Friday, 17 January 2025

जर्मनी में ‘प्रवासी भारतीयों’ को खूब भाया ‘हाथ से बनी भारतीय कालीनें’

 जर्मनी मेंप्रवासी भारतीयोंको खूब भायाहाथ से बनी भारतीय कालीनें’ 

दुनिया अब अपनी वस्त्र आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत पर ध्यान केंद्रित : केन्द्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह

हेमटेक्सटाइल : 2025 फ्रैंकफर्ट फेयर में भारतीय कालीनों का जलवा : कुलदीपराज वट्टल

सुरेश गांधी

वाराणसी। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद, नई दिल्ली द्वारा चार दिवसीय हेमटेक्सटाइल फ्रैंकफर्ट, जर्मनी में आयोजित इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में शुक्रवार को संपंन हो गया है। इस फेयर का आयोजन 14-17 जनवरी तक किया गया। सीईपीसी का दावा है कि फेयर में भारतीय कालीनें खूब पसंद की गयी। फेयर में पहुंचे तकरीबन सौ से अधिक भारतीय कालीन निर्माताओं के स्टालों पर बुनकरों के हाड़तोड़ मेहनत से बनी नक्काशीदार कालीनों की पहले के सापेक्ष इस साल कुछ ज्यादा ही डिमांड रही। मेले की सफलता एवं प्रतिभागियों द्वारा इस फेयर में भाग लेने से सीईपीसी काफी प्रयत्नशील रही। परिषद के प्रयासों की निर्यातकों ने सराहना की हैं।

परिषद का कहना है कि फ्रैंकफर्ट, जर्मनी में आयोजित होम और टेक्सटाइल के लिए दुनिया के अग्रणी व्यापार मेला हेमटेक्सटाइल 2025 में गर्व से भाग लिया। इस मेले में हस्तनिर्मित कालीनों और गलीचों में भारत की अद्वितीय विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया गया, जिसने देश की जीवंत शिल्प कौशल और विविधता को उजागर किया। इस मेले में भारत के कपड़ा उद्योग से 500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें कालीन और गलीचे क्षेत्र से लगभग 100 प्रदर्शक शामिल थे। भदोही, पानीपत और जयपुर जैसे प्रमुख केंद्रों का अच्छा प्रतिनिधित्व था, जो वैश्विक हस्तनिर्मित कालीन बाजार में भारत की मजबूत पकड़ को दर्शाता है।

हेमटेक्सटाइल-2025 में भारतीय वेलियन का उद्घाटन केन्द्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह, वस्त्र मंत्रालय के अपर सचिव रोहित कंसल जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में भारत के महावाणिज्यदूत बी.एस. मुबारक की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। विशिष्ट उपस्तिथि सीईपीसी चेयरमैन कुलदीप राज वट्टल, संजय गुप्ता, शौकत खान, रोहित गुप्ता प्रसासनिक समिति के सदस्य, सीईपीसी एवं कार्यकारी निदेशक (कार्यवाहक) डॉ. स्मिता नागकोटी शामिल थी। गणमान्य व्यक्तियों ने डिजाइनों की असाधारण रेंज, विशेष रूप से अभिनव जूट-आधारित कालीनों की सराहना की। भारत टेक्स 2025 द्वारा आयोजित रात्रिभोज में अपने संबोधन में वस्त्र मंत्री ने कहा, “दुनिया अब अपनी वस्त्र आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत पर ध्यान केंद्रित कर रही है,“ उन्होंने वैश्विक वस्त्र उद्योग में भारत की बढ़ती प्रमुखता पर जोर दिया।

उत्कृष्टता और नवाचार के लिए एक मंच

हेमटेक्सटाइल- 2025 भारत के हस्तनिर्मित कालीनों और गलीचों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है, जिसमें सभी वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद (म्च्ब्े) देश की समृद्ध वस्त्र विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एकजुट होते हैं। भारत की बेजोड़ शिल्पकला को दर्शाते कालीन और गलीचे हॉल 3.0 और हॉल 5.0 में प्रमुखता से प्रदर्शित किए गए। सीईपीसी ने हॉल 3.0 में 46 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया, जिन्होंने हस्तनिर्मित कालीनों और गलीचों का एक उत्कृष्ट संग्रह प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त, प्रत्यक्ष रूप से भाग लेने वाले अन्य प्रदर्शकों ने जीवंत प्रदर्शन को और समृद्ध किया। इस मेले में 65 देशों के 3,000 से अधिक प्रदर्शकों ने भाग लिया, जिससे हेमटेक्सटाइल की स्थिति टेक्सटाइल आंतरिक डिज़ाइन के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में मजबूत हुई। मिलान स्थित डिज़ाइन प्लेटफ़ॉर्म अल्कोवा द्वारा क्यूरेट किए गए हेमटेक्सटाइल ट्रेंड्स 25/26 की शुरुआत ने अभिनव और टिकाऊ समाधान पेश किए। हॉल 3.0 में ट्रेंड एरिना में शानदार ढंग से प्रदर्शित इन रुझानों ने सामग्री की गुणवत्ता, रंग और ग्राउंडब्रेकिंग उत्पादन प्रक्रियाओं का पता लगाया। कार्यक्रम के आकर्षण को बढ़ाते हुए, हॉल 5.1 में एक समर्पित कालीन ट्रेंड पैवेलियन स्थापित किया गया, जिसने अंतरराष्ट्रीय खरीदारों, इंटीरियर डिजाइनरों और खुदरा विक्रेताओं का महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया।

भारत की वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करना

भारतीय निर्यातकों को अपने वैश्विक नेटवर्क का विस्तार करने और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अवसरों को सुरक्षित करने के लिए हेमटेक्सटाइल  जैसे मंच प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़  है। पवेलियन में प्रतिभागियों से मिली प्रतिक्रिया ने नए खरीदारों के साथ उपयोगी बातचीत को उजागर किया, जिन्होंने भारतीय हस्तनिर्मित कालीन आपूर्तिकर्ताओं की व्यापक उपस्थिति के लिए प्रशंसा व्यक्त की। भारत टेक्स 2025 का व्यापक प्रचार करता है और विदेशी खरीदारों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है, जिससे भारत की वैश्विक कपड़ा पहुंच को बढ़ाने के प्रयासों को बढ़ावा मिलता है। जैसे-जैसे यह आयोजन समाप्त होने वाला है, भारत के हस्तनिर्मित कालीन उद्योग पर हेमटेक्सटाइल -2025 के स्थायी प्रभाव के बारे में आशावादी है। परिषद को उम्मीद है कि हेमटेक्सटाइल -2025 में भागीदारी वैश्विक मंच पर भारत की शिल्पकला की विरासत को बढ़ावा देने में एक बहुत बड़ी उपलब्धि साबित होगी।

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