काशी : सड़के जाम, होटल फुल, लोग घंटो पैदल चलने को विवश
काशी में
नौका
संचालन
बंद
गंगा
आरती
भी
स्थगित
गोदौलिया से
दशाश्वमेध
मार्ग
पर
केवल
लोगों
के
सिर
ही
दिख
रहे
श्रद्धालुओं की
ऐसी
भीड़
कि
पैर
रखने
तक
की
जगह
नहीं
पर्यटकों से
सभी
घाट
पटे
पड़े
हैं
सभी रेलवे
स्टेशन
के
बाहर
जाम
के
चलते
हाल
बेहाल
है
सुरेश गांधी
वाराणसी। महाकुंभ में
आस्था को जनसैलाब उमड़ा
है, वो हर किसी
को अपनी तरफ खींच
ले जा रहा है.
यही वजह है कि
देश दुनिया से रोज लाखों
श्रद्धालु पवित्र स्नान करने के लिए
महाकुंभ पहुंच रहे हैं. माघ
पूर्णिमा की पूर्व संध्या
पर काशी हो या
महाकुंभ हो या मां
विन्ध्यवासिनी दरबार, विन्ध्याचल हर तरफ श्रद्धालुओं
का जनसमुंदर दिखा। रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़
है. जबकि सड़कों पर
अत्यधिक गाड़ियां होने से जाम
की स्थिति बनी हुई है.
इसके अलावा प्रशासन ने भारी वाहनों
की एंट्री पर रोक लगा
दी है. लेकिन आस्थावानों
का जोश व उत्साह
में रंचमात्र की भी कमी
नहीं है।
इसका अंदाजा लगाया
जा सकता है लोग
अपने आराध्य के दर्शन व
ुबकी लगाने के लिए 20 से
25 किमी पैदल ही सिर
पर गठ्ठर लिए चलते नजर
आ रहे है। हाल
यह है कि महाकुंभ,
काशी, मिर्जापुर व अयोध्या की
ओर जाने वाली सड़कें
जाम के आगोश में
है। इसके साथ ही
अयोध्या और काशी में
श्रद्धालुओं की लंबी कतारें
देखी जा रही हैं।
हालांकि महाकुंभ नगर की तरफ
जा रही भीड़ को
नियंत्रित करने के लिए
उपाय जारी हैं, जिसमें
बड़ी संख्या में लोगों के
पहुंचने के कारण भारी
भीड़ से निपटने के
लिये रेलवे और स्थानीय प्रशासन
ने श्रद्धालुओं के लिए कई
नयी व्यवस्थाएं की हैं। लेकिन
कई क्षेत्रों में यातायात जाम
और अन्य परेशानियों के
बावजूद महाकुंभ नगर तथा वाराणसी
में लोगों के पहुंचने का
सिलसिला बदस्तूर जारी है।
प्रयागराज से गोरखपुर समेत
पूर्वांचल के विभिन्न जिलों
के लिए लोगों को
ट्रेन और बसों में
जगह नहीं मिल रही
तो वे पहले काशी
आ रहे हैं। इसके
बाद यहां से बस
या ट्रेन में सवार होकर
अपने गंतव्य स्थल के लिए
रवाना हो रहे हैं।
ऐसे में शहर में
भीड़ अधिक हो रही
है। महाकुंभ का पलट प्रवाह
होने से मिर्जापुर में
भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
जुट रही है। ऐसे
में वाहनों के आवागमन से
भारी जाम की समस्या
हो रही है। प्रयागराज
से वाराणसी एयरपोर्ट जा रहे विदेशी
पर्यटक की गाड़ी कटरा
कोतवाली क्षेत्र में सेफोर्ड स्कूल
के पास जाम में
फंसी और उसका एक
साथी लापता हो गया। पुलिस
की मदद से तीन
घंटे बाद लापता विदेशी
को हाईवे से बरामद कर
उसके साथियों से मिलाया गया।
पुलिस के मुताबिक सोमवार
को शहर में 12 लाख
लोग बाहर से आए
और 60 हजार से ज्यादा
गाड़ियां आईं। यह पहला
मौका रहा जब इतनी
भीड़ और गाड़ियां एक
दिन में काशी आ
गई। जिला प्रशासन के
मुताबिक शहर क्षेत्र (नगर
निगम की सीमा) की
आबादी करीब 15 लाख है। ऐसा
लग रहा था मानो
महाजाम हो। हाईवे से
लेकर शहर की सड़कें
ठसाठस रहीं। बच्चों को स्कूल से
घर पहुंचने में तीन घंटे
तक लग गए। शाम
तक होटलों और ढाबों में
खाना खत्म हो गया।
सीमा सील होने से
लोग होटल, गेस्ट हाउस में बुकिंग
के बाद भी नहीं
पहुंच सके। शहर में
जाम के कारण ऑटो,
ई-रिक्शा तक नहीं चल
सके।
गलियों में भी जाम, फ्लाईओवर भी ओवरलोड
शहर के अंदर
तो स्थिति बहुत ही खराब
रही। मैदागिन से चौक और
गोदौलिया तक श्रद्धालुओं की
कतार रही। भीड़ भोर
से शुरू हुई तो
देर रात तक वैसी
ही रही। रामापुरा से
जंगमबाड़ी, लक्सा से रामपुरा मार्ग,
लक्ष्मी कुंड से लक्सा
गली भीड़ से पटी
रही। लहरतारा से माधवपुर, महमूरगंज
मार्ग पर गाड़ियों की
कतार रही। रथयात्रा-गुरुबाग
मार्ग पर दो एंबुलेंस
भी आधे घंटे तक
फंसी रही। मंडुवाडीह फ्लाईओवर
पर स्कूली बसें फंसी तो
बच्चे उतरकर पैदल ही घर
की ओर गए। कमच्छा
से रथयात्रा तक लोग जाम
में फंसे रहे। लंका
से सामनेघाट और रामनगर चौक
और टेंगरा मोड़ तक जाम
से लोग बेहाल रहे।
सामनेघाट-रामनगर फ्लाईओवर, महमूरगंज फ्लाईओवर, चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर और पांडेयपुर फ्लाईओवर,
ककरमत्ता फ्लाईओवर भी ओवरलोड रहा।
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