महाकुंभ : 50 करोड़ का रिकॉर्ड, एतिहासिक बना आस्था और भक्ति का यह महासंगम
6 दिनों में ही 20 करोड़
श्रद्धालुओं ने किया स्नान
55 करोड़ पार जा सकता
है
आंकड़ा
शिवरात्रि पर
उमड़ेगी
भारी
भीड़
सुरेश गांधी
महाकुंभनगर। संगम में स्नान करने वाले आस्थावानों की भीड़ थमने का नाम नहीं ले रही है. माघी पूर्णिमा स्नान पर्व के बाद भी आस्था से सराबोर भक्त संगम में पुण्य की डुबकी लगाने उमड़ रहे हैं. महाकुंभ के 33वें दिन भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा. शुक्रवार को 94.48 लाख से अधिक संख्या में लोगों ने संगम में स्नान किया। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कुंभ मेला में स्नान दान किया. इस बीच कुंभ में आ चुके श्रद्धालुओं की संख्या 50 करोड़ के पार हो गई है.
खास यह है
कि महाकुंभ के समापन तक
यह आंकड़ा 55 करोड़ तक पहुंच
सकता है. 50 करोड़ में से
20 करोड़ स्नान तो मात्र 6 दिनों
में ही हुआ है.
ये छह दिन मौनी
अमावस्या, मौनी अमावस्या से
एक दिन पहले, पौष
पूर्णिमा, मकर संक्रांति, माघ
मेला और बसंत पंचमी
के स्नान थे. अब महाकुंभ
में एक और प्रमुख
स्नान पर्व महाशिवरात्रि बचा
है, जिस पर भारी
भीड़ उमड़ने की संभावना है.
इस दिन लाखों श्रद्धालु
भगवान शिव की आराधना
के लिए संगम में
आ सकते हैं. महाकुंभ
में अभी श्रद्धालुओं के
आगमन में कोई कमी
नहीं दिख रही है.
गुरुवार को भी लाखों
भक्त संगम पहुंचे और
पूरे दिन स्नान का
सिलसिला जारी रहा. सुबह
8 बजे तक 14.79 लाख लोग डुबकी
लगा चुके थे, जबकि
दोपहर 12 बजे तक यह
संख्या 44.76 लाख हो गई
थी. शाम तक 73.06 लाख
श्रद्धालु संगम में स्नान
कर चुके थे और
रात 8 बजे तक यह
आंकड़ा 85.46 लाख पार कर
गया.
तीर्थराज प्रयागराज की धरती पर
बीते 13 जनवरी से आयोजित हो
रहा दिव्य-भव्य धार्मिक, सांस्कृतिक
समागम ’महाकुंभ 2025’ अब इतिहास रच
चुका है। यहां अब
तक पचास करोड़ से
अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम
में सनातन आस्था की पावन डुबकी
लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता
की अद्वितीय मिसाल कायम की है।
50 करोड़ से अधिक की
यह संख्या किसी भी धार्मिक,
सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन
में मानव इतिहास की
अब तक की सबसे
बड़ी सहभागिता बन चुकी है।
इस विराट समागम का अंदाज इसी
बात से लगाया जा
सकता है कि दुनिया
में केवल भारत और
चीन की जनसंख्या ही
यहां आने वाले लोगों
की संख्या से अधिक है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार
के सुव्यवस्थित प्रयासों से भारत की
इस प्राचीन परंपरा ने अपनी दिव्यता
और भव्यता से पूरी दुनिया
को मुग्ध कर दिया है।
दुनिया के 200 देशों की बात करें
तो भारत (141 करोड़), चीन (140 करोड़), अमेरिका (34.2 करोड़), इंडोनेशिया (28.3 करोड़), पाकिस्तान (25.7 करोड़), नाइजीरिया (24 करोड़), ब्राजील (22 करोड़), बांग्लादेश (17 करोड़), रूस (14 करोड़) और मैक्सिको (13 करोड़)
की आबादी है. कुंभ मेला
के श्रद्धालुओं की 50 करोड़ संख्या के
हिसाब से केवल भारत
और चीन ही आगे
हैं. यानी दुनिया के
तीसरे सबसे बड़े देश
के बराबर जनसंख्या अकेले यूपी के एक
जिला घोषित किए महाकुंभ नगर
में एक महीने के
भीतर पहुंची.महाकुंभ में 33 दिनों में 50 करोड़ से ज्यादा
श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
इतिहास में ये सबसे
बड़ा आयोजन रिकॉर्ड किया गया। 45 दिनों
तक चलने वाले महाकुंभ
के अभी 12 दिन और बचे
हैं। अमेरिका और चीन की
कुल आबादी के बाद तीसरी
सबसे बड़ी आबादी के
बराबर लोग प्रयागराज पहुंचे
हैं। ब्राजील के रियो फेस्टिवल
या जर्मनी के अक्टूबर फेस्ट
में आने वाली भीड़
इसके मुकाबले कुछ नहीं है।
रियो कार्निवल 9 फरवरी से शुरू हुआ
है जो 17 फरवरी तक चलेगा, इसमें
रोज करीब 20 लाख लोग पहुंचते
हैं। वहीं 16 दिनों तक चलने वाले
जर्मनी के अक्टूबर फेस्ट
में करीब 70 लाख लोग पहुंचते
हैं।
-मकर संक्रांति- 3.5
करोड़
श्रद्धालुओं
का
स्नान
-मौनी अमावस्या-
8 करोड़
श्रद्धालुओं
का
स्नान
-बसंत पंचमी 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं
का
स्नान
-30 जनवरी- 2 करोड़
श्रद्धालुओं
का
स्नान
-एक फरवरी - 2 करोड़
श्रद्धालुओं
का
स्नान
-पौष पूर्णिमा
- 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं
का
स्नान
-11 फरवरी को
माघ
पूर्णमा
से
पहले - 1 करोड़
ट्रेन और फ्लाइट्स में भी जगह नहीं
तीर्थराज प्रयाग में श्रद्धालुओं की
संख्या लगातार बढ़ती जा रही
है. ट्रेनों और फ्लाइट्स में
अगले तीन हफ्तों तक
कोई जगह नहीं है.
प्रशासन ने भीड़ को
नियंत्रित करने और सुरक्षा
बनाए रखने के लिए
पुख्ता इंतजाम किए हैं.
13 जनवरी से हुआ था महाकुंभ का शुभारंभ
महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी
को हुई थी, जिसमें
करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के
आने का अनुमान था.
हालांकि, यह आंकड़ा पहले
ही पार हो चुका
है और अब 55 करोड़
के लक्ष्य की ओर बढ़
रहा है. देश-विदेश
से भक्त संगम की
पवित्र धारा में आस्था
की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं.
हम सभी के लिए ये बहुत बड़ा पर्व : देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र
फडणवीस ने कहा, हम
सभी के लिए ये
बहुत बड़ा पर्व है।
144 साल बाद जो योग
आ रहा है, उस
प्रकार का ये महाकुंभ
है। हर व्यक्ति हो
लगता है वे यहां
आकर स्नान करे। मैं उसी
मंशा से आया हूं।
जिस प्रकार से योगी सरकार
ने महाकुंभ का आयोजन किया
है वो दुनिया में
लोग याद रखेंगे।
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