि अखाड़ा स्नान करेगा. 12ः20 पर निर्वाणी
अनि अखाड़ा स्नान करेगा. सबसे अंत में
उदासीन परंपरा के तीनों अखाड़े
स्नान करेंगे. 1ः15 पर पंचायती
नया उदासीन अखाड़ा स्नान करेगा. दोपहर 2ः20 पर पंचायती
अखाड़ा बड़ा उदासीन स्नान
करेगा. सबसे अंत में
पंचायती निर्मल अखाड़ा दोपहर 3ः40 पर स्नान
करेगा.
बड़े पैमाने पर है तैयारी
महाकुंभ के लिए प्रशासन
ने संगम तट पर
कुल 41 घाट तैयार किए
हैं. इनमें 10 पक्के घाट हैं, जबकि
बाकी 31 घाट अस्थायी हैं.
मुख्य सचिव मनोज कुमार
सिंह ने कहा, डेढ़
साल से राज्य सरकार
मेला प्रशासन के साथ मिलकर
इसकी तैयारी कर रही थी.
प्रयागराज शहर में और
4,000 हेक्टेयर में फैले मेला
क्षेत्र में करीब 7 हजार
करोड़ रुपए के कार्य
किए गए हैं.
कुंभ में स्नान करने से धुल जाते हैं सारे पाप
मान्यता है कि कुंभ
के मेले में स्नान
करने से पापों से
मुक्ति मिल जाती है.
समुद्र के मंथन से
निकले अमृत को पाने
के लिए देवताओं और
राक्षसों में 12 वर्षों तक युद्ध चला.
इस युद्ध के दौरान कलश
में से जिन स्थानों
पर अमृत की बूंदें
गिरीं वहां पर कुंभ
मेला आयोजित किया जाता है.
12 वर्षों तक युद्ध चलने
के कारण ही कुंभ
हर 12 वर्षों तक युद्ध चलने
के कारण ही कुंभ
हर 12 वर्ष में एक
बार आता है. महाकुंभ
के स्नान को शाही स्नान
के नाम से जाना
जाता है. यह महाकुंभ
संस्कृतियों का संगम भी
है, श्रद्धा और समरसता का
समागम भी है। ’अनेकता
में एकता’ का संदेश देता
महाकुम्भ-2025, प्रयागराज मानवता के कल्याण के
साथ ही सनातन से
साक्षात्कार करा रहा है।
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